यूक्रेन में हैं उत्तरांखड के 188 नागरिक,हैल्पलाइन जारी

Russia Ukraine Crisis यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा हैं। उत्‍तराखंड के भी करीब 188 नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इसमें सबसे ज्‍यादा 39 लोग देहरादून जनपद के हैं। वहीं हरिद्वार के 26 लोग शामिल हैं।

देहरादून 26 फरवरी।: Russia Ukraine Crisis: मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के कुल 188 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। हम विदेश मंत्रालय और भारत सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। हमारे अधिकारी हमारे छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहे हैं। माता-पिता को उनके बच्चों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया है। उधर, डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर 112 है।

शासन ने 188 उत्तराखंड के नागरिकों की लिस्ट विदेश मंत्रालय को भेजी

यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की संख्या 188 हो गई है। शनिवार दोपहर तक हेल्पलाइन नंबर पर 188 नागरिकों के यूक्रेन में होने की सूचना है। शासन की ओर से यह लिस्ट विदेश मंत्रालय को भेज भेज दी है।

शासन की ओर से दो और नोडल अधिकारी बनाएं

शासन की ओर से शुक्रवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी रेणुका व पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार को नोडल अधिकारी बनाया है। कोई भी व्यक्ति डीआइजी पी रेणुका के मोबाइल 7579278144 और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के मोबाइल नंबर 983778889 पर संपर्क कर सकते हैं

यूक्रेन में फंसे दून के छात्रों के लिए हेल्पलाइन शुरू

यूक्रेन में फंसे देहरादून के छात्रों के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन शुरू की है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा ने बताया कि रूस व यूक्रेन के युद्ध के चलते विकट हुए हालात में उत्तराखंड के नागरिक वतन लौट पाने में असमर्थ हो गए हैं। ऐसे में यूक्रेन में फंसे व्यक्ति 01352726066, 1077 (टोल-फ्री) व 7534826066 पर फोन कर नाम, यूक्रेन में पता, मोबाइल नंबर आदि का विवरण दर्ज करा सकते हैं। ई-मेल से deoc.pgrc.ddn@gmail.com पर भी जानकारी भेज सकते हैं। इसके अलावा सहायता के लिए आपातकालीन नंबर 112 पर भी काल कर सकते हैं। 9411112972 वॉट्सएप नम्बर पर लोग डिटेल भेज सकते हैं.

पुलिस ने ये डेटा मांगा

वास्तव में राज्य सरकार के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सभी ज़िलों के डीएम और एसपी को एक आदेश जारी कर यह डेटा मांगा है कि किस ज़िले से कितने लोग यूक्रेन में हैं. इस आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस डेटा जुटाने की कवायद शुरू कर रही है. यूक्रेन में रहने वाले व्यक्तियों के नाम, घर का स्थाई पता, यूक्रेन के एड्रेस, मेल आईडी, पासपोर्ट नम्बर, मोबाइल नम्बर जैसी जानकारियां मांगी गई हैं.

यूक्रेन के हालात से क्या है चिंता?

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ जाने के कारण देश और उत्तराखंड के कई लोग वहां फंस गए हैं. युद्ध के चलते वहां इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं, फ्लाइट्स बंद हो गई हैं या अवरुद्ध हैं और तो और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन तक नहीं हो पा रहे हैं. यानी संपर्क पूरी तरह से कटने के हालात बन गए हैं. इन स्थितियों के चलते यूक्रेन में रह रहे लोगों के परिजनों का हाल बेहाल है और वह उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार के पास गुहार लगा चुके हैं.

छात्रों के सकुशल स्वदेश वापसी के लिए किया गंगा पूजन

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पूजन-अर्चना कर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं की सकुशल स्वदेश वापसी की प्रार्थना की। साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध को समाप्त होने की भी प्रार्थना की। महिला गंगा आरती में शांति, आचार्य अभिनव पोखरियाल, आचार्य विजेंद्र गौड़, प्रीति अग्रवाल, अनीता, सरिता आदि मौजूद रहे।

टिहरी के नौ छात्र और पांच होटलकर्मी यूक्रेन में फंसे

जिले के नौ छात्र और पांच होटलकर्मी यूक्रेन में फंसे हैं। सभी अपने स्वजन के संपर्क में हैं और स्वदेश वापसी की मांग कर रहे हैं। टिहरी पुलिस ने की सूची शासन को भेज दी है। बौराड़ी निवासी मान सिंह रौतेला का बेटा यूक्रेन की राजधानी कीव में एमबीबीएस कर रहा है वह प्रथम वर्ष का छात्र है। पारस के पिता मान सिंह का कहना है कि उनकी शुक्रवार सुबह अपने बेटे से बात हुई है।

यूक्रेन में फंसे छह छात्र ऋषिकेश के

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। जिनको उत्तराखंड वापस लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की। यूक्रेन में फंसे ऋषिकेश के छह छात्रों के स्वजन से वार्ता कर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संयम बनाए रखे ।जल्द सभी छात्रों को स्वदेश लाया जाएगा। वहीं, कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने ऋषिकेश की बेटी तमन्ना त्यागी ओर हरीश पुंडीर को वतन वापसी करवाने को लेकर अपने स्तर से उच्च अधिकारियों से बात की है। ऋषिकेश निवासी तमन्ना त्यागी एमबीबीएस की छात्रा है वो भी वहां फंसी हैं।

पोलैंड बॉर्डर पर किस हाल में हैं भारतीय? यूक्रेन से देहरादून की नमिता ने भेजी सूचना

अपने परिवार के साथ नमिता धीमान.

