सनक से नाक में दम: आतंकवाद पर किताब लिखने वाला जगदीश उइके दे रहा था फ्लाइटों और ट्रेनों को धमकी,बंदी
फ्लाइट और ट्रेनों में बम की धमकी देने वाला नागपुर से गिरफ्तार, आतंकवाद पर लिख चुका किताब
देश में 14 से 29 अक्टूबर के बीच कुल 16 दिनों के अंदर अलग-अलग एयरलाइंस की 500 से ज्यादा फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली चुकी है. जांच में ये सभी धमकियां फर्जी निकली है. अब नागपुर से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है.
नागपुर 02 नवंबर 2024.फ्लाइट्स और ट्रेनों को बम से उड़ाने की धमकी लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस बीच महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. 35 वर्षीय जगदीश श्रीयाम उइके खुद को लेखक बताता है. वह आतंकवाद के बारे में लिखता है. उइके को इससे पहले 2021 में एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. नागपुर शहर पुलिस की स्पेशल ब्रांच के मुताबिक जांच में उसके पास कई धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.
आखिरी बार नागपुर पुलिस ने उससे संपर्क किया तो जगदीश ने दावा किया था कि उसका काम कानून की सहायता करना है. जगदीश पूर्वी विदर्भ के गोंदिया जिले में अर्जुनी मोरगांव निवासी है. उसकी मां और बहन अब भी वहीं रहते हैं. कुछ समय से जगदीश दिल्ली में था और पुलिस का दावा है कि वहीं से उसने कई विमान कंपनियों और रेलवे स्टेशनों को धमकी भरे मेल भेजे थे.
संदिग्ध का दावा- पुलिस को अलर्ट करने को दी थी बम की धमकी
उसकी इस हरकत से कई उड़ानें देर से उड़ी या रद्द करनी पड़ी. जाहिर है इससे विमान यात्री और कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. हालांकि, जगदीश का कहना है कि ये सब उसने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करने के उद्देश्य से किया. इसके पीछे और कोई अन्य मकसद नहीं था.
आतंकवाद पर लिख चुका किताब
जगदीश उइके ने एक पुस्तक ‘आतंकवाद – एक तुफानी राक्षस’ भी लिखी है. किताब की बिक्री से मिले रकम का हिस्सा आतंकवाद विरोधी कामों में खर्च करने को डोनेट किया जाएगा. उइके ने किताब के कवर पेज पर ऐसा दावा किया है.
जानकार बताते हैं कि किताब में 35 घटनाओं से आतंकवाद को परिभाषित किया गया है. साथ ही किताब में आतंकवाद और आतंकियों के काम करने के तरीके और उसका वैश्विक असर विस्तार से समझाने की कोशिश की गई है. जानकारी के मुताबिक, जगदीश साल 2021 में ऐसी ही धमकियों के चलते गिरफ्तार हुआ था. हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया.
मानसिक रूप से परेशान बताया जाता है जगदीश
जगदीश उइके को जानने वाले बताते हैं कि उसमें मानसिक निराशा है.कम उम्र में उसके पिता की मौत हो गई थी.परिवार में आर्थिक दिक्कतों से वह 11वीं तक ही स्कूल कर पाया. लेकिन उसे देश की सुरक्षा के विषय में काफी दिलचस्पी है. हालांकि, उसकी ओर से ऐसी धमकी भरे ई मेल भेज कर सिस्टम को अलर्ट करने का दावा समझ से परे है.
पुलिस ने कैसे किया ट्रेस?
पुलिस ने टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर जगदीश उइके के ईमेल से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की. डीजीपी श्वेता खेडकर की अगुवाई में नागपुर पुलिस टीम ने उसकी पहचान और ठिकाना खोज निकाला. एक केंद्रीय मंत्री को भेजे गए उसके ई मेल का आईपी एड्रेस निकाला गया. आईपी एड्रेस जगदीश के अर्जुनी मोरगांव वाले पते पर रजिस्टर्ड था. इसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया.
14 दिनों में 300 फ्लाइट में मिली बम की धमकी
बीते 14 दिनों में इंडियन एयरलाइंस की कम से कम 300 से ज्यादा उड़ानों को बम की झूठी धमकियां मिलीं. ये धमकियां सोशल मीडिया से दी गईं. अकेले 22 अक्टूबर को इंडिगो और एअर इंडिया की 13-13 उड़ानों समेत 50 उड़ानों को फर्जी बम की धमकी मिली. बुधवार को भी 32 उड़ानों में बम की धमकियां मिलीं. शनिवार को दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की उड़ान को भी बम की धमकी मिली. जिसके बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
जगदीश उइके का आत्मसमर्पण, आतंकवाद पर लिख चुका है किताब
भारतीय विमानों और रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले 35 वर्षीय जगदीश श्रीयाम उइके ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसे बाद में गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक वह फ्लाइट से नागपुर पहुंचा और गुरुवार शाम आत्मसमर्पण कर दिया। ज्यादातर धमकियां इंटरनेट मीडिया के जरिए दी गई थीं।
महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव निवासी जगदीश श्रीयाम उइके को जांच के लिए उपस्थित होने का नोटिस भेजा गया था। वह फ्लाइट से नागपुर पहुंचा और गुरुवार शाम को आत्मसमर्पण कर दिया। पिछले महीने करीब 300 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
उइके दिल्ली से यह धमकियां दे रहा था
अकेले 22 अक्टूबर को इंडिगो और एअर इंडिया की 13-13 उड़ानों सहित लगभग 50 उड़ानों को धमकियां मिली थीं। इसके कारण काफी परेशानी हो रही थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उइके दिल्ली से यह धमकियां दे रहा था।
उसके 21 अक्टूबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे पुलिस के अधिकारियों को भेजे ईमेल के बाद रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। 2021 में कथित तौर पर एक फर्जी बम की धमकी देने के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था।
रिहा हो वह अर्जुनी मोरगांव से बाहर चला गया। उसने करीबी दोस्तों को बताया था कि वह दिल्ली में रह रहा है। पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर के नेतृत्व में जांचकर्ताओं ने विभिन्न प्रतिष्ठानों को भेजे ईमेल की जांच की। बाद में उनका ध्यान उइके पर गया।
पता चलने के बाद से फरार था आरोपित
नागपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि धमकी भरे ईमेल का उइके से संबंध होने का पता चलने पर वह भाग गया था। उसकी गिरफ्तारी को विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर के नेतृत्व में की गई जांच में उइके के ईमेल से जुड़ी विस्तृत जानकारी सामने आई।
कहां-कहां भेजे फर्जी ई-मेल
अधिकारी ने बताया कि उइके ने प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस, एयरलाइन कंपनियों के कार्यालयों, पुलिस महानिदेशक और रेलवे सुरक्षा बल सहित विभिन्न सरकारी संस्थाओं को धमकी भरे ईमेल भेजे।
गुप्त आतंकी कोड
सोमवार को नागपुर पुलिस ने उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी थी क्योंकि उइके ने ईमेल भेज धमकी दी थी कि अगर उसे गुप्त आतंकी कोड के बारे में जानकारी देने का मौका नहीं दिया गया तो वह इसके विरोध में कदम उठाएगा।