पुलिस से दुष्चरित्रता में निकाला गया था भोले बाबा,दो बार जेलयात्रा
हाथरस वाले भोले बाबा का खुला काला चिट्ठा: शराब से लेकर शबाब तक का है आदी, प्रत्यक्षदर्शी ने खोली पोल
रंजीत सिंह के अनुसार बाबा अपने आश्रम में किसी गांव वाले को नहीं आने देता. उसे लगता है कि कोई गांव का आदमी अगर उसके आश्रम में उसके साथ रहने लगा तो वो उसका सारा भेद खोल देगा.
नई दिल्ली: 03 जुलाई 2024.हाथरस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 121 पहुंच गई है. दुर्घटना के बाद से ही भोला बाबा फरार है. पुलिस ने इस दुर्घटना को लेकर मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. इस बीच बाबा के आश्रम में रहने वाले रंजीत सिंह नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने भोले बाबा को लेकर चौंकाने वाले अनावरण किए हैं. रंजीत सिंह के अनुसार भोले बाबा के पास कोई विशेष शक्ति नहीं है वो सिर्फ अपने पास विशेष शक्ति होने का ढोंग करता है.
रंजीत सिंह ने कहा कि मेरे पापा इनके आश्रम में 15 साल रहे हैं. भोले बाबा का जहां गांव है हम वहीं से हैं. मेरा बचपना उसी गांव में गुजरा है. बाबा के पिताजी नन्हें बाबू थे, जो किसान थे. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद बाबा ने सत्संग का ढोंग रचाकर पहले अपने एजेंट तैयार किए. एजेंट इकट्ठा करने के बाद बाबा ने उनको पैस दिया. इसके बाद यहां लोग आने शुरू हुए. ये एजेंटों को पैसे देकर ये कहलवाता था कि उनको बाबा की ऊंगली पर चक्र दिख रहा है. जैसे बाबा बोलते थे उनके एजेंट वैसे ही बोलते थे. ऐजेंट बाबा के हाथ में बाबा चक्र तो कभी हाथ में त्रिशूल दिखने की बात करके जनता को भ्रमित करते थे.
“एजेंटों से अपनी तारीफ करवाता है बाबा”
रंजीत सिंह ने बताया कि जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे बाबा अपने एजेंटों को देश के दूसरे राज्यों में भेजकर वहां अपने सत्संग आयोजित कराने लगा. धीरे धीरे बाबा ने अपनी फौज भी तैयार कर ली. भोली भाली जनता को इनके तैयार किए गए एजेंट बाबा की महिमा का ऐसा गुनगान करते थे कि वो जनता इन्हें भगवान की तरह देखने लगी.
“नशे और लड़कियों का आदी है भोला बाबा”
उन्होंने बताया कि बाबा के आश्रम में 16-17 साल की कई लड़कियां रहती है जिन्हें ये अपनी शिष्या बताता है. वो इन लड़कियों से गलत काम भी करवाता है. बाबा सिगरेट और शराब का अभ्यस्त है. ये बाबा नहीं बल्कि पाखंडी बाबा है. बहादुरनगर में कई लोगों की मौत हुई है जो मैंने भी देखी है. जिन लोगों की मौत हुई उनके शव का कोई पता नहीं लगा है. बाबा को जब लगा कि अब वह फंस सकता है तो उसने यहां से अपना आश्रम भी शिफ्ट किया है. यह बाबा दोबार बार जेल भी गया है. इस बाबा ने पहले कहा था कि ये अपनी लड़की जिंदा कर देगा. उसी केस में वो जेल भी गया है.
“बाबा ने अपने आश्रम में कराया है अवैध निर्माण”
बाबा अगणित एजेंटों ने लोगों को इतना भ्रमित कर रखा है कि बाबा जो भी गलत काम करता है, उसे उनके एजेंट सही करके बताते हैं. यहां गलत तरीके से गलत पैसा आ रहा है. बाबा ने अवैध निर्माण करवाया है. बाबा ने गांव में अवैध कब्जा कर रखा है. बाबा के साथ उसकी पत्नी उसके षड्यंत्र में लिप्त है. उनके साथ काफी बड़े बड़े लोग शामिल है. बाबा के पास इतना पैसा कहां से आ रहा है ये किसी को पता नहीं. यहां पर ट्रकों सामान आ रहा है ये भी किसी को नहीं पता.
“बाबा की अपनी है फोर्स “
बाबा अपने आश्रम में किसी गांव वाले को नहीं आने देता. बाबा को लगता है कि कोई गांव का आदमी अगर उसके आश्रम में उसके साथ रहने लगा तो वो उसका सारा भेद खोल देगा. बाबा ने अपनी फोर्स बनाई हुई है जिसे वो अलग से वर्दी देता है. बाबा सफेद कपड़ा इसलिए पहनता है क्योंकि वह खुदको पाक-साफ बताना चाहता है. वो खुद को भगवान बताता है. भोले बाबा का ये सब ढोंग है. काफी लोग इसके बारे में जान चुके थे तो वो इनसे अलग हो गए.
