15 साल की बच्ची से 18 जनों का नौ दिन बलात्कार

राजस्थान के झालावाड़ में दरिंदगी:15 साल की लड़की से 18 से ज्यादा लोगों ने 9 दिन तक रेप किया; अब तक 4 नाबालिग समेत 20 पकड़े गए
कोटा16 मार्च। कोटा की एक 15 साल की बच्ची को झालावाड़ ले जाकर 18 से ज्यादा दरिंदों ने 9 दिनों तक उसके साथ कई बार रेप किया। जब वो दर्द से कराहती, तो उसे नशा दे दिया जाता। नशे से मना करती, तो बुरी तरह पीटा जाता। घर छोड़ने की मिन्नतें करती तो चाकू दिखाकर डराया धमकाया जाता।

पीड़ित लड़की का कहना है कि 25 फरवरी को उसकी पहचान की लड़की और उसका साथी उसे बैग दिलाने के बहाने कोटा के सुकेत से झालावाड़ ले गए थे। वहां उसे दरिंदों के हवाले कर दिया, जिन्होंने 9 दिनों तक घर, होटल, निर्माणाधीन मकान और खेत में उससे कई बार रेप किया। 5 मार्च को वापस सुकेत छोड़ा।

पुलिस पर रिपोर्ट न लिखने का आरोप

6 मार्च को पीड़ित ने विधवा मां के साथ जाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़ित के भाई का आरोप है कि वह बहन की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए कई बार थाने गया, लेकिन पुलिस वालों ने उसे भगा दिया। पीड़ित की मां का कहना है कि दरिंदों को फांसी दी जानी चाहिए। अब तक 4 नाबालिग समेत 20 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। रामगंजमंडी के डीएसपी मंजीत सिंह ने कहा कि 1-2 दिन में बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह बहुत घिनौना कृत्य है।

भास्कर ने जानी पीड़ित की जुबानी हैवानियत की पूरी कहानी
25 फरवरी को सुकेत की बुलबुल और चौथमल मुझे बैग दिलाने के बहाने झालावाड़ ले गए। वहां एक पार्क में कुछ लड़के बैठे थे। उनका नाम मुझे बाद में पता चला। नब्बू, सोनू (नाबालिग का बदला नाम) और एक था, जिसे बुलबुल उस्ताद बुलाती थी। नब्बू स्कूटी से मुझे एक कमरे पर ले गया, रात का वक्त था। मोहल्ले वालों ने हंगामा कर दिया। इस पर नब्बू मुझे अकेला छोड़कर भाग गया, लोगों ने मुझे पकड़ लिया, पुलिस भी आ गई। पुलिस ने मेरा नाम-पता पूछकर भगा दिया।

भागकर पार्क में आई तो वहां नब्बू, सोनू और साहिल फिर मिल गए। साहिल मुझे स्कूटी पर बैठाकर गागरोन ले गया, नब्बू और सोनू भी गागरोन आ गए। रात करीब 12 बजे फिर झालावाड़ ले आए और एक मोहल्ले में निर्माणाधीन मकान की दूसरी मंजिल पर नब्बू ने पूरी रात रेप किया। एक लड़का था, लंगड़ा टाइप, नाम नहीं जानती। वह मुझे एक होटल ले गया। वहां पूरी रात रेप किया।

सुबह 6-7 बजे फिर साहिल मुझे मंडी चौराहे के पार्क में ले गया। जहां राजा से मिलाया। राजा ने छोटू को बुलाया। छोटू मोटरसाइिकल पर किसी होटल पर ले गया, जहां खूब सारे लड़के बैठे थे, स्मैक-चिलम पी रहे थे। राजा ने शाहरूख से मिलवाया। वो होटल ले गया, लेकिन होटल वाले ने मेरी उम्र पूछ ली तो नाबालिग बताते ही भगा दिया। फिर शाहरूख और राजा अपने दोस्त के घर ले गए।

