फिर चौंकाया: भजनलाल शर्मा होंगें राजस्थान के मुख्यमंत्री

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वसुंधरा राजे के हाथ में पर्ची आई और… राजस्थान में कैसे टूटा CM का सस्पेंस, जानें बंद कमरे की पूरी कहानी
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक नए चेहरे को बैठाया है। भाजपा ने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। जयपुर में भाजपा की विधायक दल की बैठक आज हुई, जिसमें विधायक दल के निर्दलीय विधायकों को न्योता नहीं था। भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा भी यहां पहुंचे।

मुख्य बिंदु 
+राजस्थान में भाजपा ने किया मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान
+भजनलाल शर्मा होंगे राजस्थान के नए मुख्यमंत्री
+दीया कुमारी और प्रेम चंद्र बैरवा राज्य के उपमुख्यमंत्री , +भाजपा ने वासुदेव देवनानी को घोषित किया राजस्थान का स्पीकर

+वसुंधरा सहयोग न करती तो बी प्लान भी था तैयार 

Bhajan Lal Sharma.

भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे
जयपुर12 दिसंबर: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान में सभी को चौंकाते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए भजन लाल शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी। मिला जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद के लिए वसुंधरा राजे ने भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा था। इस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी उस चेहरे को आगे कर दिया, जिसकी चर्चा नहीं थी। पार्टी दफ्तर पर विधायक दल की बैठक शुरू हुई तो दिल्ली से आए पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय और चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने भाजपा के कई नेताओं से अलग-अलग रूम में मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, दीया कुमारी और अनीता भदेल को अलग-अलग कमरे में बैठाकर बातचीत की गई। भजनलाल शर्मा को रूम में ले जाकर राजनाथ सिंह ने बात की। वहीं सरोज पांडेय और विनोद तावड़े ने प्रेम चंद्र बैरवा से रूम में बात की।

यूं टूटा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का सस्पेंस

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास कॉल आया। फोन को कुछ मिनट दोनों की बात हुई। इसके बाद एक पर्ची पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथ में दी गई। इस पर्ची में राज्य के होने वाले मुख्यमंत्री का नाम था। वसुंधरा राजे ने मीडिया के सामने आकर भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही राज्य में दो उपमुख्यमंत्री के नाम का भी ऐलान किया गया। दीया कुमारी और प्रेम चंद्र बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं वासुदेव देवनानी राजस्थान के स्पीकर होंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को लेकर चला आ रहा सस्पेंस खत्म हो गया।

राजस्थान सिंह के साथ भजनलाल शर्मा

इसके पहले केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंचे। राजनाथ सिंह के साथ सह-पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडेय भी जयपुर आए। राजस्थान में भाजपा के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी चार्टर्ड विमान से उनके साथ पहुंचे। जयपुर एयरपोर्ट पर भाजपा के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनका स्वागत किया।

भाजपा ने निर्दलीय विधायकों को बुलाया, जयपुर होटल में ठहराया

इसके पहले मंगलवार की सुबह ही विधायक किरोड़ी लाल मीणा, वासुदेव देवनानी सहित कई भाजपा विधायक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंच गए। पहले मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में गुटबाजी की खबरें सामने आई थीं। ऐसे में भाजपा ने भी ‘प्लान बी’ बनाते हुए जीतने वाले 8 निर्दलीय विधायकों को जयपुर बुला लिया था। जयपुर पहुंचे निर्दलीय विधायक एक होटल में रुके रहे। इन विधायकों को बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं था।

पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं: मीणा

वहीं जयपुर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक किरोड़ी लाल मीणा से वसुंधरा राजे के यहां विधायकों की बैठक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।

बता दें, राज्य में 200 में से 199 सीट के लिए हुए चुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किए गए। भाजपा ने 115 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया।

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वसुंधरा की हंसी, बालकनाथ का ट्वीट ये दोनों हो गये आउट
वसुंधरा राजे और योगी बालकनाथ मुख्यमंत्री रेस से बाहर हो गए हैं? इस बात का इशारा दोनों ही नेताओं के बदले हुए मिजाज से नजर आ रहा।
दिल्ली से लेकर जयपुर तक पार्टी दिग्गजों की बैठक-मुलाकातें हो रहीं। यही नहीं मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम भी सामने आए। इनमें सबसे आगे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ भी माने जा रहे थे। हालांकि, पिछले दो दिनों के दौरान हुए राजनीति घटनाक्रम में ऐसा लग रहा मानो दोनों ही दिग्गज इस रेस से बाहर हो गए हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि दोनों नेताओं के बदले मिजाज से नजर आ रहा। आखिर ऐसा क्या हुआ जो दोनों नेताओं के मुख्यमंत्री रेस से बाहर होने की चर्चा शुरू हो गई, बताते हैं आगे।
योगी बालकनाथ मुख्यमंत्री रेस से बाहर!
सबसे पहले बात करते हैं योगी बालकनाथ की, जिन्होंने तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव जीता। जैसे ही भाजपा ने विधानसभा चुनाव में परचम लहराया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही राजस्थान में योगी बालकनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने चर्चा ने जोर पकड़ लिया। हालांकि, खुद बाबा बालकनाथ इस पर सीधे-सीधे बोलने से बचते नजर आए। वहीं अब उन्होंने एक ट्वीट किया है जिससे ये लग रहा कि वो खुद ही मुख्यमंत्री रेस से बाहर हो गए हैं।

बाबा के इस ट्वीट से साफ हुई तस्वीर

योगी बालकनाथ ने ट्वीट में लिखा- ‘पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता-जनार्दन ने पहली बार सांसद और विधायक बना कर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया। चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।’ बाबा बालकनाथ के इस ट्वीट से साफ मैसेज यही मिल रहा कि उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री रेस से बाहर कर लिया है। अब बात करते हैं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कि जो फिर मुख्यमंत्री बनने को लेकर बेहद एक्टिव दिख रही है

वसुंधरा का दावा भी पानी में 

वसुंधरा राजे की दावेदारी इसलिए चर्चा में है क्योंकि उनके समर्थन में लगातार विधायक लामबंद होते नजर आए। नतीजों के बाद से ही वसुंधरा के समर्थन में कई विधायकों ने आवाज बुलंद की। यही नहीं उनके जयपुर आवास पर पिछले दिनों 50 से ज्यादा विधायकों ने पहुंचकर मुलाकात भी की थी। इसी के बाद चर्चा होने लगी कि वसुंधरा का ये शक्ति प्रदर्शन मुख्यमंत्री पोस्ट पर दावेदारी को लेकर है। हालांकि, केंद्रीय आलाकमान ने पूरे घटनाक्रम पर नजर रखा और वसुंधरा को दिल्ली बुलाया। राजे दिल्ली पहुंचीं और गुरुवार रात में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जब वसुंधरा वहां से वापस लौटीं तो मीडिया के सामने कुछ नहीं कहा। हां उनके चेहरे पर मुस्कुराहट, हंसी नजर आ रही थी।

नड्डा संग मुलाकात के बाद उठे सवाल

वैसे भी कहा जाता है कि राजनीति में बॉडी लैंग्वेज का काफी महत्व होता है। जिस तरह से वसुंधरा राजे की नड्डा संग गुरुवार रात को 70 मिनट से ज्यादा की मुलाकात हुई उसमें मुख्य मुद्दा सीएम पोस्ट का ही था। ऐसा माना जा रहा कि वसुंधरा को मना लिया गया है। यानी अगर मुख्यमंत्री के पद पर कोई नया नाम सामने आ जाए तो बड़ी बात नहीं होगी। जिस तरह से बीजेपी अध्यक्ष संग मुलाकात के बाद वसुंधरा वहां से बाहर आईं उससे चर्चा यही है कि वो भी सीएम रेस से बाहर हो चुकी हैं।

नए मुख्यमंत्री की खोज के लिए राजनाथ की एंट्री

अभी राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में दीया कुमार, राज्यवर्धन सिंह राठौर के अलावा सीपी जोशी, ओम माथुर, अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल माने जा रहे थे।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सबको चौंकाते हुए नए चेहरे को राजस्थान का जिम्मा सौंप दिया। राजनीतिक घमासान टालने को ही केंद्रीय नेतृत्व ने दिग्गज नेता राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा है। उनके साथ राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी थे।

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