तीन मुकदमों में 19NAMED,मंडलायुक्त रावत करेंगें हल्द्वानी हिंसा मजिस्ट्रेटी जांच
हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटा गिरफ्तार, सपा नेता के भाई को भी पुलिस ने किया अरेस्ट
Haldwani violence mastermind arrested हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटा पुलिस के हाथ आने की खबर गलत निकली हैं. पुलिस ने सपा नेता के भाई को जरूर हल्द्वानी हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है.हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस ने तीन मुकदमे लिखे हैं. इनमें 19 नामांकित समेत पांच हजार लोगों पर मुकदमा अंकित हुआ है.
हल्द्वानी 10 फरवरी 2024 । : उत्तराखंड के हल्द्वानी में आठ फरवरी को भड़की हिंसा की आग अब धीरे-धीरे ठंडी होने लगी है.शहर में हालात पहले जैसे सामान्य होने लगे हैं.कुछ इलाकों में पुलिस ने कर्फ्यू हटा है.हालांकि बनभूलपुरा थाना क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अभी भी कर्फ्यू लगा है.पुलिस ने उपद्रवियों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है,जिसकी जानकारी खुद नैनीताल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने दी.
हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड: हल्द्वानी हिंसा का सूत्रधार यानी मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे को माना जा रहा है.जिन्हें पुलिस की पकड़ में बताया गया था लेकिन वे अभी फरार ही है. सपा नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को जरूर पुलिस ने पकड़ा है.इन पर हिंसा भड़काने का आरोप है.पुलिस का कहना है कि ये हिंसक भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.
पांच हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा: नैनीताल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि हल्द्वानी हिंसा में अभी तक पुलिस ने तीन मुकदमे लिखे हैं.19 नामांकित समेत पांच हजार लोगों पर मुकदमा लिखा है.19 नामांकित में से पांच को पुलिस ने पकड़ लिया है.उन्होंने बताया कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में भड़की हिंसा काबू में करने को मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद गोली चलानी पड़ी थी.
अब्दुल मलिक पर हिंसा भड़काने का आरोप: पुलिस का कहना है कि मलिक के बगीचे में अवैध निर्माण अब्दुल मलिक ने ही किया था.8 फरवरी शाम प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम अवैध निर्माण गिराने गई तब अब्दुल मलिक ने ही इसका विरोध किया,जिसके बाद लोग उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस-प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम पर हमला बोल दिया था.इसीलिए शुरुआती सूत्रधार अब्दुल मलिक और उसके बेटे को ही माना जा रहा है.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए: पुलिस ने अब्दुल मलिक और उसके बेटे समेत 19 लोगों के खिलाफ नामांकित मुकदमा लिखा है. पुलिस इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है,उनके आधार पर उपद्रवी चिन्हित किये जा रहे हैं. इसके अलावा मीडिया के कुछ फुटेज भी देखे जा रहे हैं. कई उपद्रवी अंडरग्राउंड हैं, जिसकी तलाश हो रही है.
आठ फरवरी को क्यों हिंसा की आग में जला था हल्द्वानी: आठ फरवरी शाम को जिला प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में ‘मलिक का बगीचा’ इलाके में अवैध मदरसे और अवैध नमाज स्थल तोड़ने पहुंची थी. जैसे ही टीम ने अवैध निर्माण तोड़ना शुरू किया तो वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.
पुलिस ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग पुलिस की सुनने को तैयार ही नहीं थे और भीड़ ने पुलिस-प्रशासन और नगर निगम टीम पर हमला कर दिया. चारों तरफ से पुलिस पर पथराव हुआ तो हालात बेकाबू हो गए.
देर शाम तक हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण के बाहर थी.उपद्रवियों ने पुलिस पर हमले के साथ वाहन फूंकने शुरू कर दिए. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी. थाने के बाहर खड़े वाहन भी जला दिये.
