चार धाम में अब तक 30 मौतें,जांच बाद ही केदारनाथ जा पायेंगें 50+ वय के श्रद्धालू

हृदयगति रुकने से हो रही मौतों पर उठाया कदम, अब 50 से अधिक उम्र के श्रद्धालु जांच के बाद ही जा सकेंगे केदारनाथ
Chardham Yatra 2022 केदारनाथ धाम में हृदयगति रुकने से अब तक दस श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसी को देखते हुए सोनप्रयाग में ऐसे श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।हृदयगति रुकने से हो रही मौतों को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

हृदयगति रुकने से हो रही मौतों पर उठाया कदम, अब 50 से अधिक उम्र के श्रद्धालु जांच के बाद ही जा सकेंगे केदारनाथ

केदारनाथ धाम में हृदयगति रुकने से अब तक दस श्रद्धालुओं की मौत

रुद्रप्रयाग 13 मई: Chardham Yatra 2022 : अब 50 वर्ष से अधिक उम्र के श्रद्धालु स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही केदारनाथ जा सकेंगे। धाम में हृदयगति रुकने से हो रही मौतों को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। सोनप्रयाग में ऐसे श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। शुक्रवार को स्वास्थ्य परीक्षण में चार श्रद्धालु अनफिट मिले, जिन्हें केदारनाथ नहीं जाने दिया गया।

केदारनाथ धाम में हृदयगति रुकने से अब तक दस श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसी को देखते हुए 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले श्रद्धालुओं की जांच को स्वास्थ्य विभाग ने सोनप्रयाग चार टीम तैनात की हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। बताया कि पड़ाव पर श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी जानकारियां भी दी जा रही हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि कई श्रद्धालु बिना गर्म कपड़ों के ही केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं और वहां हाइपोथर्मिया का शिकार हो जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह श्रद्धालुओं को केदारपुरी के मौसम की बारे में सही जानकारी न होना है। इसके अलावा बीमार बुजुर्ग भी केदारनाथ पहुंच रहे हैं, जिनके स्वास्थ्य की जांच जरूरी है।

वीआइपी दर्शनों पर रोक से मंदिर परिसर में सुधरी व्यवस्था

केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर सभी व्यवस्थाओं की मानीटरिंग स्वयं रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित कर रहे हैं। वीआइपी दर्शनों पर रोक के बाद मंदिर परिसर में दर्शनों की व्यवस्था में काफी सुधार आ गया है। आसानी से आम भक्त दर्शन कर रहे हैं। जबकि धाम में 75 शौचालय और स्थापित किए जा चुके हैं। पैदल मार्ग पर भी सफाई व्यवस्था के लिए 200 सफाई कर्मी बढ़ा दिए गए हैं।

रोजाना 18 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। जिससे व्यवस्थाएं सुचारू रखने में प्रशासन को काफी पसीना बहाना पड़ रहा है। जिलाधिकारी प्रत्येक घंटे यात्रा से जुड़े अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। जबकि केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर लाइव अपडेट ले रहे हैं। भीड़ बढऩे से सबसे अधिक परेशानी दर्शनों को लेकर हो रही थी। जिलाधिकारी ने गुरुवार से वीआइपी दर्शनों पर रोक लगा दी।

इसके बाद धाम में शुक्रवार को मंदिर परिसर में यात्रियों ने व्यवस्थित रूप से दर्शन किए। दर्शनों को लगी भीड़ भी अब नियंत्रित है। धक्का मुक्की नहीं हो रही है। वीआइपी गेट पर पूरी तरह बैरिकेडिंग लगा दी गई है। पैदल मार्ग पर पेयजल की दिक्कत ना हो इसके लिए जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह को धाम में ही कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं। पैदल मार्ग पर सुचारू रूप से पानी की आपूर्ति हो रही है।

सभी घोड़े-खच्चरों व उनके स्वामियों तथा हाकरों को अनिवार्य रूप से जिला पंचायत में रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश भी दिए है। वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में 8516 घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जबकि 500 घोड़ा-खच्चर संचालकों (हाकर) का भी पंजीकरण हुआ है। साथ ही 2200 डंडी-कंडी का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला पूर्ति अधिकारी को एक सप्ताह तक केदारनाथ में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं, यात्रियों को गुणवत्ता युक्त भोजन मिले इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि लापरवाही बरती गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बदरीनाथ धाम में दर्शनों को लेकर वन-वे व्यवस्था

