157 साल में रिकार्ड तापमान 43.5° सैल्सियस से झुलसी दून घाटी
Doon Valley Is Scorching: Never In 157 Years Has There Been So Much Heat
झुलस रही है दून घाटी : 157 साल में कभी नहीं पड़ी इतनी गर्मी, उत्तराखंड की राजधानी में ध्वस्त हुए सारे रिकॉर्ड
देहरादून 1 जून 2024.शुक्रवार को दून का अधिकतम तापमान सात डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 43.2 दर्ज किया गया। दून में पारा कभी इतना ऊपर नहीं गया, जितना 31 मई 2024 को रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग एक जनवरी 1867 से देहरादून में तापमान की गणना कर रहा है, इसमें 43.2 डिग्री मई में अब तक का सबसे अधिक तापमान है।
भीषण गर्मी – फोटो :
अपने ठंडे और मोहक मौसम को प्रसिद्ध दून घाटी इन दिनों भीषण गर्मी से झुलस रही है। शुक्रवार को दून का अधिकतम तापमान सात डिग्री वृद्धि के साथ 43.2 दर्ज किया गया। दून में पारा कभी इतना ऊपर नहीं गया, जितना 31 मई 2024 को रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग एक जनवरी 1867 से देहरादून में तापमान की गणना कर रहा है, इसमें 43.2 डिग्री मई में अब तक का सबसे अधिक तापमान है।
शिवालिक की पहाड़ियों से घिरी दून घाटी में मई के दूसरे सप्ताह से ही प्रचंड गर्मी और गर्म हवाएं लोगों को परेशान कर रही हैं। इस बीच कई बार शहर का अधिकतम तापमान 40 के पार रहा। ये भीषण गर्मी दिन के साथ रात को भी बेचैन कर रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, कि एक जनवरी 1867 से दून का तापमान अंकित हो रहा है। इसके आधार पर सबसे पहले गर्मी ने साल 1988 में रिकॉर्ड तोड़ा था। इस साल दून का अधिकतम तापमान 42.8 अंकित हुआ था। इसके बाद साल 2012 में 43.1 रिकॉर्ड हुआ। 31 मई 2024 को गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़े और पारा 43.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं, देहरादून हवाईअड्डे पर 43.5 डिग्री तापमान रिकार्ड हुआ।
तेज गर्जन के साथ झोंकेदार हवा की चेतावनी
प्रदेश के पांच पर्वतीय जिलों में तेज गर्जन के साथ झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना है। केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक पर्वतीय जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज गर्जन के साथ 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा इन जिलों के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन के साथ हल्की वर्षा भी हो सकती है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा।
आज 42 डिग्री जा सकता है पारा
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार आज शनिवार भी अधिकतम तापमान 42 डिग्री रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, कि तापमान में हो रही वृद्धि से मैदान में गर्म हवाएं चल रही हैं। आने वाले दिनों की बात करें तो जून के पहले सप्ताह के बाद तापमान में कमी देखने को मिल सकती है।
यह रहा तापमान
अधिकतम न्यूनतम
देहरादून 43.3 25.4
पंतनगर 42.1 24.1
मुक्तेश्वर 30.6 13.5
नई टिहरी 30.6 15.1
उत्तराखंड में 21 प्रतिशत कम वर्षा
प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी के बढ़ते ताप का मुख्य कारण वर्षा कम होना भी है। मई के पूरे महीने में बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां 21 प्रतिशत तक मेघ कम बरसे हैं। हरिद्वार जिले में तो एक बूंद भी वर्षा नहीं हुई। दूसरे नंबर पर देहरादून जिले में सामान्य से 83 प्रतिशत कम वर्षा हुई। उधर तीसरे स्थान पर सबसे कम वर्षा ऊधमसिंह नगर जिले में हुई। यहां 81 प्रतिशत कम मेघ बरसे। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है वर्षा न होने से तापमान में भी वृद्धि हो रही है।
बांग्लादेश के चक्रवात ने बढ़ाया उत्तराखंड का पारा
बीते रविवार को बांग्लादेश में आए खतरनाक चक्रवाती तूफान रेमल ने उत्तराखंड का पारा भी चढ़ा दिया। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है बीते कुछ दिनों से 40° के पार पहुंच रहे तापमान का मुख्य कारण चक्रवाती तूफान ही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, कि 26 मई को पश्चिम बंगाल के कैनिंग और बांग्लादेश के मोंगला में चक्रवाती तूफान आया था, जो बाद में हवाओं के रूप में परिवर्तित हो गया। तापमान बढ़ने के साथ यह हवाएं गर्म हो गईं और इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान और पंजाब में पड़ा। साथ ही उत्तराखंड में भी रेमल की हवाओं का असर देखने को मिला। इसके चलते यहां के तापमान ने गत 157 वर्षों का रिकॉर्ड तोड दिया।
India Meteorological Department Heat Wave Nagpur Did Not Log 56C MeT Says Reading Likely Due To Sensor Glitch
IMD: नागपुर में सच में 56 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान? जानें नए रिकॉर्ड पर क्या बोला मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में भीषण लू की स्थिति बनी रही। कई क्षेत्रों पर अधिकतम तापमान 47-48 डिग्री सेल्सियस अंकित हुआ। इसे देख एक जून को उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।
क्षेत्रीय मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि नागपुर में 56 डिग्री सेल्सियस ताप अंकन में गलती है। यह सेंसर की खराबी से अंकित हुआ । विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें उपकरण रखने का तरीका और कैलिबिरेशन भी शामिल है।
स्वचालित सिस्टम में खराबी से अंकित हुई गलत रीडिंग
क्षेत्रीय मौसम विभाग ने कहा, “स्वचालित सिस्टम विभिन्न कारकों जैसे साइट की स्थिति, सेंसर की खराबी के कारण गलत रीडिंग बता सकते हैं।” बता दें कि बुधवार को दिल्ली में स्थित एक क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने 52.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया था। मौसम विभाग ने बताया कि वे इसकी पुष्टि कर रहे हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा, “हमारे कुछ वैज्ञानिक बता रहे हैं कि स्वचालित सेंसर अधिक तापमान के कारण खराब हो सकते हैं। हम इन रिकॉर्डों और मशीनों के सभी पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं।” स्काईमेट वेदर के जलवायु और मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि अगर स्वचालित मौसम स्टेशन को अत्याधिक तापमान सीमा के लिए कैलिब्रेट नहीं किया गया है, इसलिए यह गलत रीडिंग दे सकती है।
कई इलाकों में तापमान 50 के करीब पहुंचा
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में भीषण लू की स्थिति बनी रही। कई इलाकों पर अधिकतम तापमान 47-48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसे देखते हुए एक जून को उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।