चुनाव सुधारों पर अमित शाह की खुली चुनौती,एक-एक घुसपैठिया पकड़ करेंगें बाहर

Amit Shah Strong Attack Will Not Let A Single Infiltrator Remain Took Congress To Task
हम देश में एक भी घुसपैठिया नहीं रहने देंगे… कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए कहा कि देश में एक भी घुसपैठिया नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर अवैध घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में रखने का आरोप लगाया, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया।
नई दिल्ली 10 दिसंबर 2025 : लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में एक भी घुसपैठिया रहने नहीं देंगे। हमारी पॉलिसी है डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के मंगलवार को चर्चा में भाग लेने पर व्यंग्य कसा कि कल मैंने एलओपी का पूरा भाषण सुना, उनका भाषण धागो में उलझ गया। फिर मंगलवार देर रात जब मैं मेरा भाषण तैयार कर रहा था। तब मैंने अपने से पूछा कि चुनाव सुधार पर और एसआईआर पर मसला स्पष्ट है तो फिर यह विषय क्यों उठाया जा रहा है…? असल में मूल विषय है अवैध घुसपैठिये वोटर लिस्ट में रखने का। उनके इस बयान पर विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
amit shah on sir

केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष के वॉकआउट करने पर भी व्यंग्य कसा कि जब मैंने कांग्रेस के वरिष्ठ लोगों पर बोला तब बाहर नहीं गए, घुसपैठियों की बात कहते ही भाग गए। उन्होंने विपक्ष से कहा कि एसआईआर का विरोध करोगो तो बिहार की तरह बंगाल ओर तमिलनाडू में भी साफ हो जाओगें। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राहुल गांधी के भाषण लिखने वालों से कहना चाहता हूं कि सही से लिखे।

उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बिना कहा कि आज मैं कहना चाहता हूं टीएमसी को, आप भी घुसपैठियों को बचाओगे तो बिहार में तो साफ हो गए, बंगाल में भी हार जाओगे। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आप चुनाव क्यों हारते हो। असल में आपने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने, राम मंदिर बनाने, घुसपैठिये बाहर निकालने, सीएए और ट्रिपल तलाक का विरोध किया। इसलिए आप चुनाव हारे और हम जीते। अब वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध कर रहे हो, हम फिर से जीतेंगें।

कांग्रेस ने कोई सुझाव नहीं दिया’
उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह मैंने चुनाव आयोग से कुछ आंकड़े मंगाये। जानना चाहा कि चुनाव सुधार को मई 2014 के बाद कौन-कौन सी पार्टी से कितने आवदेन मिले। लेकिन हैरानी हुई कि कांग्रेस  की तरफ से आज तक चुनाव सुधार को एकबार भी सुझाव चुनाव आयोग को नहीं मिला। घुसपैठिए वाली बात पर सदन का बहिष्कार करने पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि वह 200 बार भी बहिष्कार करेंगें, तो भी हम देश में एक भी घुसपैठिया रहने नहीं देंगे। उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि वह सदन छोड़कर भाग गए, मैं कांग्रेस या किसी की बात नहीं कर रहा था। मैं तो घुसपैठियों को बाहर निकालने की बात कर रहा था। हम देश से एक-एक घुसपैठिया चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे।

‘मैं बताता हूं, असल में घुसपैठ…’
अमित शाह ने कहा कि वह कहते हैं कि घुसपैठ के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है। मैं बताता हूं, असल में घुसपैठ भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से हो रही है। 2216 किलोमीटर सीमा में से 1653 किलोमीटर पर तारबाड हो चुकी है ।  असम, मेघालय, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में फेंसिंग हो गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में 563 किलोमीटर हिस्से में यह नहीं हुई।

राहुल गांधी पर बरसे शाह
शाह ने कहा कि राहुल गांधी के अनुसार महत्वपूर्ण पदों पर आरएसएस  विचारधारा के लोग रखे जाते हैं। उन्होंने जवाब दिया कि इसमें क्या आपति है। उन्होंने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री और गृह मंत्री खुद आरएसएस विचाराधारा वाले हैं। क्या ऐसा कोई कानून है कि ऐसा नहीं हो सकता। फिर आरएसएस की विचाराधारा तो देश के लिए मरना, देश को परम वैभव पर ले जाना और देश का झंडा हमेशा बुलंद रखने की है। उन्होंने कहा कि देश के महत्वपूर्ण पदों पर कम्युनिस्टों को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैठाया ।

उन्होंने बताया कि पक्ष-विपक्ष के 63 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा के तय समय से अधिक समय लिया। चर्चा तय हुई थी चुनाव सुधारों पर, लेकिन अधिकतर विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही चर्चा की। अब चर्चा इन्होंने जैसे शुरू की है तो जवाब वैसे ही देना पड़ेगा। एसआइअर्आर पर एकतरफा चार महीने से झूठ फैलाया गया, देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया।

कांग्रेस ने देश में झूठ फैलाया: शाह
इस देश की जनता में झूठ विशेषकर काग्रेस पार्टी ने फैलाया है। देश के संविधान के अनुच्छेदों से चुनाव आयोग की रचना हुई। उन्होंने मतदाता बनने की योग्यता के बारे में भी बताया। कहा कि सबसे पहली शर्त वोटर भारत का नागरिक होना चाहिए, विदेशी नहीं होना चाहिए। दूसरी, 18 साल से अधिक आयु में वोटर बन सकता है और  वोटर बनने का विधिक अधिकार रखने वाला। विपक्ष कहता है कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण होना चाहिए, चुनाव आयोग एसआईआर से यही तो कर रहा है। इसका विपक्ष विरोध कर रहा है।

इतिहास बताते हैं तो नाराज हो जाते हैं’
उन्होंने विपक्ष पर हमला किया कि इतिहास बताते पर नाराज हो जाते हैं। एसआईआर पर उन्होंने कहा कि देश में पहला एसआईआर 1952 में हुआ। तब देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे। इसके बाद 1957, 1961 में भी जवाहर लाल नेहरू थे। फिर लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी समेत और प्रधानमंत्री थे। 2002-03 में अटल बिहारी वाजपेयी थे। लेकिन एसआईआर 2004 में खत्म हुआ। तब कांग्रेस सरकार में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। अब 2004 के बाद सीधा 2025 में एसआईआर हो रहा है।

घुसपैठिए तय करेंगे कि कौन प्रधानमंत्री बने कौन मुख्यमंत्री’
एसआईआर प्रक्रिया का 2004 तक किसी भी दल ने विरोध नहीं किया, क्योंकि यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है। फिर अब क्यों। उन्होंने वोटरों के वोटर लिस्ट से नाम कटने वाले कारण को भी बताया जिसमें 2010 में रिटर्निंग अफसरों से यह अधिकार ले लिए गए थे। तब भी कांग्रेस सरकार थी। SIR में मृत, शिफ्ट, डुप्लिकेट, विदेशी और दो जगह वोटरों के नाम हटाए जाते हैं। क्या यह घुसपैठिए तय करेंगे कि कौन प्रधानमंत्रित्व बने कौन सीएम।

वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है SIR: शाह
SIR वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। लेकिन इससे कुछ दलों के राजनीतिक स्वार्थ आहत होते हैं क्योंकि देश के मतदाता तो वोट देते नहीं है, जो थोड़े विदेशी देते थे वह भी चले जाएंगे। क्या हमें यह करना होगा कि राज्य की विधानसभा चुनने को विदेशी वोट दें। उन्होंने राहुल गांधी की तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया। उन्होंने पांच नवंबर की प्रेस कान्फ्रेंस में परमाणु बम फोडा। इसमें हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट पड़ने बताए। आयोग ने स्पष्ट किया कि उस हाउस में पुराना एक एकड़ का प्लॉट है जिसमें कई परिवार रहते हैं। हरियाणा में पहले चुनावों में भी वहां उसी तरह वोट डले थे।

शाह ने राहुल के ‘एटम बम’ पर ली चुटकी
राहुल गांधी की तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक सादा, दूसरी एटम बम और तीसरी परमाणु बम बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर, पवन खेड़ा, तेजस्वी यादव और संजय सिंह समेत कई के दो-दो जगह वोटर लिस्ट में नाम हैं। लेकिन वह सब आरओ के नाम ना काटने से हुए। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जो कहा कि वोटर लिस्ट ठीक नही है। इसे सुधारना चाहिए। एसआईआर से वही तो हो रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पुरानी हो या नई, आपका हारना तय है। यह वोटर लिस्ट से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब आप जीतते हो तो वोटर लिस्ट सही, हारने पर गलत।

वोट चोरी किसको कहते है मैं बताता हूं’
अमित शाह ने कहा कि वोट चोरी, वोट चोरी की बात करते हैं, वोट चोरी किसको कहते है मैं बताता हूं। आजादी के बाद देश का प्रधानमंत्री तय करना था। उस वक्त 28 वोट सरदार पटेल को मिले थे और दो वोट जवाहर लाल नेहरू को। लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बने। दूसरा उदाहरण उन्होंने रायबरेली से चुनाव जीती पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर दिया। उन्होंने सोनिया गांधी के वोटर लिस्ट में पहले नाम जुडने वाले मामले का कोर्ट में जाने का भी बताया। जिस पर विपक्ष ने विरोध किया।

सबसे पहले EVM पर निशान बनाया और अब…’
उन्होंने कहा कि विपक्ष के 2014 के बाद हारने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने सबसे पहले इवीएम को निशाना बनाया। लेकिन इसे भी कांग्रेस लेकर आई। आज तक 16 हजार ईवीएम मशीन और वीवीपेट का मिलान हुआ। एक में भी वोटों में विसंगति सामने नहीं आई। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज का भी 45 दिनों तक रखने और किसी भी व्यक्ति को ऐसे ही ना देने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि 73 सालों तक इस देश में चुनाव आयुक्त नियुक्ति का कोई कानून नहीं था। नियुक्ति प्रधानमंत्री सीधे करते थे। उन्होंने कुछ मुख्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति बताया भी, जिन्हें कांग्रेस काल में सीधे प्रधानमंत्री ने नियुक्त कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *