आफिशियली फार्मेसी कर्मी थी अंकिता ? रिजोर्टों में बिना सत्यापन रखे हुए हैं कर्मचारी
Ankita Bhandari: अंकिता रिसेप्शनिस्ट नहीं, पुलकित के पिता की फार्मेसी कंपनी की कर्मचारी थी? आई कार्ड से उठे सवाल
indigenous Ayurveda pharmacy in name of Pulkit father Vinod Arya: बीजेपी से बाहर किए गए विनोद आर्य की हरिद्वार में स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी है। अंकिता के आईकार्ड पर इसकी डिटेल मिली है। पुलकित का स्टॉफ के कर्मचारियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करता था।
द वनन्तरा रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी का जो आईकार्ड मिला है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अंकिता भंडारी का जो आईकार्ड मिला मिला है, उस पर फार्मेसी कर्मचारी दिखाया गया है। बताया जा रहा है कि पुलकित ने अंकिता को फार्मेसी में नौकरी दिलाने के बहाने उसको रिजॉर्ट में रखा हुआ था।
भाजपा से बाहर किए गए विनोद आर्य की हरिद्वार में स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी है। अंकिता के आईकार्ड पर इसकी डिटेल मिली है। पुलकित का स्टॉफ के कर्मचारियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करता था। वहीं, महिला कर्मचारियों से अभद्रता भी करता था। इससे कोई भी महिला कर्मचारी ज्यादा दिन तक रिजॉर्ट में नहीं रुकती थी।
18 सितंबर को अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। अंकिता का शव चीला नहर पुलिस ने बरामद किया। इसके बाद उत्तराखंड समेत पूरे देशभर में लोग अंकिता को इंसाफ दो, के नारे के साथ सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जताने लगे थे। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रिजॉर्ट को गिराने का आदेश दे दिया था, जिसके बाद रिजॉर्ट को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया था।
Details Of Pharmacy Employee Found On Ankita Bhandari Icard
कुमाऊं मण्डल में ही 7 हजार पुरुषों के साथ रिजॉर्ट में काम कर रहीं 821 महिलाएं,अंकिता मर्डर केस के बाद खुली पोल
अंकिता मर्डर केस के बाद चल रहे अभियानों से प्रशासन और पुलिस की सतर्कता की पोल खुल रही है। इसकी पुष्टि प्रशासन और पुलिस की संयुक्त छापेमारी के बाद सामने आई रिपोर्ट कर रही है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ।
अंकिता मर्डर केस के बाद चल रहे अभियानों से प्रशासन और पुलिस की सतर्कता की पोल खुल रही है। इसकी पुष्टि प्रशासन और पुलिस की संयुक्त छापेमारी के बाद सामने आई रिपोर्ट कर रही है। पता चला है कि होटल और रिजॉर्ट में 821 महिलाएं ऐसी हैं जो बिना सत्यापन के नियुक्त किए गए 7243 पुरुषों के साथ काम कर रही थीं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और पुलिस की गंभीरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्यापन नहीं होने से पुलिस को ऐसे आरोपितों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। इसके बाद भी कुमाऊं में 7243 कर्मचारियों का सत्यापन नहीं होना कहीं न कहीं प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है। सबसे अधिक लापरवाही नैनीताल जिले में मिली है यहां 4549 कर्मचारी, यूएसनगर 1159 संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है। अल्मोड़ा में 579, पिथौरागढ़ में 427, बागेश्वर में 271 और चम्पावत में 258 कर्मचारी बिना सत्यापन कार्य करते मिले।
पहाड़ से रोजगार को तराई पहुंचती हैं महिलाएं
पुलिस के मुताबिक होटलों और रिजॉर्ट में काम करने वालों में पहाड़ की महिलाओं की संख्या भी ठीक-ठाक है। ये महिलाएं रोजगार के लिए यहां पहुंचती हैं। व्यवहारिक पक्ष यह है कि
दूसरे शहर में अकेले रहकर ये महिलाएं छेड़छाड़ या और किसी ज्यादती पर भी आवाज नहीं उठा पाती।
महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है। होटल-रिजॉर्ट कर्मचारियों का सत्यापन नहीं होना लापरवाही है। संबंधित थाने के प्रभारियों को शत-प्रतिशत सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। पुलिस की ओर से महिलाओं की सुरक्षा लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
डॉक्टर निलेश आनंद भरणे, डीआईजी कुमाऊं