अंग्रेजी राज के 159वर्ष पुराने कानून समाप्त,तीन नये कानून पहली जुलाई से

New Criminal Laws Will Replace 159 Years Old Laws Know What Will Change All Details
अंग्रेजों के बनाए कानून पहली जुलाई से  ‘भूतकाल’, नए क्रिमिनल लॉ आने से क्या बदलेगा, समझें
New Criminal Laws 1st July: 159 साल पुराने अंग्रेजों के बनाए कानून पहली जुलाई से भूतकाल बन जाएंगे। 1 जुलाई से भारत सरकार की ओर से लाए तीन नए कानून प्रभावी हो जायेंगें । इसमें हिट एंड रन केस में ट्रांसपोर्ट ड्राइवर्स के विरोध को देखते हुए धारा 106 (2) अभी नहीं जोड़ा गया है।
नई दिल्ली 19 जून 2024। 159 साल पुराने अंग्रेजों के बनाए कानून  पहली जुलाई से’भूतकाल’ बन जाएंगे। तमाम विरोध के बावजूद 1 जुलाई से भारत के अपने तीन नए कानून लागू हो जाएंगे। इनमें हिट ऐंड रन का कानून भी है,जिसे लेकर देशव्यापी विरोध की आवाजें भी उठीं। खासकर ट्रक और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी विंग ने विरोध किया। तो… 1 जुलाई से लागू कानून के अध्यायों में क्या है हिट ऐंड रन को लेकर भ्रम और सच्चाई। जानते हैं…

पुलिस अधिकारी और कानून एक्सपर्ट ने बताया कि पीड़ितों को न्याय दिलाने और सड़क सुरक्षा को नए कानून बीएनएस की धारा 106(1), 106(2) हैं। इसमें हिट ऐंड रन की बढ़ती घटनाएं रोकने को कठोर सजा का प्रावधान है। भ्रम है कि अर्थदंड की राशि 10 लाख रुपये है। मगर यह पूरी तरह से गलत है। 10 साल की बढ़ी सजा उनके लिए है,जो हिट ऐंड रन मामले की रिपोर्ट किए बिना भाग जाते हैं। अपराध अभी भी जमानती है,धारा 106 (1) में मैजिस्ट्रेट कोर्ट से मुकदमा चलाया जा सकता है। फिलहाल विरोध देखते हुए धारा 106 (2) में 10 साल की कैद और जुर्माने के प्रावधान के संबंध में ट्रक ड्राइवरों की तरफ से उठाई गई आवाज पर सरकार ने ध्यान दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं किए गए हैं। धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा।

3 नए कानून जो 1 जुलाई से लागू होंगें
1. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023
2. भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023
3. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023

क्रिमिनल लॉ पर जरूरी बातें

कितने अध्याय, कितनी धाराएं
1. BNS (भारतीय न्याय संहिता) में 20 अध्याय हैं
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 358 धाराएं हैं, IPC 1860 में 511 धाराएं थीं

क्रूर और आदतन अपराधी को लगेगी हथकड़ी
नए कानून में पुलिस को यह अधिकार  हैं कि आदतन, बार-बार हिरासत से भागने वाले कुख्यात अपराधी,  गैंगवार,संगठित गिरोह,आतंकवादी कृत्य,अवैध हथियार, हत्या,रेप,एसिड हमला,नकली नोट और देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के खिलाफ अपराध में बंदी को  पुलिस परिस्थिति के हिसाब से हथकड़ी पहना सकती है।

 ‘तीन नए क्रिमिनल लॉ को रोक लें…’, 1 जुलाई से लागू होने वाले कानूनों पर कांग्रेस, बताई कमियां 
तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। दरअसल कांग्रेस का दावा है कि तीनों कानूनों का क्रियान्वयन भारत की न्याय व्यवस्था में बाधा डालने जैसा होगा। कांग्रेस नेता ने मांग की कि तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि इनमें शामिल कुछ प्रावधान नागरिक स्वतंत्रता पर व्यापक हमला हैं।

  ‘तीन नए क्रिमिनल लॉ रोक लें…’, 1 जुलाई से प्रभावी कानूनों में कमी बता कांग्रेस ने किया आग्रह 
1 जुलाई से लागू होने वाले कानूनों से कांग्रेस को परेशानी 
तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर कांग्रेस को आपत्ति 
भारत की न्याय व्यवस्था में ‘बाधा डालने के समान’: मनीष तिवारी

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर निशाना साधा। उन्होंने तर्क दिया कि यह कानून उस समय पारित किया गया जब रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया था और यह संसद के ‘सामूहिक विवेक’ को प्रतिबिंबित नहीं करता है।

तिवारी ने कानून मंत्री मेघवाल पर ‘सच्चाई से कंजूसी’ करने का आरोप लगाया और कहा कि तीनों कानूनों का क्रियान्वयन भारत की न्याय व्यवस्था में ‘बाधा डालने के समान’ होगा। कांग्रेस सांसद ने मांग की कि तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि इनमें शामिल कुछ प्रावधान ‘नागरिक स्वतंत्रता पर व्यापक हमला’ हैं।

The Law Minister @arjunrammeghwal is being economical with the truth .

