1500 से पूछताछ, 15 की पहचान… आतंकियों के मददगारों की खैर नहीं! पहलगाम अटैक में NIA जांच कहां तक पहुंची?

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1500 से पूछताछ, 15 की पहचान… आतंकियों के मददगारों की खैर नहीं! पहलगाम अटैक में NIA जांच कहां तक पहुंची?
इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के आधार पर पहलगाम में हुए हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने वाले 15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की पहचान हुई है। माना जा रहा है कि इन्होंने आतंकियों के लिए रसद का इंतजाम किया और पाकिस्तान से हथियारों की खेप भी प्राप्त की।

15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान, आतंकियों के थे मददगार
पुलिस ने 200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लिया
सुरक्षाकर्मी पहलगाम हमले के आतंकियों की तलाश में जुटे
15 local cadres helped Pahalgam attackers

श्रीनगर: पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने वाले 15 लोकल कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंकी सहयोगियों की पहचान की गई है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से पता चला कि ये लोग हमले में शामिल आतंकियों के लिए जरूरी चीजें जुटाते थे। संभव है कि इन्होंने पाकिस्तान से हथियारों की खेप भी मंगवाई हो। सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियां पांच मुख्य संदिग्धों पर नजर रख रही हैं। इनमें से तीन को पकड़ लिया गया है। पुलिस बाकी दो ओवरग्राउंड वर्कर्स की तलाश कर रही है। हमले के दिन ये पांचों संदिग्ध घटनास्थल के आसपास ही थे और उनके फोन भी उसी इलाके में एक्टिव थे। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस में पता चला कि पकड़े गए तीन संदिग्ध आपस में पहलगाम में मौजूद पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने के बारे में बात कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, हमले से पहले की घटनाओं का पता लगाने के लिए 200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

पाकिस्तान के मददगारों पर शिकंजा
सूत्रों का कहना है कि पांचों संदिग्धों की भूमिका को लेकर पर्याप्त सबूत मिले हैं। एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ की संयुक्त टीम 10 अन्य ओवरग्राउंड वर्कर्स से भी पूछताछ कर रही है। ये लोग पहले भी कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करते रहे थे और 22 अप्रैल को हमले के दिन घटनास्थल के पास ही मौजूद थे। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ये 15 स्थानीय मददगार दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं और जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन्हें ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर पहले से ही चिह्नित कर रखा है।

कैसे करते थे आतंकियों की मदद?
माना जा रहा है कि इन्होंने पिछले कुछ सालों में दक्षिण कश्मीर में कई हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की है। ये उन्हें जरूरी सामान मुहैया कराते थे। जंगलों में रास्ता दिखाते थे और यहां तक कि पाकिस्तान से हथियारों की खेप भी मंगवाते थे। जिनका इस्तेमाल आतंकी हमलों में किया जाता था।

पहलगाम हमले में कितने आतंकी?
एक अधिकारी ने कहा कि हमारे पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ये लोग पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के मददगार थे और उन्होंने उनके लिए जरूरी सामान का इंतजाम किया था। इस हमले में 4-5 आतंकी शामिल थे। इनमें से कम से कम दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी थे। हम इन 15 हिरासत में लिए गए ओवरग्राउंड वर्कर्स से और जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि साजिश को पूरी तरह से समझा जा सके। इसके बाद ही हम उनकी गिरफ्तारी पर फैसला लेंगे।

200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स हिरासत में
शनिवार तक पहलगाम हमले से पहले की घटनाओं का पता लगाने के लिए 200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।एक अधिकारी ने बताया कि लगभग 20-25 ओवरग्राउंड वर्कर्स को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। ये वे ओवरग्राउंड वर्कर्स हैं जो पाकिस्तानी आतंकियों के संपर्क में रहते हैं। उन्हें शरण देते हैं और उनके ‘गाइड’ के तौर पर काम करते हैं।

1,500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ
अधिकारी ने बताया कि हम ओवरग्राउंड वर्कर्स डेटाबेस को छान रहे हैं। इसमें हमने 1,500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। अब हमने 15 संभावित संदिग्धों पर खास फोकस किया है। इसके साथ ही दक्षिण कश्मीर में सक्रिय अन्य ओवरग्राउंड वर्कर्स से भी पूछताछ की जा रही है। ताकि इलाके में देखे गए पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान और उनके संभावित ठिकानों के बारे में पता चल सके।

अभी कहां छिपे हो सकते हैं आतंकी?
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी बैसरन के आसपास के जंगलों में भागे हुए आतंकियों की तलाश कर रहे हैं और उन्होंने तलाशी अभियान और तेज कर दिया है। आसपास के कस्बों और जिलों में हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिलने के बाद यह शक है कि वे अभी भी घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं। ये जंगल उस घास के मैदान में मिलते हैं।

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