पॉलीग्राफ में आफताब के जवाबों की पुष्टि हो गई नार्को टेस्ट से
आफताब ने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा के टुकड़े किए:चॉपर गुरुग्राम, सिर महरौली के जंगलों में फेंका; पौने 2 घंटे चला पोस्ट नार्को टेस्ट
नई दिल्ली02 दिसंबर।श्रद्धा मर्डर केस के आरोपित आफताब अमीन पूनावाला का शुक्रवार को ‘पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू’ हुआ। इसमें फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) टीम ने आफताब से 1 घंटा 45 मिनट तक सवाल किए। टीम सुबह 11 बजे तिहाड़ जेल पहुंच गई थी। आज आफताब से वे सवाल पूछे गए, जिनके जवाब पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में अलग थे।
नार्को टेस्ट और इंटरव्यू दोनों में ही आफताब ने श्रद्धा की हत्या की बात कबूली है। आफताब ने बताया कि उसने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा के शव के टुकड़े किए। बाद में उसने चॉपर गुरुग्राम में अपने दफ्तर के पास झाड़ियों में कहीं फेंक दिया था।
आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के सिर को महरौली के जंगलों में ही फेंका था। वहीं, श्रद्धा का फोन उसने मुंबई में समुद्र में फेंक दिया था, जिसे दिल्ली पुलिस अब तक बरामद नहीं कर पाई है। पहले नार्को टेस्ट इंटरव्यू FSL के ऑफिस में होना था, लेकिन आफताब की सुरक्षा को देखते हुए टीम ने टेस्ट तिहाड़ जेल में ही करने का फैसला किया।
श्रद्धा का मोबाइल अभी तक नहीं मिला
फोरेंसिक साइंस लैब के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीव गुप्ता के मुताबिक गुरुवार को हुए नार्को टेस्ट में भी आफताब ने श्रद्धा की हत्या की बात कबूली है। उसने श्रद्धा के मोबाइल और कपड़े कहां फेंके हैं, इसकी भी जानकारी दी है।
दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह 8.40 बजे आफताब को लेकर रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल पहुंची थी, जहां टेस्ट से पहले उसकी सामान्य जांच की गई। अधिकारियों के मुताबिक नार्को टेस्ट गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और करीब 2 घंटे बाद खत्म हो गया था।
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक आफताब ने टेस्ट में पूछे गए ज्यादातर सवालों के जवाब अंग्रेजी में दिए। संजीव गुप्ता ने बताया कि नार्को टेस्ट के दौरान फोरेंसिक लैब रोहिणी के साइकोलॉजिस्ट, फोटो एक्सपर्ट और अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर मौजूद रहे। इससे पहले आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट में भी श्रद्धा की हत्या की बात कबूल की थी।
दिल्ली पुलिस सुबह 8.40 बजे आफताब को लेकर रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल
1. ब्रेन मैपिंग भी हो सकती है
मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगर आफताब का नार्को टेस्ट बेनतीजा रहा तो पुलिस आफताब की ब्रेन मैपिंग करने पर विचार कर सकती है। इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
2. आफताब हर बात मान रहा, यहीं शक गहराया
जांच में शामिल एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि आफताब बहुत चालाक है और कभी भी मामले में नया मोड़ ला सकता है। अभी तक वह पुलिस की हर बात मान रहा है, जांच में सहयोग कर रहा है। यहां तक कि पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट को भी राजी हो गया। पुलिस को उसके इस अच्छे व्यवहार पर संदेह हो रहा है।
3. पूछताछ के दौरान आफताब बेहद कॉन्फिडेंट
पुलिस सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है कि पूछताछ के दौरान आफताब बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंट था। उसने बहुत तेजी से और रिलैक्स होकर जवाब दिया। इससे लगा कि वह पहले से सोच-समझकर जवाब देता है। पुलिस को शक यह भी है कि जब सितंबर-अक्टूबर में आफताब को मुम्बई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, उस वक्त भी श्रद्धा के कुछ बॉडी पार्ट्स उसके दिल्ली वाले फ्लैट में मौजूद थे।
आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे, जिन्हें उसने फ्रिज में रखा। इन टुकड़ों को वह 16 दिन तक जंगल में फेंकता रहा।
पॉलीग्राफ टेस्ट का नतीजा- आफताब ने हत्या की बात कबूल की, लेकिन अफसोस नहीं
आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा हो गया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूछताछ के दौरान आफताब ने कबूल किया है कि उसी ने श्रद्धा की हत्या की। साथ ही यह भी कहा कि उसको श्रद्धा की हत्या का कोई अफसोस नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स में टेस्ट करने वाली टीम से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आफताब ने हत्या के बाद लाश जंगल में फेंकने की बात स्वीकार की है।
उसने बताया कि कई लड़कियों से उसने डेटिंग ऐप के जरिए दोस्ती की।
श्रद्धा की हत्या से पहले और उसके बाद भी उसके दूसरी लड़कियों से रिश्ते थे।
पॉलीग्राफ टेस्ट से लौटते वक्त आफताब पर हुई थी हमले की कोशिश
वीडियो 28 नवंबर का है। जब रोहिणी FSL के सामने आफताब को ले जा रही पुलिस वैन पर हमला किया गया।
वीडियो 28 नवंबर का है। जब रोहिणी FSL के सामने आफताब को ले जा रही पुलिस वैन पर हमला किया गया।
रोहिणी FSL में सोमवार शाम को हुए हमले में आफताब को बचाने वाले पुलिसकर्मियों को इनाम मिला है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने तारीफ करते हुए उनको 10-10 हजार रुपए दिए हैं। आफताब को ले जा रही पुलिस वैन पर रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के बाहर 4-5 लोगों ने हमले की कोशिश की थी। इनके हाथों में तलवारें थीं। पुलिस ने इन हमलावरों से आफताब को बचाया था।
आफताब के ब्रेन मैपिंग की भी संभावना, जानिए ये क्या है?
हमारा दिमाग अरबों न्यूरॉन से बना है। ये न्यूरॉन ही शरीर के सभी हिस्सों से दिमाग तक संदेश पहुंचाते हैं और दिमाग के मैसेज को शरीर के सभी अंगों तक भेजते भी हैं। ये मैसेज का वेव के रूप में आदान-प्रदान करते हैं। ब्रेन मैपिंग टेस्ट में इन्हीं तरंगों को मॉनिटर किया जाता है। इससे शख्स की मेंटल हेल्थ कंडीशन का पता लगाया जाता है।
वहीं, क्रिमिनल से राज उगलवाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रोसेस में आरोपी से सवाल किए जाते हैं और जब वह जवाब देता है तब उसकी प्रतिक्रिया को मॉनीटर किया जाता है।
1.आफताब की नई गर्लफ्रेंड बोली- दो बार उसके घर गई, लेकिन मर्डर की जानकारी नहीं
आफताब की नई पार्टनर एक साइकेट्रिस्ट है। उसने पुलिस को बताया कि वह अक्टूबर में दो बार आफताब के घर गई थी, लेकिन उसे कभी महसूस नहीं हुआ कि इस घर में किसी का मर्डर हुआ है या यहां किसी इंसानी शरीर के टुकड़े रखे हुए थे।
2. आफताब ने कत्ल से पहले दृश्यम देखी थी, पार्ट-2 का इंतजार कर रहा था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने माना है कि उसने श्रद्धा के कत्ल से पहले बॉलीवुड फिल्म दृश्यम देखी थी, उसे पार्ट-2 का भी इंतजार था। FSL सूत्रों के मुताबिक, दृश्यम देखकर ही वो मर्डर के बाद एक कहानी गढ़ने की फिराक में था।
3. पीटने के 5 दिन बाद श्रद्धा को अस्पताल लाया आफताब, डॉक्टर बोले- चल भी नहीं पा रही थी
मुंबई के ओजोन अस्पताल के डॉक्टर शिवप्रसाद शिंदे ने मीडिया को बताया है कि 3 दिसंबर 2020 को श्रद्धा उनके पास इलाज कराने आई थी। उसके शरीर पर जो चोटें थीं, वो फिजिकल वॉयलेंस के चलते ही आती हैं, लेकिन उसने कुछ भी खुलकर नहीं बताया।
यूटर्न तो नहीं लेगा आफताब?
श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आफताब से नार्को टेस्ट के बाद पूछताछ हुई। एफएसएल की टीम इस टेस्ट के बाद विश्लेषण के लिए तिहाड़ पहुंची। इस दौरान केस के जांच अधिकारी भी मौजूद रहे। बताया जाता है कि पूनावाला ने पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के दौरान एक जैसी बातें कहीं। आफताब इस केस में आरोपित है।
आफताब अमीन पूनावाला (Atab Amin Poonawalla) का पॉलीग्राफ के बाद नार्को टेस्ट भी पूरा हो चुका है। वह श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Walkar murder case) का आरोपी है। बताया जाता है कि पूनावाला ने ‘पॉलीग्राफ’ और ‘नार्को’ टेस्ट के दौरान एक जैसी बातें कही हैं। यानी वह अपने बयान से मुकरा नहीं है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की चार सदस्यीय टीम और जांच अधिकारी पूनावाला से नार्को जांच के बाद पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे। 28 साल के आफताब ने अपनी ‘लिव इन’ पार्टनर श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। फिर उसके शव के 35 टुकड़े किए थे। इन टुकड़ों को उसने तीन हफ्ते तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित आवास में 300 लीटर के फ्रिज में रखा। फिर शव के हिस्सों को कई दिनों में शहर के अलग-अलग हिस्सों में ठिकाने लगाता रहा। आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। फिर उसे पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। इस अवधि को 17 नवंबर को और पांच दिन के लिए बढ़ाया गया था। अदालत ने 26 नवंबर को उसे 13 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। आइए, इस केस से जुड़े कुछ अपडेट (Shraddha Walkar murder case update) जानते हैं।
नार्को जांच के बाद पूछताछ
आफताब की नार्को जांच पूछताछ का सत्र शुक्रवार को दो घंटे के अंदर पूरा हो गया। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की चार सदस्यीय टीम और जांच अधिकारी पूनावाला से नार्को जांच के बाद पूछताछ के लिए नई दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंचे थे। सेंट्रल जेल नंबर चार में पूर्वाह्न 10 बजे से पूछताछ शुरू होने और दोपहर तीन बजे तक पूरी होने की उम्मीद थी। लेकिन, इसमें देरी हुई। टीम पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे जेल पहुंची और करीब 1 घंटे 40 मिनट तक सत्र चला। अधिकारियों ने कहा कि उसे ले जाने से संबंधित जोखिमों को देखते हुए अदालत के आदेश के अनुसार यह व्यवस्था की गई थी। पूनावाला का नार्को एनालिसिस टेस्ट करीब दो घंटे तक रोहिणी के अस्पताल में हुआ था। यह सफल रहा था। अब नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान आरोपी से मिले जवाबों का विश्लेषण किया जाएगा। उसे भी उसके जवाबों की जानकारी दी जाएगी।
आफताब का नार्को टेस्ट हुआ पूरा, बताया कहां फेंके श्रद्धा के कपड़े और मोबाइल
दिल्ली पुलिस की मांग पर हुए टेस्ट
नार्को टेस्ट में सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमिटल जैसी दवा दी जाती हैं, जो व्यक्ति को एनेस्थीसिया के असर के विभिन्न चरणों तक लेकर जाती हैं। हिप्नोटिक फेज में व्यक्ति पूरी तरह से होश हवास में नहीं रहता है। उसके ऐसी जानकारियां देने की ज्यादा संभावना रहती है, जो वह आमतौर पर होश में रहते हुए नहीं बताता है। जांच एजेंसियां इस टेस्ट का इस्तेमाल तब करती हैं, जब अन्य सबूतों से मामले की साफ तस्वीर नहीं मिल पाती है। दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि उसने आफताब की नार्को टेस्ट की मांग की है, क्योंकि पूछताछ के दौरान उसके जवाब भटकाने वाले थे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफी जांच संबंधित व्यक्ति से मंजूरी लिए बिना नहीं की जा सकती हैं। साथ ही इस जांच के दौरान दिए गए बयान अदालत में प्रारंभिक सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं। केवल कुछ परिस्थितियों में ही ये स्वीकार्य हैं, जब पीठ को मामले के तथ्य और प्रकृति इसके अनुरूप लगे।
पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में बताई एक जैसी बातें
आफताब अमीन पूनावाला ने पॉलीग्राफ, नार्को और पुलिस पूछताछ में एक जैसे जवाब दिए हैं । पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, 14 दिन की पुलिस हिरासत के दौरान पूनावाला का बयान उसकी ‘पॉलीग्राफ’ और ‘नार्को’ जांच के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब के समान है।
जांच में किया सहयोग, पुलिस को यह बताया
एक सूत्र ने बताया कि उसने दोनों जांच के दौरान पूरा सहयोग किया। पूछताछ के दौरान पुलिस के पूछे गए सवालों के उसने समान जवाब दिए। पॉलीग्राफ और नार्को जांच के दौरान उसके बयान में कोई बदलाव नहीं आया। उसने अपनी ‘लिव-इन-पार्टनर’ की हत्या की बात स्वीकार की है। यह भी कबूल किया कि उसने दिल्ली के जंगल वाले इलाकों में विभिन्न स्थानों पर शव के टुकड़े फेंके थे। हालांकि, पुलिस को अभी तक श्रद्धा की खोपड़ी नहीं मिली है। वह अभी भी शव के अन्य हिस्सों और खोपड़ी की तलाश कर रही है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें अब यकीन हो गया है कि पूनावाला ने पूछताछ के दौरान और बाद में ‘पॉलीग्राफ’ और ‘नार्को’ विश्लेषण के दौरान जो कबूल किया, वह समान है। इसलिए, जांच में किसी तरह का नया मोड़ आने की गुंजाइश नहीं है।
एक हफ्ते में मिलेगी डीएनए रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि श्रद्धा की डीएनए रिपोर्ट अगले सप्ताह तक आने की उम्मीद है। अब तक 13 से अधिक हड्डियां बरामद की जा चुकी हैं। डॉक्टर श्रद्धा की मौत का पता लगाने और पुष्टि करने के लिए केवल विशिष्ट हड्डियों की मात्रा और गुणवत्ता का मिलान करेंगे। सूत्रों ने कहा कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उसने अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या की। हालांकि, अभी भी डिजिटल फुटप्रिंट्स और सबूतों का इंतजार किया जा रहा है। जांच के मद्देनजर ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें।