मृतक संख्या हुई तीन,केदारनाथ यात्रा मार्ग से 2622 एयरलिफ्ट,10374 बचाये
देहरादून 17 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडेय, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावित स्थलों तथा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। तभी उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड तथा गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच क्षतिग्रस्त मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित विभागीय अधिकारियों से पुनर्निर्माण कार्यों हेतु समयबद्ध योजना बनाने को चर्चा भी की ताकि सभी कार्य अविलंब शुरू हो सकें।
उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्ग देखते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच बहे सड़क मार्ग को पुनर्स्थापित करने को प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने को कहा। निरीक्षण बाद उच्चाधिकारियों ने पैदल यात्रा 07 दिन में सुचारू करने को अधिकारियों से विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की। इसको अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों में कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उच्चाधिकारियों ने सड़क एवं पैदल मार्गों के त्वरित गति से निर्माण को हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम सुनिश्चित किया। हर साइट पर एई और जेई लगाए। लोक निर्माण विभाग अधिकारियों ने बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास 15 मीटर हिस्सा बह गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिस्सा बहा है। दोनों स्थानों पर कार्य सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा, इन्हें मिलाकर कुल 29 स्थानों पर कार्य होना है।
उच्चाधिकारियों ने बड़े क्षतिग्रस्त मार्गों में निर्माण कार्य हेतु कम से कम 50 तथा जिन मार्गों एवं स्थानों पर कम क्षति हुई है, वहां 10 लोग लगाने को कहा। इसके अलावा पोकोलैंड बडे स्थानों पर लगाने को कहा हैं। वहीं, नदी तथा नालों के भूकटाव रोकने को चैनलाइजेशन के निर्देश उच्च अधिकारियों ने दिए ।
रेस्क्यू तथा खोजबचाव कार्य लगातार जारी है
सचिव, आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई 2024 को अतिवृष्टि से केदारनाथ यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर रुके यात्रियों को सुरक्षित निकालने को व्यापक स्तर पर खोज और बचाव अभियान चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस अभियान की पल-पल मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने आपदा से केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के बचाव को पूरी क्षमता से खोज बचाव तथा राहत कराने को कहा हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में 04 अगस्त 2024 को सांय 05 बजे तक केदारनाथ धाम से 138 लोग , भीमबली तथा लिंचोली से 2409 लोग तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोग, इस प्रकार कुल 2622 लोग एयरलिफ्ट किये गये है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 567 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 7185 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस प्रकार पहली अगस्त 2024 से 04 अगस्त 2024 तक कुल 10,374 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ मार्ग में लगातार घने बादल छाए रहने से बचाव कार्य में व्यवधान हो रहा है, लेकिन आज 05 अगस्त 2024 को सुबह मौसम साफ रहने से भारतीय वायुसेना के चिनूक हैलीकॉप्टर ने 02 चक्कर लगाकर 65 यात्रियों, डप् .17 हैलीकॉप्टर ने 03 चक्कर लगाकर 61 यात्रियों तथा स्टेट हैली ने 10 यात्रियों, इस प्रकार सोमवार को कुल 136 यात्री बचाये गये हैं, जिसमें बीमार, वृद्ध व महिलायें शामिल है।
इसके अलावा 05 अगस्त 2024 को 509 जनों को केदारनाथ जी से लिंचौली तक पैदल और लिंचौली से हैलीकॉप्टर से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर पहुंचाया गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए 584 तथा चौमासी के रास्ते 172 यात्री निकाले गये। इस प्रकार कुल 1401 यात्री बचाये गये।
05 अगस्त 2024 सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 274 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2918 तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 इस प्रकार कुल 3267 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है तथा गुप्तकाशी, चारधाम हैलीपेड, गौचर हेलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 739 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7769 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार 05 अगस्त 2024 को सांय 5 बजे तक कुल 11,775 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है।
वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी सुरक्षित बचा लिये गये हैं। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। अभी वहाँ रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। वर्तमान में भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल बचा लिये गये है। वर्तमान में लिंचौली में कोई यात्री शेष नहीं है।
अभी केदारनाथ धाम में 50 यात्री स्वेच्छाया रुके हुए हैं। केदारनाथ धाम में 50 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, निवासी, पालकी डोली और घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नीचे आना चाहते हैं, मुख्यमंत्री ने उनको भी आवश्यकतानुसार बचाने के निर्देश दिये है।
सभी आवश्यक स्थानों पर खाद्य सामग्री की लगातार की जा रही है पर्याप्त आपूर्ति –
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये है, तथा सभी को निःशुल्क खाने-पीने की व्यवस्था है। अभी केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, भीमबली में 7 कुन्तल चावल, 2.50 कुन्तल आटा,2.50 कुन्तल दाल, 7 किलो चायपत्ती, पर्याप्त पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री 02-3अगस्त 2024 तक हैलीकॉप्टर से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चौमासी में 03अगस्त 2024 को 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 50 किलो आलू, 15 किलो नमक, 10 किलो तेल, 10 किलो दाल, 30 किलो चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचायी गयी है।
स्थानीय दुकानदारों, घोड़े-खच्चर एवं डोली-पालकी संचालकों, खोज एवं बचाव कार्यों में लगी टीम के सदस्यों तथा विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के लिए भी फूड पैकेट्स की व्यवस्था है।
खोज -बचाव कार्य में तेजी लाने को बढ़ायी गयी मानव शक्ति-
मुख्यमंत्री ने खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उनके निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गयी है। 03 अगस्त 2024 तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में 882 लोग लगे हुए थे। 04 अगस्त 2024 को इसमें और 278 लोग बढ़ाये गये हैं। 04 अगस्त 2024 को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1166 लोग कार्यरत हैं।
स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद-
मुख्यमंत्री ने वृहत् स्तर पर खोजबीन के निर्देश दिये हैं। उनके निर्देश के क्रम में गौरीकुण्ड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर वृहद् स्तर पर खोजबीन हो रही है। खोजबचाव में पुलिस, प्रशासन तथा यात्रा प्रबंध टास्क फोर्स लगी है। यें लगातार खोजबीन कर रहे हैं। इसके अलावा सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ का डॉग स्क्वायड भी खोज-बचाव अभियान में शामिल है। 05 अगस्त 2024 को वृहद खोजबीन अभियान में गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ मार्ग के मध्य मलबे में एक व्यक्ति का शव मिला है। व्यक्ति गौतम (पुत्र श्री संजय निवासी- जगाधरी, यमुनानगर, हरियाणा) के रूप में पहचाने गए हैं।
ऐसे 31अगस्त 2024 से आतिथि तक गौरीकुण्ड- श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 03 यात्रियों के शव मिले हैं।
जिनसे परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पा रहा,उनकी खोजबीन हेतु चलाया जा रहा है विशेष अभियान-
मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी लोगों से संपर्क करने के निर्देश दिये हैं जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर सम्पर्क किया जा रहा है तथा अधिकांश से सम्पर्क हो भी गया है।
31 अगस्त 2024 की अतिवृष्टि से केदारनाथ जी, गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी जिससे कुछ लोग इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे। 02 अगस्त को केदारनाथ जी में कॉल करने की सुविधा दी गयी है। 03 अगस्त को गौरीकुण्ड में दूरसंचार सेवा यथावत हो गयी है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस ने ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया। 05 अगस्त को पुलिस का अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के इस हेतु जारी किये दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
यदि अभी भी ऐसे लोग हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो।
बचाव तथा बचाव बाद स्वास्थ्य परीक्षण भी की व्यवस्था
बचाव तथा बचाव बाद बचाये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित उपचार किया जा सके, साथ ही एनडीआरएफ और जिला प्रशासन ने गौचर हैलीपेड में एक मेडिकल कैम्प भी लगाया है।
अभी चारधाम यात्रा मार्ग तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता से किया जा रहा है।