अमेजन पर पंच बदरी प्रसाद योजना खटाई में,
पंच बदरी प्रसादम पर फंसा पेंच, प्रसाद नाम से ऑनलाइन बेचने पर मनाही
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ ने चमोली जिला प्रशासन को पंच बदरी प्रसाद को ऑनलाइन ‘प्रसाद’ के तौर पर बेचने से मना किया है.
देहरादून: पंच बदरी प्रसाद को ऑनलाइन वितरित करने का मामला फंसता नजर आ रहा है. देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने चमोली के जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से बात कर मामले के निस्तारण करने का निर्देश दिया है. देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए चमोली जिला प्रशासन ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन से करार किया है. जिसमें पंच बदरी प्रसाद अमेजन पर ‘बदरी नाथ प्रसाद बैग’ के नाम से उपलब्ध है.श्रद्धालुओं को मिलने वाले बैग में प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को पौराणिक सरस्वती नदी का जल,लक्ष्मी के रूप में सुगन्धित बदरीश तुलसी,हर्बल धूप,बदरी गाय का घी,हिमालयन गुलाब जल, सिक्का उपलब्ध कराया जाएगा.श्रद्धालुओं के लिए यह सारी सामग्री एक खूबसूरत बैग और बॉक्स में पैक की गई है.
पंच बदरी प्रसादम को ऑनलाइन बेचने की खबर का देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने संज्ञान लिया और ऑनलाइन प्रसाद कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों से बातचीत की. देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने अधिकारियों को पंच बदरी प्रसाद को प्रसाद के नाम पर नहीं बेचने को कहा है. बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि चमोली के जिलाधिकारी को बता दिया गया है कि अगर वह बदरीनाथ धाम से जुड़ी कुछ वस्तुओं को ऑनलाइन श्रद्धालुओं को देने की कोई व्यवस्था बनी रही हैं तो उसको बदरी तुलसी या बदरी चंदन का नाम दिया जाए. क्योंकि बदरीनाथ धाम के प्रसाद का विषय थोड़ा अलग है.
रविनाथ रमन के मुताबिक भगवान बदरी विशाल को स्पर्श करनश उनको अर्पित करने के बाद ही कोई भी वस्तु प्रसाद का रूप धारण करती है.लिहाजा ऑनलाइन प्रसाद वितरण के लिए फिलहाल देवस्थानम बोर्ड ने अभी बदरीनाथ धाम क्षेत्र में और जिला प्रशासन के साथ ही शासन स्तर पर भी किसी को अधिकृत नहीं किया है.क्योंकि अभी कॉपीराइट एक्ट का मामला है और देवस्थानम बोर्ड की अगली मीटिंग में इस पर भी चर्चा की जाएगी.देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने कहा कि यमुनोत्री,गंगोत्री,केदारनाथ और बदरीनाथ धाम से जुड़ा कार्य कोई भी व्यक्ति करेगा तो उसे देवस्थानम बोर्ड की भी अनुमति लेना अनिवार्य होगा.ऐसे में कोई प्रसाद के रूप में कोई वस्तु ऑनलाइन बेचने का काम करता है तो उसकी व्यवस्थाएं क्या हैं,उनसे जुड़े हुए तमाम पहलु क्या हैं.इन सब पर गहन मंथन के बाद ही देवस्थानम बोर्ड से परमिशन लेना आवश्यक होगा.उसके बाद ही कोई भी व्यक्ति विशेष इस तरह से इन चारों धामों में चढ़ाए जाने वाली सामग्री का ऑनलाइन वितरण कर सकता है.रविनाथ रमन ने कहा कि फिलहाल प्रसाद के नाम से किसी वस्तु को ऑनलाइन नहीं बेचा जा सकता है.तिरुपति बालाजी के पावन धाम के लड्डू भी ऑनलाइन बेचे जाते हैं,लेकिन प्रसाद के नाम पर नहीं.ऐसा ही यहां पर भी बदरी तुलसी या बदरी चंदन के नाम से तो ऑनलाइन भगवान को चढ़ाए जाने वाली वस्तुओं को वितरित किया जा सकता है.लेकिन प्रसाद के तौर पर चीजों को नहीं बेचा जा सकता है.
श्रद्धालुओं को अमेजन से पंच बदरी प्रसाद?, प्रस्तावित सामग्री
दो दिन पहले ही जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया था कि देश-विदेश के श्रद्धालु अब बदरीनाथ धाम के पंच बदरी प्रसादम को ऑनलाइन भी प्राप्त किया जा सकेगा। इससे क्षेत्र की आर्थिकी को बल मिलेगा।
इसके विपणन के लिए चमोली जिला प्रशासन ने अमेजन कंपनी से करार किया है। प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को सरस्वती नदी का जल, बदरीश तुलसी, हर्बल धूप, बदरी गाय का घी, हिमालयन गुलाब जल और बदरी सिक्का उपलब्ध कराया जाएगा। यह सारी सामग्री एक खूबसूरत बैग और बॉक्स में पैक की गई है।
जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया ने बताया था कि प्रसाद के रूप में जो बदरी तुलसी श्रद्धालुओं को भेजी जाएगी, उसे बदरिकाश्रम क्षेत्र में देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। भगवान बदरी नारायण की दैनिक पूजा व आरती में यही तुलसी अर्पित की जाती है और इसी से भगवान का श्रृंगार भी होता है। बताया कि सरस्वती नदी का जल माणा गांव में भीम पुल के पास से लाया जा रहा है।
इसके बाद सरस्वती नदी अलकनंदा में विलीन हो जाती है। इसी तरह बदरी सिक्का एक तरह से भगवान बदरीनाथ का शिलालेख है। बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु बदरीनाथ धाम नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में उन्हें घर बैठे प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए अमेजन से करार किया गया।
जिलाधिकारी ने बताया था कि पंच बदरी प्रसादम बैग के माध्यम से श्रद्धालुओं को पंच बदरी धामों के माहात्म्य से भी परिचित कराया गया है, जिससे तीर्थाटन के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके। बताया कि इस प्रसाद से जिले के 18 स्वयं सहायता समूहों जुड़े 89 से अधिक सदस्यों की आजीविका भी संवरेगी।
अन्य राज्यों के यात्री भी कर सकेंगे चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा अब बाहरी राज्यों के लिए खोल दी गई है, लेकिन इसके लिए प्रदेश की कोविड-19 की एसओपी (मानक प्रचालन कार्यविधि) के मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। हालांकि,कोरोना संकट को देखते हुए चारों धामों में बाहर से किसी भी प्रकार का प्रसाद लाने की मनाही है। इसे देखते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की हालिया बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्धता के साथ ही इसे ऑनलाइन भिजवाने की व्यवस्था भी की जाए।