डेढ़ अरब के टीवी विज्ञापनों से अरविंद ने कोरोना पर लेक्चर झाडे, दिल्ली दुर्दशा छिपी फिर भी नहीं
सोशल मीडिया ट्रोलिंग
5 घंटे में 6 चैनलों पर 17 बार केजरीवाल का चेहरा… 150 करोड़ के विज्ञापन से नहीं छुप पाया दिल्ली में मौत का खेल
सिर्फ IndiaToday पर 5 घंटे में 12 बार केजरीवाल का चेहरा
दिल्ली में कोरोना का कहर चरम पर है। कोविड-19 वैसे तो महामारी है लेकिन इस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य प्रशासन को जिस राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ जमीन पर काम करना था, उसमें दिल्ली की AAP सरकार एकदम फिसड्डी रही है।
कोविड-19 महामारी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक काम लेकिन बखूबी किया है – अपना चेहरा चमकाना – विज्ञापनों के जरिए!
25 अप्रैल 2021 की बात करें तो सिर्फ एक चैनल इंडिया टुडे पर ही केजरीवाल लगातार बैटिंग करते जा रहे हैं – एकदम नॉटआउट। सुबह 9 बजकर 56 मिनट से उनकी बैटिंग 2 बजकर 51 मिनट तक चली है – विज्ञापन के जरिए नाबाद!
इसके अलावा न्यूज नेशन, TV9 भारतवर्ष, इंडिया TV, रिपब्लिक भारत और न्यूज 24 पर भी CM केजरीवाल का विज्ञापन बराबर आया।
धरने-प्रदर्शन करने वाले केजरीवाल अब दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल बन चुके हैं। लेकिन धरने-प्रदर्शन के कारण TV मीडिया के चेहरे वाले छवि से अभी तक वो निकल नहीं पाए हैं – ऐसा प्रतीत होता है। यह इसलिए क्योंकि और कोई कारण नहीं, जब पूरी दिल्ली में ऑक्सीजन हाहाकार मचा हुआ है, तब केजरीवाल TV पर विज्ञापनों के जरिए नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उनका यह विज्ञापनी रूप लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। मीम के जरिए लोग दिल्ली की जनता (वोटरों को) धृतराष्ट्र तक की संज्ञा दे रहे हैं। जबकि कुछ तो उनके पिछले 20 दिन की कुंडली निकाल कर फोटो/ग्राफिक्स बना कर फैला रहे हैं, सच्चाई बता रहे हैं।
CM केजरीवाल ने 3 महीने में विज्ञापनों पर लुटाए ₹150 करोड़
RTI से पता चला है कि जनवरी 2021 में केजरीवाल सरकार द्वारा विज्ञापनों पर 32.52 करोड़ रुपए, फरवरी में 25.33 करोड़ रुपए और मार्च में 92.48 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। ऐसे हालात में जब कोरोना की दूसरी लहर से राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा रही हैं, केजरीवाल सरकार ने औसतन हर दिन 1.67 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं।
8 ऑक्सीजन प्लांट के लिए लिया पैसा, बनवाया मात्र 1
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड को देखें तो केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दिसंबर 2020 में ही केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन के लिए राशि मुहैया कराई थी। केंद्र सरकार द्वारा यह राशि दिल्ली में 8 PSA (Pressure Swing Absorption) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई थी। केजरीवाल सरकार पैसा तो ले लिया लेकिन अब तक मात्र 1 ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया।
‘फाँसी पर चढ़ा देंगे’ – केजरीवाल सरकार की निष्क्रियता पर दिल्ली HC
दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। वरिष्ठ वकील सचिन दत्ता ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की अक्षमता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारी उस समय नदारद रहे, जब अस्पताल में मरीज ऑक्सीजन की कमी से मरते रहे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार (23 अप्रैल) को पूरा दिन दिल्ली सरकार के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयत्न किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस जानकारी के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने कहा – “कोई भी अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा डालेगा तो उसे सूली पर चढा देंगें।
आरटीआई में खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च तक विभिन्न माध्यमों से विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। इसी बीच उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब के स्क्रीनशॉट की तरह दिखाई दे रही है ।
क्या केजरीवाल का विज्ञापन अब पोर्नहब पर भी चल रहा है? लोगों ने कहा- सीधे युवाओं तक पहुँचने की कोशिश:
क्या केजरीवाल का विज्ञापन अब पोर्नहब पर भी चल रहा है?
