कैंब्रिज में भारतीय रेल अधिकारी ने राहुल को सिखाया राष्ट्रवाद
London : कैंब्रिज में राहुल गांधी को भाषण के बीच भारतीय अधिकारी ने पढ़ाया राष्ट्र का पाठ, सुनिए
भारतीय सिविल सेवा अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा रेलवे के यातायात सेवा अधिकारी हैं और वर्तमान में वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में ‘पब्लिक पुलिस’ विषय पर कॉमनवेल्थ के शोधार्थी हैं।
राहुल गांधी और भारतीय सिविल सेवा अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा
नई दिल्ली 25 मई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों लंदन प्रवास पर हैं वे वहां कई कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। वहां दिए गए उनके बयानों पर देश में राजनीतिक उबाल मचा हुआ है। इस बीच, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उनके भाषण के बीच वहां मौजूद एक भारतीय अधिकारी ने उन्हें राष्ट्र, भारत व चाणक्य के राष्ट्रधर्म का पाठ पढ़ा दिया। इसका वीडियो अधिकारी ने खुद ट्विटर पर साझा किया है।
Yesterday, in Cambridge, I questioned Mr. Rahul Gandhi on his statement that "India is not a nation but a Union of States". He asserted that India is not a nation but the result of negotiation between states. (His complete response will be shared once uploaded by organisers) pic.twitter.com/q5KluwenMf
— Siddhartha Verma (@Sid_IRTS) May 24, 2022
लंदन यात्रा के दौरान राहुल गांधी पहले ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में शामिल हुए। इसके बाद सोमवार को वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। छात्रों के साथ संवाद सत्र में राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को लेकर जो विजन बना रहे हैं वह समावेशी नहीं है, उनका विजन देश की आबादी के बड़े हिस्से को बाहर करता है। यह अनुचित है और भारत के विचार के खिलाफ है। उन्होंने कॉरपस क्रिस्टी कॉलेज में ‘इंडिया एट 75’ नामक एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल के छात्रों के साथ हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी के भीतर गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयासों जैसे व्यापक विषयों पर चर्चा की।
कैंब्रिज के शोधार्थी हैं सिद्धार्थ वर्मा
भारतीय सिविल सेवा अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा ने वीडियो साझा कर बताया कि कैंब्रिज के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कैसे राहुल गांधी के विचारों का करारा जवाब दिया। वर्मा भारतीय रेलवे के यातायात सेवा अधिकारी हैं और वर्तमान में वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में ‘पब्लिक पुलिस’ विषय पर कॉमनवेल्थ के शोधार्थी हैं।
राहुल से कहा- संविधान की प्रस्तावना पढ़िये
वर्मा ने राहुल गांधी से कहा, ‘आपने संविधान के अनुच्छेद एक का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, राज्यों का एक संघ है, लेकिन यदि आप एक संविधान का इससे पिछला पेज पलटकर देखें और प्रस्तावना को देखे तो उसमें यह उल्लेख है कि भारत एक राष्ट्र है। भारत दुनिया की सबसे पुरानी जीवंत सभ्यताओं में से एक है। राष्ट्र शब्द वेदों में है। हमारे पास एक बहुत पुरानी सभ्यता है। यहां तक कि जब चाणक्य ने तक्षशिला में विद्यार्थियों को पढ़ाया तब उन्होंने भी उन्हें यह स्पष्ट कर दिया कि वे विभिन्न जनपदों के रहने वाले हो सकते हैं, लेकिन अंततः वे एक राष्ट्र के हैं, जो भारत है।’ वर्मा द्वारा ट्विटर पर साझा वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है।
राहुल व वर्मा के बीच यूं हुआ संवाद
राहुल गांधी : क्या चाणक्य ने अपने छात्रों को भारत के विचार से अवगत कराते समय ‘राष्ट्र’ शब्द का इस्तेमाल किया था?
वर्मा : हां, चाणक्य ने राष्ट्र शब्द का इस्तेमाल किया था। यह भारत की विशेषता बताने के लिए संस्कृत का एक शब्द है।
राहुल : राष्ट्र का अर्थ ‘किंगडम’ (साम्राज्य) है, न कि राष्ट्र। राष्ट्र शब्द एक पश्चिमी अवधारणा है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने खुद को सही साबित करने का प्रयास किया और कहा कि राष्ट्र-राज्यों कीअवधारणा पश्चिम में उत्पन्न हुई थी और भारत राज्यों का एक संघ था।
वर्मा : जब मैं राष्ट्र की बात करता हूं, तो सिर्फ राजनीतिक संस्था के बारे में बात नहीं करता। दुनिया भर में ये प्रयोग हुए हैं। सोवियत संघ था, यूगोस्लाविया था, संयुक्त अरब गणराज्य था। जब तक राष्ट्र में एक मजबूत सामाजिक-सांस्कृतिक और भावनात्मक लगाव और मिश्रित संस्कृति नहीं होती, एक राष्ट्र नहीं बन सकता। संविधान राष्ट्र नहीं बना सकता, राष्ट्र संविधान बना सकता है। एक राजनेता के रूप में आपको नहीं लगता कि भारत के बारे में आपका विचार न केवल त्रुटिपूर्ण और गलत है, बल्कि विनाशकारी भी है, क्योंकि यह हजारों वर्षों के इतिहास को नष्ट करने का प्रयास करता है।
सवाल-जवाब का दौर और अधिकारी की तारीफ
राहुल गांधी के साथ हुई बातचीत का वीडियो सामने आने के बाद अधिकारी की जमकर तारीफ हो रही है। उन्होंने समर्थन के लिए लोगों का आभार भी जताया है। उन्होंने कहा, ‘आज मिले इस समर्थन के लिए बेहद आभारी हूं। लेकिन यह दिखाता है कि बड़ी संख्या में भारतीयों के लिए 75 साल पुराना भारत केवल छोटी राजनीतिक चीज नहीं है। भारतवर्ष हजारों सालों से है और यह अनंतकाल तक रहेगा।’