विक्टिम कार्ड के दम पर 27 माह बाद आज़म जेल के बाहर

रामपुर आएं तो अंडरग्राउंड रहिए वरना एनकाउंटर हो जाएगा.. आजम खान का बड़ा दावा, अखिलेश पर भी कसा तंज

​आजम खान ने कहा कि दरोगा जब मेरा बयान लेने के लिए जेल आए थे, तब उन्होंने हमदर्दी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब आप जमानत पर रामपुर आएं तो कोशिश करिएगा कि भूमिगत रहें। आजम का दावा है कि दरोगा ने उनसे कहा कि आप पर इतने मुकदमे दर्ज हैं कि आपका एनकाउंटर भी हो सकता है।

हाइलाइट्स
1-अंडरग्राउंड रहिए वरना..एकाउंटर हो जाएगा- आजम
2-मोबाइल चलाना भी भूल गए हैं- आजम
3-अखिलेश यादव पर इशारों में कसा तंज
4-SP Leader Azam Khan कड़ी सुरक्षा के बीच 27 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर आए

रामपुर19 मई: आजम खान (Azam Khan) दो साल से ज्‍यादा समय बिताने के बाद शुक्रवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। जेल से रिहा होकर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां रामपुर पहुंचे। रामपुर में आजम खान ने मीडिया से बात करते हुए कई दावे किए। आजम खान ने कहा दरोगा उनका बयान लेने जेल में आए थे तब उन्होंने कहा था कि आप पर बहुत मुकदमे दर्ज हैं, आप भूमिगत रहिएगा नहीं तो एनकाउंटर हो सकता है।
आजम खान ने कहा कि अपने 40 साल के करियर में उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन पर सबसे पहले 8 मुकदमें दर्ज किए गए। आजम ने कहा कि उन पर जबरन जमीन खरीदने के आरोप लगे। हमने जो जमीन ली उसके पैसे अदा किए।

अंडरग्राउंड रहिए वरना..एकाउंटर हो जाएगा- आजम


आजम खान ने कहा कि दरोगा जब मेरा बयान लेने के लिए जेल आए थे, तब उन्होंने हमदर्दी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब आप जमानत पर रामपुर आएं तो कोशिश करिएगा कि भूमिगत रहें। आजम का दावा है कि दरोगा ने उनसे कहा कि आप पर इतने मुकदमे दर्ज हैं कि आपका एनकाउंटर भी हो सकता है। आजम बोले कि जब मुझे ये धमकी जेल में मिल सकती है तो आगे क्या ही कहा जा सकता है।

मोबाइल चलाना भी भूल गए हैं- आजम

आजम खान ने कहा कि वो मोबाइल चलाना भी भूल गए हैं, उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल से उनके पास कोई मोबाइल नहीं है। जौहर यूनिवर्सिटी पर बोलते हुए आजम खान ने कहा कि वह बुलंद थी और हमेशा बुलंद रहेगी। आजम ने कहा कि बाबरी -ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। बाबरी पर सालों बाद फैसला आया जबकि ज्ञानवापी पर चंद दिनों में आदेश आए।

‘चुनाव के दौरान माफिया लिस्ट में मेरा नाम सबसे ऊपर था’

आजम ने कहा कि उनके साथ जेल में सजायाफ्ता कैदियों की तरह बर्ताव किया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसी जगह बंद किया गया जहां 2 दिन में कैदी को फांसी होती थी। जेल में मुलाकात करने वालों का आजम ने शुक्रिया किया। आजम ने कहा कि चुनाव के दौरान माफिया लिस्ट में मेरा नाम सबसे ऊपर था। भविष्‍य की राजनीति पर यह कहा अभी सेहत ठीक नहीं है।

अखिलेश यादव पर इशारों में कसा तंज

वहीं आजम से जब सपा मुखिया अखिलेश यादव पर सवाल किया गया तो वे इसे टाल गए। आजम ने इशारों-इशारों में तंज कसते हुए कहा कि मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का बड़ा हाथ है। आजम ने कहा कि आज तक नहीं समझ सके कि यूपी की सरकार को या बीजेपी को हमसे इतनी घृणा क्‍यों है?

27 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहाई मिलने के बाद विधायक आजम खान रामपुर में अपने घर पहुंचे तो कहा, ‘मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हजारों की तादाद में मुकदमे दायर किए, उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ है। मेरे अपनों का बड़ा योगदान है। मेरी दरख्त की जड़ में जहर डालने वाले लोग अपने हैं।’

आजम ने कहा, ‘अभी मेरे लिए BJP, BSP और कांग्रेस बहुत बड़ा सवाल नहीं है। हमने अपनी मोहब्बत, अपनी वफादारी साबित कर दी, बाकी का सबूत आपको देना है।’ आजम ने कहा कि भाजपा सरकार को हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। कभी मुलाकात हुई तो नफरत का कारण जरूर जानने की कोशिश करूंगा।

आजम ने एनकाउंटर की भी आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि जेल में बयान लेने आए दरोगा ने सचेत किया था कि जमानत मिलने के बाद भूमिगत रहिएगा, वरना एनकाउंटर कराया जा सकता है।

जिंदगी के इस मोड़ पर भी हमसे ही कुर्बानी ली जा रही
आजम ने इमरजेंसी के दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र में इमरजेंसी लगी थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का सेक्रेटरी था। तब भी हमें गिरफ्तार किया गया था। पौने दो साल बनारस जेल में रहा था। जब जिंदगी की शुरुआत हुई थी। उस वक्त भी कुर्बानी हमसे ली गई थी। अब जिंदगी के इस मोड़ पर खड़े हैं, तब भी हमसे ही कुर्बानी ली जा रही है।