नमिता की बातों से भारतीयों के साथ भेदभाव (Discrimination Against Indians) किए जाने के संकेत भी मिल रहे हैं.यूक्रेन में खास तौर से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए भारत के कई स्टूडेंट्स (Indian Students in Ukraine) हैं. रूस के हमले के बाद यूक्रेन में उत्तराखंड के भी 180 (Uttarakhand Students in Ukraine) के फंसे होने की आशंका है. इन्हीं में से एक देहरादून की नमिता ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से खास तस्वीरें और रिपोर्ट भेजी है कि वहां भारतीयों के सामने क्या संकट पेश आ रहा है.

इंडियन एंबेसी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को पोलैंड बॉर्डर पर जाने के लिए कहा था, जिसके बाद अधिकतर भारतीय नागरिक पोलैंड बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां से निकल पाना भी टेढ़ी खीर हो गया है. देहरादूनवासी यूक्रेन में फंसी स्टूडेंट नमिता धीमान ने पोलैंड बॉर्डर से कुछ तस्वीरें भेज बताया है कि पोलैंड बॉर्डर पर क्या स्थितियां चल रही हैं और कैसे वहां भारतीयों को परेशानियां हो रही हैं.

जैसे ही भारतीयों को पोलैंड बॉर्डर के थ्रू यूक्रेन से निकाले जाने के निर्देश मिले, बॉर्डर के पास बहुत ज्यादा जाम और भीड़ हो गई. नमिता ने जो तस्वीरें भेजी हैं, उनमें स्टूडेंट्स बस में बैठे हुए नज़र आ रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि पोलैंड बॉर्डर पर स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि यूक्रेनी नागरिक भी पोलैंड के ज़रिये विदेशों की तरफ जाने की कोशिश कर रहे हैं. पोलैंड बॉर्डर पर भीड़ बढ़ जाने की वजह से स्थिति असामान्य बनती जा रही है. अब भारत सरकार से नमिता समेत स्टूडेंट्स गुहार लगा रहे हैं कि उनको युक्रेन से सकुशल निकाला जाए.

5 किलोमीटर का जाम पैदल पार किया

नमिता ने बताया कि उन्होंने अपने साथियों के साथ पोलैंड बॉर्डर पर लगा लंबा जाम पैदल पार किया. जाम की हालत यह है कि उन्हें 4 से 5 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा. वहां यूक्रेनी नागरिक भारतीयों को रोककर कह रहे हैं कि यूक्रेनी महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता से सुरक्षित निकाला जाएगा. नमिता बॉर्डर पर अपने साथियों के साथ भारतीय दूतावास की मदद का इंतज़ार कर रही हैं और पल पल बदल रहे हालात को लेकर कई तरह के संशयों में भी हैं.

लिविंव में पढ़ने गई हैं नमिता

यूक्रेन में MBBS की सेकंड ईयर की स्टूडेंट देहरादून के लाडपुर की नमिता धीमान लगातार वीडियो कॉल और संदेशों से बातचीत कर रही हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव से 400 किलोमीटर दूर लिविंव शहर में पढ़ने गईं नमिता ने एक दिन पहले ही बताया था कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों से संपर्क साधा था और इंडियन एंबेसी ने पोलैंड बॉर्डर के रास्ते से भारत लौटाने की बात कही थी.

एक और VIDEO ‘एम्बेसी से कॉंटैक्ट नहीं हो रहा, प्लीज़ मदद कीजिए’

चंपावत से कमलेश ​भट्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन से एक और वीडियो संदेश मिला है. इसमें स्टूडेंट्स के एक दल ने कहा कि पूरा ग्रुप विनित्ज़िया में फंसा हुआ है. वहां एम्बेसी से उन तक कोई मदद नहीं पहुंच रही और वो भी एम्बेसी को कॉंटैक्ट नहीं कर पा रहे. इस ग्रुप का कहना है कि उन्हें विनित्ज़िया का एयरपोर्ट उड़ा दिए जाने की खबर मिली है और वो बेहद डरे हुए हैं क्योंकि बंकर भी सेफ नहीं हैं. इस ग्रुप को यह भी पता नहीं चल रहा है कि पोलैंड कैसे जाया जाए या भारत लौटने के लिए क्या उपाय क्या किया जाए.

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