फुफकार रहीं हिंदू विरोधी ताकतें,नूपुर का समर्थन भी हराम?
नूपुर शर्मा का साथ देने वालों को भी धमकी दे रहे हैं कट्टरपंथी इस्लामिस्ट? गाजियाबाद की भाजपा नेता डॉ उदिता त्यागी पर हुए हमलावर कट्टरपंथी इस्लामिस्ट!
Sonali Mishra
June 10, 2022
नुपुर शर्मा के बहाने एक मुखर आवाज को दबाने में कट्टरपंथी मुस्लिम सफल हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे उन्होंने कुछ नामों को लक्षित किया है, जो हिन्दू धर्म को लेकर मुखर हैं और जो जिहाद को समझते हैं। जो इस बात को समझते हैं कि अंतत: हिन्दू धर्म को लेकर खतरा क्या है? जिहाद को समझने वालों के लिए एक विशेष लॉबी सक्रिय हो गयी है और वह बार बार उन लोगों को अपना निशाना बना रही है, जो चाहते हैं कि जिहाद पर बात हो, जो चाहते हैं कि ऊपर हवा हवाई बातें न हों बल्कि अब समाधान पर बात हो,
तभी नुपुर शर्मा को उस विशेष लॉबी ने अपना शिकार बनाया है। चूंकि नुपुर ने पहले से ही ज्ञात एवं इन्टरनेट पर उपलब्ध तथ्यों को कुछ उग्र तरीके से बता दिया, इसीलिए वह विशेष लॉबी उनके पीछे पड़ गयी एवं मामला बढ़ते बढ़ते उनके निलंबन तक पहुँच गया। यदि लोगों को यह लगता है कि नुपुर शर्मा के साथ यह मामला समाप्त हुआ है, तो यह उनकी बहुत ही बड़ी गलतफहमी है क्योंकि कहानियाँ तो अब आरम्भ हुई हैं।
खेल तो अब आरम्भ हुआ है क्योंकि अब कट्टरपंथी इस्लामिस्ट लॉबी अपने बौद्धिक आकाओं के साथ उन सभी मुखर महिलाओं या कहें आम लोगों पर प्रहार कर रही है, जो जिहाद के खतरों को समझती हैं। या फिर जो नुपुर शर्मा के साथ खडी हुई हैं। या फिर जिन्होनें नुपुर शर्मा के समर्थन में ट्रेंड चलाए थे। जम्मू कश्मीर में तीन लोगों पर एफआईआर मात्र इसी बात को लेकर दर्ज की गयी थी जिन्होनें नुपुर शर्मा के पक्ष में लिखा था!
ऐसी ही एक और नेता हैं भारतीय जनता पार्टी की गाजियाबाद की नेता डॉ उदिता त्यागी। वह भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की पश्चिम क्षेत्र की मंत्री हैं। उन्होंने नुपुर शर्मा का समर्थन किया था, और उनके समर्थन में एक वीडियो post किया था।
इसी बात को लेकर कट्टरपंथी इस्लामिस्ट लोग उनसे चिढ़ गए। उन्होंने अपने वीडियो में कहा था कि नुपुर शर्मा उनकी पुरानी सहयोगी है और वह नुपुर शर्मा के साथ हैं। और उन्होंने यह भी कहा था कि जिहादी नुपुर शर्मा को कोई नुकसान न पहुंचाएं। ऐसा कहते ही कट्टरपंथी इस्लामिस्ट तत्व उनसे चिढ गए और फिर उन्हें धमकियां मिलनी आरम्भ हो गईं। डॉ उदिता त्यागी का फाउंडेशन पूरे गाजियाबाद में सौन्दर्यीकरण अभियान में सक्रिय रहता है और उन्होंने ही गाजियाबाद रेलवे स्टेशन आदि पर सुन्दर सुन्दर तस्वीरें उकेरी हैं, भारत का इतिहास भी उकेरा है।
जब उन्होंने अपने काम को पोस्ट किया और लिखा
“दीवारें बोल उठेंगी
नॉएडा ग़ाज़ियाबाद अंडरपास!”
