केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग हुआ ठीक ,15 दिन पहले आपदा से टूटा था 29 जगह

*केदारनाथ पैदल मार्ग हुआ ठीक, तीर्थ यात्रियों ने जताया मुख्यमंत्री धामी का आभार,*

*15 दिन बाद पैदल आवाजाही कर केदारनाथ धाम पहुंचे उप्र, गुजरात और हरियाणा के तीर्थ यात्री,*

*31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग त्रासदी के कारण हो गया था बंद,*

*260 मजदूरों की कड़ी मेहनत से बना पैदल मार्ग,*

*आपदा से 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था 19 किलोमीटर पैदल मार्ग,*

देहरादून 16 अगस्त 2024 । केदारनाथ पैदल मार्ग को मजदूरों की कड़ी मेहनत से ठीक कर लिया गया गया, जिससे 15 दिन बाद पैदल चलकर उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से कुछ तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। 260 मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद पैदल मार्ग बनाया गया है। वहीं प्रशासन से मिल रहे सहयोग पर केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों ने आभार जताया है।

बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी से जगह-जगह ध्वस्त हो गया था जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता में पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान बचाई गई। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी से ठीक करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया है।

आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। तेजी से काम के चलते अब पैदल मार्ग के एक-दो जगहों पर ही परेशानी बची है, जहाँ पर सुरक्षा जवान तीर्थ यात्रियों को रास्ता पार करवा रहे हैं। ऐसे में पैदल चलकर धाम पहुंच रहे देश के विभिन्न राज्यों के भक्तों में भी ख़ुशी दिख रही है। केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने कहा कि पैदल मार्ग ठीक हो गया है, लेकिन एक-दो स्थानों पर अभी भी कठिनाई है। जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की ओर से अच्छी व्यवस्थाएं मिल रही हैं।

अब तक 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 तक तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के साथ ही पैदल चलकर भी बाबा के भक्त धाम पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग के खतरे वाली जगहों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं, जो भक्तों को सुरक्षित यात्रा करवा रहे हैं।

जिला प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग को और अधिक ठीक किया जाए, जिससे ज्यादा संख्या में भक्त बाबा केदारनाथ के धाम पहुंच सके। पैदल मार्ग पर लोकनिर्माण विभाग गुप्तकाशी के सैंकड़ों मजदूर मार्ग उपचार में लगे हुए हैं। इसके अलावा सोनप्रयाग – गौरीकुण्ड राजमार्ग भी ठीक करने का काम तेजी से चल रहा है। यहां भी जल्द ही वाहनों की आवाजाही आई शुरू हो जाएगी। एनएच विभाग की मशीने और मजदूर रात दिन राजमार्ग ठीक करने में जुटे हुए हैं.

 

Kedarnath Route Disaster Deaths And Missing People Number: केदार घाटी में आसमान से बरसी आफत से मची तबाही के बाद लगातार शव बरामद हो रहे हैं. बीती रोज भी तीन शव बरामद किए गए, लेकिन केदार घाटी में आपदा की रात कुल कितने लोग थे, कितने लोग लापता हैं और कितने लोगों ने अपने परिजनों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है? इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है. वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इन्हीं से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए.
Disaster Secretary Vinod Kumar Suman On Kedarnath Disaster
केदार घाटी में तबाही के बाद लोग लापता

जानकारी देते आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन
देहरादून: रुद्रप्रयाग स्थित केदार घाटी में बीती 31 जुलाई की रात को बारिश से भारी तबाही मची. इस आपदा को 15 दिन पूरे हो चुके हैं. 16वें दिन भी केदार घाटी में लगातार शवों को ढूंढने के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग के सुधारीकरण का काम जारी है. केदारनाथ यात्रा में अभी तक 183 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 177 लोगों ने स्वास्थ्य खराब होने के कारण जान गंवाई जबकि, 6 लोग बीती 31 जुलाई को आई आपदा की वजह से मारे गए हैं.

केदार घाटी में मिले 3 शव, गाजियाबाद के रहने वाले थे दो लोग: केदार घाटी में आई आपदा की वजह से मरने वालों की संख्या 6 पहुंच गई. इनमें से 3 शवों को शुरुआती सर्च एंड रेस्क्यू अभियान के दौरान बरामद कर लिया गया था तो वहीं 3 लोगों के शव 14 दिन बाद यानी 15 अगस्त को बरामद किए गए. बीती रोज बरामद हुए 3 शव में से दो लोग गाजियाबाद के रहने वाले थे. जबकि, एक शव की शिनाख्त किया जाना बाकी है.

Disaster Secretary Vinod Kumar Suman On Kedarnath Disaster
केदारनाथ पैदल रूट पर रास्ता वॉश आउट (फोटो सोर्स- SDRF)

आपदा प्रबंधन के पास लापता लोगों की सही जानकारी नहीं: केदार घाटी के ताजा हालातों के सवालों के जवाब में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक 29 जगहों पर बादल फटने की वजह से मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ. इस पैदल मार्ग पर 10 हजार से ज्यादा लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया गया तो वहीं अब तक यहां पर 6 लोगों का शव बरामद हुआ है.

Death And Missing People From Kedarnath Valley
मलबे के नीचे से शव बरामद (फोटो सोर्स- SDRF)
वहीं, केदार घाटी में आपदा की रात कितने लोग भूस्खलन के जद में आए या मलबे के नीचे दबे या फिर बहे, इसका सही-सही आंकड़ा आपदा प्रबंधन विभाग के पास भी मौजूद नहीं है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद सुमन से जब पूछा गया कि कितने परिवारों ने अपने लोगों के लापता होने की शिकायत दी है, इस पर वो सही आंकड़ा नहीं दे पाए.

Death And Missing People From Kedarnath Valley
भारी बारिश से सड़क वॉश आउट (फोटो सोर्स- SDRF)
इसके अलावा गुमशुदगी की शिकायत के आंकड़े और उनको लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि अधिकांश लोग अपने घर पहुंच गए हैं, बहुत कम लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है और इनकी संख्या बताया जाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति यहां आया है उसको सकुशल ढूंढना हमारा काम है, वो काम लगातार जारी है.

Disaster Secretary Vinod Kumar Suman On Kedarnath Disaster
केदारघाटी में रेस्क्यू कार्य (फोटो सोर्स- SDRF)
केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग खुला, लेकिन अभी जोखिम बरकरार: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई की रात आई दैवीय आपदा के चलते केदार घाटी में गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक 29 जगहों पर मार्ग टूटा था. इनमें से ज्यादातर जगहों को दुरुस्त कर लिया गया है और अस्थायी तौर पर यहां आवाजाही की जा सकती है.

Disaster Secretary Vinod Kumar Suman On Kedarnath Disaster
यात्रियों का रेस्क्यू करते जवान (फोटो सोर्स- SDRF)
उन्होंने बताया कि तमाम अलग-अलग कार्यदायी संस्थाओं के 300 से ज्यादा लोग इस मार्ग को खोलने में लगे जुटे थे. हालांकि, आपदा प्रबंधन सचिव का ये भी कहना है कि अभी लगातार बारिश हो रही है. मार्ग अभी बिल्कुल सही तरह यानी स्थायी रूप से सही नहीं हुआ है. बरसात आने पर दोबारा टूट सकता है.

उन्होंने कहा कि यात्रियों से अपील की जा रही है कि वो खराब मौसम और बरसात के दौरान आगे ना बढ़ें. वहीं, उत्तराखंड एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा का कहना है कि उनकी टीम लगातार केदार घाटी में मार्ग खोलने और लापता लोगों की तलाश में लगी हुई है.

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