बुल्डोजर बाद लाउडस्पीकर का योगी मॉडल भी हिट, इकसार एक्शन
बुलडोजर के बाद अब योगी का ‘लाउडस्पीकर मॉडल’ हुआ हिट, पूरे उत्तर प्रदेश में मंदिरों से लेकर मस्जिदों पर दिख रहा असर
एक तरफ महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद को लेकर सियासत चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने इसका मौका ही नहीं दिया
हाइलाइट्स
1-मुख्यमंत्री योगी ने अवैध लाउडस्पीकर उतारने का दिया है आदेश
2-मंदिर हो या मस्जिद, तेज आवाज में बज रहे लाउडस्पीकर उतारें
3-पूरे प्रदेश में 30 अप्रैल तक चल रहा है विशेष अभियान
लखनऊ29अप्रैल: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) लगातार सरकारी कार्यों पर अपनी छाप छोड़तेे दिखतेे हैं। दंगाइयों, माफियाओं, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ पहले ही योगी का बुलडोजर (Bulldozer) गरज रहा है। पूरे देश में कई जगह सरकारें यह मॉडल अपनाती भी दिखती हैं। इसी क्रम में योगी का नया ‘लाउडस्पीकर मॉडल’ (Loudspeaker model)चर्चा में है। स्थिति ये है कि योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में मंदिरों से लेकर मस्जिदों तक लाउडस्पीकर को लेकर ताबड़तोड़ एक्शन है। पूरे प्रदेश में राज्य सरकार अभियान चलाकर अवैध लाउडस्पीकर उतरवाती है और वैध की आवाज नियंत्रित करवा रही है।
पहले समझिए ये लाउडस्पीकर की बात शुरू कब से हुई थी?
दरअसल 17 साल पहले 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर बजाने पर आदेश दिया था कि ऊंची आवाज सुनने को मजबूर करना मौलिक अधिकार का हनन है। लाउडस्पीकर से बात कहना अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार में है लेकिन ये आजादी जीवन के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकती। किसी को भी इतना शोर करने का अधिकार नहीं है कि पड़ोसियों और दूसरों को परेशानी हो। सुप्रीम कोर्ट का फैसला था कि सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर की आवाज क्षेत्र के लिए तय शोर के मानकों से ज्यादा नहीं होगी। तय मानकों के उल्लंघन पर लाउडस्पीकर और उपकरण जब्त करने के बारे में राज्य प्रावधान करे।
इतने साल बाद अब अचानक क्यों गूंजने लगा लाउडस्पीकर?
दरअसल पिछले दिनों महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने यह मुद्दा उछाल महाराष्ट्र सरकार को 3 मई तक का अल्टीमेटम दिया कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए तो मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर से हनुमान चालिसा बजेगा। इस ऐलान की आंच दूसरे राज्यों तक पहुंची। कई शहराें में हनुमान चालिसा बजाने के मामले आए। राजनीति भी होने लगी। महाराष्ट्र और केंद्र में बयानबाजी शुरू हुई। देखते ही देखते लाउडस्पीकर विवाद उत्तर प्रदेश तक भी पहुंचा, यहां भी कई जगह हनुमान चालिसा पढ़ने के मामले सामने आए।
बस यहीं उत्त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंट्री ली। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में सीधे फरमान जारी किया कि प्रदेश में अवैध लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे, बजेंगे तो नियमानुसार धीमी आवाज में। लाउडस्पीकर की आवाज परिसर से बाहर नहीं जायेगी।
उधर निर्देश, इधर आदेश
योगी का फरमान आते ही पूरे प्रदेश में अभियान छिड़ गया। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर प्रदेश भर में 30 अप्रैल तक अभियान चलाकर अवैध लाउडस्पीकर उतरवाने और वैध लाउडस्पीकर की आवाज नियमानुसार करने को कहा। धर्मस्थलों में नियमों के पालन की साप्ताहिक समीक्षा जिला स्तर पर कर पहली अनुपालन रिपोर्ट 30 अप्रैल तक शासन को भेजने को कहा । जिलों की रिपोर्ट मंडलायुक्तों के माध्यम से और कमिश्नरेट की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त से शासन को जाएगी। अभियान में जनता का भी सहयोग लेने को कहा गया है। इसको धर्मगुरुओं से संवाद और समन्वय बनें, उनकी सहमति लेकर अवैध लाउडस्पीकर हटवाये जाए और वैध में निर्धारित डेसिबल का पालन कराए।
अब तक 11+ हजार लाउडस्पीकर उतारे गए, 30+ हजार की आवाज नियंत्रित
