खालिस्तानियों के समर्थन से जीती पंजाब में आआपा?

केजरीवाल के खेल का जल्द होगा पर्दाफाश!

उत्कर्ष उपाध्याय

सत्ता की मिलेगी चाबी, करेंगें हर एक राज्य की बर्बादी!

इसी पर आम आदमी पार्टी का मूल सिद्धांत केंद्रित लगता है और अब जब पार्टी पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना रही है, वो भी तब जब न तो आम आदमी पार्टी ने अब तक पंजाब में कोई काम किया था, न ही वह राज्य में एक पुरानी पार्टी थी फिर ऐसा क्या हुआ जो राज्य में उसका प्रादुर्भाव अन्य सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों के अस्तित्व को मिटाता गया? यह सवाल तो उठेगा ही।

किसान आंदोलन का खालिस्तान कनेक्शन और केजरीवाल

ध्यान देने वाली बात है कि केजरीवाल के उस एजेंडे पर सबकी नज़र नहीं जा रही, जिसे वित्त-पोषित कर केजरीवाल ने दिल्ली से सटे बॉर्डरों पर पाला था। किसान आंदोलन के खालिस्तानी कनेक्शन से ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उसकी सेवा में दिल्ली का राजस्व ऐसे खोला जैसे दिल्ली की जनता के सर्वांगीण विकास को यह राजस्व कोई खैरात था। फ्री WiFi, फ्री बिजली और फ्री पानी के अतिरिक्त शादी ब्याह के माहौल जैसा बॉर्डर जगमग करने का श्रेय इसी केजरीवाल सरकार को जाता है क्योंकि AAP का ध्येय तो 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव था, ऐसे में आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में टिके खालिस्तानी समूहों को न केवल वित्तपोषित किया उसकी हर गैरजरूरी इच्छा की पूर्ति भी की। यदि यह परिणाम असल किसान आंदोलन में आता तो कांग्रेस, अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस या फिर शिरोमणि अकाली दल बढ़त बनाते दिखते, क्योंकि किसान आंदोलन के प्रति जहां कांग्रेस ने फ्रंट फुट पर केंद्र सरकार से हल निकालने की मांग अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहते की थी, तो शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र का मंत्री पद त्याग दिया था। ऐसे में केजरीवाल कौन सी किसान आंदोलन की मलाई चाट गए, सबसे बड़ा प्रश्न यही है?

बता दें कि यह पूरा घटनाक्रम खालिस्तानी एजेंडे के इर्द-गिर्द घूमने के साथ ही आम आदमी पार्टी की विकृत सोच का परिणाम था, जिसने पंजाब में सरकार बनाने के द्वार खोल दिए हैं। कई खालिस्तानी समूहों ने तो साफ़-साफ केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को समर्थन देते हुए अपने बयान भी साझा किए थे। ऐसे में इस पूरे चुनावी परिणाम का अन्तोत्गत्वा एक ही निचोड़ निकल रहा है कि कैसे अरविन्द केजरीवाल के खालिस्तानी प्रेम ने उनको सरकार बनाने की स्थिति में ला खड़ा किया।

‘पंजाब में खालिस्तानी फंडिंग से जीती AAP’, सिख फॉर जस्टिस ने लगाए गंभीर आरोप

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रचंड जीत के बाद प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि खालिस्तान समर्थकों (Khalistan Supporters) की मदद से आप ने पंजाब चुनाव में जीत हासिल की है.

‘पंजाब में खालिस्तानी फंडिंग से जीती AAP’, सिख फॉर जस्टिस ने लगाए गंभीर आरोप

SFJ ने भगवंत मान को लिखी चिट्ठी
खालिस्तान की मदद से आप ने जीता
सिख फॉर जस्टिस ने आरोप लगाया

आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब विधान सभा की 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत हासिल किया. आप की जीत के बाद प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने आरोप लगाया है कि खालिस्तान समर्थकों (Khalistan Supporters) की मदद से आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव में जीत हासिल की है. एसएफजे ने आप के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान (Bhagwant Mann) को एक चिट्ठी लिखी है.

SFJ ने भगवंत मान को चिट्ठी में क्या लिखा?

