‘डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया’ आयोजित ‘ओएचओ हिल यात्रा सीजन 4’ –डेटॉल क्लाइमेट रेजिलिएंट स्कूल्स का देहरादून में भव्य समापन
डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया । आयोजित ‘ओएचओ हिल यात्रा सीजन 4’ – डेटॉल क्लाइमेट रेजिलिएंट स्कूल्स का देहरादून में भव्य समापन
हिल यात्रा उत्तराखंड की संस्कृति और सामूहिक चेतना को पुनः जागृत करने का एक अनूठा प्रयास : मुख्यमंत्री धामी
- देहरादून, 11 अप्रैल 2025 – स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक कंपनी रेकिट ने अपने प्रमुख कार्यक्रम डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के अंतर्गत ओएचओ हिल यात्रा सीजन 4 का भव्य समापन देहरादून में किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह अभियान राज्य की 25वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड@25 की विकासात्मक दृष्टि में योगदान देने की रेकिट की प्रतिबद्धता सशक्त रूप से दर्शाता है।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, देहरादून में आयोजित इस भव्य समापन समारोह में कई गणमान्य अतिथियों ने भागलिया। इनमें श्री बंशीधर तिवारी, आईएएस – महानिदेशक, सूचना एवं स्कूल शिक्षा तथा उपाध्यक्ष, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, प्रोफेसर अनीता रावत – निदेशक, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूएसईआरसी), श्री सौरभ तिवारी – निदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), श्री हरिओम चौधरी – निदेशक, ड्रीमर्स एडु हब, अधिवक्ता ललित जोशी – सजग इंडिया और विशिष्ट अतिथि श्री रवि भटनागर – निदेशक, एक्सटर्नल अफेयर्स एवं पार्टनरशिप्स, रेकिट – साउथ एशिया शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन आरजे काव्या, सीईओ – ओएचओ रेडियो ने किया। समारोह में डेटॉल क्लाइमेट रेजिलिएंट स्कूल्स के विद्यार्थियों ने जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता और जनस्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावशाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। उनके रचनात्मक मॉडल और स्कूलों की अपनाई गई जलवायु अनुकूल पहलों की झलकियों ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।
“ओहो हिल यात्रा केवल एक पदयात्रा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रकृति, संस्कृति और सामूहिक चेतना को पुनः जागृत करने का एक अनूठा प्रयास है। इस यात्रा के माध्यम से हमारे स्कूली बच्चों ने अपने विचार, मौलिक सोच, उत्तरदायित्व और जनसंपर्क—की भावना को न केवल समझा, बल्कि उसे आत्मसात भी किया।बच्चों की आज की प्रस्तुतियाँ न केवल मन को मोह लेने वाली थीं, बल्कि उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश भी दिया। ‘डिटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया’ जैसी पहलें हमारे भविष्य – हमारे बच्चों – को जागरूक, आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास हैं। मैं ओहो रेडियो और सभी साझेदार संस्थाओं को इस प्रभावशाली यात्रा के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। राज्य सरकार ऐसे जनहितकारी अभियानों को हमेशा प्रोत्साहित और समर्थन देती रहेगी।” – मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार
रेकिट – साउथ एशिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष गौरव जैन ने कहा, “रेकिट में हमारा मानना है कि आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाकर ही हम एक टिकाऊ और जलवायु के प्रति सजग भविष्य की नींव रख सकते हैं। शिक्षा, जैव विविधता संरक्षण की समझ बढ़ाने और सतत विकास की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ‘डेटॉल क्लाइमेट रेजिलिएंट स्कूल्स’ पहल के माध्यम से हम बच्चों में जागरूकता बढ़ा रहे हैं, पर्यावरण हितैषी व्यवहार को प्रोत्साहित कर रहे हैं
साल 2022 से रेकिट उत्तराखंड में बच्चों के बीच स्वच्छता, जनस्वास्थ्य और जलवायु अनुकूलता को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र और व्यापक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहा है। यह प्रयास भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन और मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट) से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य जीवनशैली में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है। इस पहल का मुख्य आकर्षण एक विशेष जलवायु पाठ्यक्रम (क्लाइमेट करिकुलम) की शुरुआत है, जिसमें बच्चों को पर्यावरण संबंधी विषयों पर आधारित कार्यशालाओं के माध्यम से शिक्षित किया जा रहा है। इन कार्यशालाओं में कचरा प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई, जल एवं ऊर्जा ऑडिट, ईको-ईंट निर्माण, पक्षी दर्शन और सतत जीवनशैली के तरीके शामिल हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को प्रकृति भ्रमण, ईको-सेन्सिटाइजेशन ट्रिप्स कराई जाती हैं और पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों का उपयोग सिखाया जाता है, जैसे बीज पेंसिल, ज़ाइलेम-फ्री मार्कर, डस्ट-फ्री चॉक और अपसाइकल्ड सामग्री। उत्तराखंड बायोडायवर्सिटी डिस्कवरी किट राज्य की अद्वितीय जैव विविधता—वनस्पतियों, जीव-जंतुओं और पारिस्थितिकी को करीब से समझने का माध्यम बनती है। साथ ही, ए-टू-जेड क्लाइमेट डिक्शनरी के जरिए बच्चों को जलवायु, पर्यावरण, स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण शब्दों और अवधारणाओं से परिचित कराया जाता है। इस पहल का एक और महत्वपूर्ण भाग है चाइल्ड क्लाइमेट पार्लियामेंट, जो बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने, जलवायु से जुड़ी समस्याओं को सामने लाने और विद्यालय स्तर पर निर्णयों में सक्रिय भागीदारी का अवसर देता है। यह संपूर्ण प्रयास 3सी मॉडल – कैंपस, करिकुलम और कोलैबोरेशन पर आधारित है, जिसका उद्देश्य बच्चों को प्रारंभ से ही सतत विकास और जलवायु संरक्षण के प्रति जागरूक एवं जिम्मेदार बनाना है।
भव्य समापन कार्यक्रम में बोलते हुए रेकिट – साउथ एशिया के एक्सटर्नल अफेयर्स और पार्टनरशिप्स निदेशक रवि भटनागर ने कहा, “रेकिट में हमारा दृढ़ विश्वास है कि एक जलवायु-संवेदनशील और स्वास्थ्य के प्रति सजग पीढ़ी का निर्माण समय की आवश्यकता है। ओएचओ हिल यात्रा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यह एक जनआंदोलन है जो हिमालय की गोद में जन्मा है और बच्चों की जिज्ञासा से प्रेरित है। डेटॉल क्लाइमेट रेज़िलिएंट स्कूल्स पहल के अंतर्गत हमने क्लाइमेट करिकुलम, बायोडायवर्सिटी किट, क्लाइमेट डिक्शनरी और 3सी मॉडल – कैंपस, करिकुलम और कोलैबोरेशन के माध्यम से उत्तराखंड की जीवंत वनस्पति और जैव विविधता को बच्चों की कक्षाओं तक पहुँचाया है।
मुझे गर्व है कि OHO रेडियो के इस प्रयास को ऐसे भागीदारों का साथ मिला, जिन्होंने हर बच्चे की सोच को आवाज़ दी और हर कदम को एक उद्देश्य से जोड़ा। यह साझेदारी ही इस यात्रा की असली ताकत बनी और आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं — यह शुरुआत है एक हरित, जागरूक और संवेदनशील भारत की।“ – आरजे काव्य, संस्थापक – ओहो रेडियो
उत्तराखंड सरकार के सहयोग से रेकिट अब अपने प्रयासों का विस्तार करते हुए राज्य के 13 जिलों, 13,000 स्कूलों और 13 लाख बच्चों तक पहुँच बना रहा है। साथ ही उधम सिंह नगर जिले में जनजातीय कल्याण निदेशालय के अंतर्गत आने वाले 6 अतिरिक्त जनजातीय विद्यालयों में भी इस विशेष पाठ्यक्रम को लागू किया जा रहा है।
यह पहल न केवल राज्य के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति एक ठोस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को भी नई दिशा देती है। इस कार्यक्रम के तहत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करने, स्वच्छता सुविधाओं को बेहतर बनाने, क्षमताओं के निर्माण तथा पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने जैसे पहलुओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।