“बाबा के आश्रम में किसी लोकल की एंट्री बंद है”
रंजीत सिंह ने आगे कहा कि मेरे पापा को इस बाबा ने धमकी भी दी थी. इसने कहा कि मैं तुम्हे बहुत पैसा दूंगा तुम मेरे पास आ जाओ. बाबा कम उम्र की लड़कियों के साथ गलत काम भी करता है. हम इसके पुराने आश्रम में भी आते थे. बाबा बहादुरनगर के आश्रम में किसी भी लोकल की एंट्री नहीं होने देता बाबा. अगर कोई भी बाहर का आदमी दिखता है तो सारी चीजें को बंद कर दिया जाता है. अगर पुलिस ही आश्रम की तरफ आते दिखती है तो पहले लड़कियों को पीछे के रास्ते से भगा देता है और आश्रम को बंद कर देता है.
“दूसरों के नाम पर बाबा ने खरीदी है कई गाड़ियां “
इसके पास अनगिनत गाड़ियां है. गाड़ियां दूसरों के नाम खरीदी हैं. इसकी अपने नाम कोई गाड़ी नहीं है. बसें भी दूसरे के नाम पर हैं. आज सिकंदराराऊ में जो हुआ है उसका जिम्मेदार वो खुद ये बाबा है. इसके पास ना तो कोई शक्ति है ना ही इसके पास कोई चमत्कार है. इसके एजेंटों ने भ्रमजाल फैलाकर इसका साम्राज्य खड़ा किया है. जो लोग मरे हैं उसका जिम्मेदार ये बाबा है. (समरजीत सिंह)
हाथरस वाले ‘बाबा’ पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त
नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है.वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का है.दलित परिवार के 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी.छोटा भाई राकेश अभी भी गांव में ही हैं.
दुर्घटना बाद बाबा भाग गया. पुलिस उसकी तलाश में उसके ठिकाने तलाशी रही है. बाबा बनने से पहले ये भोले बाबा उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही था.उसे पुलिस नौकरी से निकाला गया था.उस पर यौन शोषण के आरोप लगे थे जिसमें वह गिरफ्तार भी हुआ था. हालांकि भोले बाबा अपने भक्तों से कहता है कि उसने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी. वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में भी काम करने का दावा करता है.
बहादुर नगर गांव का है नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा
नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे.उनके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.वहीं उनका छोटा भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करता हैं.
हाथरस की घटना के बाद एनडीटीवी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख (डीजीपी) प्रकाश सिंह से बातचीत की. इसमें उन्होंने बताया कि सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा उत्तर प्रदेश पुलिस से निकाला गया था. सूरजपाल सिंह पर 5-6 केस दर्ज हैं, इनमें यौन शोषण के आरोप भी हैं. इसकी भाव-भंगिमा देखकर नहीं लगता है कि वो आईबी में काम किए हैं, क्योंकि आईबी में काम करने वाला कभी नहीं बताएगा कि वो आईबी में काम करता है.उन्होंने कहा कि सूरजपाल सिंह के कृत्य देखते हुए उसके अतीत की भी जांच होनी चाहिए.
आगरा में थी अंतिम तैनाती
हाथरस की घटना के बाद कुछ पुलिस अधिकारी उनके पैतृक गांव पहुंचे थे. उन्हीं में से एक ने अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि सूरजपाल ने दशकभर उत्तर प्रदेश पुलिस में काम किया. उसकी अंतिम पोस्टिंग आगरा में थी. सूरजपाल ने नौकरी 1990 के दशक में ही किसी समय छोड़ी
थी.
बहादुर नगर के ग्राम प्रधान नाजिश खानम के पति जाफर अली ने बताया, ”सूरजपाल सिंह की शादी हुई है,लेकिन बच्चे नहीं हैं. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद उसने भोले बाबा का नाम रख लिया. वहीं उसकी पत्नी को लोग ‘माताश्री’ कहकर बुलाते हैं.” जाफर बताते हैं कि सूरजपाल का परिवार संपन्न था.
अपने पैतृक गांव में भी बनवाया है आश्रम
उन्होंने बताया, ”सूरजपाल ने गांव में अपनी 30 बीघे जमीन पर आश्रम बनवाया है. उनका आशीर्वाद लेने दूसरे जिलों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं.उन सभी लोगों का आश्रम में ही ठहराया जाता है.” सूरजपाल ने पांच साल पहले गांव छोड़ दिया था. उसे डर था कि उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है. जाफर के अनुसार सूरजपाल आजकल राजस्थान में कहीं रहता हैं. पिछले साल गांव वापस लौटा था और अपनी संपत्ति ट्रस्ट के नाम कर गया था. संपत्ति की देखरेख एक मैनेजर करता है.
हाथरस कांड पर ‘भोले बाबा’ का बयान,श्रद्धालुओं की मौत और भगदड़ बताई असामाजिक हरकत, जिम्मेदारों पर मुकदमा करेंगें एडवोकेट डॉक्टर एपी सिंह
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भयावह घटना के दूसरे दिन भोले बाबा ने दुर्घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की लिए प्रभु/परमात्मा से प्रार्थना करते हैं। उसने मंगलवार की भगदड़ का आरोप असामाजिक तत्वों पर लगाया है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भयावह घटना के दूसरे दिन भोले बाबा ने दुर्घटना पर प्रतिक्रिया दी है। भोले बाबा ने कहा कि भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की लिए प्रभु/परमात्मा से प्रार्थना करते हैं।
वहीं, भोले बाबा ने बीते दिन मंगलवार को हुई भगदड़ का आरोप असामाजिक तत्वों पर लगाया है। उसने पत्र से जानकारी दी है कि हाथरस के फुलरई गांव में दो जुलाई को आयोजित सत्संग समापन पर भगदड़ मचाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर एपी सिंह को अधिकृत किया गया है।