दीवारें बोल उठेंगी 😍😍😍
नॉएडा ग़ाज़ियाबाद अंडरपास @CsdishaaF pic.twitter.com/99NuCUxGkQ
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) June 1, 2022
इसी ट्वीट पर उनके साथ अभद्रता आरम्भ हुई और उन्हें कट्टरपंथी इस्लामिस्ट तत्वों द्वारा अपशब्द बोले जाने लगे। यह भी ज्ञात हो कि डॉ उदिता त्यागी पूर्व में मिसेज इंडिया भी रह चुकी हैं।
उदिता त्यागी के साथ हुई अभद्रता के कुछ उदाहरण
जब उन्होंने पुलिस को सोशल मीडिया पर ट्वीट किया तो गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि वह कृपया स्थानीय थाने पर एक लिखित तहरीर दे,अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जायेगी।
noted🙏🏻 https://t.co/wpSxaDTjJl
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) June 2, 2022
उसके बाद उन्होंने लिखित में रिपोर्ट दर्ज कराई। परन्तु यह तो अपशब्द बोलने वाले कट्टरपंथी इस्लामिस्ट थे, जिनके साथ पुलिस कार्यवाही कर सकती है। उनका क्या, जो इन कट्टरपंथी इस्लामिस्ट तत्वों को रक्षा कवर देते हैं!
द वायर ने बनाई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की सूची और कट्टरपंथी इस्लामिस्ट तत्वों को जैसे संकेत दिया है
अब बारी थी इन तत्वों को बौद्धिक कवर देने वाले मीडिया की। अपनी विशेष मानसिकता के लिए कुख्यात द वायर, ने भारतीय जनता पार्टी के ऐसे दस नेताओं की सूची बनाई है, जो जिहाद की समस्या को लेकर मुखर रहते हैं। और इसका शीर्षक दिया है “10 Times When BJP Leaders (Not Fringe) Made Anti-Muslim Hate Speeches”
https://thewire.in/communalism/bjp-leaders-fringe-anti-muslim-remarks-gulf-countries
इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से लेकर उदिता त्यागी तक सम्मिलित हैं।
इसमें दंगाइयों को मुस्लिम मानते हुए बुलडोजर को भी आपत्तिजनक मान लिया गया है। इसके साथ ही कई और नेताओं के नाम हैं। इसी क्रम में डॉ उदिता त्यागी का नाम भी इस सूची में है। इसमें लिखा है कि “धर्म संसद” में भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की नेता भी सम्मिलित थीं, परन्तु वायर यह नहीं बता पाया कि क्या डॉ उदिता त्यागी ने कुछ ऐसा बोला था, जो आपत्तिजनक हो?
नहीं! द वायर ने मात्र अपना एजेंडा चलाकर डॉक्टर उदिता त्यागी की उस मुखर आवाज को दबाया है, जो जिहाद के खतरों से सावधान करती रहती हैं। द वायर ने मात्र इतना लिखा है कि उदिता ने do politics नामक चैनल पर यति नरसिंहानंद सरस्वती का समर्थन किया है।
इस विषय में हमने भी डॉक्टर उदिता त्यागी से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है। हम अपने पाठकों के लिए उनका विस्तृत साक्षात्कार शीघ्र ही लाएंगे, जिससे पाठक यह समझ पाएं कि वह क्या कार्य करती हैं और किस प्रकार वह जिहाद के विरोध में खड़ी हैं।
प्रश्न यह है कि द वायर जैसे पोर्टल कभी भी मदनी आदि को यह नहीं कहता कि वह हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन दे रहे हैं। ज्ञानवापी को लेकर कथित नास्तिक, वामपंथी, मुस्लिम और कांग्रेसी एवं कई और लोगों ने जिन्हें भारतीय जनता पार्टी से घृणा है, उन्होंने पार्टी के प्रति घृणा निकालने के लिए महादेव का जो अपमान किया, वह सब इन पोर्टल्स को नहीं दिखता है।
द वायर जैसे पोर्टल्स मुखर हिन्दू स्त्रियों को कहीं न कहीं कट्टरपंथी इस्लामिस्ट तत्वों के सामने प्रकट कर देते हैं, कि यही हैं, जो मुखर हैं, इनकी आवाज जैसे भी हो दबाई जाए। इसी बात को लेकर कल उदिता ने ट्वीट भी किया कि
