41 और कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ने के नोटिस से ट्रूडो ध्वस्त
Other CountriesCanada Not Looking To Escalate Situation With India Justin Trudeau On Hardeep Singh Nijjar Murder
भारत ने ऐसा क्या किया कि 24 घंटे के भीतर ही ट्रूडो के ढीले पड़े तेवर, कहा- हम आगे ऐसा नहीं चाहते
जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा अब भारत के साथ तनाव को नहीं बिगाड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि कनाडा की कोशिश भारत में बने रहने की है, ताकि कनाडाई नागरिकों की मदद की जा सके। ट्रूडो का यह बयान 41 कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ने के आदेश के बाद आया है।
मुख्य बिंदु
भारत की सख्ती से नरम पड़े कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
भारत के साथ तनाव न बढ़ाने की कही बात, मांगा सहयोग
ट्रूडो ने भारत के साथ मिलकर काम करने की बात की
India Canada relationship news: जस्टिन ट्रूडो के भारत पर रुख नरम पड़े, बोले- अच्छे संबंध चाहिए
ओटावा 03 अक्टूबर: कनाडा के खिलाफ भारत के जबरदस्त एक्शन के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर नरम पड़ने लगे हैं। 41 कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ने के आदेश के बाद ट्रूडो ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ हालात बिगाड़ना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि कनाडा, भारत की जमीन पर रहना चाहता है, ताकि कनाडाई लोगों की मदद कर सके। भारत ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक अपने 41 राजनयिक भारत से वापस बुलाने को कहा है। कनाडा के भारत में 62 राजनयिक हैं और नई दिल्ली ने कहा है कि इसमें से 41 राजनयिक कम किये जाने चाहिए।
‘भारत के साथ स्थिति नहीं बिगाड़ना चाहते’
ट्रूडो ने कहा, “कनाडा भारत के साथ स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहता है, वह नई दिल्ली के साथ जिम्मेदारीपूर्वक और रचनात्मक तरीके से जुड़ना जारी रखेगा। हम कनाडा के परिवारों की मदद को भारत में मौजूद रहना चाहते हैं।” ट्रूडो ने पिछले हफ्ते भी कहा था कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के विश्वसनीय आरोपों के बावजूद, कनाडा अभी भी भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को प्रतिबद्ध है। भारत ने ट्रू़डो के इन दावों को बेतुका और प्रेरित बताकर निरस्त कर दिया था।
ट्रूडो ने भारत की बढ़ती साख का दिया हवाला
नेशनल पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में भारत के बढ़ते प्रभाव की ओर इशारा करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि कनाडा और उसके सहयोगी भारत के साथ जुड़े रहें। भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है। और जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं। उसी समय, जाहिर तौर पर, कानून के शासन वाले देश के रूप में, हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करने को कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि हमें इस मामले के पूरे तथ्य मिलें। ट्रूडो की यह टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बीच आई है जो उनके लगाए आरोप के बाद शुरू हुआ है।
ट्रूडो की बयानबाजी से भारत-कनाडा में बढ़ा तनाव
भारत में नामित आतंकवादी निज्जर को 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के तीन महीने बाद कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने संसद में कहा था कि उनके देश की खुफिया एजेंसियों के पास इस बात की पक्की जानकारी है कि हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। इसके बाद कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया था। इसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दिया था।
जयशंकर ने कनाडा को जमकर सुनाया
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि खुलेआम हिंसा की वकालत करने वाले आतंकवादियों, चरमपंथी लोगों के प्रति कनाडा का रवैया बहुत उदार है। उन्होंने कहा “कनाडा से यह कई वर्षों से बड़े टकराव का मुद्दा रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, यह फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि हम इसे आतंकवादियों, चरमपंथी लोगों के प्रति एक बहुत ही उदार कनाडाई रवैया मानते हैं जो हिंसा की खुली वकालत करते हैं। कनाडा की राजनीति की मजबूरियों के कारण उन्हें कनाडा में संचालन की जगह दी गई है।”