बदरीनाथ धाम में इस बार दर्शनों को लेकर वन-वे सिस्टम लागू किया गया है। दर्शन के बाद वीआइपी सहित सभी यात्रियों की वापसी अलग-अलग रास्तों से होगी। इससे यात्रियों की दर्शनों की लाइन बाधित नहीं होगी। बदरीनाथ धाम में वीआइपी या फिर विशेष पूजा करने वालों के लिए गुजराती धर्मशाला के सामने से यात्रियों की दर्शनों की लाइन रोककर आवाजाही कराई जाती है। इस पर सिंहद्वार से दर्शन के लिए लाइन पर लगे श्रद्धालु एतराज भी करते हैं।

विशिष्टि (वीआइपी) व अतिविशिष्ट (वीवीआइपी) के आवागमन के दौरान श्रद्धालुओं की लाइन रोकनी पड़ती थी। अब श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने विशेष पूजा व वीआइपी के लिए वीवीआइपी गेस्ट हाउस से सीधे मंदिर के वीआइपी गेट के पास तक ओवर ब्रिज बनाया है। इसे पूरी तरह से बंद करने से वीआइपी व अन्य की आवाजाही के दौरान आम श्रद्धालुओं को दिक्कत भी नहीं हो रही है।

इसके अलावा आम श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शनों के बाद वापसी के दौरान पुराने रास्ते से ही वापस लाया जा रहा है। यहां पर आम श्रद्धालुओं की लाइन को ओवर ब्रिज के जरिये भेजा जा रहा है। इससे किसी की भी आवाजाही में श्रद्धालुओं की लाइन को रोकने से निजात मिली है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीइओ बीडी सिंह ने बताया कि यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रियों के दर्शन लाइन, वापसी रास्ता व वीआइपी रास्तों को अलग किए जाने से श्रद्धालुओं को सहूलियत हुई है। उन्होंने कहा कि यात्री सुविधाओं को लेकर मंदिर समिति तत्पर है

Chardham Yatra 2022 : बदरीनाथ में हृदयगति रुकने से जीएमवीएन कर्मी ने तोड़ा दम, अब तक 30 व्यक्तियों की हो चुकी मौत

पान सिंंह बिष्ट (58) को तड़के सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। पान सिंह को तत्काल चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्होंने मृत घोषित कर दिया। चारों धाम में अब तक 30 व्यक्तियों की मौत हृदयगति रुकने से हो चुकी है।

बदरीनाथ धाम में हृदयगति रुकने से गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के गेस्ट हाउस प्रबंधक की मौत हो गई। जबकि, यमुनोत्री पैदल मार्ग पर एक श्रद्धालु की मौत पैर फिसलकर गिरने से हुई। इसके साथ ही चारों धाम में अब तक 30 व्यक्तियों की मौत हृदयगति रुकने से हो चुकी है।

बदरीनाथ में अब तक पांच व्यक्तियों की हृदयगति रुकने से मौत

जानकारी के अनुसार मूलरूप से बदरीनाथ के पास स्थित इंद्रधारा (माणा) निवासी जीएमवीएन गेस्ट हाउस के प्रबंधक पान सिंंह बिष्ट (58 वर्ष) को तड़के सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। पान सिंह को तत्काल चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्होंने मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही बदरीनाथ में अब तक पांच व्यक्तियों की मौत हृदयगति रुकने से हो चुकी है।

उधर, गुरुवार को यमुनोत्री धाम से लौटते समय भंगेली गदेरे के पास पैदल मार्ग पर चंपारण (बिहार) निवासी रामबाबू प्रसाद (65 वर्ष) का पैर अचानक फिसल गया। इससे उनके सिर पर गंभीर चोट आई है। बेहोशी की हालत में रामबाबू को जानकीचट्टी स्थित अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हृदय गति रुकने से मरने वाले श्रद्धालु

धाम- शुक्रवार को- कुल मृतक

यमुनोत्री-00- 12

गंगोत्री- 00- 03

केदारनाथ- 00- 10

बदरीनाथ- 01- 05

 

बदरीनाथ धाम में दर्शन कर लौट रही महिला हुई बेहोश

श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन करके लौट रही एक महिला अचानक बेहोश हो गई। जानकारी के अनुसार उड़ीसा से अपने परिवार के साथ आई 56 वर्षीय नीलू साहू शुक्रवार को मंदिर में दर्शन कर लौट रही थी कि अचानक उनके शरीर में आक्सीजन लेवल कम होने के कारण वह बेहोश होकर गिर गईं।

 

जिस पर मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी अजय रावत व सतेंद्र ने महिला को सहारा देकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और डाक्टर को बुलाकर महिला का उपचार कराया। उपचार मिलने से नीलू साहू का स्वास्थ्य सामान्य हो गया जिस पर महिला के स्वजन ने पुलिसकर्मियों का आभार व्यक्त किया।