हल्द्वानी हिंसा में अभी तक पांच मौतें हो चुकी है। कई की हालात गंभीर है. 100 पुलिसकर्मियों समेत 300 से ज्यादा हल्द्वानी हिंसा में चोटिल हुए. फिलहाल हल्द्वानी में स्थिति नियंत्रित है. बनभूलपुरा थाना क्षेत्र और उसके आसपास छोड़कर बाकी शहर से कर्फ्यू हटा है. हालांकि धारा 144 लागू रहेगी.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने थानेदार मुखानी,सहायक नगर आयुक्त और थाना प्रभारी बनभूलपुरा की लिखित शिकायत पर 18 नामांकित समेत पांच हजार उपद्रवियों पर मुकदमा लिखा है। उपद्रवस्थल और आसपास से पांच शव मिले हैं। एक की मौत बरेली ले जाते समय हो गई,हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
हल्द्वानी हिंसा में बदायूं के युवक की भी हुई थी मौत
हल्द्वानी में हुए बवाल में बदायूं के सहसवान कस्बे के युवक की भी मौत हुई। उसके सिर में गोली लगी थी। उसे बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को उसके परिजनों ने शव चुपचाप लाकर दफन कर दिया
हिंसा की होगी मजिस्ट्रीयल जांच
हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना इलाके में हुई हिंसा की घटना की मजिस्ट्रीयल जांच होगी। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को थाना बनभूलपुरा, हल्द्वानी और निकटवर्ती इलाकों में हुई हिंसात्मक घटना की मजिस्ट्रियल जांच के लिए जांच अधिकारी नामित किया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश पर मंडलायुक्त दीपक रावत मजिस्ट्रीयल जांच करेंगे। कुमाऊं आयुक्त को 15 दिनों के भीतर घटना की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग कब्जे में ले ली है।
दमुवाढूंगा में किराएदार को हटाने के लिए 5 दिन का दिया समय
बनभूलपुरा में हुए बवाल का असर शहर के अन्य इलाके में भी है। दमुवाढूंगा के मल्ला चौफला क्षेत्र में राजू आर्या के घर में रह रहे मुस्लिम परिवार को हटाने कुछ लोग पहुंच गए। जानकारी पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद पांच दिन में परिवार से घर छोड़ने को कहा गया है। वहीं तारा सिंह मेहरा के किराए की दुकान भी खाली करने को स्थानीय लोगों ने कहा है।
कर्फ्यू के कारण कम दिखे वाहन
कर्फ्यू से नैनीताल रोड, बरेली रोड, रामपुर रोड, कालाढूंगी रोड में सन्नाटा दिखाई दिया। नैनीताल रोड में वाहन चले लेकिन उनकी संख्या काफी कम थी। अधिकतर वाहन विभागीय अधिकारियों,पुलिस और प्रशासन के ही दिखे। शाम को सड़कों में लोग भी नहीं दिखे।
इंटरनेट सेवा रही बंद, लोग रहे परेशान
बनभूलपुरा क्षेत्र में बवाल के बाद सुरक्षा के दृष्टिगत शहर में इंटरनेट सेवा बंद करने से जनजीवन काफी प्रभावित रहा। कर्फ्यू से घरों में कैद लोग बिना इंटरनेट काफी परेशान रहे। शहर में बृहस्पतिवार रात दस बजे से इंटरनेट बंद कर दिया गया था। बीएसएनएल,वोडाफोन,एयरटेल,जियो समेत अन्य नेटवर्क पर इंटरनेट सेवा संचालित नहीं हो पाई। इससे सैकड़ों यूजर्स सूचना अभाव में परेशान रहे। इंटरनेट सेवा बंदी से वर्क फ्राॅम होम से जुड़े लोगों का काम प्रभावित रहा। परीक्षा की तैयारी करते विद्यार्थी भी परेशान हुए। बीएसएनएल के डीजीएम भीम बहादुर ने बताया कि पुलिस प्रशासन से जब तक अनुमति नहीं मिलेगी तब तक संचार सेवा सुचारु नहीं होगी। शहर के बाहरी क्षेत्र में भी इंटरनेट बंद किया जा रहा है, जिससे किसी भी प्रकार सोशल मीडिया के पोस्ट या अन्य किसी माध्यम से शहर में अराजकता न बने।
देवभूमि की फिजा खराब करने का प्रयास किया, अब कानून अपना काम करेगा : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि का वातावरण बिगाड़ा गया है। ऐसा कभी नहीं हुआ। कानून अपना काम करेगा। पत्रकारों से वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध अतिक्रमण हटाने टीम गई थी,उस पर सुनियोजित हमला हुआ। पुलिस कर्मियों,अधिकारियों पर हमले,विशेषकर महिला पुलिसकर्मियों से मार-पीट असहनीय है। जिन्होने सरकारी संपत्ति या निजी संपत्ति नष्ट की,उन उपद्रवियों को चिह्नित कर उनसे नुकसान की भरपाई कराई जाएगी।
करीब पांच करोड़ के नुकसान का अनुमान
उन्होंने उपद्रवियों पर एनएसए लगाने की बात कही। सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने बताया कि नगर निगम को करीब पांच करोड़ के नुकसान का अनुमान है। पुलिस नुकसान का आकलन कर रही है। एक अनुमान से एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान पुलिस को हुआ। इस बीच दूसरे शहरों से पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान बुलाये गये है।