अमेजन संस्थापक बेजोस की भी अंतरिक्ष यात्रा सफल,साथ में थी भारतीय लड़की
दुनिया के सबसे अमीर आदमी की स्पेस ट्रिप:अमेजन के फाउंडर बेजोस की पहली अंतरिक्ष यात्रा कामयाब, 3 यात्रियों के साथ 11 मिनट में पूरा किया 105 किमी. का सफर
वॉशिंगटन 20 जुुलाई।बेजोस की ब्लू ओरिजिन कंपनी के न्यू शेपर्ड रॉकेट ने वेस्ट टेक्सास के रेगिस्तान से भारतीय समयानुसार शाम 6:42 बजे उड़ान भरी। यात्रियों के साथ कैप्सूल ने 6:53 बजे जमीन पर लैंड किया।
दुनिया की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस अंतरिक्ष की 11 मिनट की यात्रा करके धरती पर लौट आए। वे भारतीय समय के मुताबिक मंगलवार शाम 6:42 बजे रवाना हुए। उनके साथ 3 और यात्री थे। इनमें एक उनके भाई मार्क, 82 साल की वैली फंक और 18 साल के ओलिवर डेमेन शामिल हैं। ओलिवर ने हाल ही में हाई स्कूल पास किया है। बेजोस के साथ स्पेस में जाने के लिए किसी अनजान शख्स ने 28 मिलियन डॉलर की बोली लगाई थी। वह इस ट्रिप में नहीं जा सका। उसी की जगह ओलिवर गए थे।
कैप्सूल के धरती पर लैंड करने के बाद ब्लू ओरिजिन की तरफ से कहा गया कि स्पेसफ्लाइट इतिहास में इस ऐतिहासिक पल तक पहुंचने के लिए टीम ब्लू पास्ट और सभी लोगों को बधाई। पहले ऐस्ट्रोनॉट क्रू ने अपना नाम स्पेस के इतिहास की किताबों में लिख दिया है। इन्होंने जिस दरवाजे को खोला है, उससे अब कई लोग गुजरेंगे। यह वाकई ऐतिहासिक दिन है।
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52 साल पहले आज ही के दिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर पहुंचे थे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेजोस ने अंतरिक्ष में जाने के लिए यह दिन इसलिए चुना है, क्योंकि अपोलो 11 स्पेसशिप के जरिए एस्ट्रोनॉट्स नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन आज से ठीक 52 साल पहले 1969 में चंद्रमा पर पहुंचे थे। जेफ बेजोस की स्पेसफ्लाइट कंपनी ब्लू ओरिजिन ने रविवार को कहा था कि वह अपनी पहली ह्यूमन स्पेसफ्लाइट के लिए पूरी तरह तैयार है।
बेजोस और उनकी टीम जिस रॉकेट शिप से गए, वह ऑटोनॉमस है यानी उसे पायलट की जरूरत नहीं पड़ती। इसके कैप्सूल में 6 सीटें हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 4 भरी गईं। न्यू शेफर्ड नाम के इस रॉकेट की अब तक 15 फ्लाइट्स कामयाब रही हैं। हालांकि इसमें अब तक यात्री नहीं गए थे।
हफ्तेभर पहले ब्रैन्सन स्पेस में गए थे
इससे एक हफ्ते पहले 11 जुलाई को ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन के वर्जिन स्पेस शिप (VSS) यूनिटी स्पेसप्लेन की फ्लाइट सफल रही थी। वे 85 किमी तक गए थे। खास बात यह है कि ब्रैन्सन के साथ भारतीय मूल की सिरिशा बांदला गई थीं, वहीं बेजोस का न्यू शेपर्ड रॉकेट बनाने वाली इंजीनियरों की टीम में महाराष्ट्र के कल्याण की 30 साल की संजल गवांडे भी शामिल थीं।
बेजोस की फ्लाइट ने ऐसे उड़ान भरी
बेजोस की फ्लाइट 11 मिनट की सबऑर्बिटल फ्लाइट रही, यानी यह पृथ्वी की कक्षा में नहीं गई। बेजोस की ब्लू ओरिजिन कंपनी के न्यू शेपर्ड रॉकेट ने वेस्ट टेक्सास के रेगिस्तान से भारतीय समयानुसार शाम 6:42 बजे उड़ान भरी।
इसके लिए सभी यात्री लॉन्च से 45 मिनट पहले ऑन-बोर्ड हो गए। क्रू ने मिशन के लिए 48 घंटे की ट्रेनिंग की। कर्मचारियों ने भी 8-8 घंटे की 2 दिन की ट्रेनिंग पूरी की। यह ट्रेनिंग टिकट खरीदने वाले सभी कस्टमर्स के लिए भी जरूरी होगी। इस फ्लाइट के बाद फंक सबसे बुजुर्ग और डेमेन सबसे युवा एस्ट्रोनॉट बन गए।
करीब 3 मिनट की फ्लाइट के बाद ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट से बेजोस का कैप्सूल अलग हुआ और स्पेस में आगे बढ़ा। 4 मिनट उड़ान भरने के बाद वह 100 किमी ऊपर यानी कारमन लाइन को पार कर गया।
इस दौरान यात्रियों ने वेटलेसनेस महसूस की। इसी के साथ कैप्सूल ने जमीन पर लौटने की शुरुआत की। 11 मिनट की फ्लाइट के बाद कैप्सूल पैराशूट की मदद से रेगिस्तान में उतरा। इस दौरान रॉकेट भी धरती पर लौट आया।
फ्लाइट ने कई रिकॉर्ड्स बनाए
इस यात्रा के साथ ही बेजोस की फ्लाइट ने कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं। यह ब्लू ओरिजिन की पहली बिना पायलट की सबऑर्बिटल फ्लाइट है, जिसमें आम नागरिक सवार हैं। सबसे बुजुर्ग और सबसे युवा एस्ट्रोनॉट का रिकॉर्ड भी इस फ्लाइट से जुड़ गया। न्यू शेपर्ड रॉकेट और उसका कैप्सूल RSS फर्स्ट स्टेप दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
रॉकेट और कैप्सूल इससे पहले भी उड़ान भर चुके हैं और इस मिशन से पहले 2 बार सफलता के साथ लैंड कर चुके हैं। न्यू शेपर्ड के लिए अब तक 15 फ्लाइट्स सफल रही हैं। पर अब तक यात्री कभी नहीं गए।
भारत की बेटी संजल गवांडे ने बनीं जेफ बेजोस की अंतरिक्ष टीम का हिस्सा कहा-मेरे बचपन का सपना अब हुआ पूूरा
अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की इस यात्रा के लिए जिस रॉकेट का निर्माण किया गया है,उसे बनाने वाली टीम में भारत की बेटी संजल गवांडे भी शामिल है। 30 वर्षीय संजल महाराष्ट्र (Maharashtra) के कल्याण में कोलसेवाड़ी क्षेत्र की रहने वाली हैं। संजल के पिता कल्याण-डोंबिवली नगर निगम से रिटायर्ड हैं जबकी उनकी माताजी MTNL से रिटायर हुई हैं। संजल की मां ने बताया कि, उनकी बेटी की बचपन से ही अंतरिक्ष की दुनिया में रूचि थी।
स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में काम कर रही जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ऑरिजिन के लिए ‘New Shepard’ नाम का रॉकेट सिस्टम तैयार किया गया है। संजल इसको तैयार करने वाली टीम का हिस्सा हैं। अपनी इस उपलब्धि पर उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि मेरा बचपन का सपना अब पूरा हुआ। टीम ब्लू ऑरिजिन का हिस्सा बनकर मैं गर्व महसूस कर रही हूं।
बता दें, संजल गवांडे ने साल 2011 में मुंबई यूनिवर्सिटी से मैकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की मिशिगन टेक्नोलॉजिक यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। यहां उन्होंने एयरोस्पेस के सबजेक्ट की पढ़ाई की। उन्होंने साल 2013 में फ़र्स्ट डिविजन के साथ अपनी मास्टर डिग्री कम्प्लीट की।
इसके बाद वह विस्कोंसिन के फोन डू लाक स्थित मर्करी मरीन कंपनी में जॉब करने लगी जहां उन्होंने दो साल तक कार्य किया। यहां के बाद संजल ने कैलिफ़ोर्निया स्थित टोयोटा रेसिंग डिवेलपमेंट को ज्वाइन कर लिया। इसी दौरान संजल ने फ़्लाइंग लैसन लेना भी शुरू कर दिया और जून 2016 में विमान पाइलट का अपना लाइसेन्स भी प्राप्त किया।
इसके बाद संजल गवांडे ने NASA में एड्मिशन के लिए अप्लाई किया। हालांकि सिटिजनशिप को लेकर किन्हीं तकनीकी कारणों से उनकी ऐप्लिकेशन मंज़ूर नहीं हो पाई थी। इसके बाद उन्होंने ब्लू ऑरिजिन में जॉब को अप्लाई किया। यहां सिस्टम इंजीनियर के पद पर उनका सेलेक्शन हो गया और अब वह जेफ बेजोस और उनकी कंपनी के इस सपने को पूरा करने वाली टीम का हिस्सा हैं।