केदारनाथ और केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे 1982 लोग किये एयरलिफ्ट

देहरादून 04 अगस्त 2024। सचिव, आपदा प्रबन्धन एंव पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया है कि  31 जुलाई 2024 को अतिवृष्टि से अवस्थापना को भारी क्षति पहुँची है।  मुख्यमंत्री ने इस आपदा से केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के बचाव को पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री के दिये गये निर्देशों के क्रम में  03 अगस्त  2024 को सांय 5 बजे तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 1982 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6662 लोगों को सकुशल निकाला गया। इस प्रकार  01 अगस्त 2024 से 03 अगस्त 2024 तक कुल 9099 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी है
केदारनाथ तथा रास्ते में ऊपर की और लगातार घने बादल छाये है तथा इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना का चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने से अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई – 17 हैलीकॉप्टर  खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भर पाया है तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है।
ऐसे में राज्य सरकार छोटे हैलीकॉप्टरों से रेस्क्यू का कार्य करा रही है। 04 अगस्त 2024 को 400 लोगों को केदारनाथ जी से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू में 05 हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं । आज  04 अगस्त 2024 को लिंचौली तथा भीमबली से  560 लोगों तथा केदारनाथ से 80 लोगों कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
इस प्रकार  04 अगस्त 2024 सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचौली, भीमबली से 2409 लोगों तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफ्ट कर चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोग चौमासी कालीमठ तक लाये गये है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोग वापस लाये गये हैं। आज  सांय 05 बजे तक कुल 10374 लोग वापस लाये गये हैं।
वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं।
वर्तमान में भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वर्तमान में लिंचौली में लगभग 50 यात्री रूके है।
वर्तमान में केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रूके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं,  मुख्यमंत्री ने उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये है।

सभी आवश्यक स्थानों पर खाद्य सामग्री की लगातार की जा रही है पर्याप्त आपूर्ति –
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके लोगों को खाने – पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों को खाने- पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है तथा इनके रूकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। इन सभी स्थानों पर खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट, 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी, 1000 बिस्किट  पैकेट बांटे गये हैं तथा 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था करायी गई है। सिरसी में 3200 खाने के पैकेट तथा 12860 पानी की बोतल इसी प्रकार मुनकटिया, गौरीकुण्ड चारधाम हैलीपैड चौमासी, केदारनाथ हैलीपेड पर अब तक लगभग 18650 खाने के पैकेट तथा 27930 पानी की बोतल बांटी गयी है। वर्तमान में केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, भीमबली में 7 कुन्तल चावल, 2.50 कुन्तल आटा,2.50 कुन्तल दाल, 7 किलो ग्राम चायपत्ती पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री 02 अगस्त से 03 अगस्त 2024 तक हैलीकॉप्टर की मदद से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चौमासी में  03 अगस्त 2024 को 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 50 किलो आलू 5 किलो नमक, 10 किलो नमक, 10 किलो तेल, 10 किलो दाल, 30 किलो चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचायी गयी है।
खोज -बचाव कार्य में तेजी लाये जाने हेतु बढ़ायी गयी मानव शक्ति-
मुख्यमंत्री ने खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये हैं।  मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गयी है। कल तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। आज इसमें और 278 लोग बढ़ाये गये है। इस तरह आज खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1160 लोग कार्य कर रहे हैं।
जिन लोगों से उनके परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पाया उनकी खोजबीन हेतु चलाया जा रहा है विशेष अभियान- 31 अगस्त 2024 को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ जी, गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी तथा इस कारण कुछ लोग इस बारे में कई तरह  आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे। 02 अगस्त 2024 को केदारनाथ जी में व्हाट्सएप से कॉल करने की सुविधा दी गयी है।

03 अगस्त  2024 को गौरीकुण्ड में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गयी है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस ने ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया। 03 अगस्त 2024 को पुलिस के सम्पर्क करने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने में  जुटी है।
यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के निम्न  दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
हैल्प लाईन नं0-
लैंडलाईन 01364.233727, 297878, 297879,
मोबाइल 7579257572, 8958757335, 7579104738

यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाये जाते हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो।
स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद-
मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा ऐसे सभी लोगों से संपर्क किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर सम्पर्क किया जा रहा है तथा अधिकांश लोगों से सम्पर्क हो भी गया है।
फिर भी एहतियात के तौर पर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वृहत् स्तर पर खोज-बीन के निर्देश दिये गये हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में गौरीकुण्ड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर वृहद् स्तर पर खोज-बीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेण्ट टास्कफोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इस कार्य हेतु स्निपर डॉग की भी मदद ली जा रही है।
सोनप्रयाग में वैली ब्रिज बनाये जाने हेतु ली जा है सेना की मदद-
सोनप्रयाग में शटल ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा इस कार्य हेतु सेना की भी मदद लेने हेतु निर्देश दिया गया था। मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में इस हेतु सेना से मदद का अनुरोध किया गया। दिनांक 04.08.2024 से सेना के 141 जवान सोनप्रयाग में ट्राली लगाये जाने हेतु कार्य आरंभ कर दिया गया है। सोनप्रयाग में ट्राली लगाये जाने हेतु सेना के साथ-साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
मा0 मुख्यमंत्री जी का पशु प्रेम भी प्रदर्शित हुआ-

आपदा की इस घड़ी में माननीय मुख्यमंत्री जी का पशु प्रेम की सामने आया है। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा पशुओं हेतु भी पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देर्शों के क्रम में पूरे केदारनाथ धाम यात्रामार्ग पर घोड़े तथा खच्चरों हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा चना, गुड़ आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से भी पशुओं हेतु चारा आदि भेजा गया है। पशु चिकित्सा विभाग की 7 टीमें यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भेजी गयी है जो पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है तथा आवश्यकतानुसार पशुओं का ईलाज आदि कर रही है।

रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण भी की व्यवस्था की गयी है

रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित ईलाज किया जा सके।

वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।

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