18वीं लोकसभा को प्रचार समाप्त: मतदान पहली और परिणाम चार जून को

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मंगलसूत्र, मुस्लिम, मंदिर, महंगाई से लेकर संविधान तक… ​18वीं लोकसभा चुनाव का प्रचार खत्म,7 चरणों में कब क्या हुआ जान लीजिए
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है। अब 1 जून को वोट डाले जाएंगे। इस बार चुनाव में मुस्लिम, मंगलसू्त्र मंदिर से लेकर संविधान और आरक्षण के मुद्दे छाए रहे। इसके अलावा महंगाई और बेरोजगारी को भी विपक्ष ने प्रमुखता से उठाया। आइए नजर डालते हैं, इन 7 चरण के बीच प्रमुख घटनाओं पर।

नई दिल्ली 30 मई 2024: देश में लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 4 जून को चुनाव परिणाम आ जायेंगें । इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव घोषित किए थे। चुनाव घोषणा से ही आचार संहिता लागू हो गई और भाजपा नीत एनडीए और कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन ने अपनी चुनाव रणनीति को धार देना शुरू किया। सात चरणीय चुनाव में कांग्रेस ने बेरोजगारी, महंगाई, जातिगत जनगणना के साथ ही संविधान  बचाने के विषय जनता के बीच रखे। वहीं, एनडीए सरकार ने मोदी सरकार के 10 साल की उपलब्धियां जनता के बीच रखीं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री  मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाए। मोदी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने पर गरीब महिलाओं के मंगलसूत्र छीन लेगी। लोगों की संपत्ति अधिक बच्चों वालों में बांट देगी। जानें कि 7 चरण के चुनाव की प्रमुख घटनाएं क्या-क्या रहीं।


प्रधानमंत्री   मोदी पहले चरण के मतदान से अप्रैल के शुरुआती 10 दिनों में अब तक 20 से ज्यादा रैलियां और रोड शो कर चुके थे। इसके अलावा कई न्यूज चैनल और मैगजीन में इंटरव्यू दिए। इसके पहले माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया था। इसमें उन्होंने विज्ञान, हेल्थ सेक्टर, क्लाइमेट समेत कई विषयों पर विशेष चर्चा की। प्रधानमंत्री   मोदी ने बिल गेट्स के इंटरव्यू की जानकारी खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी ।  प्रधानमंत्री मोदी कई प्रमुख गेमिंग क्रिएटर्स से भी मिले जिनमें अनिमेष अग्रवाल, मिथिलेश पाटणकर, पायल धरे, नमन माथुर और अंशू बिष्ट शामिल थे। 5 अप्रैल को कांग्रेस का घोषणापत्र भी जारी हुआ। घोषणापत्र में 5 न्याय और 25 गारंटी शामिल थी। 14 अप्रैल को भाजपा  ने घोषणा पत्र जारी किया था। पहले चरण वोटिंग से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी को जनता से समर्थन मांगने को ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान शुरु किया।


दूसरे चरण में कांग्रेस और भाजपा परस्पर अधिक हमलावर हुए। इस चरण में भाजपा की तरफ से चुनाव प्रचार में मंगलसूत्र की एंट्री हुई। कांग्रेस के घोषणापत्र का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान चुनावी रैली में आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति घुसपैठियों और उन लोगों को बांट सकती है, जिनके अधिक बच्चे हैं। प्रधानमंत्री  मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान की भी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी लगातार इस विषय को उठा आरोप लगाते दिखे कि कांग्रेस सत्ता में आई तो महिलाओं से मंगलसूत्र भी छीन लेगी। कांग्रेस ने इस आरोप को पूरी तरह से नकारा। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस ने देश के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को 70 साल तक उनके अधिकारों से ‘वंचित’ रखकर उनसे ‘अन्याय का पाप’ किया है। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में इसकी सजा मिलेगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने दूसरे चरण में लोगों से संविधान बचाने और समावेशी विकास को वोट करने की अपील की। राहुल गांधी ने लोगों से अपील की थी कि वे लोकतंत्र की रक्षा को अपने घरों से ‘संविधान के सिपाही’ बनकर बाहर निकलें। दूसरी तरफ भाजपा ने आरक्षण को लेकर विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लिया।


तीसरे चरण के मतदान से पहले पूर्व प्रधानमंत्री    एचडी देवगौड़ा के पोते और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित सेक्स वीडियो लीक हो गए। प्रज्वल पर बलात्कार और छेड़छाड़ के मुकदमें लिखे गए। रेवन्ना से जुड़े सेक्स वीडियो मामले की जांच को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित हुई। उनके पिता और विधायक एचडी रेवन्ना को एक महिला का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेजा गया। प्रज्वल ने मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया था। उनके खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी हुआ। इसके बाद कांग्रेस को बैठे-बिठाए भाजपा पर हमलावर होने का मौका मिल गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 4 मई प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए। खास बात है कि खुद प्रधानमंत्री    मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के समर्थन में रैली कर वोट मांगा था। प्रज्वल ने एक मई को फेसबुक पर एक पोस्ट में सात दिन में भारत लौटने की बात कही थी लेकिन प्रज्वल के वापस लौटने के कोई संकेत नहीं मिले थे। हालांकि, अब 31 मई को प्रज्वल के भारत लौटने की बात कही जा रही है।