आरटीआई में खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च तक विभिन्न माध्यमों से विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। इसी बीच उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब से लिया गया स्क्रीनशॉट है।
स्क्रीनशॉट को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि केजरीवाल का विज्ञापन पोर्न वेबसाइट पर चल रहा है। स्क्रीनशॉट साझा करने वाले ट्विटर यूजर्स ने दावा किया है कि वह VPN पर पोर्न देख रहा था, तभी उसे वीडियो में केजरीवाल का विज्ञापन नजर आया।
कथित तौर पर केजरीवाल के विज्ञापन का स्क्रीनशॉट एक पोर्न वेबसाइट पर दिखाई दिया।
ट्विटर यूजर के इस पोस्ट से मानो सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। हर कोई जवाब की तलाश में है, लेकिन अधिकांश भारतीयों को यह नहीं पता है कि पोर्नहब का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है, क्योंकि यह देश में प्रतिबंधित है।
हमारी जाँच
जब हमने स्क्रीनशॉट को देखा तो हमें लगा कि यह सब गलत हो रहा है और हमने इसकी जाँच शुरू कर दी। हमें लगा कि आम आदमी पार्टी भारत में पोर्नहब का इस्तेमाल करने वालों को टारगेट कर रही है। जैसा कि यह हमारी नीति है जो अपने प्रचार के लिए किसी भी अवैध दस्तावेज या वेबसाइटों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देती हैं, इस नियम का हम हर समय पालन भी करते हैं। इसलिए हमने इस स्क्रीनशॉट का विश्लेषण करना शुरू कर दिया।
केजरीवाल का विज्ञापन
हालाँकि, यहाँ ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह विज्ञापन वास्तव में अरविंद केजरीवाल का ही है। इसे अक्सर YouTube और अन्य प्लेटफार्मों पर देखा जा सकता है। आप यहाँ विज्ञापन देख सकते हैं।
ऑनलाइन विज्ञापन कैसे काम करते हैं?
एक समय था जब Google पर विज्ञापन वेबसाइट की सामग्री के आधार पर नजर आते थे। लेकिन, आजकल Google, Facebook, Twitter और अन्य प्लेटफ़ॉर्म आपके कंप्यूटर से कुकीज के रूप में बहुत सी व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करते हैं। आज हर तरह के विज्ञापन सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और साइट्स पर नजर आ जाएँगे। जब आप सोशल मीडिया या वेबसाइटों पर सर्फिंग कर रहे होते हैं, तो आपको हर तरह के विज्ञापन दिखाई देंगे।
उदाहरण के लिए, आपने गूगल पर लैपटॉप के बारे में सर्च किया या फिर कोई ट्वीट किया। इससे आपका स्थान, उम्र, लिंग और अन्य जानकारी के आधार पर एल्गोरिदम आपको लैपटॉप से संबंधित विज्ञापन दिखाना शुरू कर देगा। अगर आपने घूमने का प्लान बना कर गूगल पर बेस्ट टूरिस्ट प्लेस के बारे में जानकारी लेने के लिए कुछ भी सर्च किया तो आपको कुछ ही घंटों के भीतर इससे जुड़े विज्ञापन दिखाई देने लग जाएँगे।
इससे अक्सर यूजर कंफ्यूज हो जाते हैं कि ये वेबसाइट कैसे जानती हैं कि आप क्या देख रहे थे। दरअसल एल्गोरिदम को आपके व्यवहार को समझने और उन उत्पादों को दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्हें आप खरीदना चाहते हैं।
इसी तरह कंप्यूटर की भाषा में एल्गोरिदम (Algorithm) का उपयोग किसी प्रोग्राम के लॉजिक को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। एल्गोरिदम (Algorithm) दी गई समस्या के समाधान पर पहुँचने का तरीका हो सकता है, जिसे इस तरीके से डिज़ाइन किया जाता है कि यदि उसमेंं दी गई कमाण्ड को उसी क्रम में फॉलाे किया जाए तो बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में YouTube पर केजरीवाल का विज्ञापन इसका उदाहरण है, यह आपके स्थान, आयु, लिंग, राजनीतिक विचारधारा और बहुत कुछ के आधार पर दिखाई देगा। जैसा कि केजरीवाल को विज्ञापन प्रकाशित करने की आदत है। यह संभव है कि आप दिल्ली और पंजाब के बाहर भी उनका विज्ञापन देख सकते हैं।
बता दें कि एक ट्विटर यूजर आलोक भट्ट द्वारा शेयर किए गए आरटीआई से पता चला है कि जनवरी 2021 में AAP सरकार द्वारा विज्ञापनों पर 32.52 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, फरवरी 2021 में 25.33 करोड़ रुपए और मार्च 2021 में 92.48 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। ऐसे हालात में जब कोरोना की दूसरी लहर से राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा रही हैं, केजरीवाल सरकार ने औसतन हर दिन 1.67 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं।