2025 तक 8.5 करोड़ नौकरियां खा जायेंगी एआई मशीनें
What Is Chat Gpt And Chat Gpt Negative Effects Know All About It
चैट जीपीटी को लेकर हंगामा क्यों मचा हुआ, फायदे के साथ इसके खतरे भी जानना है जरूरी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से डेवलप होते दौर में इसके नेगेटिव असर को लेकर भी चर्चा खूब हो रही है। इस बीच दुनियाभर में चर्चा का केंद्र बने एआई एडवांस चैटबॉट ChatGPT को ग्लोबल लेवल पर झटका लगा है। इटली ने ChatGPT को अपने यहां बैन कर दिया है।
हाइलाइट्स
इटली ने प्रिवेसी का हवाला देते हुए ChatGPT पर लगाया बैन
यूएस स्टार्ट-अप OpenAI ने डेवलप किया है एडवांस चैटबॉट
एलन मस्क और कई टेक दिग्गज ऐसे AI डेवलपमेंट के खिलाफ
नई दिल्ली 02 मार्च : दुनियाभर में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से होते डेवलपमेंट को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस चर्चा में एडवांस चैटबॉट Chat GPT एक बड़ी वजह है। एआई को लेकर जितनी चर्चा चैट जीपीटी को फायदे और नुकसान को लेकर हो रही है उतनी शायद किसी अन्य चैटबॉट या एआई टूल को लेकर नहीं हो रही होगी। हाल ही में इटली ने एडवांस चैटबॉट ChatGPT को अपने यहां बैन कर दिया है। ऐसा करने वाला वह पहला यूरोपीय देश बन गया है। इटली ने इसके पीछे निजता (Privacy) से जुड़ी चिंताएं बताई हैं।
लॉन्च होने के बाद से ही उठ रहे हैं सवाल
चैट जीपीटी को 30 नवंबर 2022 को लॉन्च किया था। लॉन्च होने के बाद लाखों लोग इसका यूज कर चुके हैं। लॉन्चिंग के बाद से इसके यूजर्स की संख्या 20 लाख के पार पहुंच गई है। लॉन्चिंग के बाद से इसके नेगेटिव प्रभाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ChatGPT से कई तरह की गम्भीर गलतियां सामने आई हैं। ChatGPT के गलत और भ्रामक जानकारी देने के पीछे की है कि यह सिर्फ 2021 के डेटा के आधार पर ही जवाब दे रहा है। दूसरी तरफ कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह क्रिएटिविटी के लिए संभावित खतरा है। इस बारे में साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के प्रो. मचादो डायस का कहना है कि क्रिएटिविटी के लिए असाधारण प्रतिभा की आवश्यकता होती है लेकिन एल्गोरिदम की मदद से पैदा की गई चीजों से मनुष्यों में क्रिएटिव होने की प्रवृति कम होगी। ऐसे में अब किसी भी तरह के सवाल के जवाब के लिए बहुत ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा। इससे आने वाले समय में जवाब से ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल होने जा रहा है।
कहां-कहां पड़ने वाला है असर
न्यूयॉर्क टाइम्स ने छपे में एक लेख में कहा गया था कि इस तरह के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम से लर्निंग, एजुकेशन, डिजिटल सुरक्षा और यहां तक कि लोकतंत्र तक पर असर की संभावना है। अखबार ने लिखा था कि जो राय पहले किसी व्यक्ति की होती थी वो अब एक आर्टिफिशियल रोबोट के जरिये लिखा गया तर्क हो सकता है। ब्राज़ील में फेडरल यूनिवर्सिटी की रिसर्चर यूरी लिमा का कहना है कि नई तकनीक छात्रों को साइबॉर्ग (आधे इंसान, आधे मशीन) में बदल देगी।
सोचने की क्षमता को कम कर देगा?
चैट जीपीटी को लेकर सोशल एंटरप्रेन्योर और इंटरनेशनल ट्रेनर अजित वरवांडकर टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे अपने लेख में कहते हैं कि शिक्षाविद इस एआई टूल के प्रभाव के बारे में बहुत चिंतित हैं। क्या यह मॉडल शिक्षा व्यवस्था के लिए अच्छा होगा? या क्या यह हमारे छात्रों की सोच और निर्णय लेने के कौशल पर सबसे विनाशकारी हमला साबित होगा? अजित आगे लिखते हैं कि भारत और विदेशों में विभिन्न विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपने परिसरों में चैट जीपीटी पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनका कहना है कि यदि छात्र चैट जीपीटी पर अत्यधिक निर्भर हो जाते हैं, तो उनकी स्वतंत्र आलोचनात्मक सोच और समस्या को सुलझाने की स्किल बिगड़ सकती हैं। समय के साथ, छात्र सबसे हटकर सोचने और मूल विचार उत्पन्न करने की क्षमता खो सकते हैं।
नौकरियों को लेकर भी है चिंता
चैट जीपीटी को लेकर कहा जा रहा है कि यह नौकरियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। ओपन चैटबॉट के अनुसार ही यह 20 फील्ड में नौकरियों को रिप्लेस कर सकता है। इसमें डाटा एंट्री क्लर्क, कस्टमर सर्विस रेप्रेजेंटेटिव, प्रूफरीडर, पैरालीगल, बुककीपर ट्रांसलेटर, कॉपी राइटर, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, सोशल मीडिया मैनेजर, अपॉइंटमेंट शेड्यूलर, टेलीमार्केटर, वर्चुअल असिस्टेंट ट्रांसक्रिप्शनिस्ट, न्यूज रिपोर्टर, ट्रैवल एजेंट, ट्यूटर, टेक्निकल सपोर्ट एनालिस्ट, ईमेल मार्केटर और कंटेंट मॉडरेटर रिक्रूटर की संभावित रूप से जगह ले सकता है। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मनुष्यों और मशीनों के बीच रस्साकशी के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 2025 तक 8.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
मैं विचारों के मशीनीकरण पर चिंतित हूं। ये दुनिया को समझने के तरीके को पलट देने जैसा है। ये आधुनिक इतिहास में दिमागी समझ के बदलाव की सबसे महत्वपूर्ण घटना होगी। यह भी ध्यान देने वाली वाली बात है कि मानव मस्तिष्क तेजी से सिकुड़ रहा है तो इसका कारण टेक्नोलॉजी का विकास है।
प्रोफेसर मचादो डायस, साओ पाउलो यूनिवर्सिटी
ChatGPT का मतलब है Chat Generative Pre-trained Transformer है। यह एक तरह का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) टूल है। Chat GPT की ऑफिशियल वेबसाइट chat.openai.com है। इसके जरिये यूजर यानि आप किसी भी सवाल का जवाब हासिल कर सकते हैं। पहली बार सुनने में आपको यह बिल्कुल गूगल सर्च जैसा लगेगा। हालांकि, यह उससे बिल्कुल अलग है। गूगल एक सर्च इंजन है जबकि चैट जीपी एक ऐसा टूल है जो आपके सवाल का पूरी तरह से जवाब देता है। चैट जीपीटी आपके सवालों का जवाब देने के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध 2021 तक के डेटाबेस, का इस्तेमाल करता है। यह डेटा और कंप्यूटिंग तकनीकों से चलता है। यह शब्दों को सार्थक तरीके