आज़म के बाद बेटे अब्दुल्ला की भी विस सीट स्वार टांडा खाली
आज़म खान के बाद अब बेटे अब्दुल्ला की भी गई विधायकी: बाप की गाड़ी रोके जाने पर पुलिस से उलझ पड़ा था, फर्जी सर्टिफिकेट का भी हुआ था अनावरण
आजम खान के बाद उसके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता भी रद्द हुई (फोटो साभार: प्रभात खबर)
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam Khan) की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार (15 फरवरी 2023) को 15 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। फैसला सुनाए जाने के बाद यूपी विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर बताया कि स्वार टांडा विधानसभा सीट खाली हो गई। इसलिए वहाँ फिर से चुनाव कराया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम को तीन साल में दो बार अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ा है। तीन साल पहले भी उम्र के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में लखनऊ हाईकोर्ट में अब्दुल्ला की विधायकी को रद्द कर दिया था। अब एक 15 साल पुराने मामले में अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसी सजा के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई है। नियम यह है कि आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की विधायकी खुद ही खत्म हो जाती है।
ठीक इसी तरह अमर्यादित भाषा और भड़काऊ बयान देने के कारण सपा नेता आजम खान को 3 साल की कैद की सजा हुई है। इसके कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी गई और मतदान करने पर भी रोक लगा दिया गया। आजम की सदस्यता रद्द होने के कारण ही रामपुर में विधानसभा उपचुनाव हुए थे। दरअसल, आजम खान 28 नवंबर 2022 को रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार असीम रजा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए शुतुरखाना मुहल्ले में पहुँचे थे।
यहाँ उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “बहुत कम अकल है। अगर अकल होती तो जो लोग आज दावा कर रहे हैं कि 35 बरस बाद हमें छोड़ा है तो ये हमें छोड़ देते, मैं खुद ही छोड़ देता इन्हें? जो आज तुम्हारे और हमारे साथ हुआ है, चार सरकारों में रहते हुए मैंने ऐसा किया होता, तो बच्चों तुम्हारी मुस्कुराहट की कसम खाकर कहता हूँ, माँ के पेट से पैदा होने से पहले बच्चा कहता कि पूछ लो आजम खान से कि बाहर निकलना भी है या नहीं।”
15 साल पहले का छजलैट मामला
अब्दुल्ला आजम को जिस मामले में सजा सुनाई गई है, वह 29 जनवरी, 2008 का है। उस दिन मुरादाबाद के छजलैट थाने में पुलिस चेकिंग कर रही थी। आजम खान की कार को भी चेकिंग के लिए रोका गया था, जिससे नाराज होकर आजम खान ने सड़क पर धरना दे दिया था। उसके समर्थन में कई सपा नेता मौके पर पहुँचे थे। इस मामले में आजम खान, अब्दुल्ला आजम, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, हाजी इकराम कुरैशी और सपा नेता राम कुंवर प्रजापति को नामजद करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर लिखी थी।
एफआईआर में आजम और दूसरों पर सड़क जाम करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने के आरोप लगे थे। मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को छोड़कर सभी को दोषमुक्त करार दिया था।