अंकिता भंडारी हत्या केस के दो वर्ष:फास्ट ट्रैक कोर्ट में 51 गवाहियां शेष

Uttarakhand Ankita Murder Case Two Years :51 witness remain to produced before fast track court out of 100. Many Questions Are Still Entangled VIP Name Secrets Are Not Revealed

अंकिता हत्याकांड: अपराध के दो साल… VIP थ्योरी पर जमकर हुई राजनीति…, ये रही अब तक की पूरी कहानी

देहरादून/कोटद्वार 18 सितंबर 2024 । दो साल पहले आज के दिन अंकिता भंडारी की हत्या के बाद पौड़ी क्षेत्र के वनंत्रा रिजॉर्ट के काले रहस्य 49 गवाह न्यायालय को बता चुके हैं। एसआईटी ने अंकिता की हत्या के मुकदमे में कुल 100 गवाह बनाए थे। ऐसे में अभी फास्ट ट्रैक कोर्ट में 51 लोगों की गवाही शेष है। रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर तीनों आरोपित कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।

पुलिस जांच में सामने आया था कि पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी को नौकरी में अभी 20 दिन ही हुए थे कि वनंत्रा से नौकरी छोड़कर जाना चाह रही थी। वह जान चुकी थी कि वहां  कितने काले कारनामे हो रहे थे। घने जंगलों में बने इस विलासिता के अड्डे पर प्रभावशाली लोग रंगरलियां मनाने आते थे।

इन लोगों के खाने पीने से लेकर उनके भोग-विलास का भी प्रबंध होता था। अंकिता को पता चला कि पुलकित उसे भी इस अंधेरी दुनिया में धकेलना चाहता है तो उसने काम छोड़ने का मन बना लिया। लगता है कि नासमझी में उसने रिजॉर्ट संचालकों को धमकाते हुए उनकी पोल खोलने की धमकी भी दे दी। संभवतः इन्हीं परिस्थितियों में 18 सितंबर 2022 की रात वहां की कलंक गाथा को उजागर होने से रोकने को रिजॉर्ट रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या कर दी गई।

दोस्त की चैट आई थी सामने
हत्या के बाद रहस्य खुलना शुरू हुए तो पता चला कि पुलकित आर्य अंकिता को भी रिजॉर्ट में आ रहे एक वीआईपी के हवाले करना चाहता है। एसआईटी जांच में जब अंकिता और उसके दोस्त की चैट सामने आई तो और भी चौंकाने वाली बातें सामने आईं। वह यह कि खुद पुलकित भी अंकिता पर कुदृष्टि रखता था। उसने भी अंकिता से छेड़खानी की थी। यह बात अंकिता ने अपने दोस्त पुष्प को व्हाट्सएप चैट में बताई थी। एसआईटी ने मामले में दो माह विवेचना कर न्यायालय में आरोपपत्र प्रस्तुत किया। सरकार के आदेश पर मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।
जानना चाहते हैं लोग वीआईपी कौन है…

दरअसल, इस मामले में एसआईटी ने गहनता से विवेचना कर  दो – चार नहीं बल्कि केस मजबूत करने को 100 गवाह बनाये। इनमें से बहुत से गवाहों के मजिस्ट्रेटी बयान भी कराए। इस पूरे कांड का केंद्र रहे वीआईपी जनों का आज तक पता नहीं चला। पुलिस की जांच और कुछ गवाहों की गवाही यह भी कहती है कि रिजॉर्ट में आने वाले मेहमान जो स्पेशल सर्विस चाहते थे उन्हें ही वीआईपी कहा जाता था। लेकिन, आंदोलनकारियों के गले नहीं उतर रहा कि मेहमान को ही वीआईपी कहा जाता है। एसआईटी का दावा यह भी था कि यहां आने वालों की लिस्ट चेक की गई तो उसमें भी किसी जाने-माने व्यक्ति का नाम नहीं मिला। ऐसे में अब भी यह प्रश्न ही है कि आखिर वीआईपी कौन था?
अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपित
प्रकरण में कब क्या हुआ
1-रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
2-लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
3-लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी थी।
4-हत्या का कारण यही समझ आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्य करने का दबाव डाल रहे थे। उसके प्रतिरोध करने रहस्य बाहर जाने से रोकने को उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
5-22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
6-23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।

अंकिता हत्याकांड

दुर्घटना कालक्रम 
1-24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से मिला।
2-24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
3-24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश पर मुकदमे की विवेचना को डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित हुई।
4-26 सितंबर को तीनों आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
5-विवेचना में आरोपितों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ी गईं।
6-16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ पर हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।

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