प्रोटेम स्पीकर को भी कांग्रेस टकराव के मूड़ में,रिजीजू ने कहा-इन्हे नहीं पता नियम

Protem Speaker Controversy Before Parliament Session Nda Vs India
प्रोटेम स्पीकर की मदद से इंडिया गठबंधन का इनकार, संसद सत्र शुरू होने से पहले ही मचा घमासान
सोमवार से शुरू होने जा रहे लोकसभा सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर के चयन को लेकर विवाद छिड़ गया है। इंडिया गठबंधन की ओर से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब के चयन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं तो वहीं भाजपा भी पलटवार कर रही है। विवाद के बीच इंडिया गठबंधन ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
 मुख्य बिंदु 

1-संसद सत्र शुरू होने से पहले ही प्रोटेम स्पीकर को लेकर विवाद
2-प्रोटेम स्पीकर की मदद नहीं करेंगे विपक्षी सांसद, जताई आपत्ति
3-भाजपा बोली- नियमों की नहीं हुई अनदेखी, फैसला बिल्कुल सही

नई दिल्ली 23 जून 2024 : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने वाला है। इस सत्र की शुरुआत से पहले ही विपक्षी इंडिया गठबंधन ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। स्पीकर के चुनाव से पहले ही प्रोटेम स्पीकर के चयन को लेकर इंडिया गठबंधन ने आपत्ति जताई है। अब यह खबर सामने आ रही है कि लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) की सहायता के लिए नामित विपक्षी नेता इस जिम्मेदारी को अस्वीकार करने पर विचार कर रहे हैं। प्रोटेम स्पीकर के लिए कांग्रेस के आठ बार के लोकसभा सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की अनदेखी का आरोप विपक्ष की ओर से लगाया गया है। कोडिकुन्निल सुरेश की जगह भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के बाद इंडिया गठबंधन अब नए सदस्यों को शपथ दिलाने में महताब की सहायता करने की भूमिका को अस्वीकार कर सकता है।

पैनल में किन सांसदों का नाम था शामिल
ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) में प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था ताकि वे 26 जून को अध्यक्ष के चुनाव तक अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। राष्ट्रपति ने महताब की सहायता को वरिष्ठ सांसदों के एक पैनल को भी नामित किया था जिसमें तीन विपक्षी दलों के सांसद-कांग्रेस नेता के. सुरेश, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके सांसद टी आर बालू का नाम था। वहीं भाजपा नेता राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।

प्रोटेम स्पीकर पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
कांग्रेस ने यहां तक आरोप लगाया है कि दलित समुदाय से होने के कारण कोडिकुन्निल सुरेश की भाजपा सरकार ने उपेक्षा की। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने कहा कि सुरेश, बालू और बंद्योपाध्याय उन्हें दी गई भूमिका स्वीकार नहीं कर सकते। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने महताब की नियुक्ति उचित ठहराते हुए कहा कि सबसे लंबे समय तक बिना किसी व्यवधान सेवा देने वाला सांसद इस पद को चुना जाता है। भाजपा के भर्तृहरि महताब और कांग्रेस के के. सुरेश

उन्होंने कहा कि महताब बिना किसी ब्रेक सात बार के लोकसभा सदस्य हैं। इस समय अगर हम मंत्रियों को छोड़ दें तो वे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सदस्य हैं। उन्होंने के सुरेश के बारे में भी बात की। उनके कुल आठ कार्यकाल हैं, लेकिन 2004 और 1998 में ब्रेक है । कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, केवल वे ही महसूस करेंगे (कि उल्लंघन हुआ है) जिन्होंने सिस्टम या उसके नियम नहीं पढ़ा है।

सत्र शुरू होने से पहले ही बढ़ा विवाद
लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति सरकार और विपक्ष के बीच विवाद का विषय बन गई है। विपक्ष पहले से ही कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है, जिसमें NEET-NET मामला, बंगाल में ट्रेन दुर्घटना, नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन , एग्जिट पोल के बाद शेयर की कीमतों में अचानक उछाल और चुनाव परिणाम के दिन उनकी गिरावट शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *