उत्तर प्रदेश में दो साल में लव जिहाद के आये 433 मामले,पांच साल में 17 हिंदू लड़कियों की मौत
नाम बदलकर प्यार फिर धर्म परिवर्तन का दबाव:बांदा में महेश बनकर बच्ची से रेप; शाहजहांपुर में अविवाहित गर्भवती की मौत, 2 साल में आए 433 मामले
राजेश साहू
लव जिहाद…यह शब्द जितना चर्चित है, उतना ही विवादित भी। सरकारी दस्तावेजों में इसका जिक्र नहीं, लेकिन राजनीति में इसकी खूब बात होती है। यूपी में पिछले 1 महीने के अंदर 4 ऐसे मामले सामने आए, जहां धर्म छिपाकर प्रेम करने का मामला खुला। शाहजहांपुर में गर्भवती लड़की की मौत हो गई। लखनऊ में संगठित तरीके से लड़कियों को फंसाने वाले 4 गिरफ्तार हुए। आगरा में नाम बदलकर प्रेम किया। अश्लील वीडियो से ब्लैकमेल करके धर्म परिवर्तन करवाया। शादी की और अब तीन तलाक दे दिया।
आज हम धर्म परिवर्तन से जुड़ी इन्हीं कहानियों को हर एंगल से जानेंगे। नाम छिपाकर प्रेम करने के पीछे की साजिशों को समझेंगे। अब तक दर्ज हुए केस और उन पर हुई कार्रवाई को जानने के लिए सरकारी रजिस्टर खंगालेंगे। शुरुआत 3 उन मामलों से जो कुछ दिन पहले ही बीते हैं।
केस-1ः नाम बदलकर प्रेम फिर दोस्तों के साथ गैंगरेप
बांदा के नरैनी थाना क्षेत्र की एक 16 साल की लड़की को मोहल्ले की ही एक महिला ने एक लड़के से दोस्ती करवाई। लड़के का नाम गुड्डू था, लेकिन उसने महेश बताया। तीन महीने दोनों में दोस्ती चली।पीड़िता बताती है, “14 मई को गुड्डू ने कुछ सूंघा दिया। मैं बेहोश हो गई। होश आया, तो कबौली गांव में थी। गुड्डू मुझे बांदा ले गया। वहां से ट्रेन के जरिए सूरत ले गया।
वहां उसके दो और दोस्तों ने मेरे साथ गैंगरेप किया। मैं पुलिस को बताना चाहती थी तो उसने मारपीट की। मुझे वहां पता चला कि यह हिन्दू नहीं मुस्लिम है। उसने धर्म परिवर्तन का भी दबाव बनाया।”
पीड़ित ने बताया, ”30 मई को तीनों मुझे कमरे में बंद करके चले गए। मैंने कमरे की खिड़की से एक राहगीर को बुलाया। मुझे मामा का नंबर याद था, इसलिए फोन करके उन्हें पूरी बात बताई। मामा वहां आए और मुझे लेकर बांदा आए। ASP लक्ष्मी निवास मिश्र ने धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज किया। एक टीम को गुजरात भेजकर जांच करने की बात कही।”
केस-2ः प्रेम किया…प्रेग्नेंट हुई और मौत हो गई
लखीमपुर के उचौलिया का नावेद डेढ़ साल से शाहजहांपुर में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। एक साल पहले लखीमपुर में उसकी मुलाकात पलिया की एक लड़की से हुई। वह हॉस्पिटल में काम करती थी। 8 महीने बाद लड़की का ट्रांसफर शाहजहांपुर हो गया। यहां दोनों में अफेयर शुरू हुआ और साथ रहने लगे। लड़की ने घरवालों को इसके बारे में कुछ नहीं बताया।
1 महीने पहले वह प्रेग्नेंट हो गई। इससे वह परेशान हो गई। किसी भी तरह से गर्भपात करवाना चाहती थी। नावेद ऐसा नहीं चाहता था। 28 मई को लड़की ने गर्भपात की गोलियां खा ली। पूरा यूट्रस डैमेज हो गया। नावेद उसे लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचा। वहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत बता दिया। नावेद लाश लेकर जाने लगा तो मृत लड़की का नाम पूछा गया। उसने जोया सिद्दीकी बताया।
पुलिस को शक हुआ तो उसने जांच की। पता चला कि लड़की हिन्दू है। पुलिस ने तुरंत ही नावेद और उसके दोस्त को हिरासत में ले लिया। लड़की के भाई की शिकायत पर नावेद पर रेप और धर्म परिवर्तन के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
