22 मीटर एस्केप पाइप सुरंग में फिट,देर रात तक आ सकता है शुभसमाचार
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना: 22 मीटर अंदर तक पहुंची मशीन, कब बाहर आएंगे 40 मजदूर?
गुरुवार को सिलक्यारा पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुष्टि की है कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत हो रही है. उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी नियमित रूप से पाइप से पहुंचाया जा रहा है.
उत्तरकाशी 17 नवंबर। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर 115 घंटे बाद भी बाहर नहीं आ सके हैं. हालांकि,दो बार की विफलता के बाद मंगवाई गई अमेरिकी ऑगर मशीन ने आज सुबह साढ़े नौ बजे तक 22 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली है.जैसे-जैसे मशीन आगे बढ़ रही है,मजदूरों के बाहर आने की आशा भी बढ़ रही है.अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से शुक्रवार सुबह तक 21 मीटर तक पाइप मलबे में डाले जा चुके हैं.
यह हाई पावर मशीन एक घंटे में 5 से 6 मीटर तक ड्रिलिंग कर रही है,लेकिन डेढ़ घंटे में सिर्फ 3 मीटर ही पाइप मलबे में जा पा रहा है.पाइप को वेल्डिंग और उसका एलाइनमेंट सही करने में ज्यादा समय लग रहा है.अब 22 मीटर तक ड्रिलिंग होने के बाद टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने की राह आसान हो गई है.
सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने को चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पीएमओ की निगरानी में चल रहा है, इसलिए टनल में ITBP और NDRF के जवान मोर्चे पर लगे हैं. अधिकारियों के मुताबिक,ड्रिलिंग से मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 800 मिलीमीटर और 900 मिलीमीटर व्यास के बड़े पाइप एक के बाद एक ऐसे डाले जा रहे हैं जिससे मलबे के उस पार फंसे मजदूरों के बाहर निकलने को एक’एस्केप टनल’ बन जाए और श्रमिक उसके सहारे बाहर आ जाएं.
मंगलवार को मजदूरों को बाहर निकालने को मलबे में ड्रिल किया जा रहा था लेकिन रात के समय एक बार फिर भूस्खलन हो गया,जिससे ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा था. इसके बाद ड्रिल करने वाली मशीन भी खराब हो गई थी.दो बार मशीन खराब होने से काम रोकना पड़ा.
दो बार मिली असफलता पर इंडियन एयरफोर्स के सी-130 हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी अत्याधुनिक बड़ी ऑगर मशीन लाई गई.तीन विमानों में ये मशीन यहां पहुंची और गुरुवार को उसे सुरंग के द्वार पर सेट किया गया.इसके बाद दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गई.
ड्रिल शुरू करने से पहले वहां पूजा की गई. गुरुवार को मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा था कि मजदूरों को बाहर निकालने में दो से तीन दिन का और समय लग सकता है.हालांकि,जिस रफ्तार से ड्रिलिंग हो रही है,उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि शुक्रवार शाम तक मजदूर बाहर आ जाएंगे.
उत्तरकाशी में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, सहयोग के लिए पहुंचे उत्तर प्रदेश और झारखंड की टीम
Uttarakhand Tunnel Collapse उत्तरकाशी टनल हादसे में दीपावली से ही 40 मजदूर मलबे में फंसे हैं। मजदूरों को बाहर निकालने को लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है लेकिन इसमें कई बाधाएं आ रही हैं। कभी भूस्खलन तो कभी मशीन की खराबी के बीच अब यहां भूकंप के झटके भी महसूस किए गए हैं। इस बीच अब उत्तर प्रदेश और झारखंड की टीमें बचाव में सहयोग को पहुंच गई हैं।
उत्तरकाशी में जारी है बचाव अभियान, सहयोग को पहुंचीं उत्तर प्रदेश और झारखंड की टीम
उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के बाद फंसे श्रमिकों को निकालने को राहत-बचाव कार्य जारी
मुख्य बिंदु
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना में फंसे 40 मजदूरों को निकालने को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
वायुसेना के विमान से पहुंची मशीनें
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना में फंसे 40 मजदूरों को निकालने को बचाव अभियान लगातार जारी है। गुरुवार को भी मजदूरों को बाहर निकालने को अभियान जारी है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल बचाव और समन्वय बनाने को विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के दल उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं।
झारखंड से जैप आईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम आई जिसने उत्तरकाशी में अधिकारियों से श्रमिकों के बचाव को लेकर बात की। साथ ही सुरंग में काम करने वाले झारखंड निवासी श्रमिकों से भी बातचीत की।
झारखंड के मजदूरों को दिया आश्वासन
इसके अलावा सुरंग में फंसे झारखंड निवासी विश्वजीत कुमार वर्मा, सुबोध कुमार वर्मा का हालचाल वहीं से आये परिजन इंद्रजीत कुमार ने जाना। वे आश्वस्त और संतुष्ट हैं। झारखंड के अधिकारियों ने खोज बचाव अभियान तथा स्वजन को ढांढस देने में पूरा सहयोग करने का आश्वासन उत्तरकाशी जिला प्रशासन को दिया है।
उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने जाना मजदूरों का हाल
इसके अलावा उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा उत्तरकाशी पहुंचे। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन के अधिकारियों से भी बात की। साथ ही सिलक्यारा सुरंग में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रमिकों का हालचाल भी जाना। इसके अलावा सुरंग में फंसे उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
पहुंची शक्तिशाली मशीन, तेज हुआ बचाव
नई दिल्ली से आई उच्च क्षमता की ड्रिलिंग मशीन चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से सिलक्यारा सुरंग तक ग्रीन कारिडोर बनाकर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर ड्रिलिंग मशीन की अनलोडिंग और घटनास्थल तक उसके परिवहन को समन्वयक उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि ड्रिलिंग मशीन तीन हिस्सों में सिलक्यारा तक पहुंचाई गई। इसको चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से सिलक्यारा तक करीब 32 किलोमीटर परिधि में लगभग दो घंटे को ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया था।
Tags: uttarakhand uttarkashi silkyara landslide in uttarkashi city special silkyara tunnel collapse yamunotri highway workers trapped in tunnel उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल दुर्घटना मजदूर pushkar singh dhami PMO Uttarkashi Tunnel Accident Uttarakhand Tunnel Accident Indian Air Force