रेल पलटने की साल में 30 वीं कोशिश,कानपुर के बाद अब गाजीपुर

उप्र में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, रामपुर में नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस के ट्रैक पर रखा लोहे का खंभा
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई थी. रामपुर में रेलवे ट्रैक पर लोहे का खंभा अराजक तत्वों ने रख दिया था. हालांकि लोको पायलट की सूझबूझ से हादसा टल गया.
रेलवे ट्रैक पर रखा लोहे का खंभा
देहरादून/ नई दिल्ली/कानपुर/रामपुर 19 सितंबर 2024.उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश सामने आई है. इस बार रामपुर में रेलवे ट्रैक पर लगभग 8 से 9 मीटर लंबा लोहे का खंभा रख गया था. हालांकि देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट की सूझ बूझ से दुर्घटना टल गई. लोहे का खंभा देखते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया. सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की.

मुरादाबाद रेल एसपी आशुतोष शुक्ला.
जानकारी के अनुसार, बुधवार रात (18 सितंबर) करीब 11 बजे बिलासपुर में उत्तराखंड बॉर्डर से सटी कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन की पटरी पर अज्ञात व्यक्तियों ने लोहे के बिजली का एक पुराना खंभा रख दिया था. इस बीच यहां से देहरादून एक्सप्रेस (12091) गुजर रही थी. खंभा देखते ही ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ी दुर्घटना टाल दी. रेलवे ट्रैक पर खंभा रखे होने की सूचना पर जीआरपी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी रात को ही पहुंचे. खंभा ट्रैक से हटा जांच शुरू की गई. मुरादाबाद जीआरपी के पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, दुर्घटना को लेकर जीआरपी पुलिस अलर्ट है. खबर है कि जीआरपी तीन संदिग्धों को पकड़ पूछताछ कर रही है.रामपुर जीआरपी थाने के एसआई हेमराज सिंह ने बताया कि रुद्रपुर में एक चौकी रामपुर जीआरपी थाने में आती है. चौकी के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे का खंभा किसी शरारती तत्व ने रख दिया . लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ी दुर्घटना टल गई. इसकी जांच की जा रही है.
मुरादाबाद मंडल जीआरपी पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि रुद्रपुर सिटी के पास में ट्रैक के बगल में घास में पुराना जर्जर बिजली का पोल पड़ा था. जिसे उठाकर ट्रैक पर रखा गया था. इस संबंध में बुधवार रात में 10:18 पर जीआरपी रामपुर को मेमो मिला था. सूचना पर पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ की टीम ने घटनास्थल का गहराई से निरीक्षण किया था. नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस इस ट्रैक से गुजर रही थी, तभी लोको पायलट ने लोहे के खंभे को देख दूरदर्शिता अपना इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी, जिससे कोई दुर्घटना नहीं हुई. रामपुर जीआरपी ने केस दर्ज कर जांच कर रही है. शीघ्र ही हम इस घटना का अनावरण किया जाएगा.

कानपुर में 8 सितंबर को कांलिदी एक्सप्रेस को भी पलटाने का षड्यंत्र हुआ था. कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) अनवरगंज-कासगंज रूट से गुजर रही थी. इस दौरान ट्रेन ने जैसे ही मुंडेरी क्रॉसिंग को पार किया, पटरी पर रखा एक एलपीजी सिलेंडर ट्रेन से टकरा गया. दुर्घटना होते-होते बची. इसके अलावा गाजीपुर में रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रखा गया था,जो इंजन में फंस गया था. 16 अगस्त को कानपुर में गुजैनी से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन रुट पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी, जिसमें ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. ट्रैक पर पुराना रेलवे पटरी का टुकड़ा रखा गया था. प्रयागराज में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र हुआ था. वहीं, 24 अगस्त को कासगंज-फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर भटासा रेलवे स्टेशन के पास लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था. जो पैसेंजर ट्रेन के इंजन से टकरा गया था, जिससे ट्रेन रोकनी पड़ी थी.

कानपुर के बाद अब गाजीपुर में ट्रेन पलटाने की कोशिश, ट्रैक पर मिला लकड़ी का टुकड़ा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बिहार के जयनगर से चलकर नई दिल्ली को जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जो रात करीब 3 बजे गाजीपुर घाट स्टेशन से गाजीपुर सिटी स्टेशन के बीच आलम पट्टी इलाके के पास पहुंची थी,तभी ड्राइवर को रेल पटरी के बीच लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा दिखा तो ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई।

स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस डीरेल करने का षड्यंत्र

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बीती देर रात बड़ी दुर्घटना होते-होते बची. यहां जयनगर बिहार से चलकर नई दिल्ली को जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जो रात करीब 3 बजे गाजीपुर घाट स्टेशन से गाजीपुर सिटी स्टेशन के बीच आलम पट्टी इलाके के पास पहुंची तो ड्राइवर को रेल पटरी के बीच लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा दिखा। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई.

इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी ट्रेन लकड़ी के साथ घसीटते 400 मीटर आगे जाकर रुकी. ड्राइवर ने उतर कर देखा तो 2 फीट से भी ज्यादा लंबा टुकड़ा दिखा.  रेलवे ड्राइवर ने तुरंत इसकी जानकारी रेल पथ निरीक्षक, RPF और गाजीपुर सिटी स्टेशन प्रशासन को दी. तत्काल पूरा रेलवे विभाग घटनास्थल पर पहुंचा.

इंजन का हौज पाइप कटा
ड्राइवर ने ट्रेन आगे बढ़ाने को चेक किया तब पता चला कि इंजन का हौज पाइप कट गया है ।  औड़िहार से  दूसरा इंजन मंगवाया तब 2 घंटों बाद ट्रेन आगे बढ़ी.  मामले में गाजीपुर सिटी के रेल पथ निरीक्षक विभाग के जेई निशांत कुमार सिंह ने सदर कोतवाली में लिखित शिकायत दे बताया कि गाड़ी संख्या 12561 अप स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस गाजीपुर घाट स्टेशन से गाजीपुर सिटी स्टेशन आ रही थी तभी जमानिया रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे रनिंग रेल लाइन के बीच लकड़ी का टुकड़ा खड़ी अवस्था में दिखा। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, फिर भी लकड़ी का टुकड़ा इंजन में फंस रगड़ता 400 मीटर आगे तक गया. कोतवाली पुलिस ने मुकदमा लिख लिया है.

10 सितंबर को भी की गई थी कोशिश
इसी रेल लाइन पर 10 सितंबर रात डाउन में जा रही प्रयागराज रामबाग बलिया पैसेंजर ट्रेन को भी पटरी से उतारने की कोशिश हुई जिसमें अपराधियों ने शहर से सटे चक फैज छतरी बिंदवलिया के पास पटरी पर 2 मीटर तक गिट्टी रखकर ट्रेन  डिरेल करने का प्रयास किया था. आरपीएफ ने मामले में 11 सितंबर रात में घटनास्थल से तीन युवक पकड़ अगले दिन अदालत में पेश किया ।

षड्यंत्र या कुछ और… फर्रुखाबाद, शामली, अब कानपुर में ट्रेन पलटाने की कोशिश! साबरमती के बाद कालिंदी एक्सप्रेस पर थी नजर
कानपुर में देर रात रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस डिरेल करने का षड्यंत्र रचा गया. ड्राइवर ने ब्रेक मारकर ट्रेन रोक अधिकारियों को सूचित किया. मौके से पेट्रोल भरी कांच की बोतल, माचिस, बारूद आदि मिला। उप्र ATS व अन्य एजेंसियां जांच में जुटी हैं. हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है जब कानपुर या उसके आसपास ऐसी घटना हुई हो. बीते कुछ महीने में ही ऐसी दो-तीन घटना हो चुकी है.

इससे पहले बीते 16-17 अगस्त की रात कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस (19168) के 22 डिब्बे इंजन समेत पटरी से नीचे उतर गए थे. बस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई. दुर्घटना की शिकार ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि बोल्डर के इंजन से टकराने से दुर्घटना हुई. इसकी भी जांच चल रही है.

कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस (Sabarmati Express) को आठ साल पहले भी इंदौर-पटना एक्सप्रेस की तरह पलटाने का षड्यंत्र हुआ था, जिसमें 152 यात्रियों की जान गई थी. बिहार से पकड़े गए आरोपित ने स्वीकारा था कि उसने पैसे लेकर इंदौर-पटना एक्सप्रेस पलटाई थी. शनिवार रात (16-17 अगस्त) पटना से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस को 2:30 बजे गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पलटाने की कोशिश हुई, जिसमें इंजन के आगे 3 फीट लंबा रेल पटरी का टुकड़ा रखा गया था.

वहीं, 24-25 अगस्त रात फर्रुखाबाद में लोको पायलट की सतर्कता से एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई . यहां कुछ अराजक तत्वों ने कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस ट्रेन (संख्या 05389) को डिरेल करने की कोशिश की. दरअसल, उन्होंने रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का भारी बोटा (टुकड़ा) रख दिया था. इंजन में यह बोटा फंसा तो ट्रेन करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ी रही. घटना की सूचना पर रेलकर्मी मौके पर पहुंचे और बोटा हटाया.