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति को लेकर कथित घोटाले को लेकर जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया। कोर्ट ने केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण कर और वापस जेल आने का आदेश दिया। अदालत से यह जमानत केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए दी गई थी। केजरीवाल की रिहाई के बाद पूरा विपक्षी धड़े वाला इंडिया गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस, टीएमसी से लेकर डीएमके ने इसे न्याय की जीत बताया। केजरीवाल की रिहाई बाद आप कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ अपने नेता का स्वागत किया। मुख्यमंत्री  ने रिहाई के बाद अगले दिन कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट से आप उम्मीदवार सही राम पहलवान के समर्थन में रोड शो किया। रोड शो में आप के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। केजरीवाल ने रोड शो समाप्त होने पर कहा था कि मैं जेल से रिहा होने के बाद सीधे आपके पास आया हूं। मुझे दिल्ली वालों की बहुत याद आती थी। मैं उन करोड़ों लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने प्रार्थना की और मेरे लिए आशीर्वाद भेजा। केजरीवाल ने देर शाम पूर्वी दिल्ली से आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के समर्थन में अपना दूसरा रोड शो किया।


पांचवे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री   मोदी ने शेयर बाजार को लेकर भविष्यवाणी की। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि 4 जून के नतीजों के बाद सेंसेक्स ऐसा झूमेगा कि शेयर मार्केट के प्रोग्रामर भी थक जाएंगे। प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि उनके 10 साल के कार्यकाल में सेंसेक्स ने 25 से 75 हजार तक का शानदार सफर तय किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चार जून को लोकसभा चुनाव का नतीजा आएगा। आप हफ्ते भर में देखना कि भारत का स्टॉक मार्केट, उनकी प्रोग्रामिंग करने वाले सारे थक जाएंगे। प्रधानमंत्री    मोदी ने कहा था कि उनके कार्यकाल में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की कंपनियों का शेयर कहां से कहां पहुंचा है। इस शेयर का मतलब ही होता था गिरना। स्टॉक मार्केट में अब उनकी कीमतें बढ़ रही हैं।

लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने चुनाव आयोग की तरफ से वोटिंग के फाइनल आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल उठाया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा के ‘अविवेकपूर्ण खुलासे’ और इसे वेबसाइट पर पोस्ट करने से चुनावी मशीनरी में अराजकता फैल जाएगी। आयोग का कहना था कि एक मतदान केंद्र में डाले गए वोटों की संख्या बताने वाले फॉर्म 17सी का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इससे पूरे चुनावी तंत्र में अराजकता फैल सकती है क्योंकि इससे तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है। आयोग ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका के उत्तर में दिये एक शपथपत्र में यह बात कही थी। याचिका में आयोग को लोकसभा के प्रत्येक चरण के मतदान के समापन के 48 घंटे में वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार आंकड़े अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए मतों की संख्या पर लोकसभा क्षेत्र-वार आंकड़ा 25 मई को जारी किया। आयोग ने कहा कि डाले गए वोटों की संख्या में कोई भी बदलाव संभव नहीं है। एक दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की वह याचिका निरस्त कर दी थी, जिसमें निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध था।

इस लोकसभा चुनाव में एक तरफ जहां विपक्ष के बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव प्रचार में जुटे थे वहीं, भाजपा से प्रधानमंत्री       मोदी ने मैराथन चुनाव प्रचार किया। सात चरण में प्रधानमंत्री   मोदी ने 206 चुनाव कार्यक्रम किए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान 80 से ज्यादा मीडिया चैनलों, अखबारों, यूट्यूबरों, ऑनलाइन मीडिया माध्यमों को इंटरव्यू दिए। पूरे चुनाव प्रचार अभियान में नरेंद्र मोदी सबको अपनी ऊर्जा से टक्कर देते दिखे। प्रधानमंत्री     ने आंध्र प्रदेश के पालनाडु से चुनाव प्रचार शुरु कर अपने चुनाव प्रचार की समाप्ति 30 मई को पंजाब के होशियारपुर में की। इन 75 दिन में प्रधानमंत्री   मोदी ने 180 रैलियां और रोड शो किए। औसतन हर दिन प्रधानमंत्री  मोदी ने दो से ज्यादा रैलियां और रोड शो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री   मोदी मार्च में चुनाव की घोषणा से पहले फरवरी और मार्च की 15 तारीख तक 15 रैलियां कर चुके थे।

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