The three new Criminal Laws were arbitrarily passed in Parliament after suspending a record 146 MP’s belonging to the opposition.

These three Laws therefore reflect the will of only a section of Parliament…

— Manish Tewari (@ManishTewari) June 17, 2024
मेघवाल के कहे बढ़ा विवाद
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री मेघवाल ने रविवार को कहा कि नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। इससे पहले मेघवाल ने कहा था कि आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव हो रहा है। उचित परामर्श प्रक्रिया का पालन करने और भारतीय विधि आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए तीनों कानून बदले गए  है।

Arjun Meghwal Said Three New Laws Will Be Implemented From 1 July No Review On It
पुनर्विचार का सवाल ही नहीं… कानून मंत्री ने कहा- 1 जुलाई से ही लागू होंगे तीनों नए क्रिमिनल लॉ
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विभिन्न कानूनी पहलुओं और विशेषज्ञों की उठाई चिंताओं पर विचार करते हुए 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इन तीन नए कानूनों फिर से विचार का सवाल ही नही है।

1-1 जुलाई से देश में लागू हो जाएंगे तीनों नए कानून
2-कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कर दिया क्लियर
3-कहा- इनपर पुनर्विचार करने का सवाल ही नहीं

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने स्पष्ट किया है कि एक जुलाई से तीनों नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा रहे हैं। नए कानून को अमल में लाने के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और उस पर कोई पुनर्विचार नहीं हो रहा है। हाल ही में सीनियर क्रिमिनल लॉयर इंदिरा जय सिंह ने कानून को लागू न करने को लेकर कानून मंत्री को पत्र लिखा था। साथ ही कई अन्य कानूनी जानकारों ने इस पर सवाल उठाया था।

केंद्र सरकार के आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह तीन नए क्रिमिनल कानूनों को एक जुलाई से लागू करने  के लिए 24 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी हो गया था। नए कानून में आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेगा। हालांकि, नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल स्थगित कर दिया है, यह फिलहाल लागू नहीं होगा। यह प्रावधान हिट एंड रन  अपराध से संबंधित है। इस प्रावधान के विरोध में जनवरी के पहले हफ्ते में देश भर में ड्राइवरों ने हड़ताल की थी, तब केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि यह कानून ड्राइवर यूनियन से चर्चा के बाद प्रभावी होगा।

कुल 358 धाराएं और 20 नए अपराध परिभाषित हैं
भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं हैं और उसमें 20 नए अपराध परिभाषित किये गये हैं। इनमें स्नैचिंग से लेकर मॉब लिंचिंग तक शामिल हैं। साथ ही 33 अपराधों में सजा बढ़ाई गई है। साथ ही 83 ऐेसी धाराएं या अपराध हैं, जिनमें जुर्माने की राशि भी बढ़ी है। 23 अपराध ऐसे हैं, जिनमें न्यूनतम सजा का उल्लेख नहीं था। इनमें न्यूनतम सजा शुरू की गई है। 19 धाराएं ऐसी हैं, जिन्हें हटा दिया गया है। साथ ही सजा के तौर पर सामाजिक और समुदायिक सेवा भी रखी गई है, पहले यह नहीं था। राजद्रोह जैसे अपराध को अब नए कानून में हटा दिया गया। बीएन 2 संहिता की धारा-113 में आतंकवाद से संबंधित परिभाषा और सजा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में नए प्रावधान
सीआरपीसी में जहां कुल 484 धाराएं थीं, वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। कुल 177 ऐसे प्रावधान हैं, जिनमें संशोधन हुआ है। नौ नई धाराएं और कुल 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं। 14 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है। बीएनएसएस, 2023 में सबूतों के मामले में ऑडियो-विडियो इलेक्ट्रॉनिक्स तरीके से जुटाए जाने वाले सबूतों को प्रमुखता दी गई है। नए कानून में किसी भी अपराध को जेल में अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को उसके निजी बांड पर रिहा करने का प्रावधान रखा गया है। वहीं, भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं होंगी। पहले के इंडियन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धाराएं थीं। 6 धाराओं को निरस्त किया गया है और 2 नई धाराएं और 6 उप धाराओं को जोड़ा गया है। ऐसा प्रावधान किया गया है कि गवाहों की सुरक्षा के लिए कानून होगा।

कौन-कौन से है वें आपराधिक कानून?
तीन आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – पिछले वर्ष संसद में पारित किए गए थे, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।

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