येचुरी को पुत्र शोक,प्रियंका की संवेदना स्व. केसरी को
सीताराम येचुरी के बेटे का कोरोना से निधन, प्रियंका ने सीताराम केसरी के लिए जता दिया दुःख… 3 बार में दी श्रद्धांजलि
सीताराम येचुरी के बेटे का निधन, प्रियंका गाँधी ने 3 बार में दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली 22 अप्रैल।‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट)’ के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी के बेटे आशीष की कोरोना की वजह से गुरुवार (अप्रैल 22, 2021) की सुबह मृत्यु हो गई। कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने इस घटना पर श्रद्धांजलि जताने के लिए ट्वीट किया। उस ट्वीट को डिलीट कर के फिर ट्वीट किया। उस दूसरे ट्वीट को भी डिलीट किया और तीसरी बार में ठीक से श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें संवेदनहीन करार दिया।
प्रियंका गाँधी का पहला ट्वीट
दरअसल, प्रियंका गाँधी ने पहली बार श्रद्धांजलि देने और दुःख जताने के लिए जो ट्वीट किया, उसमें CPI(M) नेता सीताराम येचुरी की जगह कॉन्ग्रेस के दिवंगत नेता सीताराम केसरी का नाम लिख दिया। बता दें कि 1996-98 में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रहे सीताराम केसरी का निधन अक्टूबर 2000 में हो चुका है। उन्हें भरी सभा में बेइज्जत कर के अध्यक्ष पद से हटा कर सोनिया गाँधी की ताजपोशी की गई थी।
दूसरी बार में भी प्रियंका गाँधी ने अपनी ट्वीट में गड़बड़ कर दी। इस बार उन्होंने श्रद्धांजलि तो दी लेकिन साथ ही उस ट्वीट से पहले ‘प्लीज ट्वीट’ लिखा हुआ था, जिससे लोगों ने अंदेशा जताया कि उन्हें किसी ने ट्वीट करने के लिए ये टेक्स्ट दिया था और प्रियंका ने ‘प्लीज ट्वीट’ वाला हिस्सा भी साथ में ट्वीट कर दिया, जबकि वो उनके लिए था। हालाँकि, तीसरी बारी में उन्होंने ‘प्लीज ट्वीट’ हटा कर ठीक से श्रद्धांजलि दी।
प्रियंका गाँधी ने लिखा, “श्री सीताराम येचुरी और उनके परिवार के लिए मैं गहरी संवेदनाएँ जताती हूँ। ऐसे कठिन समय में इस्तेमाल करने के लिए कोई शब्द ही नहीं है, बस केवल प्रार्थनाएँ। आपको इससे उबरने के लिए साहस मिले।” जहाँ पहला ट्वीट सुबह के 10:34 बजे आया, दूसरा ट्वीट इसके 2 मिनट बाद किया गया। फिर पहले ट्ववीट के 4 मिनट बाद 10:38 में तीसरा ट्वीट आया। वो ट्वीट अब तक मौजूद है।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से आशीष का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इंफेक्शन होने के बाद उनका इलाज दो सप्ताह पहले तक होली फैमिली अस्पताल में चल रहा था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम रेफर कर दिया गया था। 34 वर्षीय आशीष दिल्ली के एक समाचार पत्र में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत थे। सीताराम येचुरी ने सभी डॉक्टरों, नर्सों और अन्य लोगों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके बेटे का इलाज किया।