आगरा के बाद उत्तराखंड में धर्मांतरण के खेल का भंडाफोड़, पाकिस्तान-दुबई से जुड़े तार, डिकोड हुई ब्रेनवॉश मोडस ऑपरेंडी – DEHRADUN CONVERSION RACKET
आगरा धर्मांतरण गिरोह के निशाने पर उत्तराखंड की कई लड़कियां भी हैं, जिनका देहरादून पुलिस से खुलासा किया.

उत्तराखंड में धर्मांतरण के बड़े खेल का भंडाफोड़

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने धर्मांतरण के एक बड़े मामला का खुलासा किया है, जिसके तार न सिर्फ यूपी के चर्चित आगरा धर्मांतरण केस से जुड़े हैं, बल्कि धर्मांतरण के इस गिरोह का इंटरनेशनल कनेक्शन दुबई और पाकिस्तान से भी मिला है. शनिवार 26 जुलाई को देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इस पूरे मामले का खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि कैसे दो युवतियों का इस गिरोह ने ब्रेनवॉश किया.

युवती को दिया जा रहा था लालच: पुलिस ने बताया कि रानीपोखरी थाने में एक व्यक्ति ने बीती 18 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी. व्यक्ति ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसकी 21 साल की बेटी कुछ दिनों से कुछ अजीब व्यवहार कर रही है. परिजनों ने बेटी से जब उसके अजीब व्यवहार का कारण पूछा तो पता चला कि दूसरे समुदाय के कुछ लड़के और लड़कियां बहला फुसलाकर उसका धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं.

उत्तराखंड में धर्मांतरण के बड़े खेल का भंडाफोड़
युवती का कर रहे थे ब्रेनवॉश: आरोप है कि अब्दुर रहमान (निवासी सहसपुर देहरादून), अबू तालिब (निवासी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश), अयान और अमन (निवासी दिल्ली) और महिला श्वेता (निवासी गोवा) उनकी बेटी को धर्मांतरण को रुपयों के साथ अन्य तरह का लालच भी दे रहे हैं, जिससे उनकी बेटी अजीब व्यवहार कर रही है. पिता का आरोप था कि आरोपित उनकी बेटी का ब्रेनवॉश कर रहे हैं. उन्हें संदेह था कि इस कार्य में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं.

काउंसिलिंग में पीड़िता की जानकारी चौंकाने वाली: पीड़िता के पिता की लिखित शिकायत पर पुलिस ने उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में अब्दुर रहमान समेत कई अन्य लोगों पर मुकदमा किया. इसके बाद पुलिस ने  जांच शुरू की और पीड़िता की काउंसिलिंग कराई.

आगरा धर्मांतरण केस का कनेक्शन आया सामने: तब पीड़िता ने बताया कि गिरोह के तार भारत के अन्य राज्यों से ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी जुड़े हैं. साथ ही ये मामला उत्तर प्रदेश में आगरा के धर्मांतरण केस से भी जुड़ा है. देहरादून पुलिस ने आगरा पुलिस से संपर्क किया और पीड़िता से मिली जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस को बताई.

फेसबुक से शुरू हुआ था लड़की फंसाने का खेल: देहरादून पुलिस के अनुसार, धर्मांतरण केस में आगरा पुलिस ने जिन्हे पकड़ा है , उनमें से कुछ आरोपितों की  संलिप्तता देहरादून में चल रही जांच में भी मिली है. देहरादून पुलिस को ये भी पता चला है कि पीड़िता के नाबालिग रहते ही फेसबुक पर उसकी दोस्ती अबू तालिब (निवासी किदवई नगर खालापार मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश) से हुई थी.

ऐसे हुआ था ब्रेनवॉश: पुलिस के अनुसार, अबू तालिब ने ही पीड़िता को  इस्लाम कबूलने को उकसाया था. आरोपित ने पीड़िता को कहा था कि उसका इस्लाम  से उसकी जिंदगी बहुत अच्छी हो जाएगी. अबू तालिब ने व्हाट्सएप पर पीड़िता को उनके मजहबी रीति रिवाज संबंधित चीजें पढ़वा कर बताया कि अब वो उसके मजहब की बन चुकी है. आआरोपिते  उसे दूसरा नाम दिया था. इतना ही नहीं, आरोपित अबू तालिब ने पीड़िता को अपने धनबाद झारखंड के दोस्त अयान से सोशल मीडिया से मिलवाया था. साथ ही पीड़िता को घर से भगाकर अयान से शादी कराने का षड्यंत्र भी रचा था.

