पाक में अपहृत, गैंगरेप की शिकार हिंदू बच्ची मिली 3 माह में, कोर्ट में रूदन भी बेकार

हिन्दू परिवारों के लिए आसमान का चाँद हो जाती हैं पाकिस्तान में घर से उठाई गयी ‘चंदाएं’, जिसे देख सकते हैं, पर छूना लगभग असंभव ही है!

October 21, 2022 ( सोनाली मिश्र)


A terrified and tearful Chanda Maharaj (13) has been ordered to undergo an ‘age determination’ test. She was abducted on August 12 from Hyderabad Sindh by a Muslim man and recovered after 2 months of captivity. (Video screengrab)

पाकिस्तान में आखिर चंदा मिल गयी! परन्तु पाकिस्तान में घर से उठाई गयी सभी चंदाएं सहज कभी घर नहीं आ पातीं, उन्हें उनके घरवाले देख तो सकते हैं, निहार सकते हैं, परन्तु यह नहीं कह सकते कि यह उनकी चंदा है! कितना दुर्भाग्य है! फिर भी चंदा तो वापस आ गयी, मगर न जाने कितनी ऐसी भी घर के आँगन की चंदाएं हैं, जो वापस ही नहीं आ पातीं, गुम हो जाती हैं।

यहाँ इस चंदा का वीडियो देखकर घर और आँगन दोनों का रोना स्पष्ट हो जाता है।

कहते हैं इन्साफ के आगे सब बराबर है। पड़ोसी मुल्क हैं, जहां सभ्यता नहीं तहजीब की हुकूमत है, इसलिए भाषा भी तहजीब वाली ही रखनी होगी, बात होगी तो न्याय की नहीं इन्साफ की होगी। तो कहा जता है कि इन्साफ की आँखें नहीं होती, उसके लिए सब बराबर हैं। मगर जब पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों की बात आएगी तो वास्तव में जैसे आँखें हैं ही नहीं! आँखें गायब हो चुकी हैं, क़ानून का राज चलाने वाले लोग और अदालतें, सब जैसे निगलने के लिए बैठे हैं, आंगन को और आँगन की चंदा को!

पंद्रह वर्षीय चंदा मेहराज का अपहरण तब कर लिया गया था, जब वह घर लौट रही थी। जब यह घटना सामने आई थी तो ऐसा प्रतीत हुआ था कि जैसे उसका अपहरण अक्टूबर 2022 में ही हुआ था। मगर यह नहीं था। सत्यता यह थी कि उसका अपहरण 12 सितम्बर को हुआ था। बीबीसी ने चंदा की बेबस माँ की पीड़ा व्यक्त करते हुए लिखा था कि

““तीसरा महीना होने को है, मेरी बेटी का कुछ अता-पता नहीं। किस हाल में होगी कुछ पता नहीं। उसकी याद मुझे न रात को सोने देती है, न ही दिन को सुकून आता है। हर समय अपनी ग़रीबी को कोसती हूं। कोसती हूं कि न ग़रीब होती और न मेरी बेटी काम करने जाती और न ही उसका अपहरण होता।”

पाकिस्तान में नित ही ऐसी लड़कियों के अपहरण होते रहते हैं। चंदाएं घर से बाहर निकलती हैं, मगर बहुत ही कम ऐसी लडकियां हैं, जो वापस आ पाती हों। मातापिता को भी यह विश्वास नहीं होता है कि घर से निकलने वाली लडकियां वापस आ भी पाएंगी? और क्या चंदा की माँ जैसे कह रही हैं कि गरीबी के कारण उसका अपहरण हुआ है, तो क्या वह सही कह रही हैं? गरीबी के कारण अपहरण या धर्मांतरण नहीं होता, यह तो उस मानसिकता के कारण होता है, जो यह कहती है कि उसके अतिरिक्त किसी और को जीने का अधिकार ही नहीं है।

परन्तु कुछ लोगों के अनुसार चंदा का अपहरण सितम्बर में नहीं बल्कि 12 अगस्त को हुआ था और कहा जा रहा है उसके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था।

पहले समाचार आया था कि अदालत ने चंदा महाराज को वापस उसके अपहरणकर्ताओं के वापस भेज दिया है, परन्तु अदालत ने अभी मेडिकल जांच के लिए सेफ हाउस में भेजा है।

अगस्त से लेकर अक्टूबर तक चले चंदा को खोजने के इस संघर्ष में पाकिस्तान द्रविड़ इतिहाद अर्थात पाकिस्तान द्रविड़ एकता के अध्यक्ष और मानवाधिकार कार्यकर्ता शिव कच्छी ने बहुत प्रयास किए हैं उन्होंने पहले भी पुलिस की निष्क्रियता पर प्रश्न उठाते हुए कहा था कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो लड़की को तुरंत छुड़ा लिया जा सकता था मगर पुलिस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसके कारण अभियुक्तों को लड़की को किसी अज्ञात स्थान पर पहुंचाने का मौक़ा मिल गया।”

उन्होंने ही चंदा के मिलने का समाचार साझा किया था कि उनके संगठन द्वारा किए गए प्रयास रंग लाए और हैदराबाद से अपहृत हुई चंदा मिल गयी है।

मगर जैसा कि होता है, कि आंगन की चंदा जिसे एक बार कोई उठाकर ले जाए, उसका वापस आँगन में आना कितना कठिन है, तो ऐसा ही इस मामले में हुआ और अभी चंदा सेफ हाउस में है, उसकी चिकित्सीय जांच होनी है, जो यह बताएगी कि उसकी उम्र कितनी है और फिर ही उसके सम्बन्ध में कोई निर्णय लिया जाएगा!

ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब चंदा का मामला चल रहा था, उसी समय जसमी मेघ्वार का भी अपहरण कर लिया गया था और स्थानीय मौलाना द्वारा उसे जबरन इस्लाम में मतांतरित कर लिया गया था और उसके अपहरणकर्ता से उसका निकाह करा दिया गया था

ये कैसा न्याय? कोर्ट का अजीब फैसला सुनकर मां-बाप से लिपटकर रो पड़ी पाकिस्तान की पीड़ित ये हिंदू लड़की

By Amitabh Budholiya

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार; खासकर हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह से जुड़े इस मामले में कोर्ट के आदेश ने खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। कोर्ट ने एक हिंदू नाबालिग लड़की चंदा मेहराज को उसके ही किडनैपर को सौंपने का फैसला सुना दिया।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार(Atrocities on Hindus in Pakistan); खासकर हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह(forced conversion and forced marriage) से जुड़े इस मामले में कोर्ट के आदेश ने खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। यह पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए बिलकुल भी अच्छी खबर नहीं है। कोर्ट ने एक हिंदू नाबालिग लड़की चंदा मेहराज (Chanda Maharaj-15 वर्ष) को उसके ही किडनैपर को सौंपने का फैसला सुनाया है। चंदा मेहराज को पुलिस के छुड़ाने के एक दिन बाद ही एक पाकिस्तानी अदालत ने फैसला सुनाया कि उसे अपने मुस्लिम पति के पास वापस जाना होगा। हालांकि विरोध हुआ, तो अदालत ने चंदा मेहराज को मेडिकल जांच को सेफ हाउस भेजा है।

चंदा मेहराज किडनैपिंग से जुड़े 10 फैक्ट्स

1. चंदा मेहराज का 13 अक्टूबर, 2022 को सिंध के हैदराबाद शहर से शमन मैगसी बलूच(Shaman Magsi Baloch) ने अपहरण कर लिया था। बाद में चंदा मेहराज को कराची पुलिस ने कराची शहर में किराए के एक घर से बरामद किया था।

2. हालांकि उसकी किडनैपिंग को लेकर भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। चंदा मेहराज का अपहरण काम से घर लौटते समय हुआ। पुलिस के मुताबिक, उसका अपहरण अक्टूबर 2022 को हुआ था। जबकि परिजनों के अनुसार 12 अगस्त को हुआ था।

3. अब पाक कोर्ट ने हिंदू लड़की को अपहरणकर्ता शमन के फेवर में ही फैसला सुनाया है। अदालत ने चंदा को अपने माता-पिता के साथ जाने की इजाजत नहीं दी, उसे जबरिया शौहर के साथ जाने का आदेश सुना दिया। हालांकि बाद में थोड़ा बदल दिया।

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4. चंदा को कराची की अदालत में पेश किया गया था। चंदा ने कोर्ट में बयान दिया था कि अपहरण के बाद उसे कराची ले जाया गया। वहां जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। पुलिस के उसे छुड़ाए जाने से पहले एक सप्ताह तक उसका बार-बार यौन शोषण हुआ। पीटा (assaulted sexually and physically) गया।

5. कोर्ट ने चंदा मेहराज को कराची स्थित गर्ल्स शेल्टर होम भेज दिया था। लेकिन अपहरणकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि अदालत ने चंदा को माता-पिता के साथ जाने की इजाजत तक नहीं दी।

6. जब कोर्ट ने चंदा को माता-पिता के साथ नहीं जाने दिया, तो वो कोर्ट परिसर में ही उनसे लिपटकर रो पड़ी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

7. हालांकि बाद में कोर्ट ने अपने फैसले में थोड़ा बदलाव किया। कोर्ट ने चंदा को एक सुरक्षित घर ले जाने और मेडिकल रिपोर्ट का आदेश दिया था।

8. जब चंदा का किडनैप हुआ था, तब उसकी मां ने कहा था कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। “मुझे अब उम्मीद है कि सरकार और अदालत उनके साथ न्याय करेगी।” लेकिन अब ऐसा भी नहीं हुआ।

9.पाकिस्तान में इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बताया जाता है कि यहां हर साल कम से कम 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों,जिनमें ज्यादातर हिंदू और कम उम्र की लड़कियां हैं,को जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर अधिक उम्र के मुस्लिम पुरुषों से शादी कर दी जाती है।

10. चंदा मेहराज मामले ने पाकिस्तान में न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। द्रविड़ एकता के अध्यक्ष और मानवाधिकार कार्यकर्ता शिव कच्छी ने कहा कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती,तो लड़की को बहुत पहले छुड़ा लिया जाता।

पकिस्तान के हिन्दुओं के साथ यह सब कोई नहीं है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है कि पाकिस्तान में इस हद तक हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर न ही संयुक्त राष्ट्र संघ में बात होती है, न ही अमेरिका में आलोचना होती और चीन का तो साथ पाकिस्तान के साथ है ही। भारत में भी सरकारों का दृष्टिकोण पाकिस्तान में हो रहे हिन्दू अत्याचारों पर उतना नहीं है,जितना होना चाहिए,या कहा जाए कि तनिक भी नहीं है।

भारत सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर जितना आक्रामक रहती है, उसका शतांश भी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों पर नहीं होती है, और यही कारण है कि वह पाकिस्तान जहां पर हिन्दू लड़कियों का खुले आम अपहरण हो जाता है, वह मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यही कहता है कि “भारत में मुस्लिमों पर जुल्म हो रहे हैं!”

पाकिस्तान के हिन्दुओं की पीड़ा को अंतर्राष्ट्रीय विमर्श पर ले जाने की आवश्यकता के साथ साथ आवश्यकता इस बात की भी है इस अपहरण की मानसिकता पर भी बात हो। परन्तु यह बात तभी हो पाएगी जब यह समझा जाएगा कि हिन्दुओं के भी मानवाधिकार होते हैं, इन पर केवल अब्राह्मिक मतों का ही अधिकार नहीं हैं। और इसके लिए आवश्यक है कि भारत में भी सरकार द्वारा पाकिस्तान पर हिन्दुओं की स्थिति को लेकर उसी प्रकार दबाव डाला जाए, जैसा पाकिस्तान बार बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाता है कि “भारत में मोदी सरकार के आने के बाद मुस्लिम खतरे में हैं!”

बल्कि भारत में भी उलटा हो रहा है, कट्टर जिहादी तत्व हिन्दुओं को ही प्रताड़ित कर रहे हैं, हिन्दुओं के सिर तन से जुदा हो रहे हैं और खुले आम नारे भी लग रहे हैं! फिर भी भारत में अल्पसंख्यक खतरे में हैं और पाकिस्तान में जहां पर हिन्दू लड़कियों को आँगन ही नसीब नहीं हो पा रहा है, वह लिब्रल्स का दुलारा बना हुआ है!

आशा की जानी चाहिए कि चंदा भी दीपावली अपने परिवार के साथ मनाए, जब पूरा हिन्दू समाज अपने प्रभु श्री राम के अयोध्या आगमन का उत्सव मना रहा हो!

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