भगवंत मान (Bhagwant Mann) को लिखी चिट्ठी में कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने बिना प्रचार और बिना कैडर से 70 प्रतिशत सीटें जीती. आप को खालिस्तानी समर्थकों से फंडिंग मिली और पार्टी को खालिस्तान समर्थकों से भारी समर्थन मिला. आप ने एसएफजे के फर्जी लेटर के जरिए वोट हासिल किए और पार्टी ने खालिस्तान समर्थक सिखों के वोटों को धोखे से अपने समर्थन में किया. सिख फॉर जस्टिस ने अपने लेटर में आरोप लगाया कि खालिस्तानी फंडिंग से आम आदमी पार्टी को वहां भी वोट मिले, जहां प्रचार नहीं किया.

वोटिंग से पहले भी SFJ ने फोड़ा था लेटर बम

पंजाब विधान सभा चुनाव (Punjab Assembly Election) को लेकर होने वाले मतदान से 48 घंटे पहले 18 फरवरी सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) ने लेटर बम फोड़ा था और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अलावा आम आदमी के सीएम प्रत्याशी भगवंत मान (Bagwant Mann) पर निशाना साधा था

‘केजरीवाल-भगवंत मान करते हैं खालिस्तान का समर्थन’

भारत मे प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) ने लेटर में कहा था कि आप के समर्थन वाला फर्जी लेटर वायरल होने के बाद आप नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने गुरपतवंत पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) को फोन किया था. पन्नू के मुताबिक राघव चड्ढा ने उससे कहा कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान खालिस्तान रेफरेंडम का समर्थन करते हैं.

क्या पंजाब चुनाव में SFJ ने दिया AAP को समर्थन?

इससे पहले सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) का एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें दावा किया जा रहा था कि सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने को समर्थन दिया है. इसके साथ ही लेटर में दावा किया जा रहा था कि संगठन ने भगवंत मान (Bhagwant Mann) को आप का मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने को भी अपना समर्थन दिया है, जिसे एसएफजे ने गलत बताया था.

खालिस्तानी आतंकवादियों से केजरीवाल के संबंधों पर बहुत बड़ा खुलासा

October 4, 2018 5762

रिपब्लिक टीवी ने अपने चैनल पर स्टिंग ऑपरेशन दिखाया जिसमें खालसा दल के लीडर ने दावा किया है कि उनके ग्रुप ने आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब में कैम्पेनिंग और उनको फंडिंग भी की। जाहिर है ये बहुत बड़ा खुलासा है क्योंकि इससे देश के राजनीतिक दलों का देश तोड़ने वालों से संबंध जगजाहिर हो गया है।

आतंकी गुरदियाल सिंह गढ़शंकर से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी जयकिशन सिंह रोडी के समर्थन में अपील करते हुए

रिपब्लिक टीवी के इस स्टिंग ऑपरेशन में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन एक सदस्य बता रहा है कि कैसे आम आदमी पार्टी से उसकी डील हुई थी और आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी आतंकवादी संगठन के द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक मोहरा बता दिया।

 

इन बिंदुओं से समझिए स्टिंग के खुलासे को

पंजाब के चुनाव में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने केजरीवाल को फंडिंग की।
दिल्ली में खालिस्तानी आतंकवादियों को उच्च सरकारी पदों पर स्थान दिलाने का केजरीवाल ने वादा किया।
पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन को केजरीवाल ने राजनीतिक और कानूनी सहायता प्रदान करने का वादा किया।
खालिस्तान के रूप में एक अलग देश स्थापित करने के लिए केजरीवाल के साथ समझौता हुआ।
हालांकि केजरीवाल की पंजाब चुनावों मिली हार के बाद खालिस्तानी आतंकवादी संगठन केजरीवाल से नाराज हो गया।
जाहिर है केजरीवाल की कारिस्तानी पहले दबी हुई थी लेकिन अब सामने आ गई है।

आपको याद होगा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी 6 जून से दो दिन पहले 4 जून, 2018 को पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी थी। पुलिस ने नवांशहर में तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर उनसे हथियार भी बरामद किए थे। इन आतंकियों का प्रतिबंधित आंतकवादी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फैडरेशन (ISYF)से सीधा संबंध था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से समर्थन हासिल था। गिरफ्तार आतंकी जगरूप, गुरमेल और गुरदयाल सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआथा कि देश की संप्रभुता और शांति को नुकसान पहुंचाने की उनकी बड़ी साजिश थी, लेकिन सबसे हैरत करने वाली बात इस नेटवर्क का मुखिया गुरदयाल सिंह का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन होना है। जीहां, इस आतंकी गुट के मुखिया गुरदयाल सिंह नाम के आतंकी का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन कई सवाल खड़े कर रहा है।