पीड़िता को ऑनलाइन कपड़े, सिम और फोन भेजे : इसके अलावा अबू तालिब ने पीड़िता को कई और लोगों से भी मिलवाया. वहीं, अन्य आरोपित आयशा ने अबू तालिब को पैसे देकर पीड़िता को ऑनलाइन कपड़े भिजवाए. साथ ही घर से भागने को पीड़िता को फोन और सिम दिलवाया.

अयान ने पीड़िता को वीडियो भेजकर बताया कि भेजे गए सिम से एक बार ओटीपी प्राप्त कर व्हाट्सएप बिजनेस डाउनलोड करना है और उसके बाद फोन की बैटरी निकालकर फोन के दो टुकड़े कर फोन और बैटरी पानी से भरी बाल्टी में दो दिन तक रखकर कूड़े में फेंक देना है. जब तक वह सुरक्षित रूप से बाहर नहीं निकलती है (तालिब की भाषा में रेस्क्यू), केवल व्हाट्सएप से ही बात करनी है.

ऐसे बची पीड़िता की जान: पीड़िता को रानीपोखरी से बाहर निकालने कों अब्दुर रहमान ने भी लगातार संपर्क किया. तालिब और आयशा के संपर्क में रह रानीपोखरी तक कैब भी भेजी, लेकिन अंतिम समय में पीड़िता ने घबराकर बाहर निकलने से मना कर दिया. आरोपितों की योजना के अनुसार पीड़िता को सकुशल निकाल दिल्ली में अब्दुल रहमान के घर सेफ हाउस में रखा जाना था और बाद में मौका देखकर उसका धर्मांतरण कराकर अयान से निकाह कराया जाना था.

प्रेमनगर का भी एक मामला : अब्दुल रहमान ने इस कार्य के लिए एक अन्य पीड़िता को भी प्रेरित किया . उसके खाते में 25,000 रुपए भी डाले, लेकिन काम न होने पर उसने पैसे वापस मंगवा लिए थे. पीड़िता से पूछताछ करने पर यह पता चला कि देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र की एक अन्य लड़की का भी ब्रेनवॉश किया गया है. पुलिस ने उस लड़की की भी काउंसिलिंग कराई. उसके घरवालों को इस संबंध में सूचित किया गया.

देहरादून में पूरा गिरोह सक्रिय: प्रेमनगर वाले मामले में भी पुलिस ने मुकदमा लिखा है. इस मामले में 28 साल की पीड़िता की बहन ने लिखित शिकायत दी  कि उसकी बहन पढ़ाई को बरेली से देहरादून आई थी. तभी कुछ मुस्लिमों ने मतांतरण को उसका ब्रेनवॉश किया. एक बड़ा गिरोह बनाकर उसका कंवरजन कराकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने को दबाव बना रहे हैं, जिसमें आयशा उर्फ कृष्णा सहित अन्य लोग शामिल हैं. इस सूचना पर थाना प्रेमनगर पर उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अधिनियम 2018 में आयशा उर्फ कृष्णा आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

कश्मीर की एक युवती से संपर्क में आई पीड़िता: काउंसिलिंग के दौरान दूसरी पीड़िता (प्रेमनगर मामला) ने बताया कि वो मूल रूप से यूपी के बरेली की रहने वाली है. वो पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छी है, लेकिन परिवार वालों से किसी कारण उसका तालमेल नहीं बैठता. इस दौरान बरेली में दूसरे धर्म की युवती से उसकी दोस्ती हुई. आरोपी युवती ने पीड़िता का विश्वास जीतकर धीरे-धीरे अपने धर्म के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताई. उसे उनके धर्म से जुड़ा साहित्य भी पढ़ाया गया. कश्मीर की एक युवती से भी उसका संपर्क कराया गया.

धर्मांतरण के लिए किया गया प्रेरित: कश्मीर की युवती ने धर्म से संबंधित तालीम देने के लिए पीड़िता को रमजान में पुलवामा बुलाया और उसे उनका धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया. इसी दौरान पीड़िता, सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ कश्मीरी युवकों के संपर्क में भी आई. इन सभी लोगों ने मिलकर उसे धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया.