“द वायर में मेरे बारे में छपी असत्य बातों के विषय में DM और SSP साहब को लिखित शिकायत की
योजनाबद्ध तरीक़े से सनातनी महिलाओं को कट्टरपंथियों के सामने फेंका जा रहा है
मुझे यदि कुछ भी होता है तो इन्हें ज़िम्मेदार माना जाए”
द वायर में मेरे बारे में छपी असत्य बातों के विषय में DM और SSP साहब को लिखित शिकायत की
योजनाबद्ध तरीक़े से सनातनी महिलाओं को कट्टरपंथियों के सामने फेंका जा रहा है
मुझे यदि कुछ भी होता है तो इन्हें ज़िम्मेदार माना जाए @myogiadityanath 🙏🏻@dm_ghaziabad @dgpup @ghaziabadpolice pic.twitter.com/muHa9tTskV
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) June 9, 2022
यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि मीडिया का एक बड़ा धड़ा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर और राजनीतिक अल्पसंख्यकवाद के नाम पर बहुसंख्यक हिन्दू समाज के विरोध एवं कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों के पक्ष में जाकर खड़ा हो जाता है, पृथक पहचान के नाम पर हिजाब, नकाब, बुर्के आदि का समर्थन करने लगता है! दंगाइयों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही को मुस्लिमों के विरोध में की गयी कार्यवाही बताता है और जिहाद के विरोध में उठ रही आवाजों को मुस्लिमों के विरोध में उठी आवाज बताता है, जबकि यह दोनों ही अलग अलग हैं!
एवं सबसे मजेदार बात यही है कि ऐसे पोर्टल्स मुस्लिम समाज में परस्पर हो रहे शोषण जैसे हलाला, तीन तलाक आदि पर मौन ही रहते हैं तथा कहीं न कहीं मौन रहकर इस्लामी कट्टरपंथ के ही पक्ष में जाकर तो खड़े नहीं हो जाते हैं?
उधर, पश्चिमी बंगाल में दो दिन दंगाईयों के सामने हाथ बांधे खड़ी दिखी राज्य पुलिस ने कोलकाता और हावड़ा में नूपुर शर्मा के विरोध में हो रहे दंगों पर सोशल मीडिया में अपनी राय रखने वाली एक किशोरी को बड़ी तत्परता से गिरफ्तार कर लिया। उसे अभी कोई कानूनी सहायता मिलने की खबर नहीं है। पश्चिमी
बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के ब्रह्मपुर सब-डिवीजन की इस किशोरी ने बांग्ला भाषा में टिप्पणी की थी कि दंगा करने की बजाय में छोड़कर क्यों नहीं चले जाते। बस इसी बात को लेकर उग्र मुसलमानों ने पुलिस स्टेशन घेर कर जमकर पथराव किया। घबराई पुुलिस ने तत्काल बालिका को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।
(Hindupost से साभार)
जालंधर में मुस्लिम स्टूडेंट्स के हंगामे का VIDEO:CT इंस्टीट्यूट में हिंदू छात्रा के BJP नेता नुपूर शर्मा के हक में पोस्ट डालने के बाद बवाल
पंजाब में जालंधर के बड़े प्राइवेट शिक्षण संस्थान CT इंस्टीट्यूट में हिंदू और कश्मीर के मुस्लिम छात्रों के बीच हुआ विवाद थमता दिखाई नहीं दे रहा। इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाली जम्मू की एक हिंदू छात्रा द्वारा BJP की पूर्व नेत्री नुपूर शर्मा के पक्ष में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से भड़के मुस्लिम स्टूडेंट्स ने रातभर यहां जो हंगामा किया, उसके वीडियो भी धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