खालिस्तान समर्थक है गुरदयाल

गिरफ्तार तीनों आतंकी पाकिस्तान के कनेक्शन में था और तीनों को आईएसआई ने प्रशिक्षण देकर पंजाब में आतंकवादी हमले करने तथा ‘पंथ विरोधी व्यक्तियों’ को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान में मौजूद ISYF का मुखिया लखबीर रोडे ने पंजाब से लगे प्रांतों में भी तबाही का संदेश दिया था। ISYF खालिस्तान समर्थक संगठन है और इसे पाकिस्तानी ISI समर्थन देती है।

 

गुरदयाल सिंह के ISI लिंक का खुलासा

भारत में गुरदयाल सिंह इस आंतकवादी गिरोह का मुखिया था और जर्मनी के बलबीर सिंह संघू ने लखबीर सिंह रोडे से उसकी मुलाकात करवाई थी। रोडे इस समय लाहौर के छावनी क्षेत्र में आई एस आई द्वारा मुहैया करवाये गये सुरक्षित घर में रह रहा है। गुरदयाल 6-7 वर्षो से धार्मिक जत्थों के साथ पाकिस्तान की यात्रा करते समय कई बार रोडे को मिला था। गुरदयाल सिंह ने नवंबर, 2016 के अपने अंतिम पाकिस्तानी दौरे के दौरान जगरूप सिंह के लिए वीजे का प्रबंध किया था और वह एक जत्थे के साथ लाहौर गया था। 12 से 21 नवंबर, 2016 तक लाहौर में ठहरने के दौरान बलबीर सिंह द्वारा जगरूप ने रोडे एवं हरमीत से मुलाकात की थी।

गुरदयाल का ‘आप’ से ये है कनेक्शन

आतंकी गुरदयाल सिंह ने हाल ही में गढ़शंकर के गांव रोडमाजरा में ‘आप’ नेताओं के साथ प्रचार किया था और स्टेज साझा किया था। जब गुरदयाल सिंह को पकड़ा गया तो ‘आप’ के स्थानीय नेता उसकी पैरवी करने उसके समर्थन में पहुंचे थे। जाहिर है आम आदमी पार्टी की कथनी करनी में साफ फर्क है। यानि आप कह सकते हैं ‘आप’ को देश तोडऩे वाली ताकतों से किसी प्रकार का कोई परहेज नहीं है और ‘आप’ आतंकी संगठनों के साथ मिलकर पंजाब और देश का माहौल खराब करने में लगी है।

 

पंजाब में ‘आग’ लगाने की कोशिश

अक्टूबर 2015 में पंजाब में एक हफ्ते में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने की पांच रिपोर्ट्स आई थी। जालंधर, लुधियाना, अमृतसर के तरन तारन, कोट कपूरा और बठिंडा में ये घटनाएं घटी थीं। पंजाब में धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं थीं और पंजाब में गुस्से की चिंगारी सुलग रही थी। आम आदमी पार्टी इस आग को और भड़काने में लगी थी।

मामले की जांच के लिए गठित SIT ने खुलासा किया कि विदेश में बैठी पंजाब विरोधी ताकतें धार्मिक भावना भड़का कर माहौल खराब करने की साजिश रच रही है। जाहिर है अब जब आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाला गुरदयाल पकड़ा जा चुका है तो क्या ये सवाल नहीं उठने चाहिए कि क्या पंजाब में आग लगाने की कोशिश में आम आदमी पार्टी का हाथ था?

बादल ने भी उठाए थे सवाल

तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि वह ”कुछ ऐसी शक्तिशाली ताकतों द्वारा की जा रही गहरी साजिश को देख रहे हैं जिनकी कोशिश राज्य में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की है।” जाहिर है 2016 में पंजाब में चुनाव थे और आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने की जद्दोजहद में जोर-शोर से लगी हुई थी। पंजाब सरकार के तत्कालीन मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी आम आदमी पार्टी के चरित्र पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि विदेशों में खालिस्तान समर्थकों से फंड ले रहे हैं केजरीवाल। जाहिर है सवाल फिर वही कि क्या पंजाब में ‘आग’ भड़काने की साजिश में आम आदमी पार्टी भी शामिल थी?

