अजान से नींद खराब, कुलपति को शिकायत, अधिकारियों को पत्र लिख कहा- बंद करवाए इसे
लाउडस्पीकर के शोर को लेकर कुलपति ने की शिकायत:मस्जिद में होने वाली अजान से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति की नींद में पड़ रही , जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग
प्रयागराज 17 मार्च ! यूपी में मस्जिदों में होने वाली अजान को लेकर अब नया विवाद खड़ा हो गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति ने इसको लेकर कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है।
मस्जिदों में होने वाली अजान को लेकर अब UP में नया विवाद खड़ा हो गया है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (AU) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि मस्जिद में होने वाली अजान की वजह से उनकी नींद खराब हो रही है लिहाजा इसको बंद करवाया जाए। उन्होंने कमिश्नर संजय गोयल, IG कवींद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी और SSP सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से लिखित शिकायत की है। इन प्रशासनिक अफसरों ने शिकायत मिलने की पुष्टि भी की है।
अफसरों को भेजे पत्र में कुलपति ने कही ये बात
प्रशासनिक अफसरों को भेजे गए शिकायती पत्र में कुलपति का कहना है कि सिविल लाइंस स्थित निवास के करीब मस्जिद से माइक से सुबह करीब साढ़े पांच बजे अजान की तेज आवाज आती है। इससे उनकी नींद खराब हो जाती है। उर प्रदेश
साथ ही ‘सिविल लाइंस प्रयागराज में ध्वनि प्रदूषण’ विषयक शिकायती पत्र में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी भी धर्म, जाति अथवा संप्रदाय के खिलाफ नहीं हैं। पत्र में यह भी लिखा है कि ईद में सुबह चार बजे सहरी की घोषणा की जाती है। इससे आसपास के लोगों को भी समस्या होती है।
कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के आदेश का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से अपेक्षा की है कि जल्द ही आवश्यक निर्देश जारी करें, जिससे शांति व्यवस्था कायम हो सके और अजान की तेज अवाज से परेशान लोगों को राहत मिल सके।
तीन मार्च को कुलपति ने लिखा यह पत्र
कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की ओर से यह पत्र तीन मार्च को लिखा गया था। हालांकि, वह सोमवार से अवकाश पर हैं। ऐसे में कुलपति का कार्यभार विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर शेखर श्रीवास्तव संभाल रहे हैं।
10 महीने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था- बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना गलत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 महीने पहले अपने एक फैसले में कहा था कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है। किसी भी मस्जिद से लाउडस्पीकर से अजान दूसरे लोगों के अधिकारों में हस्तक्षेप करना है। कोर्ट ने कहा- जिन मस्जिदों के पास लाउडस्पीकर की अनुमति है, वही इसका इस्तेमाल करें। बिना प्रशासन की अनुमति के लाउडस्पीकर से अजान न दें।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति की शिकायत पर मुस्लिम धर्मगुरु का पलटवार, कहा- इस तरह तो सुबह होने वाला कीर्तन भी गलत
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने कमिश्नर व जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जताई थी आपत्ति
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा- मंदिरों में भी किया जाता है कीर्तन, कांवड़ यात्रा निकलती हैं, हमने कभी भी कोई चिट्ठी नहीं लिखी
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव द्वारा लाउडस्पीकर पर अजान से होने वाली परेशानी की जिलाधिकारी से शिकायत का मामला तूल पकड़ रहा है। बुधवार को शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह तो सुबह होने वाले कीर्तन भी गलत हैं। कुलपति को अपनी शिकायत वापस लेना चाहिए। वहीं, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कुलपति की शिकायत पर कड़ा ऐतराज जताया है।
मस्जिद में होने वाली अजान से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति की नींद में पड़ रही खलल, जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग
बेमतलब की बातों में आवाम को न उलझाएं
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि इलाहाबाद के कुलपति को मालूम होना चाहिए कि पूरा देश गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मशहूर है। पूरी दुनिया में इसके लिए जाना जाता है। इस देश के सभी लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं। यही वजह है कि मस्जिदों से अजान और मंदिरों से कीर्तन-भजन की आवाज फिजां में गूंजती है। कभी किसी को इससे कोई परेशानी नहीं हुई तो इस तरह की बातें करना बेमतलब है।
सुन्नी धर्मगुरुओं ने कही ये बात
सुन्नी धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मस्जिदों में अजान होती है तो मंदिरों में आरती भी होती है। जिस शहर से कुलपति आती हैं, वहां बड़ा कुंभ होता है। पूरे महीने लाउडस्पीकर की आवाजें उठती हैं। सड़कें भी बंद होती हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी। कांवड़ यात्रा निकलती है। होली का मौका होता है तो सड़कें भी बंद होती हैं। लाउडस्पीकर भी बजते हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान को कई आपत्ति नहीं। मुझे लगता है कि यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
भाजपा प्रवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश का दिया हवाला
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि नमाज के समय मस्जिदों से की जाने वाली अजान धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आता है। यह इस्लाम का एक अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य उपकरण का उपयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मई 2020 को ऐतिहासिक फैसले में इस प्रकार के उपकरणों के माध्यम से की जाने अजान को गैरकानूनी बताते हुए शासन से इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था। उच्च न्यायालय का मानना है कि इससे लोगों की निजता प्रभावित होती है। रात 10:00 बजे से सुबह से 6 तक लाउडस्पीकर के प्रयोग को उच्च न्यायालय ने वर्जित किया था। आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक बड़े अधिकारी ने इस प्रकार से अपनी नींद प्रभावित होने की जिस प्रकार की मांग है, उसको उच्च न्यायालय ने पहले ही समझते हुए स्वीकार किया था।
यह है पूरा मामला
इलाहाबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी (AU) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि मस्जिद में होने वाली अजान की से उनकी नींद खराब हो रही है। लिहाजा इसको बंद करवाया जाए। उन्होंने कमिश्नर संजय गोयल, IG कवींद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी और SSP सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से लिखित शिकायत की है। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने मीनार पर लगे लाउडस्पीकर का रुख कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के घर से दूसरी तरफ कर दिया है। लाउडस्पीकर का वॉल्यूम भी कम कर दिया है।