हफ्ते भर बाद फर्रुखाबाद के भटासा स्टेशन के पास पटरी पर लकड़ी का बोटा (टुकड़ा) रखकर ट्रेन पलटाने के षड्यंत्र में पुलिस ने दो युवकों कमलेश और मोहन को पकड़ मामले का अनावरण कर दिया. युवकों ने पुलिस को बताया कि वे ट्रेन पलटाकर मशहूर होना चाहते थे. घटना के बाद डर से दिल्ली जाने की ताक में थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उनको दबोच लिया.

इसी तरह 23 अगस्त, 2024 को शामली जिले में भी दुर्घटना टल गई थी. दरअसल, यहां दिल्ली सहारनपुर रेलवे लाइन पर शामली बाईपास के पास 50 मीटर की दूरी पर चार जगहों पर  25 से 30 पेंड्रोल क्लिप निकले पड़े थे. इसकी सूचना वहां घूमने आए एक छात्र ने रेलवे को दी. तब मामले का संज्ञान लेते हुए पेंड्रोल क्लिप लगाकर रेलवे ट्रैक ठीक किया गया.

जाहिर तौर पर अगर इतनी बड़ी संख्या में पेंड्रोल क्लिप पटरी से अलग होते और उस वक्त ट्रेन आ जाती तो दुर्घटना हो सकती थी. गनीमत रही कि समय रहते पटरी ठीक कर ली गई.

अब कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने का षड्यंत्र 

कानपुर पुलिस और आरपीएफ के अनुसार, बीते 8 सितंबर की रात करीब 8.30 बजे अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे भरे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई. लोको पायलट ने बताया कि उसे ट्रैक पर कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी जिसके बाद उसने ब्रेक मारी, लेकिन उसके बाद भी वह चीज ट्रेन से टकरा गई जिससे काफी तेज आवाज हुई. ड्राइवर ने ट्रेन रोक गार्ड और बाकी लोगों को इसकी सूचना दी.

घटना की जानकारी मिलते ही अनवरगंज स्टेशन के रेलवे अधीक्षक, RPF और अन्य रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जांच की गई तो झाड़ियों में पुलिस को एक सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद जैसी कई घातक चीजें मिली. फॉरेंसिक टीमों ने भी जांच पड़ताल की और सभी संदिग्ध वस्तुएं जांच को भेज दी.

जांच के लिए आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) और अन्य एजेंसियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. ATS की कानपुर और लखनऊ यूनिट ने मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए हैं. मामले में एडिशनल कमिश्नर हरीश चन्द्र ने बताया कि दोषी को पकड़ा जाएगा. सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है।

कहीं ऐसा तो नहीं कि जमात या बाहर से आए लोगों ने सिलेंडर को पटरियों पर रखा था, इस एंगल से भी पुलिस जांच कर रही है. क्योंकि, बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार है, यहां देश-विदेश से बड़े पैमाने पर जमातियों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में पुलिस ने जांच परिधि में जमातियों को भी लिया है. जिस मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल और बारूद मिला है और जहां से माचिस मिली है, उसकी भी जांच हो रही है. ADCP एलआईयू ने भी एक टीम लगाई है.

फिलहाल, प्रकरण के अनावरण को पुलिस की ओर से पांच टीमें गठित की गई है. पुलिस ने दो हिस्ट्रीशीटर  भी पकड़े हैं, जिनसे पूछताछ हो रही है.

कहीं हल्द्वानी में भी तो नहीं हुई थी रेल पलटाने का षड्यंत्र, चलती ट्रेन के आगे फेंका था गैस सिलेंडर
जनवरी 2023 में हल्द्वानी में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर ट्रेन पलटने की कोशिश हुई थी।  गनीमत रही कि ट्रेन गति धीमी थी। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। अब अन्य शहरों में इस तरह की लगातार होती घटनाओं में आतंकी षड्यंत्र सामने आ रहे हैं।

कानपुर में रेलवे ट्रैक पर भरे गैस सिलेंडर रखने के बाद अजमेर में सीमेंट के 70-70 किलो के ब्लाॅक रखकर ट्रेनें पलटाने का षड्यंत्र रचा गया। इन घटनाओं के बाद स्थानीय रेलवे व खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हैं। सुरक्षा दृष्टि से अतिसंवेदनशील पटरियां आतंकी षड्यंत्रों में नया मॉड्यूल बनकर उभरी हैं।

