IAS पति से विश्वासघात,अपराधी से यारी,आत्महत्या से अंत
IAS पति से विश्वासघात,गैंगेस्टर से प्यार और धोखा… महिला की कहानी का दुखद अंत!
गुजरात के गांधीनगर में एक आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या जय (45 वर्ष ) के आत्महत्या केस में कई चौंका देने वाली बातें सामने आई हैं. पुलिस को सूर्या जे का तमिल में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को लिखा गया एक पत्र मिला है, जिसमें कई हैरान कर देने वाली बातें लिखी हैं. इस मामले में तमिलनाडु में मुकदमा लिखा गया है.
सूर्या सुसाइड केस में कई चौंका देने वाली जानकारियां हैं
नई दिल्ली,24 जुलाई 2024,
‘कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं, ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका’… मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की ये पंक्तियां गुजरात काडर के आईएएस अफसर रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या जे पर सटीक बैठती हैं. सूर्या जे ने गांधीनगर अपने घर के बाहर जहर खाकर आत्महत्या कर ली.वो घर जाना चाहती थी, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने रोक दिया.जीवन से हताश-निराश और परेशान महिला को जान देना,जीने से ज्यादा आसान लगा. सूर्या तो चली गई,लेकिन अपने पीछे भरे-पूरे परिवार के साथ कई कहानियां और सवाल छोड़ गई है.
पहला सवाल ये कि जिसका पति आईएएस अफसर हो, अच्छे विभाग और पद पर कार्यरत हो,जिसके दो बच्चे हो,उसे आखिर आत्महत्या की क्या जरूरत पड़ गई? उसे अपने ही घर में घुसने से सिक्योरिटी गार्ड क्यों रोक रहा था? आखिर उसकी क्या गलती थी कि पति साथ नहीं दे रहा था? इन सभी सवालों के जवाब उस दिल झकझोर देने वाली कहानी में छिपे हैं,जो आज से आठ महीने पहले शुरू हुई थी.वास्तव में,सूर्या और रंजीत में संबंध ठीक नहीं थे.रोज झगड़ा होता था.रंजीत को उसके अवैध संबंधों का पता चल चुका था.
सूर्या एक दिन पति का घर छोड़कर गुजरात से अपने गृह राज्य तमिलनाडु आ अपने प्रेमी राजा के साथ रहने लगी.उसका प्रेमी कोई सीधा साधा व्यक्ति नहीं, बल्कि राज्य का सबसे कुख्यात गैंगस्टर है.हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर अपराधों में वांछित राजा ने सूर्या को झांसा दिया कि वो अपने पति को छोड़कर आ जाए.दोनों मिलकर कोई बिजनेस कर लेंगे.सूर्या के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी है,प्रेमी की उस पर नजर थी. वो चाहता था कि वो उसे बेंचकर उसे पैसे दे दे,जिससे वो कोई बिजनेस शुरू कर सके.
दोनों बिजनेस की प्लानिंग कर ही रहे थे कि पुलिस ने हत्या के एक पुराने में राजा को पकड़ लिया. अपराधी को अपने घर शरण देने में सूर्या पर भी मुकदमा हो गया. वो पूरी तरह अकेली पड़ गई.कानूनी लड़ाई और बिजनेस की तैयारियों के खर्चों से उसे आर्थिक नुकसान सहना पड़ा. इसकी भरपाई को अपनी कुछ संपत्ति एक महिला लक्ष्मी को बेच दी. फिर वो बंगलुरु के एक कॉलेज में शेफ बनने को एक कोर्स में दाखिला ले लिया.
अपहरण केस में आया नाम, पुलिस ने शुरू की तलाश
जब पैसे कम पड़ने लगे तो उसने लक्ष्मी से कोर्स की फीस भरने में मदद मांगी, लेकिन उसने साफ इनकार कर उल्टे कहा कि यदि उसे पैसे चाहिए तो अपनी बची संपत्ति भी उसे बेंच दे.इस पर सूर्या नाराज हो गई. 11 जुलाई को लक्ष्मी के लड़के का अपहरण हो गया.उसने इसका आरोप सूर्या पर लगा मुकदमा करा दिया. बच्चा छोड़ने के बदले 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई, लेकिन मदुरै पुलिस ने लड़का सकुशल ढूंढ लिया और सूर्या समेत आरोपितों की तलाश शुरू कर दी.
जब विपत्ति में फंसी पत्नी तो पति का ख्याल आया
पुलिस से बचते सूर्या इधर-उधर भागने लगी. विपत्ति के इस समय में आखिरकार उसे अपने परिवार और पति का ख्याल आया. लगा कि उसका पति आईएएस अफसर है, शायद वो उसे इन कानूनी पचड़ों में पड़ने से बचा ले. यहीं सोचकर वो गांधीनगर अपने घर पहुंच गई. लेकिन इधर पति ने तो कुछ दूसरा ही प्लान कर लिया था. वो अपनी पत्नी से छुटकारा पाने को तलाक लेने की सोच तलाक याचिका दायर करने की प्रक्रिया में थे. उनको सूर्या के खिलाफ मुकदमे का भी पता चल चुका था. इसी से गार्ड ने घर में जाने से रोक दिया.
दुनिया ने दिया धोखा, पति से माफी मांगने पहुंची
अपनी समस्याओं का कोई अंत न देखकर सूर्या ने घर के बाहर ही जहर खा लिया. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले की जांच कर रही पुलिस को एक पत्र मिला, जिसे सूर्या ने लिखा था. उसने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को संबोधित इस पत्र को तमिल में लिखा है, जिसमें उसने अपनी सारी कहानी कही है. पति से अलगाव से लेकर प्रेमी से मिले धोखे तक की बातें . उसने लिखा है कि वो अपने पति से माफी मांगने आई थी, जो एक नेक इंसान हैं और अपने बच्चों की अच्छे से देखभाल करते हैं.
20 साल पहले हुई थी शादी, दो बच्चों की थी मां
गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया कि सूर्या फरार चल रही थी. पुलिस उसका पीछा कर रही थी. वो अपने पति से फिर से मिलने की उम्मीद में गांधीनगर वापस आई थी. आईएएस रंजीत कुमार और उस की शादी करीब 20 साल पहले हुई थी. उनके दो बच्चे, एक बेटा और बेटी है, जो अपने पिता के साथ रहते हैं. रंजीत कुमार के वकील हितेश गुप्ता ने कहा कि जब सूर्या वापस आई, तब आईएएस अधिकारी तलाक की याचिका दायर करने की प्रक्रिया में थे. वो 2005 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में गुजरात विद्युत विनियामक आयोग के सचिव हैं.
खुद पति से किया विश्वासघात, बार – बार ठगती रही जिंदगी
सूर्या की कहानी से कई सीख और सबक मिलते हैं. उसने एक पवित्र रिश्ते में विश्वासघात दिया और परपुरुष पर भरोसा करके उसके साथ रहने चली आई. अपनों से धोखा और गैरों पर भरोसा करके उसने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर डाली. उसके प्रेमी ने पहले पैसे ऐंठना चाहा, फिर बिजनेस के नाम पर उसकी संपत्ति बिकवा दी. वो उसके साथ प्यार का नाटक करता रहा, जबकि वो पहले से लक्ष्मी के साथ था. दोनों से धोखे से उसकी संपत्ति ले ली. इसके बाद जब उसने अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करना चाहा, तो अपहरण के केस में नाम आ गया. उसे कहीं शांति नहीं मिली.