आचार्य लोकेश मुनि अयोध्या में बनायेंगें सद्भावना भवन
अयोध्या में बनेगा सद्भावना भवन…रामलला के दर्शन के बाद आचार्य लोकेश मुनि ने की घोषणा
जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि रविवार को अयोध्या पहुंचे. आचार्य लोकेश मुनि ने राम जन्मभूमि परिसर पहुंचकर रामलला के दर्शन किए. विश्व शांति और भारत के विश्व गुरु बनने की कामना की. रामलला के दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान एक बड़ी घोषणा की.
अयोध्या 18 फरवरी 2024। : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश-दुनिया के भक्त रामनगरी पहुंच रहे हैं. विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदाय के साधु-संत भी रामलला का दर्शन पूजन कर भाव विभोर हो रहे हैं. इसी कड़ी में जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि रविवार को अयोध्या पहुंचे. आचार्य लोकेश मुनि ने राम जन्मभूमि परिसर पहुंचकर रामलला के दर्शन किए. विश्व शांति और भारत के विश्व गुरु बनने की कामना की. रामलला के दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान एक बड़ी घोषणा की.
धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने अमेरिकी डेलिगेशन के साथ रामलला का आशीर्वाद लिया और फिर राम जन्मभूमि से ही अयोध्या में सद्भभावना भवन के निर्माण की घोषणा की. अयोध्या पहुंचे जैन धर्म गुरु लोकेश मुनि ने अमेरिका के डेलिगेशन के साथ भगवान राम लला का दर्शन कर आशीर्वाद लिया है. देश में समृद्धि और खुशहाली हो इस के लिए रामलला से प्रार्थना की है.
जैन धर्म में अयोध्या का महत्व
धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि प्रभु श्री राम का महत्व जितना हिंदू परंपरा में है उतना जैन परंपरा में भी है. बौद्ध और सिख परंपरा में भी रामलला का विशेष स्थान है. राम भारत की अस्मिता के प्रतीक हैं. अयोध्या जैन धर्म के 5 तीर्थंकरों की भी जन्मभूमि है. जैन मान्यता के अनुसार, इस धर्म में 24 तीर्थंकर हुए. इसमें से 5 का जन्म अयोध्या में ही हुआ था. जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव का जन्म अयोध्या में हुआ था, जिनके बारे में वेदों में भी वर्णन मिलता है. ऋग्वेद, अथर्ववेद के साथ ही साथ मनुस्मृति और श्रीमदभागवत में भी ऋषभदेव के बारे में बताया गया है. इनके अलावा तीर्थंकर आदिनाथ, अभिनंदन नाथ, अजीत नाथ, अनंतनाथ और सुमित नाथ का जन्म भी अयोध्या में हुआ था.
अयोध्या के विकास का होगा प्रयास
आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि लोकेश सेवा सद्भभावना ट्रस्ट अयोध्या में एक सद्भावना भवन का निर्माण करेगा. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद दुनिया भर से राम भक्त अयोध्या आ रहे हैं. श्रद्धालुओं को विश्व स्तर की सुविधा मिले इसका प्रयास है. राम मंदिर निर्माण में दुनिया भर से अयोध्या के प्रति आकर्षण रहा है. अयोध्या उसके आसपास के गांव का हो विकास का प्रयास सभी लोग कर रहे है . कैसे यहाँ बुनियादी सुविधाएं जैसे चिकित्सा शिक्षा और बिजली पानी उपलब्ध हो इस पर विचार विमर्श किया जाएगा.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में समृद्धि और खुशहाली हो इसके लिए रामलला से प्रार्थना की है.
जैन धर्मगुरु ने कहा कि राम भारत की अस्मिता के प्रतीक हैं. अमेरिका से डेलिगेशन के साथ पहुंचे लोकेश मुनि ने कहा कि विलेज मोमेंट के प्रमुख डॉक्टर अनिल वी शाह के साथ मैं अयोध्या पहुंचा हूं.
राहुल गांधी की यात्रा पर जैन धर्म गुरु लोकेश मुनि ने कहा कि अगर यात्रा अच्छे उद्देश्य के साथ देश को जोड़ने और उसकी अखंडता के लिए की जा रही है, तो ऐसी यात्राएं उपयोगी होती हैं. जैन धर्म गुरु ने कहा कि यदि यात्राएं अलगाव पैदा करने के लिए हों, समाज को बांटने और विखंडित पैदा करने के लिए हों, तो धार्मिक क्षेत्र में हिंसा और घृणा का कोई स्थान नहीं है. राहुल गांधी के साथ देशवासियों से जैन धर्म गुरु ने अपील की भारत को वैभवशाली-गौरवशाली बनाया जाए.