दोनों ने वहां मेरे साथ गलत काम किया। वहां से साहिल और एक लड़का कार में गागरोन ले गए। यहां से साहिल अपने दोस्त के पास गया, जिसकी कार थी। वहां तीनों ने गलत काम किया। मना किया तो साहिल ने थप्पड़ मारे, नशा कराया। साहिल फिर उसी पार्क में ले आया। वहां बुलबुल और चौथमल भी थे। वहां से झालावाड़ लाकर मुझे चिंटू के हवाले कर दिया। बिट्‌टू और चिंटू ने पूरी रात मेरे साथ गलत काम किया। बिट्‌टू के जाने के बाद उसके दोनों सालों ने पूरी रात रेप किया।

सुबह नाना नाम का लड़का ले गया। दिनभर गागरोन घुमाता रहा, फिर खेत में पूरी रात गलत काम किया। चाकू दिखाकर मुझे डराता-धमकाता रहा। सुबह नाना ने मुझे उसी पार्क में छोड़ दिया, वहां सोनू मिला। छोटू भी आ गया। उसके साथ एक और लड़का था, नाम याद नहीं है। छोटू के साथ आया वह लड़का मुझे लेकर चला गया। कोई कमरा था, वहां छोटू और उसके साथ आए लड़के ने रेप किया। मकान मालिक आ गया, बोला- मैं भी गलत करूंगा। मैं चिल्लाई तो सभी को वहां से भगा दिया।

छोटू के साथ वाला लड़का स्कूटी से पार्क में बैठाकर चला गया। जहां फद्दू मिला। सोनू का दोस्त डीके आ गया। डीके मुझे उसकी फुफो के यहां ले गया और पूरी रात दुष्कर्म किया। डीके सुबह वहां से निकालकर फिर से एक अनजान पार्क में ले गया। छोड़ा ही था कि सोनू आ गया। सोनू के साथ एक और था। आंख बंद करके मुझे कहीं ले गए, जहां सोनू ने रेप किया। तीन लड़के और आ गए, सोनू ने इनके हवाले कर दिया। ये गागरोन ले गए, नशा किया। मुझे भी नशा कराया। गागरोन में बुलबुल, चौथमल और नाना आ गए… तीनों लड़के इनको देखकर भाग गए।

फिर ये लोग मुझे लेकर सुकेत ले आए। 24 घंटे तक तो मेरी हालत ऐसी थी कि मैं सोती रही, क्यों कि नशा था और करीब 9 दिन से ठीक से सोई भी नहीं थी। अगले दिन मैंने मां के साथ जाकर पुलिस को पूरी आपबीती बताई।
(जैसा पीड़िता ने इस संवाददाता बताया।)

पुलिस की कार्रवाई पर तीन बड़े सवाल

पीड़िता के भाई का आरोप है कि बच्ची गुम होने पर हम दो बार पुलिस के पास गए, लेकिन दोनों बार ही हमें भगा दिया गया। यदि उस वक्त पुलिस मामला दर्ज करके बच्ची को ढूंढ लेती तो यह सब नहीं होता।
झालावाड़ में मोहल्ले वालों के हंगामे के बाद पुलिस आई और लड़की को नाम-पता पूछकर जाने दिया। यदि तब पुलिस वाले जिम्मेदारी समझते और नाबालिग को सुरक्षित उसके घर पहुंचा देते तो बच्ची के साथ यह दरिंदगी नहीं होती।
अब तक पुलिस इस मामले में उन होटल वालों, दोस्तों और रिश्तेदारों को नहीं पकड़ पाई है, जिनके यहां बच्ची से रेप होता रहा।

पुलिस ने पूरी गंभीरता के साथ काम किया: SP

कोटा ग्रामीण के SP शरद चौधरी ने बताया कि पीड़ित के भाई के आरोपों को लेकर सर्कल ऑफिसर रामगंजमंडी को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। बाकी पुलिस ने इसमें पूरी गंभीरता से काम किया है।

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