इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू-मुस्लिम जोड़े से मुकदमें खत्म
हिन्दू-मुस्लिम जोड़े को हाई कोर्ट ने मिलाया, सभी केस किए रद्द’
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक हिंदू युवती को उसके मुसलमान पति से मिलाते हुए कहा है कि महिला को अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीने का अधिकार है.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के अनुसार जस्टिस पंकज नक़वी और विवेक अग्रवाल ने 18 दिसंबर को युवती के पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फ़ैसला सुनाया.
युवती के पति ने अपनी अर्ज़ी में कहा था कि उनके सास-ससुर ने उनकी पत्नी को उनकी इच्छा के ख़िलाफ़ नारी निकेतन आवास में भेज दिया है.
युवक की शिक़ायत पर दोनों जजों की बेंच ने युवती से बातचीत की.बातचीत में युवती ने साफ़-साफ़ कहा कि वो अपने पति के साथ रहना चाहती है.
इसके बाद जजों ने अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा, “कोई भी बालिग़ महिला बिना किसी की रोकटोक के कहीं भी आने-जाने या रहने के लिए स्वतंत्र है.
जब जिसके साथ चाहे रहने को आज़ाद हैं वयस्क लड़कियाँ: हाई कोर्ट
अदालत ने युवती के पति पर दर्ज की गई उस एफ़आईआर को भी निरस्त कर दिया जिसमें उन पर युवती का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था.
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अदालत ने कहा, “युवती वयस्क है और उसने अपना जन्मतिथि प्रमाण पत्र भी सौंपा था.लेकिन ट्रायल कोर्ट ने इस पर ध्यान नहीं दिया”
‘सुरक्षा चाहिए तो हम देंगे’–हिंदू युवकों से शादी करने वाली दो मुस्लिम युवतियों को UP पुलिस की पेशकश
यूपी पुलिस ने बरेली जिले में 2 मुस्लिम युवतियों द्वारा अपनी मर्जी से धर्मपरिवर्तन कर हिंदू युवकों के साथ शादी करने पर उन्हें सुरक्षा देने की पेशकश की है। मामला रिठौरा और बहेड़ी इलाके का है। युवतियों ने अपने परिजनों से जान के खतरे की आशंका जताई थी। पुलिस ने कहा कि अगर दोनों पति-पत्नी सुरक्षा माँगेंगे तो उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने शनिवार को कहा, “दोनों लड़कियों ने अपने प्रमाणपत्रों के आधार पर बालिग होना बताया है और दोनों ने दूसरे धर्म के युवकों से अपनी मर्जी से विवाह किया है। रिठौरा के युवक-युवती के परिजनों ने लिखित रूप से अब कोई भी आपत्ति ना होने की बात कही है और लिखित रूप से पुलिस को अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है। जिले के दोनों प्रकरण में कथित लव जिहाद का कोई मामला नहीं है।”
वहीं जिले के बहेड़ी इलाके में हुई घटना में महिला के परिवार ने हिंदू पुरुष के खिलाफ अपहरण और चोरी का मामला दर्ज कराया था। बता दें कि उनकी शादी गुरुवार को रितोरा क्षेत्र के एक मंदिर में हिंदू धर्म के अनुसार हुई थी।
गौरतलब है कि बहेड़ी क्षेत्र में मुस्लिम युवती ने हिंदू लड़के से शादी करने के बाद वीडियो साझा कर एसएसपी से जान की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। युवती ने अपने वीडियो में पति और उसके दोस्तों की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की।
युवती ने वीडियो में कहा, “मैंने अपनी मर्जी से शादी की है। अगर मेरे पति के साथ कुछ होता है तो मेरे माता-पिता को जिम्मेदार ठहराया जाए।” दरअसल युवती के पिता ने हिन्दू पक्ष के ऊपर कई संगीन आरोप लगाए थे, जिसको युवती ने वीडियो जारी कर खारिज कर दिया। उसने शादी का प्रमाण-पत्र भी जारी किया, जिसमें आर्य समाज मंदिर में सितंबर 2020 में मंजीत चौधरी नामक युवक से शादी दर्शाया गया है।
एसएसपी सजवान ने कहा, “हम उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन कर रहे हैं, जो कहता है कि एक रिश्ते में दो व्यस्क की सहमित होनी चाहिए। उन्हें अपने परिवार के हस्तक्षेप के बिना एक साथ रहने का अधिकार है।”
हाल ही में इस तरह की एक और घटना बरेली में ही सामने आई थी, जहाँ अलीशा नाम की मुस्लिम युवती ने अमन नाम के हिन्दू युवक से शादी कर ली। युवती के पिता ने बरेली के प्रेमनगर थाने में हिन्दू युवक पर अपहरण का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के कुछ ही समय बाद युवती को बरामद कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने युवती का मेडिकल कराया। अदालत में बयान भी दर्ज कराया। इस दौरान पुलिस ने बताया कि युवक और युवती दोनों बालिग़ हैं और युवती ने युवक के पक्ष में बयान दिया था। फिर पुलिस ने युवती को युवक के घर भेज दिया था और घटना में धर्म-परिवर्तन का कोई पहलू भी सामने नहीं आया था।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ही औरैया जिले में एक मामला सामने आया था, जिसमें दो अलग धर्म के प्रेमी-प्रेमिका ने आपसी सहमति से शादी की थी। दिल्ली की रहने वाली रेशमा और औरैया के निवासी अमन ने बिधूना कस्बे स्थित भगवान शिव के मंदिर में हिन्दू रीति-रिवाज़ों से शादी की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दोनों के बीच पिछले काफी समय से बातचीत हो रही थी। इस शादी में युवक और युवती के परिजन भी शामिल हुए थे और दोनों ने पति-पत्नी को आशीर्वाद भी दिया था। परिजनों का कहना था कि जिस बात में उनके बच्चे खुश हैं, उस बात में ही उनकी ख़ुशी है।
‘यूपी छोड़कर भाग रहे हैं हिंदू-मुस्लिम जोड़े’
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अंतरधार्मिक शादी करने वाले और अंतरधार्मिक रिश्तों वाले युवा गिरफ़्तारी के डर से उत्तर प्रदेश छोड़कर दूसरे राज्यों में जा रहे हैं.
अख़बार ने ऐसे कुछ प्रेमी और शादीशुदा जोड़ों से बात की है, जिन्हें डर है कि कथित लव जिहाद और धर्मांतरण क़ानून के नाम पर राज्य में उनका उत्पीड़न किया जाएगा.
हिंदू युवती से प्रेम करने वाले एक मुसलमान युवक ने अख़बार को बताया,”उत्तर प्रदेश में दक्षिणपंथी संगठन के लोग मेरे पीछे पड़े थे. अब हम दोनों यूपी से बाहर जाकर शादी करेंगे.मैं हिंदू धर्म अपना लूंगा और हम अदालत से सुरक्षा माँगेंगे.”
मुसलमान युवक से प्रेम करने वाली एक युवती ने बताया, “मेरे माता-पिता को हमारे रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने मेरे फ़ोन से सिम निकाल लिया, मुझे टॉर्चर किया और मेरे बॉयफ़्रेड को जान से मारने की धमकी दी.”
उसने बताया, “हम दोनों भागकर दिल्ली आ गए और हमने अदालत से सुरक्षा मांगी. मुझे नही लगता अब हम कभी वापस जाएंगे.”
अख़बार लिखता है कि उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण क़ानून ने अंतरधार्मिक रिश्तों को लेकर ख़ौफ़ बढ़ा दिया है.