अमेरिका से अयोध्या पहुंचे डॉक्टर अनिल शाह ने कहा कि मैं अयोध्या आकर बहुत खुश हूं. भगवान श्रीराम से प्रार्थना की है. मेरे हृदय में जो प्रभाव पड़ा है, उसे मैं अत्यंत खुश हूं. अयोध्या पहुंचे डॉक्टर अनिल सी शाह ने कहा कि अयोध्या में पिछले चार महीने में जो प्रोग्रेस हुई है, उसे देखकर लगता है कि यहां के गांव को भी बढ़ावा मिलना चाहिए.
जैन गुरु डॉ. लोकेश मुनि ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर किया हमला, कहा- ‘जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं तो राजनीतिक नेता एजेंडा चलाते हैं…’
जैन गुरु डॉक्टर लोकेश मुनि (Lokesh Muni) ने कहा कि ऐसे समय में जब देश विकास कर रहा हो और आने वाले समय में महाशक्ति बनने वाला हो, तो बहुत सी ताकतें इसे रोकने का प्रयास करती है.
अयोध्या के बाद लखनऊ (Lucknow) पहुंचे डॉक्टर लोकेश ने कहा कि लखनपुरी एक बहुत बड़ी खूबसूरत विरासत है, ऐतिहासिक नगरी है. यहां की मेहमान नवाजी की दूर-दूर तक चर्चा होती है. पिछले कुछ साल में यह बहुत तेजी से विकास कर रही है. यहां बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा. हमने अयोध्या जाकर प्रभु राम के दरबार मे समाज की, देश की खुशहाली और विकास के लिए प्रार्थना की.
इसी के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जैन गुरु ने कहा कि जब जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो राजनेता अपने हितों और स्वार्थ के लिए इस तरह के एजेंडे चलाते हैं. यह देश की जनता को देखना चाहिए कि ऐसी कुछ अनावश्यक बातें, जिनकी कोई जरूरत नहीं उन पर ऊर्जा न लगाएं. जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है.
‘देश की अखंडता और प्रेम के लिए काम करना है’
जैन गुरु डॉक्टर लोकेश मुनि ने कहा कि ऐसे समय में जब देश विकास कर रहा हो और आने वाले समय में महाशक्ति बनने वाला हो, तो बहुत सी ताकतें इसे रोकने का प्रयास करती है. देशवासियों को प्रयास करना चाहिए कि इन ताकतों को सफल ना होने दें. हमें समाज की समरसता देश की अखंडता और प्रेम के लिए काम करना है.
स्वामी प्रसाद मौर्य और महंत राजू दास की बयानबाजी पर जैन गुरु ने कहा कि हिंसा आतंक किसी समस्या का समाधान नहीं है. बातचीत हर समस्या को सुलझाया जा सकता है. एक जैन सन्यासी होने के नाते मैं कहूंगा कि महावीर ने अनेकांतवादी शैली की बात कही है. हम अपने विचारों की तरह दूसरे के विचारों का भी आदर करें. मनुष्य मशीन का प्रोडक्ट नहीं है.
मदनी का मंच छोड़ने को लेकर कही ये बात
मदनी का मंच छोड़ने को लेकर जैन गुरु ने कहा कि मैंने एक शब्द के लिए मंच छोड़ा, यह सच नहीं है. उनका पूरा का पूरा वक्तव्य किसी जगह भगवान राम को नकार रहा था, किसी में शिव को नकार रहे थे. किसी में यह रेखांकित करने का प्रयास कर रहे थे कि जैसे सब कुछ इस्लाम से ही है. मेरा ना इस्लाम से विरोध है ना मदनी से. मैं उनका आदर करता हूं आज भी, मैंने उनसे भी कहा कि आप मेरे पिता तुल्य उम्र के हो.
जैन गुरु ने आगे कहा कि मेरा सैद्धांतिक मानना है कि जिस चीज का आधार नहीं, जो तथ्यात्मक नहीं, जो इतिहास की दृष्टि से सही नहीं अगर मैं प्रतिकार नहीं करता तो लाखों की पब्लिक में गलत संदेश जाता. समाज में विघटन, नफरत, अलगाव पड़ता जो उचित नहीं था.मैंने अकेले नहीं बल्कि सर्व धर्म के लोगों ने इसका विरोध किया, बस मैंने बाकी सब का प्रतिनिधित्व करते हुए बात रखी.
इसी के साथ जैन गुरु डॉक्टर लोकेश मुनि ने कहा कि मैं कई वर्षों से उत्तर प्रदेश आता रहा हूं, कुछ साल पहले आया और लखनऊ में ही बहुत बदलाव देखने को मिल रहा.अयोध्या तक गया तो वहां बदलाव देखने को मिला.सब कुछ एक दिन में खड़ा नहीं हो जाता, लेकिन सीएम योगी की प्रगतिशील सोच है वह प्रदेश को आगे ले जाने के लिए प्रयत्न कर रहे.