देहरादून में पढ़ाई के दौरान पीड़िता ने अपनी बनाई पेंटिंग के प्रचार और बिक्री के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था, क्योंकि वो इस दौरान देहरादून में वॉल पेंटिंग के काफी काम भी कर रही थी. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के दौरान और पहले से संपर्क में आए लोगों की सलाह पर पीड़िता ने उनके बताए कई ग्रुप ज्वाइन किए, जिनमें लड़की के संपर्क में पाकिस्तान, इजिप्ट, यूके और अन्य देशों के अलग-अलग लोग आए. सबने मिलकर लड़की को धर्म विशेष के प्रचार में योगदान देने के लिए प्रेरित किया.

एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन भी डाउनलोड कराई गई: पीड़िता ने बताया कि उससे एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन भी डाउनलोड कराया गया. वो पाकिस्तानियों के साथ लूडो खेलने लगी. उसने यह भी बताया कि जब उन लोगों से उसकी चैट होने लगी और उन्हें लगने लगा कि उसे उनके धर्म में रुचि है तो आरोपी ग्रुप में बहुत गर्मजोशी और एक सेलिब्रिटी के रूप में स्वागत करने लगे, जिससे उसे अच्छा लगता था. इससे उसका संबंधित धर्म के लिए झुकाव और ज्यादा बढ़ गया. इसी दौरान पीड़िता की बरेली की दोस्त ने साल 2022 में उसे संबंधित धर्म विशेष की तालीम दी और कहा कि अब उसका धर्मांतरण हो चुका है और उसे उसी रीति रिवाज से ही आगे की जिंदगी गुजारनी है.

पाकिस्तान के मौलवी से भी हुई बात: लूडो खेलने के दौरान पीड़िता की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई, जिसने पीड़िता को निशुल्क तालीम देने का प्रस्ताव दिया. मौलवी कई लोगों को ऑनलाइन क्लास देता था, जिनमें भारत से भी कई लोग जुड़े थे.

दुबई में रहने वाले व्यक्ति से हुए दोस्ती: लूडो खेलने के दौरान ही पीड़िता की दोस्ती तहसीन नाम के पाकिस्तानी युवक से हुई, जो दुबई में नौकरी करता था. तहसीन का एक दोस्त सुलेमान जो देहरादून का है, वह भी दुबई में ही नौकरी करता है. तहसीन के माध्यम से ही पीड़िता की पहचान सुलेमान से भी हो गई.

वहीं, इस दौरान पीड़िता मौलवी तनवीर अहमद को पढ़ाने का शुल्क देना चाहती थी, लेकिन पीड़िता के पाकिस्तानी दोस्त तहसीन ने ऐसा करने से मना कर दिया. उसने कहा कि यदि वो सीधे मौलवी साहब के खाते में पैसे डालेगी तो शक के दायरे में आ जाएगी. इसके इतर पीड़िता को सुलेमान के भारतीय खाते में पैसे डालने को कहा गया. पीड़िता ने उन लोगों की बातों में आकर ट्रांजेक्शन किया, जिसकी पुष्टि पुलिस जांच में हो रही है.

पीड़िता का आधार कार्ड पर पता बदलवाया गया: पुलिस ने बताया कि उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण कानून और यूसीसी के कारण आरोपियों को पकड़े जाने का डर था. इसलिए उन्होंने पीड़िता को धर्मांतरण व निकाह के लिए दिल्ली बुलवाया था. इसके बाद पीड़िता के आधार कार्ड पर पता दिल्ली का लिखवाया गया. आरोपी पीड़िता का कन्वर्जन प्रमाण पत्र दिल्ली से प्राप्त करने की तैयारी कर रहा था. आरोपी पीड़िता के देहरादून निवासी मित्र को भी कन्वर्ट कराकर उसका निकाह कराने का प्रयास कर रहा था. साथ ही धार्मिक कट्टरता फैलाने वाला साहित्य उपलब्ध कराने और धर्मांतरण के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भूमिका की भी पुष्टि हुई है.

दोनों ही मामलों के तार एक गिरोह से जुड़े हुए हैं. आगरा पुलिस पहले ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. देहरादून पुलिस अबू तालिब, अब्दुल रहमान, अब्दुल रहीम, अब्दुल्ला, अब्दुर रहमान और आयशा उर्फ कृष्णा को न्यायालय से वारंट बी प्राप्त कर देहरादून लाएगी.

इसके अलावा अयान और सुलेमान की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाकर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून पुलिस द्वारा अपना धर्म और पहचान को छिपाकर महिलाओं को धोखा देने वाले व्यक्तियों को भी लगातार चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जा रही है.
– अजय सिंह, देहरादून एसएसपी –

 

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