हाईकोर्ट के महापंचायत रोकने के निर्देश, पुरोला में सामाजिक संगठनों ने संभाला मोर्चा
Uttarakhand High Court Order To Action On Uttarkashi Mahapanchayat TV Debates And Social Media Ban Uttarkashi: महापंचायत को लेकर HC ने सरकार को दिए सख्त कार्रवाई ने निर्देश, टीवी डिबेट व सोशल मीडिया पर रोक
हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में सरकार सख्ती से विधि अनुसार कार्यवाई करे। साथ ही हाईकोर्ट ने किसी भी तरह की टीवी डीबेट और सोशल मीडिया के उपयोग पर रोक लगाई है।
नैनीताल 15 जून। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी में 15 जून को धार्मिक संगठनों द्वारा बुलाई गई महापंचायत पर रोक लगाने की जनहित याचिका पर आज सुनवाई की। इस दौरान मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि इस तरह के मामलों में सरकार सख्ती से विधि अनुसार कार्यवाई करे
साथ ही कहा कि कोई टीवी डीबेट नहीं होगी न ही सोशल मीडिया का उपयोग किया जाएगा। कहा कि जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है पुलिस उसकी जांच करे। साथ ही राज्य सरकार इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करे।
बता दें कि एसोसिएशन फॉर द प्रोटक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सदस्य अधिवक्ता शाहरुख आलम ने बुधवार को महापंचायत पर रोक लगाने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। बताया कि उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अवकाश कालीन खंडपीठ के समक्ष अपील की थी। लेकिन सुप्रीम की पीठ से इस याचिका को सुनने से इंकार करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने इस याचिका को सुनने की मंजूरी दे दी थी।
शाहरुख आलम ने कोर्ट को बताया कि पुरोला की एक नाबालिग लड़की को दो युवकों द्वारा बहला फुसलाकर भगाने के बाद पुरोला में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। हालांकि आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं । इसके बाद पुरोला से धर्म विशेष की दुकानों को खाली कराया जा रहा है और उन दुकानों के बाहर धार्मिक संगठन ने चेतावनी भरे पोस्टर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आशंका है कि महापंचायत हुई तो वहां धार्मिक संगठनों के नेता ‘हेट स्पीच’ दे सकते हैं जिससे सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है
Uttarkashi: यमुना घाटी हिंदू जागृति मंच ने किया महापंचायत का आह्वान, पहुंचे पुरोला; पुलिस ने संभाला मोर्चा
Uttarkashi गुरुवार को यमुना घाटी हिंदू जागृति मंच ने महापंचायत का आह्वान कर दिया है। हिंदू संगठन के कार्यकर्ता नौगांव से नदी किनारे से होते हुए पुरोला खेल मैदान में पहुंचे। प्रशासन को चकमा देकर लोग यहां पहुंचे है। वहीं भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है।
यमुना घाटी हिंदू जागृति मंच ने किया महापंचायत का आह्वान
उत्तरकाशी लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद देवभूमि सुलग गई है। उत्तरकाशी में कई दिनों से बवाल मचा हुआ है। पुरोला में लव जिहाद के खिलाफ होने वाली महापंचायत को लेकर विवाद लगातार जारी है। गुरुवार को यमुना घाटी हिंदू जागृति मंच ने महापंचायत का आह्वान किया।
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता नौगांव से नदी किनारे से होते हुए पुरोला खेल मैदान में पहुंचे। प्रशासन को चकमा दिया।
इन कार्यकर्ताओं में बजरंग दल के संगठन मंत्री विकास वर्मा, देहरादून नगर संयोजक अमन सिसोदिया, पंकज गुप्ता, संजय काला शामिल थे। पुरोला में एकत्र होने वाले कार्यकर्ताओं में विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र रावत, बजरंग दल के पुरोला नगर अध्यक्ष रमेश थपलियाल, भाजपा जिला महामंत्री पवन नौटियाल आदि मौजूद हैं।
भारी पुलिस बल तैनात
बता दें कि पुरोला में हिंदू संगठनों के इकट्ठा होने से भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने मोर्चा संभाला है। महापंचायत नहीं करने का ऐलान किया गया था, लेकिन गुरूवार को भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए हैं।
लव जिहाद के खिलाफ पुरोला महापंचायत टली, लोगों का गुस्सा यथावत; छावनी बना क्षेत्र
पुरोला में वीरवार को होने वाली महापंचायत को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा गतिरोध फिलहाल खत्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट और नैनीताल हाई कोर्ट तक मामला पहुंचने के साथ ही प्रशासन की सख्ती के बाद आयोजकों ने महापंचायत स्थगित कर दी। इससे सरकार और जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
हालांकि, बजरंग दल के नगर अध्यक्ष रमेश थपलियाल ने आरोप लगाया कि प्रशासन की दमनकारी नीतियों के कारण उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है। यह भी आरोप लगाया कि महापंचायत के संयोजकों को दिन में ही नजरबंद कर दिया गया था। कहा कि, आने वाले दिनों में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
महापंचायत देखते हुए सुरक्षा थी पक्की
महापंचायत टलने से सरकार और उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। इससे पहले पुरोला में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चार स्थानों पर नाकेबंदी कर महापंचायत करने आने वालों को रोकने का प्रबंध भी किया गया था। निषेधाज्ञा के विरोध में व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बाजार बंदी का ऐलान किया है।
मुस्लिम युवकों के नाबालिग को भगाने का था मामला
26 मई को पुरोला क्षेत्र की एक नाबालिग को भगाने के आरोप में मुस्लिम युवक और उसके दोस्त को पकड़े जाने के बाद से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और स्थानीय व्यापारी मुस्लिम व्यापारियों के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं। उन्हें दुकानें खाली करने को कहा गया है। कुछ मुस्लिम व्यापारी अपना सामान समेट कर जा चुके हैं, जबकि कुछ की दुकानें अभी बंद हैं। इन्हें खाली कराने को लेकर वीरवार को महापंचायत आहूत की गई थी। इसको लेकर कई दिनों से गतिरोध बना हुआ है। इस बीच मुस्लिम संगठनों ने भी प्रतिक्रिया स्वरूप देहरादून में महापंचायत बुला ली थी। इस घटनाक्रम के चलते सरकार की परेशानी बढ़ गई थी।
लागू रहेगी निषेधाज्ञा
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि पुरोला में वीरवार को भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी। इसके बाद माहौल को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू रखने या हटाने का निर्णय लिया जाएगा। इधर, दिनभर चले घटनाक्रमों के बाद पुलिस-प्रशासन ने पुरोला में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एडिशनल एसपी, दो पुलिस उपाधीक्षक के साथ 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती दिन में ही कर दी थी। शाम को बाजार में फ्लैग मार्च भी निकाला गया।