लव जिहाद: पांच दिन में भी नहीं ढूंढ पाई नैनीताल पुलिस दो बच्चियां और अपहर्ता तनवीर
Five Hours Protest For The Recovery Of Girl Students In Haldwani
तीन दिन से लापता लड़कियों को नहीं खोज पाई पुलिस…फूटा गुस्सा, कोतवाली से लेकर सड़क तक हंगामा
हल्द्वानी 24,0 जून 2024। शहर में संवेदनशील इलाके बनभूलपुरा से लापता हुईं दो बेटियों का तीन दिन बाद भी पता नहीं चला तो लोगों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने शहर की कोतवाली घेर ली। लोगों ने पांच घंटे प्रदर्शन किया।
शहर में संवेदनशील इलाके बनभूलपुरा से लापता हुईं दो बेटियों का तीन दिन बाद भी पता नहीं चला तो लोगों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने शहर की कोतवाली घेर ली। सड़क पर एकत्र सैकड़ों लोग एक ही सवाल पूछ रहे थे कि आखिर पुलिस कर क्या रही है?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीणा को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े लोगों को गुस्सा देख पुलिस भी बैकफुट पर ही रही और उन्हें समझाती रही। पांच घंटे तक चले हंगामे के दौरान भाजयुमो, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, गौ रक्षक दल समेत अन्य संगठनों ने पुलिस बहुउद्देशीय भवन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पुलिस अधिकारियों से एक के बाद एक सवालों की बौछार कर रहे थे लेकिन अफसरों के पास जवाब नहीं थे। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीणा के मौके पर नहीं आने से गुस्साए संगठनों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पुतला फुंकने का भी प्रयास किया। पांच घंटे तक पुलिस बहुउद्देशीय भवन और कोतवाली में अफरातफरी का माहौल रहा। पांच घंटे बाद पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर प्रदर्शनकारी वापस गए।
मोहल्ले का 16 साल के किशोर है आरोपित
तीन दिन पहले बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से कक्षा नौ और 11वीं में पढ़ने वाली दो छात्राएं अचानक लापता हो गईं। आरोप है कि जवाहर नगर मोहल्ले के ही रहने वाले समुदाय विशेष का एक 16 वर्षीय किशोर दोनों को भगाकर ले गया है। इस प्रकरण में शुक्रवार को बनभूलपुरा थाने में लोगों ने हंगामा किया था।
रविवार को चौथे दिन भी जब नाबालिग छात्राओं का कोई सूत्र नहीं लगा तो दोपहर 12 बजे भाजयुमो के जिलाध्यक्ष कार्तिक हर्बोला, भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष नन्हें कश्यप, भाजपा किसान मोर्चा के कमल मुनि, शिवसेना के रूपेंद्र नागर, गौ रक्षक दल के जोगेंद्र सिंह राणा और बजरंग दल के पदाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा से मिलने पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नहीं मिलने पर लोग उन्हें बुलाने की मांग पर अड़ गए। पुलिस अधीक्षक नगर प्रकाश चंद्र, पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी समेत तमाम पुलिस अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे। अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तुरंत नहीं आ सकते। इससे गुस्साए लोगों ने मौके पर पुलिस और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही चेतावनी दी कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नहीं आते तो वह उनका पुतला फूंकेंगे। शाम पांच बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने जल्द ही दोनों नाबालिग छात्राओं की बरामदगी का आश्वासन दिया। जांच कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों ने धरना समाप्त किया।
पांच घंटे में विफल हुई पांच बार की वार्तायें
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वीवीआईपी ड्यूटी पर थे और उनका तुरंत आना संभव नहीं था। संगठन के लोग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से आश्वासन चाहते थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से पांच बार वार्ता की। पहले कोतवाल, फिर बनभूलपुरा थानाध्यक्ष, पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी और पुलिस अधीक्षक नगर प्रकाश चंद्र ने पांच बार कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों को मना नहीं सके।
नैनीताल रोड आधा घंटा जाम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पुतला लेकर संगठन और भाजपा के लोग नैनीताल रोड पर पहुंच गए। इससे हाईवे पर जाम लग गया। पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के सड़क पर आने से जाम और लंबा हो गया। दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इस कारण नैनीताल रोड पर दोनों ओर करीब एक किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस दौरान आधा घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।
पुलिस और संगठन के लोगों में धक्का-मुक्की
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पुतला जलाने को लेकर पुलिस और संगठन के लोगों में जमकर धक्कामुक्की हुई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी बनभूलपुरा, कोतवाल से कहासुनी हो गई। किसी तरह पुलिस ने पुतला खींचकर अपने वाहन में रखा। इस बीच क्षेत्राधिकारी नगर की नेम प्लेट गिरने के साथ उनकी पैंट भी फट गई।
बहुउद्देशीय भवन में पढ़ी हनुमान चालीसा
संगठन के लोग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीणा को बुलाने की मांग कर रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नहीं आने पर संगठन के लोगों ने पुलिस बहुउद्देशीय भवन के सामने ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। इस कारण पुलिस असहज नजर आई। इस दौरान क्षेत्राधिकारी नगर नितिन लोहनी ने प्रदर्शनकारियों की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से बात भी कराई लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने साफ कहा कि जब तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर आकर आश्वासन नहीं देते हैं, तब तक वह मौके पर बैठे रहेंगे।
प्रदर्शनकारियों में पुलिस ने डाली फूट, समय के साथ घटते गये प्रदर्शनकारी
प्रर्दशनकारियों में कई संगठन और राजनीतिक दल के लोग थे। इस बीच कुछ प्रभावशाली लोगों को पुलिस ने वार्ता को अलग से बुला लिया जिससे प्रदर्शनकारियों में गुटबाजी हो गई। प्रदर्शनकारी अपने लोगों पर ही आरोप लगाने लगे कि वह अधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाना चाहते हैं। समय बढ़ने के साथ प्रदर्शनकारियों की संख्या भी घटती चली गई। मूल प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि अपहरण में एकाधिक लोग सम्मिलित हैं और एक किशोरवय मुस्लिम अकेला अपहरण नहीं कर सकता। उसके और सहयोगी जरूर है लेकिन पुलिस इस ओर ध्यान नहीं देना चाहती। इसमें षड्यंत्र सिद्धांत की तरफ़ पुलिस ध्यान नहीं देना चाहती।