पुत्री के बलात्कारी को फौजी ने गोलियों से भून दिया कचहरी में
बेटी से रेप का बदला, पिता ने भरी कचहरी भूना:गोरखपुर में फौजी पिता ने आरोपी को पहली गोली कनपटी पर मारी, फिर 3 पेट में; मौके से पकड़ा गया
दीवानी के मुख्य गेट से अंदर घुसते ही उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। 4 गोलियां लगने से दिलशाद की मौके पर ही मौत हो गई।
गोरखपुर 21 जनवरी। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जिला न्यायालय में शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे दीवानी कचहरी में मुकदमे की तारीख पता करने पहुंचे युवक की गेट के अंदर साइकिल स्टैंड के पास बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी।
पूरा दीवानी परिसर में गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। लोग इधर उधर भागने लगे। कलेक्ट्रेट पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई इस हत्या के बाद भी पुलिस आधे घंटे बाद पहुची। वहां मौजूद स्टैंड संचालक कन्हैया,सिपाही अमित यादव और सूर्यप्रकाश ने दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया।
घटना स्थल एडीजी कार्यालय से 200 मीटर, कैंट थाने से आधे किलोमीटर दूर है। फिर भी पुलिसकर्मियों को मौके पर पहुंचने में आधा घंटा लग गया। इससे अधिवक्ता आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर विपिन टांडा, पुलिस क्षेत्राधिकारी कैंट श्यामदेव बिंद, पुलिस क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ रत्नेश सिंह फॉरेंसिक की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। बाद में पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पंचर बनाता था, नाबालिग को लेकर हैदराबाद भागा था
पुलिस के मुताबिक, मूल रुप से बिहार का रहने वाला 25 वर्षीय दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर पंचर की दुकान चलाता था। इस दौरान वहां मकान बनवाकर रह रहे बड़हलगंज के महराजगंज गांव निवासी भागवत निषाद की नाबालिग बेटी से उसने जान-पहचान कर ली । दिलशाद दो साल पहले लड़की को लेकर हैदराबाद भाग गया था। इसके बाद उस पर दुष्कर्म, पास्को और अपहरण का केस दर्ज हुआ था। इसी सिलसिले में वह 15 दिन पहले ही गोरखपुर आया था।
सेना से रिटायर्ड हैं आरोपित पिता
दिलशाद की हत्या के बाद पकड़े गए दो में से एक की पहचान लड़की के पिता के तौर पर हुई है। वह सेना से रिटायर्ड हैं। मृतक के अधिवक्ता शंकर शरण सिंह ने बताया कि दिलशाद शुक्रवार को मामले की तारीख का पता करने के लिए आया था। गेट पर आकर उसने जूनियर अधिवक्ता आदित्य सिंह को फोन किया कि गेट से गार्ड अंदर नही आने दे रहे।
लोगों ने दौड़ाकर दो आरोपितों में से एक को पकड़कर पुलिस को सौंपा
अधिवक्ता उसके पास आ रहे थे, इतने में बाइक से दो लोग पहुंचे और ताबड़तोड़ चार राउंड गोली चलाईं। युवक की कनपटी पर एक गोली और पेट में तीन गोली लगी थी। इसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उधर, घटना के बाद स्टैंड के कन्हैया और वहां मौजूद तीन गार्डों ने दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया।
युवक की हत्या के बाद कचहरी गेट पर एडीजी अखिल कुमार से वार्ता करते अधिवक्ता।
बीएसएफ से सेवानिवृत्त है आरोपित
बीएसएफ के सेवानिवृत्त जवान भागवत निषाद मूल रुप से बड़हलगंज के महराजगंज गांव के रहने वाले हैं। पटनाघाट तिराहा पर मकान बनवाकर परिवार के साथ रहते हैं। मुजफ्फरपुर (बिहार) जिले के विधिपुरा शकरा निवासी दिलशाद हुसैन उनके घर के सामने पंक्चर की दुकान चलाता था। 12 फरवरी 2020 को दिलशाद ने भागवत की नाबालिग बेटी को अगवा कर लिया। खाेजबीन के बाद 17 फरवरी को भागवत ने दिलशाद के खिलाफ दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया।
बड़हलगंज पुलिस ने हैदरबाद से किया था गिरफ्तार
12 मार्च 2021 को बड़हलगंज पुलिस ने दिलशाद को हैदराबाद में गिरफ्तार कर किशोरी को मुक्त कराया था।गोरखपुर लाने के बाद पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया। किशोरी नारी निकेतन चली गई। दो माह पहले दिलशाद जमानत पर छूटा था। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट नम्बर चार में चल रहे मुकदमे में शुक्रवार को गवाही होनी थी। कोरोना संक्रमण के कारण वादकारियों का प्रवेश परिसर में वर्जित है।
अधिवक्ता को मिलने के लिए कचहरी गेट पर बुलाया था
दोपहर 1.15 बजे दीवानी कचहरी गेट पर पहुंचे दिलशाद ने 1.25 बजे अपने अधिवक्ता शंकरशरण शुक्ल को मोबाइल पर फोन कर उन्हें मिलने के लिए गेट पर बुलाया। अधिवक्ता से उसकी मुलाक़ात हो पाती इससे पहले ही भागवत निषाद ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से उसके सिर में पीछे की तरफ से गोली मार दी जो ललाट के रास्ते बाहर निकल गई। सड़क पर गिरे दिलशाद की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
वाहन स्टैंड संचालक ने आरोपित को पकड़ा
कचहरी में असलहा लेकर पहुंचने की कराई जाएगी जांच
अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने कहा कि कचहरी परिसर में सेवानिवृत्त फौजी असलहा लेकर कैसे पहुंचा इसकी जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग
दीवानी कचहरी में पुलिस चौकी और ठीक सटे अपर पुलिस महानिदेशक आवास होते हुए भी इस तरह की घटना के बाद अधिवक्ता पूरी तरह आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। वकीलों ने घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भानू पांडेय ने इस घटना को पुलिस की विफलता बताया है। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं हुए तो अधिवक्ता आंदोलन को बाध्य होंगे।
वहीं अधिवक्ता देवेंद्र दत्त त्रिपाठी व आदित्य सिंह ने कहा कि तमाम सीसीटीवी लगे हैं। तमाम रुपए भी खर्च हो रहे हैं सुरक्षा पर। फिर इस तरह की दुस्साहसिक घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर पुलिस जन मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर जल्द दूसरे आरोपित को पकड़ा नहीं गया, तो वे आंदोलन करेंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह घटना दुस्साहसिक थी। उस समय कई अधिवक्ता, मुवक्किल उस रास्ते आ जा रहे थे। किसी को भी गोली लग सकती थी।