बड़ी ऑगर मशीन से भी सुरंग से श्रमिक निकालने में लगेंगे दो दिन

Silkyara Tunnel Rescue Operation Continue To Save Labourers

उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तरकाशी 16 नवंबर। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में रविवार तड़के दुर्घटना में  40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
मजदूरों को निकालने में लगेगा एक – दो दिन का समय
नई एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। यहां पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। वहीं इस कार्य में एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ रहा है। सुरंग में करीब 70 मीटर तक मलबा पसरा हुआ है। इसे देखकर बचाव में एक से दो दिन का समय और लगने की संभावना है। अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं। एनएचआईडीसीएल अधिकारियों का कहना है कि उन्हें खाने और ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है।
मजदूरों से की जा रही बात
दुर्घटना के पांचवे दिन आज गुरुवार को सुरंग में ड्रिलिंग, राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं, मजदूरों से संवाद भी हो रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जितना संभव हो सुरंग में फंसे श्रमिकों से संवाद बनाए रहें। सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के हर संभव प्रयास कर रही है।
सुरंग में शुरू हुई ड्रिलिंग
सिलक्यारा में मजदूरों को बचाने को बचाव अभियान जारी है। सुरंग में आए मलबे में जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से पहला पाइप डाला जा चुका है जिसके बाद अब ड्रिलिंग का काम लगातार जारी है।
मंत्री वीके सिंह ने ली जानकारी
केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा में साइट पर पहुंचकर निरीक्षण कर बचाव अभियान की जानकारी ली।  उन्होंने दुर्घटना की समीक्षा भी की।
सुरंग दुर्घटनास्थल पर चल रहे बचाव अभियान पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मशीन इंस्टॉल कर  काम शुरू कर दिया गया है। सभी एक-दूसरे के समन्वय से काम कर रहे हैं। स्थिति थोड़ी कठिन है। सभी लोगों से लगातार संपर्क हो रहा है और सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं।
सिलक्यारा पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह
केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह उत्तरकाशी के सिलक्यारा में साइट पर पहुंचे। यहां उन्होंने बचाव अभियान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि काम चल रहा है।चीजे भेज दी गई हैं। हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।
मशीनें उतारकर वापस लौटे हरक्यूलिस विमान
चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर बुधवार से रुके हुए हरक्यूलिस विमानों ने आज सुबह 11बजे मशीनें उतार कर वापस दिल्ली गाजियाबाद हिंडन एयरबेस के लिए उड़ान भरी।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किया  साइट का निरीक्षण
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने आज सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने को चल रहे बचाव अभियान का निरीक्षण किया। वह करीब 11:15 बजे सिलक्यारा पहुंचें। साइट के निरीक्षण के साथ ही उन्होंने समीक्षा भी की।
मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा
सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है। राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है,जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना,थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है।
टनल में अब कराई जा रही वीडियो रिकॉर्डिंग
सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद अब एनएचआईडी सीएल अब वीडियो रिकॉडिंग करवा रही है जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ सुरंग में पल-पल के हालत पर नजर रखी जाएगी। कंपनी के एक कर्मी ने बताया कि इसके लिए दो लोग लगे  है। टनल में एक वीडियो कैमरा चौबीसों घंटे पल-पल के हालत और बचाव अभियान पर नजर रखेगा।  फोटो भी ली जाएंगी।
केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह का सहयोग दें: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग की टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने में जुटी केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह से सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय से विषम हालात से निपटा जा सकता है।

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में रविवार को भूस्खलन के बाद फंसे 40 मजदूरों को निकालने को मंगलवार रात बचाव अभियान की ऑगर मशीन में तकनीक खराबी आने के बाद बुधवार को नई दिल्ली से नई मशीन मंगवाई गई। वायुसेना के दो हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन के पार्ट्स की खेप पहुंची। वहीं, देर रात मशीन के आखिरी व महत्वपूर्ण पार्ट को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया जिसके बाद सुबह से मशीन के इंस्टालेशन व ट्रायल की तैयारियां जोरों पर हैं।

उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना: रेस्क्यू ऑपरेशन में ली जा रही नॉर्वे और थाईलैंड की मदद, जानें इनकी विशेषज्ञता

Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue Operation उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है. इसके साथ ही एयरफोर्स के तीन विशेष विमानों से 25 टन भारी मशीन को भी घटनास्थल पर पहुंचाया जा रहा है. 25 टन भारी यह मशीन ड्रिलिंग के लिए खासतौर पर इस्तेमाल की जाती है।
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना में लगातार 100 घंटे से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें सकुशल बाहर निकालने को लगातार बचाव अभियान जारी है लेकिन इसमें कई बाधाएं भी आ रही हैं। ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एस्केप टनल तैयार करने का काम शुरू हुआ। मशीन से मलबे के बीच करीब तीन मीटर पाइप भी डाला गया।

अचानक खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन

चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना में यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद तीन दिन से फंसे सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं। इन श्रमिकों को बाहर निकालने को चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी।

मंगलवार की रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एस्केप टनल तैयार करने को मशीन से मलबे के बीच तीन मीटर पाइप भी डाला गया लेकिन अचानक मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। बताया गया कि मशीन के कुछ कलपुर्जे टूट गए हैं। रात्रि ड्यूटी इंचार्ज इंजीनियर अमन बिष्ट ने कहा कि रात में ऑगर ड्रिलिंग मशीन चली तो मशीन में कुछ तकनीकी खराबी आई तो दिल्ली से दूसरी ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई।
कर्नल दीपक पाटिल ने संभाला मोर्चा
मशीन से भूस्खलन के मलबे के बीच 800 मिलीमीटर व्यास के छह मीटर लंबे 11 स्टील पाइप बिछाए जाने हैं। उम्मीद थी कि 24 घंटे में सभी श्रमिक सुरक्षित निकाल लिये जाएगें। इसको सरकार ने सेना के कर्नल दीपक पाटिल को विशेष रूप से उत्तरकाशी बुलाकर राहत व बचाव अभियान की कमान सौंपी । कर्नल पाटिल ने मंगलवार सुबह सैन्य हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे जिम्मेदारी संभाली। सर्वप्रथम उन्होंने सुरंग के आसपास क्षेत्र सील कराया, ताकि बचाव कार्य में कोई बाधा न हो।

मुख्यमंत्री धामी लगातार ले रहे हैं अपडेट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार बचाव अभियान की जानकारी ले रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी से फोन पर अपडेट लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय  भी इस संबंध में लगातार अपडेट ले रहा है।

भूस्खलन से फंसे श्रमिक

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडी सीएल) की देखरेख में बन रही सिलक्यारा सुरंग में रविवार सुबह साढ़े पांच बजे भूस्खलन हुआ था। इससे रात्रि पाली में सुरंग में काम करते 40 श्रमिक भीतर ही फंसे रह गए। साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग में प्रवेश द्वार से 205 मीटर अंदर भूस्खलन हुआ, जिसकी परिधि लगभग 55 मीटर है। श्रमिक इसके आगे 2000 मीटर क्षेत्र में फंसे हैं। उन्हें सकुशल बाहर निकालने को सरकार मशीनरी युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही है। श्रमिकों को सुरंग में बिछे पानी निकासी के पाइप से ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति हो रही है।

एक श्रमिक को सिरदर्द तो दूसरे को उल्टी

सुरंग में फंसे 40 में से दो श्रमिक की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई। एक को सिरदर्द, दूसरे को उल्टी के साथ चक्कर आ रहे थे। चिकित्सकों के परामर्श पर श्रमिकों को पाइप से दवा भेजी गई। प्रशासन ने श्रमिकों की चिकित्सकों से बात भी कराई। चिकित्सकों ने श्रमिकों से कहा कि घबराएं नहीं और कोई भी परेशानी होने पर तत्काल बताएं। बचाव अभियान के समन्वयक उत्तरकाशी के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे शेष श्रमिकों की तबीयत स्थिर है।

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