हैरानी है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है, जब रेलवे पटरी पर सिलेंडर रखकर बड़ी दुर्घटना कराने की कोशिश हुई थी। इस पूरी घटना का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। हल्द्वानी का बनभूलपुरा क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है।

रेलवे महकमे में मच गया था हड़कंप
बात जनवरी 2023 की है, जब लालकुआं की ओर से आ रही यात्रियों से भरी ट्रेन के आगे बनभूलपुरा क्षेत्र में गैस सिलेंडर फेंका गया था।  ट्रेन की गति धीमी थी और लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी थी। सिलेंडर को स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला था। ट्रेन की गति तेज होती तो कुछ भी हो सकता था। इस घटना से रेलवे में हड़कंप मच गया था।

मामले में एक आरोपित गिरफ्तार किया गया था। उसने स्वीकारा  था कि वह सिलेंडर लेकर गैस भराने जा रहा था। अचानक ट्रेन आई तो घबराकर सिलेंडर पटरी पर फेंक दिया था। अब अन्य शहरों में इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं में जब आतंकी षड्यंत्र सामने आ रहे हैं तो हल्द्वानी में हुई घटना को भी सुरक्षा एजेंसियों ने नए नजरिये से देखना शुरू कर दिया है।

ट्रेन रुकते ही बाहर आ गए थे यात्री
सिलेंडर के ऊपर इंजन चढ़ते ही लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी थी।  यात्रियों में हड़कंप मच गया था। दर्जनों यात्री ट्रेन से नीचे उतरकर पटरी पर आ गए थे। लंबी जांच के बाद ट्रेन अपने गंतव्य रवाना हुई थी।

आरपीएफ ने दर्ज किया था केस
चलती ट्रेन के आगे गैस सिलेंडर फेंकने के मामले के बाद आरपीएफ ने  बनभूलपुरा में किराएदार पीलीभीत निवासी गंगाराम को पकड़ा था। आरपीएफ थाने में प्राथमिकी अंकित है। घटना के पीछे असली कारण आज तक पता नहीं चल पाया ।

ट्रेन के आगे सिलेंडर फेंकने की घटना एक साल पुरानी है। इस मामले में व्यक्ति को पकड़ लिया गया था। उसके विरुद्ध केस दर्ज किया। पूछताछ में व्यक्ति ने बताया था कि वह सिलेंडर भराने के लिए जा रहा था। अचानक ट्रेन आने से वह घबरा गया और सिलेंडर ट्रेन के आगे फेंक दिया।   – चंद्रपाल सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर

रेलवे का क्या है भावी प्लान?

पटरियों पर आए दिन कुछ न कुछ रखकर ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास हो रहा है. मई से लेकर अब तक ऐसे 30 मामले रिपोर्ट हो चुके. अब एनआईए को भी इसमें कूदना पड़ा है.

पटरियों पर अवरोधक रख ट्रेनें पलटने की कोशिशें 

अजमेर के मांगलियावास थाना क्षेत्र में मालगाड़ी डिरेल करने की कोशिश हुई, यद्यपि षड्यंत्र विफल कर दिया गया . सराधना-बांगड़ ग्राम के पास 70 किलो वजनी सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे, लेकिन मालगाड़ी इन्हें तोड़ते निकल गई. रेलवे कर्मचारियों ने मांगलियावास थाने में शिकायत लिखाई है. पिछले साल मई से लेकर अब तक 30 बार या तो ट्रेन डिरेल करने की कोशिश हुई है या ट्रेन पर पथराव हुआ है.

ताज़ा  मामले बेहद गंभीर है. इनकी गंभीरता इस बात से मापी जा सकती है कि इन मामलों की जांच NIA और ATS जैसी एजेंसी कर रही है. जैसी जानकारी जांच में आएगी उसी हिसाब से रेलवे अपनी तैयारी रखेगा.

फेंसिंग
रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ फेंसिंग का काम तेजी से चल रहा है. अप्रैल से अगस्त तक 2600 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी. अब तक कुल 4600 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी है. ये फेंसिंग उन रूट पर हो रही है जहां ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे ज्यादा में चलती हो. रेलवे का कहना है कि 74000 km के ट्रैक को किलाबंद करना अभी संभव नहीं.

सीसीटीवी
रेलवे के सूत्रों का कहना है कि लोको इंजन के आगे सीसीटीवी कैमरे भी जल्द लगेंगें. फिलहाल ये डाक्यूमेंटेशन फेज में है.

