अ.भा.आयुर्वेद संस्थान ने 600 कोरोना रोगियों का उपचार किया मिक्स पैथी से
एलोपैथी vs रामदेव: देश के टॉप आयुर्वेदिक अस्पताल में भी अंग्रेजी दवाओं से कोरोना का इलाज
बाबा रामदेव अपनी टिप्पणियों की वजह से आयुर्वेद बनाम एलोपैथ की बहस छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल ‘अखिल भारतीय आर्युवेद संस्थान’ की प्रमुख ने कहा है कि उनके अस्पताल में आयुर्वेद और एलोपैथ दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए 600 कोरोना मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है।
हाइलाइट्स:
एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ रामदेव की मुहिम के बीच देश के बड़े आयुर्वेद अस्पताल में अंग्रेजी दवाओं से इलाज
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आर्युवेद (AIIA) की प्रमुख ने बताया- हमारे अस्पताल में आयुर्वेद के साथ एलोपैथी से भी इलाज
AIIA चीफ प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने कहा कि दोनों पद्धतियों का इस्तेमाल कर कोरोना के 600 मरीजों का हुआ सफल इलाज
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नई दिल्ली 02 जूून ।एलोपैथी और डॉक्टरों पर योग गुरु रामदेव की टिप्पणी पर मचे विवाद और आयुर्वेद बनाम एलोपैथ की बहस के बीच केंद्र की तरफ से संचालित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की प्रमुख ने कहा है कि उनके अस्पताल में दोनों पद्धतियों का इस्तेमाल हुआ। AIIA चीफ प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने कहा कि इस अस्पताल ने चिकित्सा की दोनों पद्धतियों को लागू करके कम से कम 600 कोरोना रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने कहा कि एक समग्र दृष्टिकोण और आयुर्वेद, एलोपैथी और आधुनिक नैदानिक तकनीक के एकीकरण ने इसे संभव बनाया है। हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों को केंद्र सरकार की तरफ से संचालित संस्थान में एक कोविड स्वास्थ्य केंद्र में उपचार प्रदान किया जाता है। दिल्ली सरकार के ‘दिल्ली कोरोना’ ऐप के अनुसार, अस्पताल में वर्तमान में 47 ऑक्सिजन बेड हैं, ये सभी खाली है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन अक्टूबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसमें नैदानिक अनुसंधान के लिए 200 बिस्तरों का रेफरल अस्पताल, 25 विशेष विभाग और आठ अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ 12 क्लीनिक हैं।
आयुर्वेदिक फार्माकोलॉजी में एमडी प्रो नेसारी ने बताया, ’94 प्रतिशत से अधिक रोगियों को शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार प्रदान किया गया था, लेकिन जरूरत पड़ने पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार एलोपैथी का उपयोग किया गया था। यही हमारी सफलता का कारण है… हमने एक समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है।’
AIIA चीफ ने कहा कि 600 रोगियों में से लगभग 200 को दूसरी लहर के दौरान भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा, ‘सबसे अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद और एलोपैथी यहां एक साथ हैं। चाहे आयुर्वेदिक हो या एलोपैथिक, उपचार प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षणों के जरिए निर्देशित होता है।’
प्रोफेसर नेसारी ने कहा, ‘हम किसी भी दवा को आंख बंद करके नहीं देते हैं। हम हर मामले की बारीकी से निगरानी करते हैं। यह एक आधुनिक अस्पताल है। हमारे पास पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी प्रयोगशालाएं हैं। हम नियमित रूप से सीटी स्कैन, सीआरपी और डी-डिमर जांच करते हैं।’
नेसारी ने पूर्व में नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के सीईओ के रूप में काम किया है। उन्होंने कहा कि किस मरीज को किस तरह के इलाज की जरूरत है इसका फैसला आयुर्वेद और एलोपैथी के डॉक्टर संयुक्त रूप से करते हैं। हल्के मामलों में, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दोनों दवाओं का उपयोग किया जाता है।
प्रोफेसर नेसारी ने कहा, “सबसे पहले, हम ऑक्सिजन थेरेपी के साथ आयुर्वेदिक उपचार देते हैं। यदि रोगी की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो हम एलोपैथी की मदद लेते हैं, जिसमें आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के अनुसार स्टेरॉयड आदि का उपयोग शामिल हैै।
संस्थान में 40 आयुर्वेद डॉक्टर और 5 एलोपैथिक डॉक्टर हैं। अस्पताल में एक आईसीयू भी है। एम्स और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर आवश्यकता पड़ने पर ऑनलाइन परामर्श प्रदान करते हैं।