ये 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा। आने वाले कल में हम तो नहीं होंगे। याद रखो, तारीख को तोड़ा जा सकता है। लेकिन, मिटाया नहीं जा सकता है। मेरे खानदान और शहर के साथ जो हुआ। ये कायनात का सच है। इसको आने वाली नस्लें पढ़कर रोया करेंगी।

समर्थकों से गले मिल भावुक हो उठे थे आजम

रामपुर से सपा विधायक आजम खान 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे। शुक्रवार सुबह 8 बजे जेल से बाहर आए आजम को उनके दोनों बेटों अब्दुल्ला और अदीब ने रिसीव किया। शिवपाल यादव भी इस दौरान साथ रहे।

जेल से आजम सीधे सीतापुर में अपने करीबी पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे। समर्थकों से गले मिलने के दौरान आजम भावुक हो गए। उनकी आंखें भर आईं। इधर, अखिलेश यादव ने भी आजम की रिहाई पर सुबह पहला ट्वीट किया। उन्होंने कहा- रिहा होने पर हार्दिक स्वागत है।

सीतापुर जेल के बाहर आजम खान को रिसीव करने के लिए शिवपाल सिंह यादव भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा- आजम खान से आगे भी मुलाकात होगी।

आजम हमारे साथी हैं

प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने सीतापुर जेल के बाहर पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की। दोनों नेताओं में कुछ देर तक बातचीत हुई। फिर शिवपाल अपनी गाड़ी से लखनऊ रवाना हो गए। मीडिया से बात करते हुए शिवपाल ने कहा कि- आजम खान हमारे साथी हैं।

​​​​​​आजम की पत्नी ने अखिलेश के सवाल पर साधी चुप्पी

आजम की पत्नी तंजीन फातिमा ने तो अखिलेश के बारे में कुछ भी कहने से इंकार करते कहा कि “मैं उनके (अखिलेश यादव) बारे में कुछ नहीं कहना चाहती। कोर्ट ने हमें राहत दी है, मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने मुश्किल समय में हमारा साथ दिया।”

आजम खान सीतापुर में पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे। इस दौरान बेटे अब्दुल्ला भी उनके साथ थे।

पूर्व विधायक के घर पहुंचे आजम

सीतापुर जेल से बाहर निकलकर आजम खान पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे। जहां आजम खान ने समर्थकों से मुलाकात की और नाश्ता किया। समर्थकों से गले मिलते वक्त आजम खान भावुक भी नजर आए। यहां से आजम खान रामपुर के लिए रवाना हो गए।

अनूप गुप्ता के घर पहुंचकर आजम खान ने उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। आजम ने यहां अपने समर्थकों से भी मुलाकात की।

अखिलेश ने ट्वीट से किया आजम का स्वागत

अखिलेश यादव ने गुरुवार को आजम खान को जमानत मिलने पर कोई ट्वीट नहीं किया। इसे लेकर वह ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए। हालांकि शुक्रवार सुबह आजम की रिहाई होने के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट करके उनका स्वागत किया और बधाई दी।

आजम खान की सपा से नाराजगी की खबरें आती रही हैं। हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं।

UP सरकार ने आजम को बताया था आदतन अपराधी

सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को रामपुर जिले के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम खान की जमानत याचिका का विरोध किया था और उन्हें भू-माफिया और आदतन अपराधी करार दिया था।

19 मई को ट्वीट करके शिवपाल ने लिखा था कि- लंबे अरसे से न्याय की जिस घड़ी की प्रतीक्षा थी वह आज पूर्ण हुई है।

रात में सीतापुर जेल पहुंचे आजम की रिहाई के दो परवाने

आजम खान के वकील जुबेर अहमद ने बताया कि शत्रु संपत्ति और तीन स्कूलों की फर्जी मान्यता के मामले में उनकी रिहाई के दो आखिरी परवाने गुरुवार रात को सीतापुर जेल पहुंचे थे। आजम खान को ट्रायल कोर्ट से अब तक 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन 89वें मामले में जमानत को लेकर ट्रायल शुरू होना था।

इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-142 का प्रयोग कर उनको अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा है, “अब वह बाहर आ सकते हैं। बशर्ते उन्हें दोबारा रेगुलर बेल के लिए अर्जी लगानी होगी।” कोर्ट ने इसके लिए दो हफ्ते का समय दिया है।

जेल से बाहर आने के बाद आजम खान ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। दोनों हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।

कपिल सिब्बल बोले- आजम को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही योगी सरकार

आजम की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की। सिब्बल ने आरोप लगाया था कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है। साथ ही कहा था कि आजम खान दो साल से जेल में हैं, उन्हें अब जमानत दे दी जानी चाहिए।

सपा से अलग हुए आजम तो मुस्लिम वोटर्स भी करेंगे किनारा?

माना जा रहा है कि सूबे की राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम की बगावत से अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ सकती है। अगर वह सपा से अलग होते हैं तो बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर्स सपा से किनारा कर सकते हैं।

आजम की सियासी ताकत से सभी वाकिफ हैं। यही वजह है कि कांग्रेस से लेकर बसपा तक ने आजम खान पर डोरे डाले हैं। शिवपाल यादव भी आजम खान से जेल में जाकर मुलाकात कर चुके हैं और उन्हें अपना भाई बताते हुए संकेत दिया था कि दोनों नेता साथ मिलकर नया मोर्चा बना सकते हैं।

अखिलेश से आहत हैं आजम खान?

आजम खान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बेहद नाराज बताए जाते हैं। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने हाल ही में कई बार इशारों-इशारों में नाराजगी जाहिर की है तो उनके कई करीबियों ने सपा से इस्तीफा दे दिया है। आजम के करीबियों का आरोप है कि पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले मुस्लिम नेता की रिहाई को अखिलेश यादव ने कोई प्रयास नहीं किया।

 

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