लड़की के भाई का कहना है, “दो दिन पहले मेरी बहन का फोन आया था, उसने कहा कि कोई नावेद नाम का लड़का उसे परेशान कर रहा है। मैंने नावेद का नंबर लिया और बात की। हम अपनी बहन के पास जाने ही वाले थे कि उसके पहले ही उसने मेरी बहन को मार दिया।” फिलहाल पुलिस इस मामले में हत्या और आत्महत्या की जांच कर रही है।
केस-3ः हिन्दू लड़कियों को निशाना बनाकर बेचने का षड्यंत्र
20 मई को पुलिस को सूचना मिली कि एक लड़की को कुछ लोग किडनैप करके बेचने की तैयारी में है। सूचना के तुरंत बाद पुलिस सक्रिय हो गई। 125 पुलिसवालों को लगा दिया गया। साढ़े चार घंटे के अंदर लड़की को अवध-असम ट्रेन से बरामद कर लिया गया। जाबिर, आमिर, नादिर और वहाब के रूप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जीशान नाम का आरोपी फरार है।
इस मामले में जो कुछ खुला वह हैरान करता है। जाबिर और आमिर पिता-पुत्र हैं और ठाकुरगंज में रहते थे। जबकि नादिर और वहाब उन्नाव के हैं, लड़कियों के बेचने में यह भी शामिल होते हैं।
ये गिरफ्तार किए गए चारों आरोपित हैं। पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया।
पूछताछ में पता चला कि आमिर हिन्दू बनकर लड़कियों से बात करता था, उनसे संबंध बनाता और फिर उन्हें मुंबई ले जाकर बेच देता था। बेचने का सौदा पहले से ही तय होता था। जिस लड़की को पुलिस ने बरामद किया है। आमिर ने उसके साथ धर्म छिपाकर दोस्ती की थी। संबंध भी बनाए। धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रहा था, लेकिन लड़की नहीं मानी।
गुरुवार रात लड़की को ले जाने की तैयारी थी। रात 11 बजे लड़की ने कंट्रोल रूम को अपनी किडनैपिंग की सूचना दी। कहा कि उसकी हत्या की जा सकती है। इस खबर के बाद 6 थानों की पुलिस लगा दी गई। पीड़िता की लोकेशन के आधार पर पुलिस दुबग्गा से लेकर काकोरी तक गई।
इसके बाद मलिहाबाद, ठाकुरगंज, माल व रहीमाबाद थाने की टीम ने जंगल को घेर लिया। बदमाश लड़की को लेकर दुबग्गा से होते हुए ऐशबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर अवध-असम एक्सप्रेस खड़ी थी। आरोपी लड़की को लेकर चढ़ गए। तभी वजीरगंज थाने की पुलिस ने जीआरपी से संपर्क किया और गाड़ी रुकवा दी। 45 मिनट तक ट्रेन को खंगाला गया और सुबह 4 बजे पुलिस ने लड़की को उनके चंगुल से छुड़ा दिया।
केस-4ः हिन्दू बनकर फंसाया, निकाह किया और 3 तलाक दे दिया
आगरा के रकाबगंज की एक लड़की के मोबाइल पर 2017 में एक मिस्ड कॉल आया। लड़की ने कॉल बैक किया तो सामने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम राजा बताया। लड़की ने नहीं पहचानते हुए फोन काट दिया। इसके बाद उस व्यक्ति का अलग-अलग नंबर से फोन आने लगा। दोनों में कुछ दिन बाद दोस्ती हो गई। लड़के ने खुद को हिन्दू बताया था। दोस्ती प्यार में बदल गई। राजा ने लड़की के अश्लील वीडियो बना लिए। इन वीडियोज को दिखाकर शादी की बात की। मेरा धर्म परिवर्तन करवाया और शादी कर ली।
पीड़िता बताती हैं, “जब मुझे राजा के मुस्लिम होने का पता चला, तो मैने शादी से मना कर दिया। उस वक्त राजा और उसके पिता ने मुझे धमकाया था। कहा था कि तुम्हारे अश्लील वीडियो हमारे पास हैं, शादी तो करनी ही पड़ेगी। मैने मजबूरी में शादी कर ली। शादी के बाद राजा ने मेरा अपने घर जाना बंद करवा दिया। घरवालों से बात करती तो पिटाई करता। कहता था कि तुम्हारे घर वाले काफिर हैं, अब तुम किसी रिश्तेदार से वास्ता नहीं रखोगी।”
पीड़िता कहती हैं, राजा उसके अलावा कई और लड़कियों से निकाह करके उनका जीवन बर्बाद कर चुका है। वह लव जिहाद के मिशन पर है। जब मैने इसका विरोध किया, तो उसने बुरी तरह से पीटा और तीन तलाक बोलकर बच्चे समेत मुझे घर से निकाल दिया। अब चाहती हूं कि कार्रवाई हो वरना वह बहुतों की जिंदगी बर्बाद कर देगा।
ये चार घटनाएं 1 महीने के अंदर की है। चारों में ही धर्म परिवर्तन की बात सामने आई। सभी का पैटर्न एक जैसा था, पहले नाम छिपाया। प्रेम किया। धर्म बदलने का दबाव डाला, साथ रहने लगे या फिर शादी कर ली। अब इन कहानियों से आगे जानते हैं।
धर्मांतरण कानून में लव जिहाद का जिक्र नहीं
23 नवंबर 2020 को सदन में यह अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अध्यादेश 2020 रखा। तब सरकार की तरफ से कहा गया- हम लोगों और संगठनों के खिलाफ कुछ कड़े दंडात्मक प्रावधानों के साथ धर्मांतरण की जांच करने के लिए एक कानून लेकर आए हैं। “अगर धर्मांतरण में शामिल पाया जाता है, बलपूर्वक धोखे का उपयोग करता है। शादी के लिए फुसलाना या कोई अनुचित तरीका अपनाता है।” 27 नवंबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसके बाद यह कानून बन गया।
लव जिहाद है क्या
लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है। लव मतलब प्यार। इसकी परिभाषा की जरूरत नहीं। यह एक गहरा और खुशनुमा एहसास है। वहीं जिहाद शब्द का जन्म इस्लाम के साथ हुआ। यह अरबी भाषा का शब्द है। इस्लाम के जानकारों के मुताबिक किसी मकसद को पूरा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा देना और उसे हासिल कर लेने को ही जिहाद कहा जाता है। हालांकि इस शब्द सरकारी रजिस्टर में कहीं जिक्र नहीं है। यूपी सरकार ने जो कानून बनाया उसमें भी कहीं लव जिहाद का जिक्र नहीं।
अध्यादेश के अनुसार किसी एक धर्म से जुड़ा युवक किसी दूसरे धर्म की लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ शादी के लिए करवाता है तो यह गलत है और विवाह अमान्य होगा। हालांकि यहां किसी धर्म की बात नहीं कही गई। अगर किसी व्यक्ति को धर्म बदलना है तो उसे 60 दिन पहले अपने जिले के जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अगर बिना अनुमति कोई धर्मगुरु धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 3 साल की जेल हो सकती है।
ढाई साल में 433 मामले दर्ज
27 नवंबर 2020 से 30 अप्रैल 2023 तक मिले आंकड़ों के मुताबिक धर्मांतरण से जुड़े 433 मामले दर्ज किए गए। कुल 855 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। बरेली में सबसे अधिक 86 केस दर्ज हुए। गोरखपुर में 61 व लखनऊ में 55 मामले दर्ज हुए। वहीं गिरफ्तारी की बात करें तो सबसे ज्यादा गिरफ्तारी प्रयागराज जोन में हुई। यहां कुल 163 लोग गिरफ्तार किए गए, कुल मामलों की बात करें तो यहां 46 दर्ज हुए।
लखनऊ में पुलिस ने एनकाउंटर किया
लखनऊ के दुबग्गा इलाके में 17 साल की निधि गुप्ता को पड़ोस में ही रहने वाला सूफियान तंग करता था। लड़की ने अपने परिवार को बताया तो उसके मामा रवि गुप्ता शिकायत लेकर सूफियान के घर पहुंचे। बात बढ़ गई। रवि को मारने के लिए सूफियान बिल्डिंग की चौथी मंजिल तक पहुंच गया। बचाने के लिए निधि पहुंची। आरोप है कि सूफियान ने निधि को वहां से धक्का दे दिया। निधि की मौत हो गई। सूफियान फरार हो गया। पुलिस ने 25 हजार इनाम घोषित कर दिया।
तीन दिन के बाद पुलिस ने सूफियान को दुबग्गा में ही घेरा तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी फायरिंग की और सूफियान को पकड़ लिया। उसके दाहिने पैर में गोली लगी।
पांच साल में 19 लड़कियों की मौत में धर्म परिवर्तन एंगल
हमने पिछले 5 सालों का आंकड़ा निकाला। पता चला कि 17 मामले ऐसे हैं जिसमें 19 लड़कियों की मौत हुई। लखीमपुर और मेरठ में एक ही मामले में 2-2 लड़कियों की हत्या हुई थी। इन सभी मामलों में लड़कियां हिन्दू व आरोपित मुस्लिम मिले। लिस्ट में पहला मामला 5 जुलाई 2017 का है जब हीना तलरेजा को उसके ही पति अदनान खान ने गोली मार दी थी। हत्या से पहले अदनान ने अपने दोस्तों से हिना का गैंगरेप करवाया।
माथे पर गोली मारी। हीना बचे न इसके लिए घाव में चाकू डालकर घुमा दिया। बाद में लाश को कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र के हाईवे पर फेंककर भाग गए। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार करके मामले का अनावरण किया था।
क्या शादी के लिए धर्मांतरण के पीछे कोई संगठित संगठन
हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण को लेकर यूपी पुलिस की सबसे बड़ी व प्रभावी कार्रवाई कानपुर में हुई थी। 2021 की शुरुआत में वहां दो महीने के अंदर 14 मामले दर्ज हुए। बीजेपी, बजरंग दल समेत कई हिन्दू संगठनों ने लव जिहाद की बात कहते हुए हंगामा किया। पुलिस ने SIT गठित कर दी। SIT ने जांच शुरू की, तो इसके पीछे किसी संगठन के होने के सबूत नहीं मिले।
14 मामलों में 8 ऐसे थे जिसमें लड़कियां यह जानते हुए शादी की थी कि सामने वाला मुस्लिम है। 6 मामले ऐसे थे जिसमें लड़कों ने लड़कियों को गुमराह करके उनसे शादी की थी। दो मामले नौबस्ता थाने से जुड़े थे।
अब सवाल क्या मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा
इस सवाल के जवाब के लिए हमें कानून के लागू होने के बाद वाले महीने के आंकड़े निकालने होंगे। उस एक महीने में 14 मामले दर्ज हुए। 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें एक भी हिन्दू युवक शामिल नहीं था। उसी दौरान बरेली, मेरठ और कानपुर में मुस्लिम लड़कियों के हिन्दू लड़कों से शादी करने के मामले सामने आए। वहां कोई केस दर्ज नहीं हुआ बल्कि उन्हें सुरक्षा दी गई।
जब यह कानून बना तो 104 रिटायर्ड IAS अधिकारियों ने सीएम योगी को चिट्ठी लिखी थी। इन अधिकारियों ने कानून का विरोध किया। पत्र लिखने वालों में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव, पीएम के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर, एएस दौलत, सुजाता राय शामिल हैं। इन अधिकारियों का मानना था का इस कानून का इस्तेमाल लाठी के तौर पर हो रहा। यह भारतीय युवाओं के खिलाफ किए गए जघन्य अत्याचारों की श्रृंखला में से एक है।
विरोध पत्र के कुछ दिन बाद ही 224 रिटायर्ड अधिकारियों ने इस कानून के समर्थन में पत्र लिख दिया। पत्र में धर्मांतरण कानून का विरोध करने वाले 104 पूर्व आईएएस अफसरों को राजनीति से प्रेरित बताया।
सबको अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार
अजब यह कि जिस दिन यूपी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने धर्मांतरण संबंधी कानून लागू किया, उसके ठीक एक दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने कुशीनगर के सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार उर्फ आलिया के मामले में फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा- हर किसी को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार है। चाहे वह किसी भी महजब को मानने वाला हो। यह उनकी निजी आजादी की बात है। दो लोग अगर खुशी-खुशी एक दूसरे के साथ रह रहे हैं तो किसी को इस पर आपत्ति जताने का हक नहीं।
आखिर में जबरन धर्मांतरण को लेकर दूसरे राज्यों में क्या कानून है उसे आप इस ग्राफिक में देखिए।