पाक में सालभर की बच्ची समेत 50 हिंदू बनाये मुसलमान
पाकिस्तान में 50 हिंदुओं का धर्मांतरण:1 साल की बच्ची भी शामिल; 4 महीने सेंटर में इस्लाम की ट्रेनिंग दी गई, सांसद भी मौजूद रहा
धर्मांतरण कार्यक्रम का यह फोटो पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने जारी किया है।
इस्लामाबाद 04 मई । पाकिस्तान के मीरपुरखास में 10 परिवारों के 50 हिंदुओं को मुसलमान बनाया गया है। इनमें 1 साल की बच्ची भी शामिल है। इस मौके पर मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज खान भी मौजूद रहे। वो खुद भी सांसद हैं।
हिंदुओं का सामूहिक धर्मांतरण कराने के लिए एक स्पेशल सेरेमनी ऑर्गेनाइज की गई। जिन लोगों का मजहब बदलवाया गया है, उन्हें चार महीने तक एक जगह रखा गया, इसे आम बोलचाल में इस्लामी ट्रेनिंग सेंटर कह सकते हैं।
करीब एक महीने पहले हिंदू सांसद दानिश कुमार ने सदन में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि उनके सहयोगी सांसद उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए लालच देते हैं या दबाव डालते हैं। अब हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया है।
धर्मांतरण कार्यक्रम का यह फोटो पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने जारी किया है।
संगठन ने खुद की पुष्टि
हिंदुओं को मुस्लिम बनाने की इस घटना का खुलासा पाकिस्तान के ही अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक स्पेशल रिपोर्ट में किया है। इसके मुताबिक यह प्रोग्राम बैतुल इमान न्यू मुस्लिम कॉलोनी के एक मदरसे में किया गया। शाहबाज शरीफ सरकार में मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे और सांसद मोहम्मद शमरोज खान खुद भी इसका हिस्सा बने।
जिस संगठन ने यह धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित किया, उसके केयरटेकर कारी तैमूर राजपूत ने कहा- कुल 10 परिवारों को इस्लाम में शामिल किया गया है। वो मर्जी से मुस्लिम बनने को राजी हुए। हमने कोई दबाव नहीं डाला। इस मौके पर कई स्थानीय लोग मौजूद थे।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक धर्मांतरण का यह कार्यक्रम बैतुल इमान न्यू मुस्लिम कॉलोनी के एक मदरसे में किया गया।
एक साल की बच्ची भी अब मुस्लिम
कारी ने कहा- 10 परिवारों के कुल 50 लोगों ने इस्लाम कबूल किया है। इनमें 23 महिलाओं के अलावा एक साल की बच्ची भी शामिल है। इन सभी लोगों को एक खास सेंटर में रखा गया था। ये सेंटर 2018 में उन लोगों के लिए बनाया गया था, जो दूसरे मजहबों को छोड़कर इस्लाम अपनाते हैं।
कारी ने बताया कि सभी लोगों को इस सेंटर में चार महीने रखा गया। इस दौरान उन्हें मजहबी ट्रेनिंग दी गई और उनकी हर जरूरत पूरी की गई। सेंटर में उन्हें भोजन, कपड़े और दवाइयां भी मुहैया कराई गईं। पिछले 5 साल में अनगिनत लोगों ने दूसरे धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर हम पूरे परिवार को इस्लाम में कन्वर्ट कराते हैं। अगर किसी एक शख्स का धर्मांतरण कराया जाए तो विवाद हो जाता है। चार महीने सेंटर में रहने के दौरान उन्हें कहीं भी आने-जाने की इजाजत होती है। वो चाहें तो ये जगह भी छोड़कर जा सकते हैं।
सिंध की रहने वाली कृष्णा नाबालिग हैं। फरवरी में उन्हें घर से किडनैप किया गया। बाद में एक मुस्लिम से शादी करा दी गई।
हिंदू नेता बोले- हम मजबूर हैं
पाकिस्तान के हिंदू एक्टिविस्ट फाकिर शिवा ने इस सामूहिक धर्मांतरण का विरोध किया है। शिवा ने कहा- बिल्कुल साफ नजर आ रहा है कि अब सरकार ही दूसरे मजहब के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण करा रही है। माइनॉरिटीज के लोग कई साल से मांग कर रहे हैं कि इस तरह के कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए, लेकिन हमारी बात सुनेगा कौन? सिंध में तो यह बहुत बड़ा मसला बन चुका है। अब तो कैबिनेट मिनिस्टर का सांसद बेटा भी इस तरह के प्रोग्राम में शामिल हो रहा है।
शिवा ने आगे कहा- हमारे लिए ये बहुत फिक्र की बात है कि धर्मांतरण किस पैमाने पर हो रहा है, लेकिन क्या करें? हम मजबूर हैं। हमारी कम्युनिटी में पहले ही बहुत गरीबी है। इसका फायदा मजहबी नेता उठा रहे हैं। लोगों को लालच दिया जाता है, फिर उन्हें कन्वर्ट कराया जाता है।
हिंदू सांसद दानिश कुमार ने करीब एक महीने पहले संसद में बताया था कि उन्हें साथी सांसद ही इस्लाम कबूल करने को कहते हैं।
हिंदू सांसद का दर्द
करीब एक महीने पहले पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद ने अपने साथी सांसदों पर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। बलूचिस्तान के नेता दानिश कुमार ने संसद में कहा था- मुझे इस्लाम के उपदेश न दिए जाएं। पहले अपराधी मुसलमानों को इस्लाम सिखाओ, फिर मुझसे मेरा धर्म बदलने के लिए कहना।
उन्होंने आगे कहा- यहां पर मेरे दोस्त हैं जो मुझसे कहते हैं कि दानिश कुमार कलमा पढ़ लो, मुसलमान हो जाओ। मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि पहले आप उन शैतानों को इस्लाम का पालन करने के लिए कहें जो मुनाफाखोर हैं। फिर दानिश कुमार के ऊपर आकर तबलीग करें। मैं चाहता हूं कि मुझसे ये वादा किया जाए कि जब तक ये उन लोगों से इस्लाम का पालन नहीं करवाते, तब कर मुझ पर तब्लीग नहीं करेंगे।
दानिश कुमार 2018 में बलूचिस्तान अवामी पार्टी से अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर सांसद चुने गए थे। इससे पहले वो बलूचिस्तान की विधानसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। दानिश इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हक को लेकर आवाज उठा चुके हैं।
धर्मांतरण के खिलाफ पाकिस्तान में कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
UN भी परेशान
जनवरी में UN ने भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे जुर्म को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। UN के 12 एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तान में माइनॉरिटी की किडनैपिंग, धर्म परिवर्तन और छोटी उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी।
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के मुताबिक हर साल करीब एक हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदलवा दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां सिंध प्रांत के गरीब हिंदू समुदाय से आती हैं। इसके अलावा सिख और क्रिश्चियन कम्युनिटी की भी काफी लड़कियां इसका शिकार बनती हैं।