जानिए अब तक कौन-कौन सी दुर्घटनायें हुई 
5 जून 2023 को उड़ीसा भद्रक के मंजरी रेल स्टेशन पर ट्रैक पर लकड़ी का एक गठ्ठा रेलवे ट्रैक पर मिला. 2 अक्टूबर 2023 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में गंगरार और सोनयाना स्टेशन के बीच ट्रैक पर लोहे और पत्थर से बने दो इंसुलेटर पिन मिले. 4 फरवरी 2024 को तमिलनाडु में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हुआ. 2 जून 2024 को मालदा में सिग्नल के साथ छेड़छाड़ हुई.

30 attempts in 5 months to derail trains with cylinder and polls nia jumps in with terror angle

12 जुलाई 2024 को बंगाल के बीरभूम जिले में एक लोकल ट्रेन के साथ तोड़फोड़ की गई. 16 जुलाई 2024 को प्रयागराज के रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर और बाकी सामान रखने के लिए एक यूट्यूबर को गिरफ्तार किया गया.

1 अगस्त को एक और जन पकड़ा गया  जो रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर और साइकल रखकर वीडियो बनाता था. 5 अगस्त को ट्रैक पर कैंची और इस तरीके के सामान रखने वाला एक और व्यक्ति पकड़ा गया. 17 अगस्त को कानपुर के भीमसेन और गोविंदपुर के बीच साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे डिरेल हो गए. जांच में आया कि वहां लोहे का एक बहुत बड़ा टुकड़ा था जिससे ट्रेन पटरी से उतरी. 18 अगस्त को जबलपुर के गढ़ा और कछपूरा के बीच ट्रेन लोहे की रोड से टकराई. यह लोहे की रोड 15 से 20 फीट ऊंची और 9 मिलीमीटर गोल थी.

20 अगस्त 2024 में प्रयागराज में एक बाइक का एलॉय व्हील ट्रैक पर रखा गया था जिससे ट्रेन टकराई और कुछ समय के लिए बाधित रही. 23 अगस्त 2024 को कायमगंज और शमशाबाद के बीच 30kg की लकड़ी रखी हुई थी जिसकी वजह से ट्रेन को रुकना पड़ा. ये 137 cm लंबा था.

24 अगस्त 2024 में पाली राजस्थान के जवाई बांध और बिरोलिया के बीच ट्रैक पर सीमेंट का एक ब्लॉक रखा हुआ था. 28 अगस्त को राजस्थान में गुगोर और भूलोन के मध्य ट्रक के बीचो-बीच मिट्टी में सना मोटरसाइकिल का chesis रखा गया था, जिससे मालगाड़ी टकरा गई थी. 30 अगस्त तेलंगाना के चंदन नगर और हाफिज पेट के बीच रेलवे ट्रैक में लोहे की एक रोड रखी गई थी जिसकी वजह से 10 मिनट ट्रेन को वहां रुकना पड़ा 30 अगस्त को झारखंड के डाल्टनगंज और कजरी रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक से 100 पैंड्रोल क्लिप को ट्रैक से निकाल कर चोरी कर लिया गया.

5 सितंबर, 2024 की शाम को, कुरदुवाड़ी रेलवे स्टेशन के पास एक गंभीर दुर्घटना से बचाव किया गया जब एक सिग्नल पॉइंट के पास ट्रैक पर जानबूझकर एक फाउलिंग मार्क स्लैब रखा गया था. सतर्क लोको पायलट ने समय पर ट्रेन को रोक लिया, और अधिकारियों ने जल्दी से अवरोध को हटा दिया. इस घटना की जांच चल रही है. 7 सितंबर, 2024 को, इंदौर-जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के दो कोच संदिग्ध परिस्थितियों में जबलपुर स्टेशन के पास डिरेल हो गए. डिरेलमेंट की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है.

9 सितंबर को प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराने के बाद डिरेल होते-होते बची. यह घटना कानपुर में हुई. ट्रेन से लगने के बाद सिलेंडर ट्रैक से साइड हो गया और लोको पायलट ने समय पर आपातकालीन ब्रेक लगा दिए. पुलिस ने घटनास्थल पर पेट्रोल और माचिसें पाई, जो स्पष्ट रूप से आपराधिक इरादे को दर्शाती हैं. इस मामले की जांच जारी है.

मामले की जांचकर्ता एटीएस चार जनें लखनऊ से हिरासत में ले पूछताछ कर रही है.  जांच एजेंसी एनआईए भी कानपुर के अलावा लखनऊ, कन्नौज समेत कई जिलों में संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.

Tags: Indian , Indian Railway news

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