इन वीडियो में मुस्लिम स्टूडेंट्स खुलेआम सड़क पर जमा होकर नारेबाजी करते हुए दिख रहे हैं। मुस्लिम छात्र एक बिल्डिंग के बाहर हंगामा करते हुए नजर रहे हैं। कहा जा रहा है कि उस बिल्डिंग के अंदर हिंदू स्टूडेंट्स जमा थे। दोनों पक्षों की ओर से यहां नारे लगते दिख रहे हैं।
हंगामे के एक अन्य वीडियो में इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग के अंदर गैलरी में कांच के टुकड़े बिखरे हुए नजर आ रहे हैं। दरवाजों के ऊपर बने रोशनदान के कांच टूटे हुए है। आरोप है कि कुछ स्टूडेंट्स ने उक्त हिंदू लड़की से बदतमीजी भी की। इस पूरे विवाद के चलते 2 दिन से यहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इंस्टीट्यूट के अंदर और बाहर पुलिसबल तैनात है।
जालंधर शहर के बाहरी एरिया में स्थित CT इंस्टीट्यूट के कैंपस में यह विवाद शुक्रवार रात लगभग 9 बजे तब शुरू हुआ जब यहां पढ़ने वाली जम्मू की हिंदू छात्रा ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के हक में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाल दी। इस पोस्ट का पता चलते ही इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा करने वाले सभी मुस्लिम स्टूडेंट्स जम्मू-कश्मीर के ही बताए जा रहे हैं।
मुस्लिम स्टूडेंट्स ने छात्रा से माफी मंगवाई
इंस्टीट्यूट कैंपस के अंदर बने हॉस्टल में रहने वाले ये मुस्लिम स्टूडेंट्स रात में ही सड़क पर जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इन लोगों ने वो एरिया घेर लिया जहां हिंदू छात्रा रह रही थी। रात 12 बजे शुरू हुआ विवाद सुबह 5 बजे तक चलता रहा। मौके की नजाकत को भांपते हुए हिंदू स्टूडेंट्स को अपनी सुरक्षा के लिए छिपना पड़ गया।
कई घंटे चले हंगामे के बाद मुस्लिम स्टूडेंट्स ने हिंदू छात्रा को अपने सामने बुलवाकर उससे जबरन माफी मंगवाई और सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट को डिलीट करवाया। इतना ही नहीं, मौके पर पहुंची पुलिस और इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट ने भी इस पूरे विवाद में उक्त हिंदू छात्रा को ही दोषी ठहरा दिया।
PRO का दावा- दो घंटे में सुलझा लिया मामला
CT इंस्टीट्यूट के PRO कंवरप्रीत सिंह ने माना कि कश्मीर के मुस्लिम स्टूडेंट्स ने रात में कैंपस में हंगामा मचाया। इन छात्रों के हंगामे से तनाव इतना बढ़ गया कि इंस्टीट्यूट प्रबंधन को कैंपस में पुलिस बुलानी पड़ी। छात्रा के माफी मांग पोस्ट डिलीट करने के बाद ही हंगामा करने वाले शांत हुए। PRO कंवरप्रीत सिंह ने दावा किया कि पूरा विवाद दो घंटे में ही सुलझ गया और उसके बाद इंस्टीट्यूट में हालात सामान्य हैं।
दो ग्रुपों में बंटे हिंदू और मुस्लिम स्टूडेंट्स
विवाद के बाद CT इंस्टीट्यूट कैंपस के अंदर बने हॉस्टल में रहने वाले छात्र दो धड़ों में बंट गए हैं। इनमें से एक धड़े में यहां के हिंदू स्टूडेंट्स हैं वहीं दूसरे में सारे मुस्लिम छात्र हैं। फिलहाल पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में कर रखी है। यहां हालात बेशक शांत नजर आ रहे हों मगर तनाव साफ नजर आता है।
CT इंस्टीट्यूट दूसरी बार सुर्खियों में
यह दूसरी बार है जब CT इंस्टीट्यूट चर्चा में आया है। तकरीबन 4 साल पहले पंजाब और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलकायदा से जुड़े कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) के तीन आतंकी इसी इंस्टीट्यूट के हॉस्टल से पकडे थे। तीनों यहां तीन साल से स्लीपर सेल चला रहे थे।(दैनिक भास्कर से)