बहरहाल राज्य में उस वक्त विघटनकारी ताकतों के मंसूबों के नाकाम कर दिया गया था। लेकिन ये अब भी ये जांच का विषय है कि आखिर पंजाब को सुलगाने की किसने कोशिश की थी। दरअसल ये सवाल इसलिए भी कि आम आदमी पार्टी को पंजाब चुनाव के लिए फंडिंग पर सवाल उठाए जा रहे थे। कपिल मिश्रा, कैलाश विजय वर्गीय और पंजाब के दिवंगत डीजीपी केपीएस गिल ने भी आम आदमी पार्टी के खालिस्तान प्रेम और ISI कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए थे।

AAP ने गिल को नहीं दी श्रद्धांजलि

बीते 26 मई को पंजाब में आतंकवाद का खात्मा करने वाले पूर्व डीजीपी ‘सुपरकॉप’ केपीएस गिल का निधन हो गया। उनके निधन के बाद सभी पार्टियों के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी, लेकिन जिस एक पार्टी ने केपीएस गिल को याद करने तक की जरूरत नहीं समझी वो थी आम आदमी पार्टी। केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता ने न तो ट्विटर न ही किसी और जरिए से केपीएस गिल को श्रद्धांजलि दी।

शेखर गुप्ता ने उठाए थे सवाल

वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने इसे लेकर सवाल भी उठाया था कि- ”बीजेपी और कांग्रेस ने केपीएस गिल को श्रद्धांजलि देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अकाली दल चुप रहे यह बात समझ में आती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपने मुंह बंद क्यों कर रखे हैं?”

BJP & Cong have paid fulsome tributes to #KPSGill Can understand Akali silence as old hypocrisy. But why is AAP leadership so tongue-tied

— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) May 26, 2017

क्यों चुप हैं केजरीवाल?

ये आरोप लगते रहे हैं कि पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों से पैसे लेकर मैदान में उतरी थी। यहां तक कि पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी पंजाब चुनाव के लिए पार्टी फंडिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपये आम आदमी पार्टी के पास कहां से आए इस बात की जांच होनी चाहिए।

 

गिल ने खोली थी पोल

पंजाब चुनाव से ठीक पहले केपीएस गिल ने ही आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की पोल खोली थी। उन्होंने कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य में आतंकवाद की वापसी कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने राज्य में अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आम आदमी पार्टी और खालिस्तानी आतंकी संगठनों में बेहद करीबी रिश्ते हैं। पंजाब में दोबारा मजबूत होने को ये संगठन मौके की तलाश में हैं और आम आदमी पार्टी इसके लिए उनकी मददगार बनने को राजी हुई है।

आतंकवादी के घर पर रुके थे केजरीवाल!

एक और वाकया इसी से जुड़ा हुआ है। पंजाब चुनाव प्रचार के वक्त भी केजरीवाल हथियार डाल चुके एक आतंकवादी के घर पर रुके थे, इसे लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था। चुनाव प्रचार से पहले फंड जुटाने को आम आदमी पार्टी के कई नेता यूरोपीय देशों के दौरे पर गए थे। इनमें से कुछ की तस्वीरें सामने भी आई थीं। माना जा रहा है कि केजरीवाल की चुप्पी इसी कारण से थी।

कैलाश विजय वर्गीय ने भी उठाए थे सवाल

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी पंजाब में आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पंजाब से ही जानकारी मिली है कि विदेश में खालिस्तान के कई समर्थक आम आदमी पार्टी का समर्थन फंडिग से कर रहे हैं। कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी को मिल रहे चंदे में गड़बड़ी है जिसकी जांच होनी चाहिए।

बहरहाल केजरीवाल की चुप्पी और केपीएस गिल को श्रद्धांजलि नहीं देने पर तो सवाल थे ही अब आम आदमी पार्टी से कनेक्टेड आतंकी गुरदयाल का पकड़ा जाना आम आदमी पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

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