अभियान की ताजा स्थिति: उत्तर प्रदेश में 27 अप्रैल दोपहर डेढ़ बजे प्रदेश के 75 जिलों में 6031 लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से उतारे गए । मेरठ जोन में 1215, वाराणसी जोन में 1366, बरेली जोन में 1070, कानपुर जोन में 1056 और लखनऊ जोन के जिलों में 912 धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटे। 29674 धार्मिक स्थलों में वैध लाउडस्पीकरों की आवाज निर्धारित मानकों तक घटाई गई। इसमें सबसे ज्यादा लखनऊ जोन में 6400, बरेली जोन में 6257, मेरठ जोन में 5976, गोरखपुर जोन में 2767 और वाराणसी जोन में 2417 मंदिरों-मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज नियंत्रित हुई।
सरकार के अभियान को धर्मगुरुओं का समर्थन
खास बात ये कि योगी के लाउडस्पीकर मॉडल को सभी धर्मों के धर्मगुरुओं का पूरा सहयोग है। लखनऊ के प्रतिष्ठित मानकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरी के अनुसार मंदिर में लाउडस्पीकर है लेकिन वह प्रशासनिक देखरेख में ही संचालित होता है। गोमतीनगर के गोपेश्वर महादेव मंदिर में लाउडस्पीकर उतारकर छत पर रखवा लिया गया है। मंदिर के पुजारी श्रीपाल ने बताया कि साउड बॉक्स से धीमी आवाज में आरती हो रही है। मुफ्तीगंज काले की गली स्थित मिनारा मस्जिद के मुतवल्ली राहत हुसैन के अनुसार कि आदेेश का पालन कर लाउडस्पीकर की आवाज नियंत्रित की गई हैै।
गिरजाघरों के पादरियों का कहना है कि सामान्य रूप से उनके यहां लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता ही नहीं, क्रिसमस पर इसकी अनुमति ले ली जायेगी।
UP: 11000 लाउडस्पीकर हटाए, 35000 की आवाज कम, CM योगी के अभियान ने पकड़ी रफ्तार
गृह विभाग ने 30 अप्रैल तक हर जिले से मांगी रिपोर्ट,अभियान के दौरान मिल रहा लोगों का सहयोग: एडीजी
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से अब तक करीब 10,923 लाउडस्पीकर उतरे हैं, करीब 35,221 लाउडस्पीकरों की आवाज तय मानकानुसार कम की गई . एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार प्रदेश में बिना भेदभाव अभियान चल रहा है. हटाये गये लाउडस्पीकर बिना अनुमति थे. गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की जिलों से 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है.
इन लाउडस्पीकरों को माना गैर कानूनी
एडीजी ने बताया कि जो लाउडस्पीकर जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना लगाये गये हैं या जहां तय संख्या से ज्यादा लाउडस्पीकर मिले, उन्हें अनधिकृत माना गया है. हाई कोर्ट के आदेशानुसार ही अभियान चल रहा है.
कहां-कितनी हुई कार्रवाई
बरेली दरगाह-ए-आला हजरत से लाउडस्पीकर हटा, 150 से ज्यादा धार्मिक स्थानों के लाउडस्पीकरों की आवाज कम की .
हमीरपुर सदर तहसील में 40 मस्जिद और 61 मंदिरों से लाउडस्पीकर उतरे.
इटावा 156 लाउडस्पीकर हटे जबकि 67 की आवाज मानक के मुताबिक की.
मिर्जापुर 93 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटे, 107 की आवाज कम की .
सहारनपुर 28 मंदिरों में लाउडस्पीकर लगवाने वाले हिंदू योद्धा परिवार संगठन अध्यक्ष चौधरी विश सिंह गिरफ्तार .
सभी धार्मिक प्रथाओं की आजादी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक में कहा था कि लोगों को अपनी आस्थानुसार धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता है. माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखना होगा कि आवाज परिसर से न निकले. किसी को समस्या न हो.
लखनऊ में सबसे ज्यादा हुई कार्रवाई
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा 2,395 लाउडस्पीकर हटे हैं. गोरखपुर जोन में 1,788, वाराणसी जोन में 1,366 और मेरठ जोन में 1204 लाउडस्पीकर उतारे गए. लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा 7,397, फिर बरेली में 6,257 और मेरठ में 5,976 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कर उसे तय मानक के अनुसार किया गया है.
पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के आरोप गलत
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने लाउडस्पीकर को लेकर कार्रवाई के पक्षपातपूर्ण होने के आरोप बेबुनियाद बताये . उन्होंने कहा कि पहले लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सहरी और इफ्तारी का समय बताने को होता था लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं. गोरखनाथ मंदिर में भी लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई. मंदिर-मस्जिदों ने खुद ही आवाज घंटा ली. सभी को एक सा व्यवहार और नियम.
अयोध्या में दंगे की साजिश:मस्जिदों के बाहर मांस, आपत्तिजनक पर्चे फेंकने वाले अपराधी निकले; मूर्ख बनाने को जालीदार टोपी
अयोध्या में दंगा भड़काने की कोशिश का बड़ा खुलासा हुआ है। कुछ शरारती तत्वों ने जालीदार टोपी लगाकर आपत्तिजनक पर्चे और मांस के टुकड़े धार्मिक स्थलों पर फेंके। हालांकि समय रहते पुलिस ने 7 आरोपितों को दबोच लिया। सभी हिंदू हैं।
साजिश के मास्टरमाइंड महेश कुमार मिश्रा ने कबूला कि वह और उसके साथी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा से नाराज थे। गुरुवार को पुलिस सभी आरोपितों को मीडिया के सामने लेकर आई।
घटना में 11 लोग शामिल थे
मास्टरमाइंड चाहता था कि उसकी यह करतूत CCTV में कैद हो पुलिस के हाथ आए। इसलिए आरोपितों ने दो ऐसी मस्जिदें चुनीं जहां CCTV लगे थे। SSP शैलेश पांडेय ने बताया कि इसमें 11 लोग शामिल थे। मुख्य आरोपित ने अपने साथियों के साथ यह सब किया। भागे हुए 4 अन्य लोगों की जल्द गिरफ्तारी की कोशिश है।
मुस्लिम धर्म गुरु ने दिखाई थी समझदारी
आरोपितों ने अयोध्या के मस्जिद कश्मीरी मौहल्ला, टाटशाह मस्जिद, घोसियाना रामनगर मस्जिद, ईदगाह सिविल लाइन मस्जिद और दरगाह जेल के पीछे मांस और आपत्तिजनक पोस्टर फेंके। कुछ जगह पर धार्मिक पुस्तक फेंककर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
पुलिस को एक मौलवी ने बताया कि रात 2 बजे चार बाइक पर 8 लोग देखे थे। वे नमाज पढ़ने जा रहे थे। उन्होंने सबसे पहले आपत्तिजनक पोस्टर देख पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन के अफसरों तक मामला पहुंचाया
पुलिस साजिश रचने वाले सभी सात आरोपितों को सामने लाई। सभी अयोध्या के हैं।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि मास्टरमाइंड महेश कुमार मिश्रा ने अपने साथियों के साथ बृजेश पांडेय के घर प्लानिंग की थी। महेश ने पर्चे लालबाग के आशीर्वाद फ्लैक्स से छपवाए। यहां से कुछ फ्लैक्स भी खरीदे। आरोपित प्रत्यूष श्रीवास्तव ने चौक की गुदड़ी रोड पर मौहम्मद रफीक बुक स्टोर से दो कुरान खरीदीं।
पम्मी कैंप हाउस से टोपी खरीदी थीं। आकाश ने लालबाग से मांस खरीदा था। सामान 26 अप्रैल रात 10 बजे नाका वर्मा ढाबा पर इकट्ठा कर सभी बृजेश के घर आए। यहीं फ्लैक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखी गईं।
बेनीगंज तिराहा पर PRV मिली, वरना वहां भी फेंकते पर्चें
इसके बाद सभी लोग चार बाइको पर देवकाली बाईपास होकर बेनीगंज तिराहा पहुंचे। PRV (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल) की गाड़ी देख निकल गये। फिर कश्मीरी मोहल्ला मस्जिद में जाकर कुरान और मांस फेंका । इसके बाद राजकरन स्कूल के सामने से टाटशाह मस्जिद पर उन्होंने आपत्तिजनक पर्चे और मांस फेंका ।
फिर जेल के पीछे गुलाब शाह दरगाह पर कुरान शरीफ एवं मांस फेंका। ईदगाह सिविल लाइन, घोसियाना रामनगर मस्जिद पर भी इसी तरह से आपत्तिजनक पर्चे फेंके।
अयोध्या के ही निकले सभी षड्यंत्रकारी
सभी आरोपित अयोध्या के हैं। महेश मिश्र के खिलाफ कुल 7 FIR पहले से हैं। महेश खोजनपुर पर रहता है। प्रत्यूष श्रीवास्तव आवास विकास कालोनी में, जबकि नितिन कुमार रीडगंज हमदानी कोठी निवासी है। दीपक कुमार गौड़ उर्फ गुंजन नाका मुरावन टोला थाना, बृजेश पांडेय हौंसिला नगर, शत्रुघ्न प्रजापति सहादतगंज कुम्हार मंडी, विमल पांडेय कुमारगंज निवासी है। मामले में एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने अयोध्या पुलिस को 1 लाख रुपए इनाम की घोषणा की है।