 Kedarnath Dham के दर्शन को आठ दिन की वेटिंग, सभी धामों के लिए अब तक 1234898 पंजीकरण


शुक्रवार की स्थिति के मुताबिक अगले आठ दिन तक केदारनाथ दर्शन के लिए पंजीकरण पूर्ण है। शुक्रवार शाम सात बजे तक सभी धामों के लिए 1234898 श्रद्धालु अपना आनलाइन और आफलाइन पंजीकरण करा चुके हैं

यदि आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं तो आपके लिए यह जरूरी है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट में जरूर देख लें की दर्शन की तारीख कब उपलब्ध है। शुक्रवार की स्थिति के मुताबिक अगले आठ दिन तक केदारनाथ दर्शन के लिए पंजीकरण पूर्ण है। विभिन्न धामों के लिए अब तक 1234898 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं।

1234898 श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण

चारधाम में इस वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए शासन की ओर से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गई है। पंजीकरण कार्यालय और आनलाइन वेबसाइट पर यह जानकारी उपलब्ध है कि किस धाम के दर्शन कब उपलब्ध हैं।

पंजीकरण करने वाली एथिक्स इंफोटेक कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम अनंत ने बताया कि शुक्रवार की स्थिति के अनुसार 21 मई तक केदारनाथ, 30 मई तक यमुनोत्री, 16 मई तक गंगोत्री और बदरीनाथ की बुकिंग पूर्ण हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम सात बजे तक सभी धामों के लिए 1234898 श्रद्धालु अपना आनलाइन और आफलाइन पंजीकरण करा चुके हैं।

यमुनोत्री के लिए 214981, गंगोत्री के लिए 226142, केदारनाथ के लिए 420936 और बदरीनाथ के लिए 358951 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। जबकि श्री हेमकुंड धाम के लिए 13888 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। शुक्रवार को ऋषिकेश केंद्र में 2712 श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कराया।

बस के अंदर भी पंजीकरण सुविधा

चारधाम यात्रा के लिए शासन की ओर से पंजीकरण को अनिवार्य घोषित कर दिया गया है। पंजीकरण करने वाली कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम अनंत ने बताया कि बस में बैठे श्रद्धालुओं का डिवाइस के माध्यम से पंजीकरण किया जा रहा है। परिवहन कार्यालय पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी पंजीकरण केंद्र ना बुलाकर वहीं पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

बिना पंजीकरण चारधाम का टिकट देने पर रोक

चारधाम दर्शनों को उमड़ रही भीड़ और इससे होने वाली परेशानी से बचने के लिए पुलिस प्रशासन ने बिना यात्री पंजीकरण के किसी भी धाम का टिकट जारी करने पर रोक लगा दी है। यह कदम पुलिस ने बिना पंजीकरण के ही निजी वाहनों से चारधाम जाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया है।

परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक व नोडल अधिकारी यात्रा पीके भारती ने कहा कि इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। चारधाम दर्शनों को पहुंच रहे श्रद्धालुओं का एक वर्ग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करता है, जबकि दूसरा निजी वाहन से। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाने वाले श्रद्धालुओं की मानीटरिंग तो सभी स्तर पर हो रही है, लेकिन निजी वाहन से जाने वाले श्रद्धालु मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

ऐसे श्रद्धालु बिना पंजीकरण के ही आगे बढ़ जा रहे हैं। लेकिन, अब इनकी चेकिंग यमुनोत्री-गंगोत्री मार्ग पर भद्रकाली और बदरी-केदार मार्ग पर ब्रह्मपुरी तपोवन स्थित चेक पोस्ट पर की जाएगी। ये ऐसी चेक पोस्ट हैं, जिनसे होकर हर यात्री वाहन को गुजरना होता है। दोनों चेक पोस्ट टिहरी जिले में पड़ती हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी नवनीत सिंह भुल्लर ने क्षेत्र के अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी श्रद्धालु बिना पंजीकरण यात्रा पर न जाए। इसके लिए बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को टिकट जारी न किया जाए। उधर, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्रनगर रविंद्र कुमार चमोली व थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती रितेश शाह ने शुक्रवार को ऋषिकेश बस टर्मिनल कंपाउंड पहुंचकर परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक एवं नोडल अधिकारी यात्रा पीके भारती से मुलाकात की।

पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले किसी भी श्रद्धालु को तब तक टिकट जारी न किया जाए, जब तक कि उसका पंजीकरण नहीं हो जाता। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति को भी ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं। वहीं भद्रकाली और ब्यासी में एसडीआरएफ की दो पंजीकरण चेक पोस्ट बनाई है जहां निजी वाहनों से यात्रा पर जाने वालों का पंजीकरण किया जा रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *