अमृतपाल सिंह का मोगा के रोड़े गांव में आत्मसमर्पण, भेजा डिब्रूगढ़ जेल

 

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Amritpal Singh: गुरुद्वारे में क्यों नहीं गई पंजाब पुलिस, सरेंडर या गिरफ्तारी? जानें अमृतपाल पर क्या बोले IG

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव से सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार किया। पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल के खिलाफ रासुका में वारंट जारी किए गए थे इन्हें सुबह तामील किया गया।

चंडीगढ़23अप्रैल: भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी हो गई है। उसे पंजाब पुलिस ने मोगा के गांव रोडेवाल से पकड़ा है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है। अमृतपाल सिंह के सरेंडर किए जाने की खबरें आई थीं लेकिन पंजाब पुलिस ने इससे इनकार किया है। आईजी पंजाब पुलिस मुख्यालय सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर नहीं किया है बल्कि उसकी गिरफ्तारी की गई है। पुलिस सूचना के बाद वहां पहुंची थी लेकिन वह गुरुद्वारे के अंदर था इसलिए पुलिस वहां नहीं जा सकती थी। गुरुद्वारे की पवित्रता के लिए पुलिस ने चारो तरफ से घेराबंदी करके उसके बाहर आने का इंतजार किया और उसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) वारंट जारी किए गए थे। सुबह उन वारंटों को तामील किया गया है। अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने सुबह करीब 6.45 बजे गांव रोडे में गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने रोडे गांव को घेर लिया था। अमृतपाल गुरुद्वारे में था। पिछले 35 दिनों में पुलिस के बनाए गए लगातार दबाव ने अमृतपाल सिंह के पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा। था।
सुखचैन गिल, आईजी

सवालों से बचते नजर आए आईजी

अमृतपाल के सरेंडर की थ्योरी पर आईजी का कहना है कि उनके पास पुख्ता इनपुट थे और स्पेशल ऑपरेशन के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। उनसे जब अमृतपाल के सरेंडर करने वाले वीडियो और गुरुद्वारे के ग्रंथी के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘मैं यह नहीं कह सकता कि अमृतपाल के बारे में किसने क्या कहा? लेकिन पंजाब पुलिस ने समुचित कार्रवाई के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस के विभिन्न विंग सहयोग से काम कर रहे थे। आखिरकार आज सुबह हमारा पूरा ऑपरेशन सफल हो गया।

गुरुद्वारे में नहीं गई पुलिस

सुखचैन गिल ने कहा, ‘…अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज सुबह लगभग 6.45 बजे गांव रोडे से गिरफ्तार किया है। अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए जॉइंट ऑपरेशन चलाया। पंजाब पुलिस के ऑपरेशनल इनपुट के आधार पर गांव रोडे में पुलिस की टीमें पहुंची थीं। गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए पुलिस ने गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश नहीं किया।’

 

आईजी ने कहा कि अमृतपाल की गिरफ्तारी पंजाब पुलिस और खुफिया विंग का जॉइंट ऑपरेशन थी। उन्होंने बताया कि उन तत्वों के खिलाफ चेतावनी जारी की गई है जो राज्य की शांति और सद्भाव को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं।

डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया अमृतपाल

रविवार की सुबह गिरफ्तार किए गए वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस भठिंडा के वायु सेना स्टेशन लाई। यहां से उसे एयरक्राफ्ट से असम के डिब्रूगढ़ ट्रांसफर किया गया। भगोड़े खालिस्तान समर्थक के करीबी पापलप्रीत सिंह को भी 10 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में गिरफ्तार किया गया था।

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​18 मार्च से फरार चल रहे खालिस्तानी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सरेंडर कर दिया है। पंजाब पुलिस ने मोगा से उसे पकड़ा है। वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल असम के डिब्रूगढ़ जेल में रहेगा। उसे भठिंडा से एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट से ले जाया गया है।

पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था।
​अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसने मोगा में रविवार सुबह सरेंडर कर दिया। उसका सरेंडर करना बहुत ही नाटकीय ढंग से रहा।


पप्पलप्रीत की गिरफ्तारी से छिना सपोर्टिंग सिस्टम

खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल का सबसे बड़ा राजदार पप्पलप्रीत सिंह पिछले हफ्ते गिरफ्तार हो गया था। वह अमृतपाल के साथ साय की तरह रहता ता। उसे अमृतसर-बटाला बॉर्डर पर स्थित गांव कत्थूनंगल से गिरफ्तार किया गया था। उसने दावा किया था कि दोनों 28 मार्च की रात अलग-अलग हो गए थे। उसके बाद दोनों के बीच बात नहीं हुई थी। अमृतपाल सिंह का करीबी पप्लप्रीत बहुत खास था। छिपने में मदद कर रहा था। पूरा सपोर्टिंग सिस्टम था। बताया जाता है कि पप्पलप्रीत सिंह की मदद से ही अमृतपाल अपना भेष बदल पा रहा था। वह ही अमृतपाल के छिपने के लिए ठिकानें ढूंढता था और वहां रुकने का इंतजाम करवाता था। पप्पलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल का सबसे बड़ा सपोर्टिंग सिस्टम छिन गया था।

पत्नी की नागरिकता का सवाल

भगोड़ा वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की ब्रिटेन मूल की पत्नी किरणदीप कौर को 20 अप्रैल को अमृतसर हवाईअड्डे पर रोक लिया गया था। पूछताछ के बाद कौर को अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा स्थित उनके घर भेज दिया गया था और बिना पुलिस को बताए देश छोड़कर नहीं जाने को कहा गया। किरणदीप कौर के पास भारत में सीमित अवधि के लिए वीजा है। बताया जा रहा है कि उसका वीजा इसी महीने खत्म हो रहा है। ऐसे में उसका ब्रिटेन वापस लौटना जरूरी है लेकिन पुलिस उसे जाने नहीं दे रही। अगर वह विदेश नहीं जा पाती है तो उसका वीजा खत्म हो जाएगा और वह भारत में अवैध रूप से रहने वाली मानी जाएगी।

जनसभा को संबोधित करके ही करना चाहता था सरेंडर

लोगों को संबोधन करना चाहता था। उसका उद्देश्य था कि बिना अपनी बात रखे वह सरेंडर नहीं करेगा। इसके लिए उसने कई कोशिशें कीं लेकिन वह कामयाब नहीं रहा। अमृतपाल सिंह के बैशाखी के मौके पर तलवंडी साबो में आत्मसमर्पण करने आने वाला था। इस दौरान यहां पुलिस फोर्स तैनात की गई। 10 से 15 हजार पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। खुफिया एजेंसियों से लेकर सीआरपीएफ तक तैनात हो गई। इस दौरान अमृतपाल को यहां आने का मौका नहीं मिला। इससे पहले भी उसने कई मौकों पर संबोधन करने की कोशिश की लेकिन पुलिस की तैनाती के चलते वह ऐसा नहीं कर पाया। इस बार उसने गुपचुप तरीके से भिंडरावाले के गांव को चुना।

 

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