15 हजार प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 685 करोड़ मिलेंगें उत्तरांखड को
*फोटो: केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह से शिष्टाचार भेंट करते ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी*
*प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 83 सड़कों के लिए मिलेगी 685 करोड़ की राशि, प्रदेश में बनेंगी 827 किमी ग्रामीण सड़कें*
*ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी बोले, प्रदेश को मिलेंगे 15 हजार ग्रामीण आवास*
नई दिल्ली, 07 अगस्त। उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह से शिष्टाचार भेंट की और उनके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।
सोमवार को केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह के नई दिल्ली स्थित शासकीय आवास पर पहुंचे प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 150 से 249 तक के बसावट वाले गांवों को पीएम ग्राम सड़क योजना में लेते हुए स्वीकृति देने और उत्तराखण्ड के ग्रामीणा क्षेत्रों के लिए 26 हजार आवास आवंटित करने तथा प्रदेश में 827 किलोमीटर लम्बाई वाली रुपये 685 करोड़ की लागत से बनने वाली कुल 83 सड़कों को अतिशीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मंत्री जोशी ने बताया कि पी0एम0जी0एस0वाई0-1 के मानको में जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार 250 जनसंख्या से अधिक की बसावटों को ही संयोजित करने का ही प्राविधान है। उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2000 में 250 से अधिक जनसंख्या की कुल 2658 पात्र बसावटें जो संयोजन हेतु शेष थी, उनमें से 778 बसावटें राज्य मद में अन्य विभागों ने वर्तमान मे विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत संयोजित की जा चुकी हैं। 1866 बसावटें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत स्वीकृत हैं,जिसके सापेक्ष आतिथि 1840 बसावटें संयोजित की जा चुकी हैं। शेष 26 बसावटों को माह दिसम्बर 2023 तक संयोजित किये जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार कोर नेटवर्क में 150 से 249 तक जनसंख्या की 2726 बसावटों में से 2319 बसावटें संयोजित हैं तथा 407 बसावटें असंयोजित हैं, जिससे यहां निवासरत ग्रामीण सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहते हैं। उत्तराखण्ड राज्य एक आपदाग्रस्त क्षेत्र है,जहां निरन्तर आपदायें आती रहती है। आपदा के समय ग्रामीणों तक सुरक्षात्मक,चिकित्सा एवं अन्य सुविधायें पंहुचाने में अत्यन्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,जिससे ग्रामीणों को तत्काल सुविधायें उपलब्ध नही हो पाती। यदि भारत सरकार इन 407 असंयोजित बसावटों के संयोजन हेतु अनुमति मिल जाए, तो इन बसावटों के निवासी राज्य के ग्रामीणों को सड़क सम्पर्क की सुविधा मिलेगी एवं ग्रामीणों को यातायात, कृषि,व्यवसाय इत्यादि का पूर्ण लाभ मिल सकेगा तथा आपदा के समय में भी ग्रामीणों को प्रत्येक सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी। इसके अतिरिक्त राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए भी इन प्रश्नगत बसावटों का संयोजन नितान्त आवश्यक है। प्राथमिक गणना के अनुसार इन असंयोजित बसावटों के संयोजन हेतु लगभग 3200 किलोमीटर लम्बाई मार्ग निर्माण हेतु अनुमानित लागत 2900 करोड़ रूपए की आवश्यकता होगी। यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य की 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें भी संयोजन हेतु शेष होगी, जिस हेतु लगभग 14300 किलोमीटर लम्बाई मार्ग निर्माण करने हेतु अनुमानित लागत 12900 करोड़ रूपए की आवश्यकता होगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में उत्तराखण्ड को आवंटित कुल 73 हजार आवासों में से 46 हजार आवंटित हुए थे,जिसमें 35 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और अन्य पर कार्य चल रहा है। मंत्री जोशी ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का आभार जताया कि राज्य को सभी 46 हजार आवासों की धनराशि प्राप्त हो गयी है और अनुरोध किया कि प्रदेश को 26 हजार आवास अतिशीघ्र आवंटित किये जाए।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरीराज सिंह ने ग्राम्य विकास मंत्री जोशी को आश्वस्त किया कि जल्द ही उत्तराखण्ड को 15 हजार आवास आवंटित किये जाऐंगे। उन्होंने पीएम ग्राम सड़क योजना में 83 सड़कों के लिए भी धनराशि जारी करने पर सहमति प्रदान की।