अनंत अंबानी ने सम्पूर्ण की जामनगर-द्वारिका की180 किमी पदयात्रा

Anant Ambani Completes 180 Km Padayatra To Dwarka On Ram Navami Sp Show Of Faith And Discipline
अनंत अंबानी ने 180 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की, श्रद्धा और आत्म-संकल्प की एक अनसुनी कहानी
अनंत अंबानी ने जामनगर से द्वारका तक 180 किलोमीटर की पदयात्रा रविवार को पूरी की। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि उनके आत्म-संकल्प, भक्ति और अनुशासन की मिसाल थी। गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हर दिन घंटों पैदल चलकर श्रद्धा और संयम की मिसाल पेश की।

राम नवमी के दिन उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने जामनगर से द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर तक 180 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की। यह यात्रा उन्होंने अपने 30वें जन्मदिन से ठीक पहले पूरी की। इस आध्यात्मिक यात्रा में उनकी मां नीता अंबानी और पत्नी राधिका हर कदम पर साथ रही.

भगवान कृष्ण के प्रति गहरी आस्था रखने वाले अनंत ने यह यात्रा 29 मार्च को एक भक्ति भाव के रूप में शुरू की थी। वह रोजाना करीब 6 से 7 घंटे पैदल चलते और हर दिन लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय करते। इस दौरान वह लगातार हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते रहे।

अनंत लंबे समय से कुशिंग सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ हार्मोनल बीमारी से जूझते रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें अस्थमा और गंभीर मोटापे जैसी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों का सामना भी करना पड़ता है। इसके बावजूद इस यात्रा में उन्होंने डर के बजाय विश्वास को, असहजता के बजाय भक्ति को और आराम के बजाय अनुशासन को चुना।

इस पदयात्रा के दौरान उन्हें स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिला। कई लोग रास्ते में उनके साथ जुड़े और इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बने।

पिछले कुछ वर्षों में अनंत देश के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कोलकाता के कालीघाट मंदिर, राजस्थान के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर और असम के कामाख्या मंदिर जैसे स्थलों के संरक्षण और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।वह बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के ट्रस्टी के रूप में भी सेवा दे रहे हैं।

अनंत अंबानी की यह यात्रा किसी धार्मिक परंपरा को निभाने के लिए नहीं थी। यह उनकी आस्था, आत्म-अनुशासन और खुद से निभाई गई एक जिम्मेदारी का हिस्सा थी। यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि जब मार्गदर्शक भक्ति हो, तो विश्वास हर कठिनाई को पार करने की ताकत दे देता है।

अनंत अंबानी ने भगवान द्वारकाधीश का आभार व्यक्त किया, पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी पहुंची,10 अप्रैल को अनंत अंबानी का जन्मदिन है। अनंत अपना 30वां जन्मदिन द्वारका में ही मनाएंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने रविवार को अपनी 170 किमी की पदयात्रा पूरी की। अनंत तड़के श्री द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे।

अपनी यात्रा के समापन पर अनंत अंबानी ने भगवान द्वारकाधीश के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘ यह मेरी अपनी आध्यात्मिक यात्रा है। मैंने इसे भगवान का नाम लेकर शुरू किया था और उनका नाम लेकर ही इसे समाप्त करूंगा। मैं भगवान द्वारकाधीश को धन्यवाद देना चाहता हूं।’

10 अप्रैल को अनंत अंबानी का जन्मदिन है। अनंत अपना 30वां जन्मदिन द्वारका में ही मनाएंगे। अनंत ने अपनी यात्रा 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू की थी।

लोगों को ट्रैफिक और सिक्योरिटी के चलते मुश्किल से बचाने के लिए अनंत ज्यादातर रात में यात्रा करते थे।

पदयात्रा के अंतिम दिन अनंत अंबानी के साथ उनकी पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी शामिल हुईं।

पदयात्रा के अंतिम दिन पत्नी राधिका मर्चेंट भी शामिल हुईं।
नीता अंबानी – एक मां के लिए यह बहुत गर्व की बात

नीता अंबानी ने अपने बेटे की इस आध्यात्मिक यात्रा पर कहा, ‘एक मां के लिए यह बहुत गर्व की बात है। मेरा बेटा अनंत द्वारकाधीश के इस पवित्र स्थान तक अपनी पदयात्रा पूरी करने में सफल रहा।’

अनंत ने अपनी यात्रा कई स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद पूरी की। उन्हें कशिंग सिंड्रोम (Cushing’s Syndrome), मोटापा, अस्थमा और सांस लेने में कठिनाई जैसी तकलीफ है। यात्रा के दौरान उन्होंने हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और देवी स्तोत्र का भी जाप किया था।

अनंत और उनके परिवार की भगवान द्वारकाधीश में गहरी आस्था है।

अनंत को खंभालिया के फुललीया हनुमान मंदिर के भरतदास बापू ने द्वारकाधीश की फोटो भेंट की।

अनंत ने पहले मुर्गियों को आजाद कराया, फिर एक मुर्गी को लेकर चलते बने।
ललीया हनुमान मंदिर के भरतदास बापू ने अनंत अंबानी का शॉल से स्वागत किया गया।

अनंत ने विश्वनाथ वेद संस्कृत पाठशाला के संस्थापक मगनभाई राज्यगुरु के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
यात्रा के दौरान मुर्गियों की गाड़ी रुकवाई और आजाद किया

अनंत की यात्रा के दौरान मुर्गियों से भरी गाड़ी निकल रही थी। इसमें 250 मुर्गियां थीं, जिन्हें बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। अनंत ने अपने कर्मचारियों से वाहन को रुकवाने को कहा।

अनंत ने वाहन मालिक और ड्राइवर से बात की। अनंत ने उन्हें मुर्गियों की दोगुनी कीमत दी और मुर्गियों को आजाद कर दिया। इसके बाद अनंत मुर्गी को हाथ में लेकर चलते भी दिखे। उन्होंने जय द्वारकाधीश का नारा भी लगाया।

वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वनतारा चलाते हैं अनंत

अनंत अंबानी ने पिछले साल राधिका मर्चेंट के साथ शादी की थी। फिलहाल वे अपने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े वनतारा के लिए सुर्खियों में है। केंद्र सरकार ने 27 फरवरी को वनतारा को पशु कल्याण में देश के सर्वोच्च सम्मान प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वनतारा अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र है। यह 2000 से ज्यादा प्रजातियों और 1.5 लाख से ज्यादा बचाए गए लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों का घर है।

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